Blog by vanshika pal | Digital Diary
" To Present local Business identity in front of global market"
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डेस्क जॉब करने वालों में सर्वाइकल, स्ट्रेस, बॉडी पेन का होना अब आम है. क्या आप जानते हैं कि शरीर के कुछ हिस्सों को उंगलियों से दबाकर स्ट्रेस को कम किया जा सकता है. जानें इन तरीकों के बारे में...
कान के नीचे वाले हिस्से को इयर लोब बोला जाता है और अगर रोजाना इसकी 5 मिनट भी मालिश की जाए तो मेंटल हेल्थ में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक इससे याददाश्त और एकाग्रता भी बढ़ती है. कान के पीछे वाले हिस्से को उंगलियों से दबाने से स्ट्रेस, डिप्रेशन और सिरदर्द में राहत मिलती है।
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क्या आप जानते हैं कि गर्दन में भी एक प्रेशर प्वाइंट होता है जिसे दबाकर भी स्ट्रेस को खत्म किया जा सकता है. आपको बस गर्दन में रीढ़ की हड्ढी के आसपास की मांसपेशियों को उंगलियों से दबाना चाहिए. इस दौरान रीढ़ की हड्ढी पर जरा भी जोर नहीं डालना है. मांसपेशियों में अगर खिंचाव है तो उसमें भी आपको राहत मिलेगी.
योगासन से जुड़ी जानकारी।
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कलाई पर भी प्रेशर प्वाइंट होते हैं इन्हें दबाने से भी तनाव दूर होता है. आपको बस उंगलियों और अंगूठे के बीच के हिस्से को दबाना है और ऐसा महज 5 से 7 मिनट करना है. इसके अलावा हाथ को बंद रखें और खोलें क्योंकि इस तरीके से भी स्ट्रेस को कम करने में मदद मिलती है।
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इसे जानने से पहले यह भी पढ़ें मिलेगे कई फायदे ।
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तो आइए जानते है एक्यूपॉइंट को दबाने का सही तरीका जिससे वजन कम होता है
मांसपेशियों में दर्द, एक निरंतर और कष्टप्रद अनुभूति है जो हमारी रोजमर्रा की दिनचर्या में बाधा डाल सकती है। लेकिन इस दर्द को कम करने के लिए कई तरीके मौजूद हैं।
मांसपेशियों में दर्द, एक निरंतर और कष्टप्रद अनुभूति है जो हमारी रोजमर्रा की दिनचर्या में बाधा डाल सकती है। लेकिन इस दर्द को कम करने के लिए कई तरीके मौजूद हैं। जिसमें एक्यूप्रेशर की प्राचीन पद्धति भी शामिल है। हमारे शरीर के भीतर सटीक दबाव बिंदुओं को दवा करके हम तनाव को दूर कर सकते हैं, रक्त परिसंचरण को बढ़ा सकते हैं और मांसपेशियों के दर्द को स्वाभाविक रूप से कम कर सकते हैं। आज हम यहां पांच महत्वपूर्ण दबाव बिंदु के बारे में बताएंगे जिससे आप दर्द-मुक्त जीवन शैली फिर से प्राप्त कर सकते हैं।
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हाथों में एक्यूप्रेशर पॉइंट्स के कमाल के हैं फायदे जानें कैसे
गर्दन के पीछे, खोपड़ी के आधार के नीचे खोखले क्षेत्र में स्थित, गर्दन विश्राम बिंदु गर्दन और कंधे के दर्द को कम करने के लिए एक उत्कृष्ट दबाव बिंदु है। इस बिंदु पर अपने अंगूठे या उंगलियों के दबाव को नाजुक ढंग से नियोजित करके और एक सुखदायक गोलाकार गति लागू करके, आप तनाव से मुक्ति पा सकते हैं। इसके बाद विश्राम करने से आपको दर्द में राहत मिलेगी।
निचले पैर पर, घुटने की टोपी के नीचे लगभग चार उंगली-चौड़ाई और पिंडली की हड्डी के बाहर की ओर एक उंगली-चौड़ाई पर स्थित, पैर की ऐंठन रिलीवर पैर की मांसपेशियों के दर्द और थकान से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण दबाव बिंदु है। अपने अंगूठे या पोर से मजबूती से दबाव डालें और इस बिंदु को कोमल, गोलाकार गति से उत्तेजित करें। यह तकनीक रक्त परिसंचरण को बढ़ाने, कठोरता को कम करने और ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं।
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ये रहे वे सरल 5 योगासन जिसे करने से पूरे दिन रहोगे तरोताजा।
गैस की प्रॉब्लम को जड़ से कैसे खत्म करें?
अंगूठे और तर्जनी के बीच पाया जाने वाला यह दबाव बिंदु पूरे शरीर में मांसपेशियों के दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है। अपने विपरीत अंगूठे और तर्जनी का उपयोग करके दबाव डालें और गोलाकार या ऊपर-नीचे गति में धीरे-धीरे मालिश करें। यह तकनीक सिरदर्द, दांत दर्द और सामान्य मांसपेशियों की परेशानी को कम करने में मदद कर सकती है।
कोहनी क्रीज के बाहरी छोर पर स्थित, यह बाहों और कोहनियों में मांसपेशियों के दर्द और सूजन से राहत के लिए एक आवश्यक दबाव बिंदु है। अपने अंगूठे या तर्जनी से दबाव डालें और गोलाकार गति में मालिश करें। इस बिंदु को उत्तेजित करके, आप मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों की कठोरता और यहां तक कि गठिया के लक्षणों को प्रभावी ढंग से कम कर सकते हैं।
नाभि के नीचे लगभग दो अंगुल की चौड़ाई में स्थित, पेट का केंद्र पीठ के निचले हिस्से में दर्द और पेट की परेशानी को कम करने के लिए एक शक्तिशाली दबाव बिंदु है। अपनी उंगलियों का उपयोग करके मजबूत लेकिन हल्का दबाव डालें और दक्षिणावर्त दिशा में मालिश करें। यह तकनीक पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों को आराम देने, पाचन में सुधार करने और समग्र जीवन शक्ति को बढ़ाने में मदद करते हैं।
Read Full Blog...पेट गैस की समस्या से छुटकारा पाने के लिए करें ये घरेलू उपाय
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गैस के लिए CV12 प्वाइंट करें प्रेस
गैस से होने वाली समस्याओं से तुरंत छुटकारा पाने के लिए आप ये CV12 प्वाइंट भी प्रेस कर सकते हैं। ये प्वाइंट आपकी नाभि के ठीक लगभग चार इंच ऊपर मौजूद होता है। इस प्वाइंट पर प्रेशर देने से एब्डॉमिनल, ब्लैडर और गॉल ब्लैडर पर भी असर पड़ता है।
Read Full Blog...एक्यूप्रेशर एक ऐसी तकनीक है जिसका इस्तेमाल सदियों से चीन में किया जाता रहा है. इसमें शरीर के विभिन्न अंगों पर प्रेशर डाल कर समस्याओं का इलाज किया जाता है. जानते हैं हाथों में एक्यूपॉइंट्स और उनके फायदों के बारे में.
Acupressure points on hands: हेल्थ प्रॉब्लम्स से राहत पाने के लिए सदियों से अलग-अलग तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता रहा है. इन्ही में से एक है एक्यूप्रेशर. यह एक हीलिंग आर्ट है, जिसका इस्तेमाल हजारों सालों से चीन में किया जा रहा है. एक्यूप्रेशर, रोगों के उपचार के लिए एक्यूपंक्चर के सिद्धांतों का पालन करता है. इसमें शरीर के कुछ खास पॉइंट्स पर प्रेशर ड़ाल कर इलाज किया जाता है. इन पॉइंट्स को एक्यूपॉइंट्स कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि इन पॉइंट्स पर प्रेशर डालने से कई तकलीफों से छुटकारा पाया जा सकता है. ऐसे ही कुछ एक्यूपॉइंट्स हाथों में भी होते हैं. आइए जानें हाथों में एक्यूप्रेशर पॉइंट्स के क्या हो सकते हैं फायदे.
वेबएमडीके अनुसार एक्यूप्रेशर प्रैक्टिशनर्स शरीर के एक्यूपॉइंट्स पर उंगलियों, हथेलियों, पैरों, कोहनी या किसी खास डिवाइस का इस्तेमाल कर के प्रेशर डालते हैं. कई बार एक्यूप्रेशर में स्ट्रेचिंग और एक्यूप्रेशर मसाज भी शामिल होती है. हाथों में एक्यूप्रेशर पॉइंट्स इस प्रकार हैं और इन के यह फायदे होते हैं।
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अपने होंठ के ऊपर और नाक के नीच बीच वाली जगह को शुइगौ स्पॉट कहते हैं। सबसे पहले नाक और अपर लिप के बीच के हिस्से पर उंगली रखें उसे करीब दो से तीन मिनट गोलाकार में उंगली को दबाते हुए इस पॉइंट पर घुमाती रहें। इससे वजन कम होता है।
2 टखनें
इसे आप एक्सरसाइज के बाद कर सकती हैं। इससे शरीर रिलैक्स होता है और थकान दूर होती है। दो उंगली को इस पॉइंट पर रखें। ये पॉइंट पैर के बाहर की साइड 5 सेमी ऊपर होता है। इसे आप अपने अंगूठे के माध्यम से रोजाना 1 मिनट धीमे से दबा सकती हैं। आप दो से तीन मिनट तक उस बिंदु पर गोलाकार मालिश कर सकती है। ठीक इसी तरह से दूसरे पैर पर भी करें। इससे भी यकीनन वजन कम होता है।
3 नाभि
ये प्रेशर पॉइंट नाभि से करीबन चार इंच ऊपर होता है। रिसर्च में कहा गया है एक्यूप्रेशर पॉइंट को दबाने से कमर व पेट की चर्बी कम होती है और इससे शरीर में वसा की दर में सुधार होता है। अपनी दो उंगली प्रेशर पॉइंट पर रखें, फिर हल्का जोर लगाते हुए उस हिस्से को दबाएं। उसके बाद आप उस हिस्से में दो मिनट तक गोलाकार में मालिश कर सकती हैं।
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4 कान
आपको बता दें कि कान के एक पॉइंट को दबाकर भूख नियंत्रित की जा सकती है। ये बिंदु कान के बाहरी त्रिकोणीय हिस्से में स्थित होता है। अपनी एक उंगली को प्रेशर पॉइंट पर हल्का जोर लगाते हुए दबाए और 1 मिनट तक अपने मुंह को खोले और बंद करें। ऐसे दूसरे कान में भी करें ऐसा करने से आपको लाभ जरूर मिलेगा।
Read Full Blog...कैसे यह पारंपरिक थेरेपी आपकी पूरे स्वास्थ्य को लाभ पहुंचा सकती है
Acupressure एक्यूप्रेशर चीन का एक पारंपरिक उपचार है। यह थेरेपी दुनियाभर में इस्तेमाल की जाती है। यह शरीर के हर तरह के दर्द में फायदेमंद साबित होती है। इस पारंपरिक उपचार के जरिए अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्या से भी राहत पा सकते हैं।
Read Full Blog...एक्यूप्रेशर, चीन की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति है. इसमें शरीर के कुछ खास बिंदुओं पर दबाव डालकर बीमारियों का इलाज किया जाता है. यह एक प्राकृतिक उपचार है. एक्यूप्रेशर से तनाव कम होता है, रक्तचाप नियंत्रित रहता है और शरीर में ऊर्जा का संचार सुचारू रहता है.
एक्यूप्रेशर से जुड़ी कुछ खास बातें:
एक्यूप्रेशर में शरीर के कुछ खास बिंदुओं पर दबाव डालकर बीमारियों का इलाज किया जाता है.
इन बिंदुओं को 'प्रतिक्रिया बिंदु' या 'एक्यूप्वाइंट' कहते हैं.
इन बिंदुओं पर दबाव डालने से शरीर में ऊर्जा का बहाव सुचारू हो जाता है.
एक्यूप्रेशर से दर्द, तनाव, थकान, पीड़ा, और रोग से राहत मिलती है.
एक्यूप्रेशर से शरीर में ऊर्जा का संचार सुचारू रहता है.
एक्यूप्रेशर से तनाव कम होता है और रक्तचाप नियंत्रित रहता है.
एक्यूप्रेशर से शरीर की क्षमता बढ़ती है.
Read Full Blog...पीठ के दर्द में एक्यूप्रेशर से राहत मिल सकती है. इसके लिए, हाथों या पैरों के कुछ खास बिंदुओं पर दबाना होता है. एक्यूप्रेशर से दर्द कम होने की वजह यह है कि इससे एंडोर्फिन और सेरोटोनिन का प्रवाह बढ़ता है.
पीठ के दर्द से राहत के लिए, ठंडी सिकाई या बर्फ की सिकाई भी की जा सकती है. दर्द शुरू होने के कुछ दिनों बाद, हीटिंग पैड या गर्म पानी की बोतल से मालिश की जा सकती है.
Read Full Blog...एक्यूप्रेशर एशियाई बॉडीवर्क थेरेपी (एबीटी) में से एक है जिसकी जड़ें पारंपरिक चीनी चिकित्सा (टीसीएम) में हैं। अन्य एशियाई बॉडीवर्क थेरेपी के उदाहरण मेडिकल चीगोंग और तुइना हैं। शियात्सू एक्यूप्रेशर का एक जापानी रूप है।
पारंपरिक चीनी चिकित्सा सिद्धांत विशेष एक्यूपॉइंट या एक्यूप्रेशर बिंदुओं का वर्णन करता है, जो आपके शरीर में मेरिडियन या चैनलों के साथ स्थित होते हैं। ये वही ऊर्जा मेरिडियन और एक्यूपॉइंट हैं जो एक्यूपंक्चर के साथ लक्षित होते हैं। ऐसा माना जाता है कि इन अदृश्य चैनलों के माध्यम से महत्वपूर्ण ऊर्जा प्रवाहित होती है - या क्यूई (ची) नामक एक जीवन शक्ति। यह भी माना जाता है कि ये 12 प्रमुख मेरिडियन विशिष्ट अंगों या अंगों के नेटवर्क को जोड़ते हैं, आपके पूरे शरीर में संचार की एक प्रणाली का आयोजन करते हैं। मेरिडियन आपकी उंगलियों से शुरू होते हैं, आपके मस्तिष्क से जुड़ते हैं , और फिर एक निश्चित मेरिडियन से जुड़े अंग से जुड़ते हैं।
Read Full Blog...एक्यूप्रेशर से कई तरह की समस्याओं में आराम मिलता है. यह शरीर के दर्द, तनाव, और चिंता को कम करने में मदद करता है. एक्यूप्रेशर से जुड़ी कुछ खास बातेंः
एक्यूप्रेशर, प्राचीन चीन की एक पारंपरिक चिकित्सा पद्धति है. यह शरीर में ऊर्जा के स्तर को संतुलित करने में मदद करती है.
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