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vanshika pal

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Blog by vanshika pal | Digital Diary

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कौन सा योग आसन हाइट बढ़ाने में सहायक है ? जाने इसमें।


कौन सा आसन करने से हाइट बढ़ती है? ताड़ासन को हाइट बढ़ाने के लिए योग में शामिल किया जा सकता है। ऐसा माना जाता है कि ताड़ासन को करने पर शरीर की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। साथ ही यह शरीर को लचीला करने में सहायता कर सकता है, जिससे लम्बाई बढ़ने में सहायता मिल सकती है। लेकिन योग प्रशिक्षक की सलाह पर ही इसे करना चाहिए। आप के लिए खास ताड़ासन लंबाई बढ़ाने के लिए योग करना सबसे अच्छा है। यह आपकी रीढ़ की... Read More

कौन सा आसन करने से हाइट बढ़ती है?

ताड़ासन को हाइट बढ़ाने के लिए योग में शामिल किया जा सकता है। ऐसा माना जाता है कि ताड़ासन को करने पर शरीर की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। साथ ही यह शरीर को लचीला करने में सहायता कर सकता है, जिससे लम्बाई बढ़ने में सहायता मिल सकती है। लेकिन योग प्रशिक्षक की सलाह पर ही इसे करना चाहिए।

आप के लिए खास

ताड़ासन लंबाई बढ़ाने के लिए योग करना सबसे अच्छा है। यह आपकी रीढ़ की हड्डी को पूरी तरह से फैलाता है और सीधा करता है। ...

पश्चिमोत्तानासन ये योगासन रीढ़ और हैमस्ट्रिंग को फैलाता है। ये रीढ़ के तनाव को भी दूर करता है, जिससे आपकी लंबाई बढ़ सकती है। ...

यह भी जान ले। 

योग करने से पहले यह टिप्स जरूर जाने।

ताड़ासन क्या हैं?


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जानिए योग के जनक कौन है और योग कितने है।


Yoga के जनक कौन थे? महर्षि पतंजलि, जिन्हें सही मायने में "योग के जनक" कहा जाता है, ने अपने "योग सूत्र" (सूत्र) में योग के विभिन्न पहलुओं को व्यवस्थित रूप से संकलित और परिष्कृत किया। योग आसन कितने हैं? माना जाता है कि भगवान शिव ने 84 प्रकार के योग आसन बताए थे. योग की गई किताबों में इतने ही आसनों को जिक्र मिलता है. Read More

Yoga के जनक कौन थे?

महर्षि पतंजलि, जिन्हें सही मायने में "योग के जनक" कहा जाता है, ने अपने "योग सूत्र" (सूत्र) में योग के विभिन्न पहलुओं को व्यवस्थित रूप से संकलित और परिष्कृत किया।

योग आसन कितने हैं?

माना जाता है कि भगवान शिव ने 84 प्रकार के योग आसन बताए थे. योग की गई किताबों में इतने ही आसनों को जिक्र मिलता है.


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आज से ही शुरू करिए ये 3 योगासन चार हफ्तों में पेट होगा कम। जरूर देखें ये योगासन।


आज से ही शुरू करिए ये 3 योगासन- चार हफ्तों में पेट होगा कम आज के समय में हर कोई अपने बढ़ते पेट से परेशान है। इसकी कई वजह हैं। खानपान सबसे बड़ा कारण है। प्लैंक एक ऐसा योगासन है जो आपके पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और आपके पेट की चर्बी को कम करने में मदद करता है। इस आसन को करने के लिए अपने हाथों को जमीन पर रखें और अपने शरीर को सीधा रखें।   1. प्लैंक (Phalakasana) : प्लैंक एक ऐसा योगासन... Read More

आज से ही शुरू करिए ये 3 योगासन- चार हफ्तों में पेट होगा कम

आज के समय में हर कोई अपने बढ़ते पेट से परेशान है। इसकी कई वजह हैं। खानपान सबसे बड़ा कारण है। प्लैंक एक ऐसा योगासन है जो आपके पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और आपके पेट की चर्बी को कम करने में मदद करता है। इस आसन को करने के लिए अपने हाथों को जमीन पर रखें और अपने शरीर को सीधा रखें।

 

1. प्लैंक (Phalakasana) :

प्लैंक एक ऐसा योगासन है जो आपके पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और आपके पेट की चर्बी को कम करने में मदद करता है। इस आसन को करने के लिए, अपने हाथों को जमीन पर रखें और अपने शरीर को सीधा रखें। अपने पैरों को जमीन पर रखें और अपने शरीर को स्थिर रखें। सुबह उठकर आप यह योगासन रोजाना करने की आदत डालें। इससे आपको काफी फायदा मिलेगा। 

2. बोट पोज (Naukasana)

बोट पोज एक ऐसा योगासन है जो आपके पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और आपके पेट की चर्बी को कम करने में मदद करता है। इस आसन को करने के लिए, अपने पैरों को जमीन पर रखें और अपने हाथों को अपने सिर के पीछे रखें। अपने शरीर को सीधा रखें और अपने पैरों को जमीन पर रखें। 

3. Cobra पोज (Bhujangasana)

Cobra पोज एक ऐसा योगासन है जो आपके पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और आपके पेट की चर्बी को कम करने में मदद करता है। इस आसन को करने के लिए, अपने पेट के बल लेट जाएं और अपने हाथों को अपने कंधों के नीचे रखें। अपने शरीर को सीधा रखें और अपने सिर को ऊपर उठाएं।

इसके अलावा यह योगासन भी जरूर जाने।

ठंड के चलते नहीं जा पा रहे हैं माॅर्निंग वाॅक तो घर बैठे करें ये एक्सरसाइज हमेशा रहेंगे फिट।


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तो आइए जानते है एक्यूपॉइंट को दबाने का सही तरीका जिससे वजन कम होता है


तो आइए जानते है एक्यूपॉइंट को दबाने का सही तरीका जिससे वजन कम होता है     अपने होंठ के ऊपर और नाक के नीच बीच वाली जगह को शुइगौ स्पॉट कहते हैं। सबसे पहले नाक और अपर लिप के बीच के हिस्से पर उंगली रखें उसे करीब दो से तीन मिनट गोलाकार में उंगली को दबाते हुए इस पॉइंट पर घुमाती रहें। इससे वजन कम होता है।     2 टखनें   इसे आप एक्सरसाइज के बाद कर सकती हैं। इससे शरीर रिलैक्स होता ह... Read More

तो आइए जानते है एक्यूपॉइंट को दबाने का सही तरीका जिससे वजन कम होता है

 

 

अपने होंठ के ऊपर और नाक के नीच बीच वाली जगह को शुइगौ स्पॉट कहते हैं। सबसे पहले नाक और अपर लिप के बीच के हिस्से पर उंगली रखें उसे करीब दो से तीन मिनट गोलाकार में उंगली को दबाते हुए इस पॉइंट पर घुमाती रहें। इससे वजन कम होता है।

 

 

2 टखनें

 

इसे आप एक्सरसाइज के बाद कर सकती हैं। इससे शरीर रिलैक्स होता है और थकान दूर होती है। दो उंगली को इस पॉइंट पर रखें। ये पॉइंट पैर के बाहर की साइड 5 सेमी ऊपर होता है। इसे आप अपने अंगूठे के माध्यम से रोजाना 1 मिनट धीमे से दबा सकती हैं। आप दो से तीन मिनट तक उस बिंदु पर गोलाकार मालिश कर सकती है। ठीक इसी तरह से दूसरे पैर पर भी करें। इससे भी यकीनन वजन कम होता है।

 

3 नाभि

 

 

ये प्रेशर पॉइंट नाभि से करीबन चार इंच ऊपर होता है। रिसर्च में कहा गया है एक्यूप्रेशर पॉइंट को दबाने से कमर व पेट की चर्बी कम होती है और इससे शरीर में वसा की दर में सुधार होता है। अपनी दो उंगली प्रेशर पॉइंट पर रखें, फिर हल्का जोर लगाते हुए उस हिस्से को दबाएं। उसके बाद आप उस हिस्से में दो मिनट तक गोलाकार में मालिश कर सकती हैं।

 

इसे भी पढ़े-मोटापा कम करना चाहती हैं, तो इन 5 सुपरफूड्स को करें अपनी डाइट लिस्‍ट में शामिल

 

4 कान

 

 

आपको बता दें कि कान के एक पॉइंट को दबाकर भूख नियंत्रित की जा सकती है। ये बिंदु कान के बाहरी त्रिकोणीय हिस्से में स्थित होता है। अपनी एक उंगली को प्रेशर पॉइंट पर हल्का जोर लगाते हुए दबाए और 1 मिनट तक अपने मुंह को खोले और बंद करें। ऐसे दूसरे कान में भी करें ऐसा करने से आपको लाभ जरूर मिलेगा।


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ठंड के चलते नहीं जा पा रहे हैं माॅर्निंग वाॅक तो घर बैठे करें ये एक्सरसाइज हमेशा रहेंगे फिट।


सर्दियों में घर पर योग का अभ्यास करने से आप न केवल शारीरिक तौर पर फिट रह सकते हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी ऊर्जावान महसूस कर सकते हैं।यहां इस लेख में हम कुछ प्रभावी योगासनों के बारे में बताएंगे। जिन्हें आप सर्दियों में घर पर आसानी से कर सकते हैं। बस्ती: सर्दियों के मौसम में ठंडी हवाएं और गिरता तापमान शरीर को आलसी और सुस्त बना देता है।ठंड के कारण बाहर जाकर जॉगिंग या वॉकिंग करना बहुत ही कठिन हो जाता... Read More

सर्दियों में घर पर योग का अभ्यास करने से आप न केवल शारीरिक तौर पर फिट रह सकते हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी ऊर्जावान महसूस कर सकते हैं।यहां इस लेख में हम कुछ प्रभावी योगासनों के बारे में बताएंगे। जिन्हें आप सर्दियों में घर पर आसानी से कर सकते हैं।

बस्ती: सर्दियों के मौसम में ठंडी हवाएं और गिरता तापमान शरीर को आलसी और सुस्त बना देता है।ठंड के कारण बाहर जाकर जॉगिंग या वॉकिंग करना बहुत ही कठिन हो जाता है, लेकिन फिर भी आपको अपनी सेहत को बनाए रखना जरूरी होता है।ऐसे में कुछ योग आपके शरीर को न केवल सक्रिय बनाए रखता है, बल्कि यह शरीर के तापमान को भी नियंत्रित करता है और इम्यूनिटी को मजबूत करता है।जिससे शरीर में रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता बनी रहती है. सर्दियों में घर पर योग का अभ्यास करने से आप न केवल शारीरिक तौर पर फिट रह सकते हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी ऊर्जावान महसूस कर सकते हैं।यहां इस लेख में हम कुछ प्रभावी योगासनों के बारे में बताएंगे।जिन्हें आप सर्दियों में घर पर आसानी से कर सकते हैं।

अधो मुख श्वानासन 

यह एक बेहतरीन योगासन है, जो पूरे शरीर को स्ट्रेच करता है और मांसपेशियों में लचीलापन लाता है।यह कंधे, पीठ, हाथ और पैरों को मजबूत बनाता है और शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।

कैसे करें अधो मुख श्वानासन

सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं और अपने हाथों और पैरों को जमीन पर रखें।अब अपने कूल्हों को ऊपर की तरफ उठाते हुए शरीर को V आकार में बनाएं। ध्यान रखें कि सिर नीचे की ओर हो और एड़ी जमीन की तरफ दबाएं।इस स्थिति में 20-30 सेकेंड तक रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौट आएं।

कपालभाति प्राणायाम

ये योग सर्दियों में गर्मी पैदा करने के लिए रामबाण उपाय हैं। कपालभाति प्राणायाम शरीर के अंदर गर्माहट उत्पन्न करने में मदद करता है और ठंड के मौसम में शरीर को गर्म रखता है। यह पाचन तंत्र को मजबूत करने, मानसिक शांति प्राप्त करने और पेट की चर्बी कम करने में भी मदद करता है।

कैसे करें कपालभाति प्राणायाम

सुखासन या पद्मासन में बैठ जाएं. अब नाक से जोर से सांस बाहर छोड़ें और पेट को अंदर की ओर खींचें। इसे 1 मिनट तक करते रहें. यह प्राणायाम मेटाबॉलिज्म को सुधारता है और शरीर को ताजगी का अहसास कराता है।  गिरता तापमान शरीर को आलसी और सुस्त बना देता है। ठंड के कारण बाहर जाकर जॉगिंग या वॉकिंग करना बहुत ही कठिन हो जाता है, लेकिन फिर भी आपको अपनी सेहत को बनाए रखना जरूरी होता है।ऐसे में कुछ योग आपके शरीर को न केवल सक्रिय बनाए रखता है, बल्कि यह शरीर के तापमान को भी नियंत्रित करता है और इम्यूनिटी को मजबूत करता है। जिससे शरीर में रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता बनी रहती है।सर्दियों में घर पर योग का अभ्यास करने से आप न केवल शारीरिक तौर पर फिट रह सकते हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी ऊर्जावान महसूस कर सकते हैं।यहां इस लेख में हम कुछ प्रभावी योगासनों के बारे में बताएंगे। जिन्हें आप सर्दियों में घर पर आसानी से कर सकते हैं।

अधो मुख श्वानासन 

यह एक बेहतरीन योगासन है, जो पूरे शरीर को स्ट्रेच करता है और मांसपेशियों में लचीलापन लाता है. यह कंधे, पीठ, हाथ और पैरों को मजबूत बनाता है और शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।

कैसे करें अधो मुख श्वानासन

सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं और अपने हाथों और पैरों को जमीन पर रखें।अब अपने कूल्हों को ऊपर की तरफ उठाते हुए शरीर को V आकार में बनाएं।ध्यान रखें कि सिर नीचे की ओर हो और एड़ी जमीन की तरफ दबाएं।इस स्थिति में 20-30 सेकेंड तक रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौट आएं।

भुजंगासन

यह आसन पीठ और पेट के निचले हिस्से को मजबूती प्रदान करता है. इसके अलावा, यह सांस लेने की प्रक्रिया को बेहतर करता है और तनाव को कम करने में मदद करता है।

कैसे करें भुजंगासन

पेट के बल लेट जाएं और अपने हाथों को कंधे के पास रखकर एलबो को सिकोड़े। फिर धीरे-धीरे अपने शरीर को ऊपर की तरफ उठाएं। इस स्थिति में कुछ सेकेंड तक रहें और फिर आराम से लौट आएं।

सूर्य नमस्कार

सूर्य नमस्कार 12 आसनों का एक सेट है, जो शरीर को पूरी तरह से सक्रिय करता है और इसकी ऊर्जा को बढ़ाता है। यह इम्यूनिटी को मजबूत बनाने के साथ-साथ शरीर के लचीलेपन को भी बढ़ाता है। सर्दियों में यह आसन शरीर को गर्म रखने और वजन घटाने में भी बेहद सहायक है।

कैसे करें सूर्य नमस्कार

सूर्य नमस्कार में 12 आसन होते हैं, जिनमें ताड़ासन, उर्ध्वहस्तासन, उत्तानासन, चतुरंग दण्डासन, उर्ध्वमुख श्वानासन, और अधोमुख श्वानासन जैसे आसन शामिल होते हैं. इन सभी आसनों को एक के बाद एक सही तरीके से करें. सूर्य नमस्कार से शरीर को ऊर्जा मिलती है और यह आपकी इम्यूनिटी को भी मजबूत बनाता है।


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कैसे यह पारंपरिक थेरेपी आपकी पूरे स्वास्थ्य को लाभ पहुंचा सकती है।


कैसे यह पारंपरिक थेरेपी आपकी पूरे स्वास्थ्य को लाभ पहुंचा सकती है Acupressure एक्यूप्रेशर चीन का एक पारंपरिक उपचार है। यह थेरेपी दुनियाभर में इस्तेमाल की जाती है। यह शरीर के हर तरह के दर्द में फायदेमंद साबित होती है। इस पारंपरिक उपचार के जरिए अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्या से भी राहत पा सकते हैं। Read More

कैसे यह पारंपरिक थेरेपी आपकी पूरे स्वास्थ्य को लाभ पहुंचा सकती है

Acupressure एक्यूप्रेशर चीन का एक पारंपरिक उपचार है। यह थेरेपी दुनियाभर में इस्तेमाल की जाती है। यह शरीर के हर तरह के दर्द में फायदेमंद साबित होती है। इस पारंपरिक उपचार के जरिए अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्या से भी राहत पा सकते हैं।


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एक्युप्रेशर


एक्यूप्रेशर, चीन की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति है. इसमें शरीर के कुछ खास बिंदुओं पर दबाव डालकर बीमारियों का इलाज किया जाता है. यह एक प्राकृतिक उपचार है. एक्यूप्रेशर से तनाव कम होता है, रक्तचाप नियंत्रित रहता है और शरीर में ऊर्जा का संचार सुचारू रहता है.  एक्यूप्रेशर से जुड़ी कुछ खास बातें: एक्यूप्रेशर में शरीर के कुछ खास बिंदुओं पर दबाव डालकर बीमारियों का इलाज किया जाता है.  इन बिंदुओं को... Read More

एक्यूप्रेशर, चीन की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति है. इसमें शरीर के कुछ खास बिंदुओं पर दबाव डालकर बीमारियों का इलाज किया जाता है. यह एक प्राकृतिक उपचार है. एक्यूप्रेशर से तनाव कम होता है, रक्तचाप नियंत्रित रहता है और शरीर में ऊर्जा का संचार सुचारू रहता है. 

एक्यूप्रेशर से जुड़ी कुछ खास बातें:

एक्यूप्रेशर में शरीर के कुछ खास बिंदुओं पर दबाव डालकर बीमारियों का इलाज किया जाता है. 

इन बिंदुओं को 'प्रतिक्रिया बिंदु' या 'एक्यूप्वाइंट' कहते हैं. 

इन बिंदुओं पर दबाव डालने से शरीर में ऊर्जा का बहाव सुचारू हो जाता है. 

एक्यूप्रेशर से दर्द, तनाव, थकान, पीड़ा, और रोग से राहत मिलती है. 

एक्यूप्रेशर से शरीर में ऊर्जा का संचार सुचारू रहता है. 

एक्यूप्रेशर से तनाव कम होता है और रक्तचाप नियंत्रित रहता है. 

एक्यूप्रेशर से शरीर की क्षमता बढ़ती है. 


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एक्यूप्रेशर से पीठ दर्द को कैसे ठीक करें।


पीठ के दर्द में एक्यूप्रेशर से राहत मिल सकती है. इसके लिए, हाथों या पैरों के कुछ खास बिंदुओं पर दबाना होता है. एक्यूप्रेशर से दर्द कम होने की वजह यह है कि इससे एंडोर्फिन और सेरोटोनिन का प्रवाह बढ़ता है.  पीठ के दर्द में एक्यूप्रेशर करने का तरीका:  आरामदायक स्थिति में बैठें. किसी एक बिंदु पर गोलाकार या ऊपर-नीचे गति में दबाव डालें. हल्का दर्द महसूस होने पर दबाना बंद करें. इस प्रक्रिया को... Read More

पीठ के दर्द में एक्यूप्रेशर से राहत मिल सकती है. इसके लिए, हाथों या पैरों के कुछ खास बिंदुओं पर दबाना होता है. एक्यूप्रेशर से दर्द कम होने की वजह यह है कि इससे एंडोर्फिन और सेरोटोनिन का प्रवाह बढ़ता है. 

पीठ के दर्द में एक्यूप्रेशर करने का तरीका: 

  • आरामदायक स्थिति में बैठें.
  • किसी एक बिंदु पर गोलाकार या ऊपर-नीचे गति में दबाव डालें.
  • हल्का दर्द महसूस होने पर दबाना बंद करें.
  • इस प्रक्रिया को कम से कम तीन बार दोहराएं.
  • पीठ के दर्द में एक्यूप्रेशर करने के लिए ये बिंदु दबाए जा सकते हैं: 
  • हाथों में अंगूठे और तर्जनी के बीच का बिंदु 
  • हाथ के पीछे, अनामिका और छोटी उंगली के बीच का बिंदु 
  • पैर के अंगूठे और दूसरे पैर के अंगूठे के बीच का बिंदु 

पीठ के दर्द से राहत के लिए, ठंडी सिकाई या बर्फ की सिकाई भी की जा सकती है. दर्द शुरू होने के कुछ दिनों बाद, हीटिंग पैड या गर्म पानी की बोतल से मालिश की जा सकती है. 


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जाने , एक्यूप्रेशर के पीछे सिद्धांत क्या है?


एक्यूप्रेशर के पीछे सिद्धांत क्या है? एक्यूप्रेशर एशियाई बॉडीवर्क थेरेपी (एबीटी) में से एक है जिसकी जड़ें पारंपरिक चीनी चिकित्सा (टीसीएम) में हैं। अन्य एशियाई बॉडीवर्क थेरेपी के उदाहरण मेडिकल चीगोंग और तुइना हैं। शियात्सू एक्यूप्रेशर का एक जापानी रूप है।   पारंपरिक चीनी चिकित्सा सिद्धांत विशेष एक्यूपॉइंट या एक्यूप्रेशर बिंदुओं का वर्णन करता है, जो आपके शरीर में मेरिडियन या चैनलों के साथ स्थित... Read More

एक्यूप्रेशर के पीछे सिद्धांत क्या है?

एक्यूप्रेशर एशियाई बॉडीवर्क थेरेपी (एबीटी) में से एक है जिसकी जड़ें पारंपरिक चीनी चिकित्सा (टीसीएम) में हैं। अन्य एशियाई बॉडीवर्क थेरेपी के उदाहरण मेडिकल चीगोंग और तुइना हैं। शियात्सू एक्यूप्रेशर का एक जापानी रूप है।

 

पारंपरिक चीनी चिकित्सा सिद्धांत विशेष एक्यूपॉइंट या एक्यूप्रेशर बिंदुओं का वर्णन करता है, जो आपके शरीर में मेरिडियन या चैनलों के साथ स्थित होते हैं। ये वही ऊर्जा मेरिडियन और एक्यूपॉइंट हैं जो एक्यूपंक्चर के साथ लक्षित होते हैं। ऐसा माना जाता है कि इन अदृश्य चैनलों के माध्यम से महत्वपूर्ण ऊर्जा प्रवाहित होती है - या क्यूई (ची) नामक एक जीवन शक्ति। यह भी माना जाता है कि ये 12 प्रमुख मेरिडियन विशिष्ट अंगों या अंगों के नेटवर्क को जोड़ते हैं, आपके पूरे शरीर में संचार की एक प्रणाली का आयोजन करते हैं। मेरिडियन आपकी उंगलियों से शुरू होते हैं, आपके मस्तिष्क से जुड़ते हैं , और फिर एक निश्चित मेरिडियन से जुड़े अंग से जुड़ते हैं।


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एक्यूप्रेशर किन किन इलाजों में मदद करता है और एक्यूप्रेशर से जुड़ी कुछ खास बातें।


एक्यूप्रेशर से कई तरह की समस्याओं में आराम मिलता है. यह शरीर के दर्द, तनाव, और चिंता को कम करने में मदद करता है. एक्यूप्रेशर से जुड़ी कुछ खास बातेंः  एक्यूप्रेशर से सिरदर्द, पीठ दर्द, जोड़ों का दर्द, और माइग्रेन जैसी समस्याओं में आराम मिलता है.  यह हृदय रोग, अस्थमा, ब्लड प्रेशर, और डायबिटीज़ जैसी समस्याओं में भी मददगार होता है.  एक्यूप्रेशर से पाचन संबंधी समस्याओं में आराम मिलता है.... Read More

एक्यूप्रेशर से कई तरह की समस्याओं में आराम मिलता है. यह शरीर के दर्द, तनाव, और चिंता को कम करने में मदद करता है. एक्यूप्रेशर से जुड़ी कुछ खास बातेंः 

  • एक्यूप्रेशर से सिरदर्द, पीठ दर्द, जोड़ों का दर्द, और माइग्रेन जैसी समस्याओं में आराम मिलता है. 
  • यह हृदय रोग, अस्थमा, ब्लड प्रेशर, और डायबिटीज़ जैसी समस्याओं में भी मददगार होता है. 
  • एक्यूप्रेशर से पाचन संबंधी समस्याओं में आराम मिलता है.
  • यह गठिया रोग में भी मदद करता है. 
  • एक्यूप्रेशर से कैंसर से जुड़ी थकान और मतली में आराम मिलता है. 
  • यह प्रसव, ऑस्टियोआर्थराइटिस से जुड़े दर्द में भी आराम दिलाता है. 
  • एक्यूप्रेशर से नींद की क्वालिटी बेहतर होती है. 
  • यह शरीर में एंडोर्फिन रिलीज़ करता है, जिससे सूजन कम होती है. 
  • एक्यूप्रेशर, प्राचीन चीन की एक पारंपरिक चिकित्सा पद्धति है. यह शरीर में ऊर्जा के स्तर को संतुलित करने में मदद करती है. 


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