Blog by vanshika pal | Digital Diary
" To Present local Business identity in front of global market"
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एक्यूप्रेशर में पूरे शरीर में विशिष्ट बिंदुओं पर दृढ़ दबाव डाला जाता है। आराम से शुरुआत करें। कई बार गहरी साँस लें। दबाव बिंदु ढूंढें और अगले बिंदु पर जाने से पहले शरीर के दोनों तरफ 30 सेकंड से 1 मिनट तक दृढ़ दबाव डालें।
मतली - कुछ शोधों के अनुसार कलाई के एक्यूप्रेशर से मतली और उलटी का उपचार किया जा सकता हैं।
कैंसर - एक्यूप्रेशर थेरेपी कीमोथेरेपी से कैंसर के उपचार के तुरंत बाद होने वाली मतली से बचाती है और यह तनाव, ऊर्जा स्तर को बढ़ाने, दर्द कम करने और कैंसर या इसके उपचार के लक्षण कम करने में भी मदद कर सकती है।
दर्द - कुछ प्राथमिक प्रमाण यह बताते है कि एक्यूप्रेशर थेरेपी कमर दर्द, आपरेशन के बाद होने वाले दर्द और सिरदर्द में मदद कर सकती है। इससे अन्य तरह के दर्द में भी लाभ हो सकता है। (और पढ़े - नसों में दर्द का इलाज)
गठिया - कुछ अध्ययनों के अनुसार एक्यूप्रेशर थेरेपी से हमारे शरीर में एंडोर्फिन्स रिलीज़ होते हैं और यह थेरेपी एंटी-सूजन असर को बढ़ावा देती है, जिससे कुछ प्रकार के गठिया रोगों में मदद मिलती हैं।
अवसाद और चिंता - कुछ अध्ययन बताते है कि एक्यूप्रेशर थेरेपी से थकान और मनोदशा में सुधार हो सकता है।
किसी भी अन्य उपचार की ही तरह एक्यूप्रेशर थेरेपी के भी कुछ साइड इफेक्ट हो सकते हैं, जैसे कि -
सामान्य रूप से एक्यूप्रेशर बहुत सुरक्षित उपचार है। अगर आपको कैंसर, दिल की बीमारी, जीर्ण रोग (पुरानी बीमारी) हैं, तो कोई भी थेरेपी करवाने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें। एक रजिस्टर्ड एक्यूप्रेशर थेरेपिस्ट से ही थेरेपी करवाएं।
नोट - ये लेख केवल जानकारी के लिए है। किसी भी सूरत में किसी भी तरह की चिकित्सा की सलाह नहीं दे रहा है। आपके लिए कौन सी चिकित्सा सही है, इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करके ही निर्णय ले।
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एक्यूप्रेशर द्वारा गैस का इलाज कैसे करे।
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बहुत से लोग वजन कम करने के लिए योग को प्रभावी विकल्प के तौर पर नहीं देखते हैं, पर असल में योगाभ्यास आपके वजन को नियंत्रित करने के साथ ही आपके समग्र स्वास्थ्य में सुधार करने में आपकी मदद कर सकता है। तो चलिए जानते हैं ऐसे ही कुछ योग मुद्राएं जो वजन कम करने में आपकी मदद कर सकती हैं।
आपने जितनी देर तक इस मुद्रा को धारण करके रखेंगी, परिणाम उतने ही बेहतर होंगे। वीरभद्रासन के कुछ ही मिनटों में, आप टाइट क्वाड्स प्राप्त कर सकती हैं। योद्धा मुद्रा आपके संतुलन को बेहतर बनाने के साथ-साथ आपकी पीठ, पैर और बाहों को टोन करने के लिए बनाई गई है। यह आपके पेट को टोन करने में भी मददगार है और अगर आप इस मुद्रा में रहते हुए अपने पेट की मांसपेशियों को सिकोड़ते हैं, तो आपको एक फ्लैट बेली प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
त्रिकोणासन पाचन को बेहतर बनाने के साथ-साथ पेट और कमर में जमा चर्बी को कम करने में मदद करता है। यह पूरे शरीर में रक्त सर्कुलेशन को उत्तेजित करता है और उन्हें बेहतर बनाता है। इस आसन की गति आपको कमर से अधिक फैट बर्न करने और जांघों और हैमस्ट्रिंग में अधिक मांसपेशियों का निर्माण करने में मदद करती है। यह संतुलन और एकाग्रता में भी सुधार करेंगे।
अधो मुख श्वानासन मांसपेशियों पर अतिरिक्त ध्यान देने के साथ आपके पूरे शरीर को टोन करता है। यह आपकी बाजू, जांघ, हैमस्ट्रिंग और पीठ को मजबूत बनाने में मदद करता है। इस मुद्रा को धारण करने और अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करने से आपकी मांसपेशियां सक्रिय हो जाती हैं, और उन्हें टोन करने में मदद मिलता है। साथ ही आपकी एकाग्रता और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है।
सर्वांगासन के कई लाभ होते हैं, यह ताकत बढ़ाने से लेकर पाचन क्रिया में सुधार कर सकते हैं। हालांकि, यह मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देने और थायराइड के स्तर को संतुलित करने में अधिक मददगार साबित हो सकता है। सर्वांगासन या शोल्डर स्टैंड ऊपरी शरीर, पेट की मांसपेशियों और पैरों को मजबूत बनाता है। साथ ही रेस्पिरेटरी सिस्टम को मजबूत करता है, और नींद को बढ़ावा दिया।
सेतु बंध सर्वज़ मांसपेशियों की टोन में सुधार करता है, पाचन हार्मोन को नियंत्रित करता है और थायराइड के स्तर में सुधार करता है। यह सभी फैक्टर वजन कम करने में आपकी सहायता कर सकते हैं। यह आपकी पीठ की मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है, और पीठ दर्द को कम कर देता है। इस मुद्रा में आपको पीछे के बल झुककर पेट को ऊपर रखते हुए हाथ और पैरों को सतह पर टिकाकर पुल
सुबह के समय योग (Morning Yoga) करना शरीर और मन दोनों को एनर्जी से भरने का बेहतरीन तरीका है। कुछ योगासन शरीर को फ्लेक्सिबल बनाते हैंडाइजेशन को सुधारते हैं और मेंटली रिलैक्स कराते हैं। इन्हें करने से आपकी फिजिकल और मेंटल हेल्थ को काफी फायदा (Yoga Benefits) मिलता है। आइए जानें सुबह के समय करने के लिए कुछ आसान
HighLights
योग करना सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है।
इससे फिजिकल और मेंटल हेल्थ को काफी फायदा मिलता है।
कुछ योगासन सुबह के समय करने से एनर्जी मिलती
Morning Yoga: सुबह का समय हमारे दिन की शुरुआत के लिए बहुत अहम होता है। इस समय हमारे शरीर और मन दोनों को एनर्जी की जरूरत होती है और योग इसका सबसे बेहतरीन तरीका है।ऐसे में सुबह के समय में किए जाने वाले योगासन न केवल फिजिकल फ्लेक्सिबिलिटी को बढ़ाते हैं, बल्कि मानसिक शांति और शारीरिक एनर्जी भी देते हैं। यहां हम ऐसे ही कुछ योगासनों के बारे में जानेंगे, जिन्हें सुबह के समय करके आप अपने दिन की शुरुआत ताजगी और एनर्जी के साथ कर सकते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
ताड़ासन
ताड़ासन, जिसे पर्वत आसन भी कहा जाता है, शरीर की लंबाई और मुद्रा को सही करता है। यह आसन शारीरिक संतुलन और शक्ति को बढ़ाता है। यह शरीर को खिंचता है और एनर्जी से भरपूर बनाता है, जिससे आप पूरे दिन एक्टिव महसूस करते ।
कपालभाति प्राणायाम
यह सांस और शारीरिक उर्जा को सही तरीके से संचालित करने का एक शक्तिशाली योग है। कपालभाति प्राणायाम से आपके दिमाग को शांति मिलती है और शरीर को ताजगी मिलती है, जिससे आपके शरीर में पूरे दिन एनर्जी बनी रहती है।
भुजंगासन
भुजंगासन, जिसे किंग कोबरा पोज भी कहते हैं, रीढ़ की हड्डी को मजबूती देता है और पाचन तंत्र को सही करता है। यह आसन शरीर को खोलता है और शरीर में ताजगी का एहसास कराता है।
वृक्षासन
यह एक बेहतरीन संतुलन आसन है, जो मानसिक शांति और फोकस को बढ़ाता है। वृक्षासन शरीर को मजबूती प्रदान करता है और मानसिक तनाव को कम करता है, जिससे दिनभर की एनर्जी मिलती है।
उष्ट्रासन
यह आसन आपके शरीर को खींचता है और पेट, पीठ और कंधों को मजबूत बनाता है। उष्ट्रासन सुबह के समय एनर्जी का संचार करता है और मानसिक शांति को बढ़ावा देता है।
अधोमुख श्वानासन
यह आसन शरीर के सभी मसल्स को खींचता है और शरीर में ताजगी का अहसास कराता है। यह आपकी एनर्जी को बढ़ाता है और मांसपेशियों को रिलैक्स करता है।
त्रिकोणासन
त्रिकोणासन शरीर के कंधे, हिप और पैर को मजबूत बनाता है। यह आसन शरीर को संतुलित करता है और दिमाग को भी रिफ्रेश करता है।
सूर्य नमस्कार
सूर्य नमस्कार पूरे शरीर के लिए एक बेहतरीन योग है, जिसमें 12 स्टेप्स होते हैं। यह आसन शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी को बढ़ाता है, ब्लड सर्कुलेशन को को बेहतर करता है और पूरे शरीर को एनर्जी से भरता है।
सुबह के समय इन योगासनों को अपनाकर आप न केवल अपने शरीर को एनर्जी और ताजगी से भर सकते हैं, बल्कि मानसिक शांति और संतुलन भी पा सकते हैं। योग आपके दिन की शुरुआत को सही दिशा में रखता है और पूरे दिन को एक्टिव और खुशहाल बनाने में मदद करता है।
Read Full Blog...ओशो का मानना था कि 'योग धर्म, आस्था और अंधविश्वास से परे है।योग एक प्रायोगिक विज्ञान है।योग स्वस्थ जीवन जीने की कला है।योग शरीर के समस्त रोगों के लिए एक पूर्ण चिकित्सा पद्धति है। जहां धर्म लोगों को खूंटे से बांधता है वहीं योग सभी तरह के खूंटों से मुक्ति का मार्ग बताता है।'योग तन और मन से जुड़े तमाम तरह के रोग और विकारों को दूर कर मनुष्य का जीवन आसान कर देता है। यह मानव की हर तरह की शुद्धि का आसान उपकरण है।योग, भारतीय ज्ञान की पांच हजार वर्ष पुरानी शैली है।योग विज्ञान में जीवन शैली का पूर्ण सार समाहित किया गया है।
योग की शुरुआत करने जा रहे हैं तो अपनाएं ये टिप्स ।
हालांकि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अपनाई जाने वाली अन्य तरकीबों से योग कई मायनों में अलग है। इसका अभ्यास करने से पहले हमें कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है।
आइए जानते हैं वो बातें जिनका योग करने से पहले ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
1- योग करने से पहले एक ऐसा समय चुन लें जब आप बिल्कुल फ्री हों। समय सुबह का हो तो बेहतर होगा। इस बात का भी ध्यान रखें कि आप सातों दिन इस वक्त फ्री रहते हैं। रोजाना नियत समय पर ही योग करें। इससे शरीर में ऊर्जा बनी रहती है।
2- योग करने के लिए स्वच्छ और साफ वातावरण की आवश्यकता होती है। इसके अलावा माहौल शांत होना चाहिए. अगर शुद्ध हवा का आवागमन हो रहा है तो वह स्थान योग के लिए उपयुक्त होता है। इसलिए योग की प्रैक्टिस से पहले जगह तय कर लें।
3- योग सुबह खाली पेट किया जाए तो बहुत लाभप्रद होता है। अगर यह संभव नहीं हो तो योग और भोजन के बीच कम से कम 3 घंटे का अंतर रखें।योग करने के कुछ समय बाद आप भोजन कर सकते हैं लेकिन योग के पहले कम से कम 3 घंटे भोजन ना करें। हालांकि भोजन के तुरंत बाद आप वज्रासन कर सकते हैं।
4- योग करते समय तंग कपड़े ना पहनें। शरीर की मांसपेशियों के खिंचाव और ऐंठन के दौरान कपड़े फटने का डर तो होता ही है साथ ही साथ आप आसन भी अच्छे से नहीं कर पाते हैं, इसलिए तंग कपड़े ना पहनें।
5- योग करने के दौरान एकाग्र रहें. मोबाइल फोन या किसी से बात करने से बचें।
6- महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान योग नहीं करने की सलाह दी जाती है। इस दौरान योग करने से रक्त-स्राव संबंधी समस्या हो सकती है।
7.योग करते समय संयम और धैर्य रखना चाहिए, हर व्यक्ति की क्षमता अलग होती है, और उसी हिसाब से वह योग करता है. इसलिए अगर संयम के साथ आप योग सीखेंगे तो सकारात्मक परिणाम देखने को मिला।
8.- श्वास योग में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। श्वास की प्रक्रिया को नियंत्रित किये बिना के योग करना अधूरा है।आसन करते समय कभी भी मुंह से श्वास ना लें।योग-प्रशिक्षक से जानकारी लेकर योग-आसन करते समय नियम के अनुसार ही श्वास लें।
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Yoga Bharat ke sabse Pramukh Sanskrit niryaton mein se ek hi hai sirf pose aur Dhyan se kahin adhik hai isliye main aap yoga kya hai iske niyam ke upyogon aur fayda ke bare mein sab kuchh janenge . Aaiae jaane
Kya aap jaante hai yoga ko yog bhi kehte hai
Yoga ,yog ka Hi ek Roop Hai. yog Shabd Sanskrit ke usaj Shabd se bana hai jiska Arth judna ya ekjut hona.
YOG Kya hai
Yog aadhyatmik sharirik aur mansik prathaon ka ek samuh Hai jiski utpati prachin Bharat mein hui thi .yog ka shabdik Arth Hai jodna. yog sharirik vyavam sharirik mudra aasan Dhyan sans Lene ki taknikon vyavam Ko jodta Hai is Shabd ka Arth Hi yogyata bhautik ka swayam ke bhitar aadhyatmik ke sath Milan hai . Yugman aur sharir Manav aur prakriti ke bich ek purn jutane ka sanket deta hai. Yog ke abhyas ka ullekh rigved aur upnishdon mein bhi milta Hai. Yog Hindu Darshan 6 Darshan mein se ek hai. Yog se aath niyaman aur uchit Chetna viksit hoti hai.Yog ka abhiyan swasthya aur vishram ke liye Kiya jata hai. Yoga hamare sharir ke liye bahut jaruri hai. yah hamare Man Ko shant karta hai. Hamen rojana yoga karna chahie.
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