Blog by vanshika pal | Digital Diary
" To Present local Business identity in front of global market"
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इसे जानने से पहले यह भी पढ़ें मिलेगे कई फायदे ।
एक बार जरूर पढ़ें।
तो आइए जानते है एक्यूपॉइंट को दबाने का सही तरीका जिससे वजन कम होता है
मांसपेशियों में दर्द, एक निरंतर और कष्टप्रद अनुभूति है जो हमारी रोजमर्रा की दिनचर्या में बाधा डाल सकती है। लेकिन इस दर्द को कम करने के लिए कई तरीके मौजूद हैं।
मांसपेशियों में दर्द, एक निरंतर और कष्टप्रद अनुभूति है जो हमारी रोजमर्रा की दिनचर्या में बाधा डाल सकती है। लेकिन इस दर्द को कम करने के लिए कई तरीके मौजूद हैं। जिसमें एक्यूप्रेशर की प्राचीन पद्धति भी शामिल है। हमारे शरीर के भीतर सटीक दबाव बिंदुओं को दवा करके हम तनाव को दूर कर सकते हैं, रक्त परिसंचरण को बढ़ा सकते हैं और मांसपेशियों के दर्द को स्वाभाविक रूप से कम कर सकते हैं। आज हम यहां पांच महत्वपूर्ण दबाव बिंदु के बारे में बताएंगे जिससे आप दर्द-मुक्त जीवन शैली फिर से प्राप्त कर सकते हैं।
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हाथों में एक्यूप्रेशर पॉइंट्स के कमाल के हैं फायदे जानें कैसे
गर्दन के पीछे, खोपड़ी के आधार के नीचे खोखले क्षेत्र में स्थित, गर्दन विश्राम बिंदु गर्दन और कंधे के दर्द को कम करने के लिए एक उत्कृष्ट दबाव बिंदु है। इस बिंदु पर अपने अंगूठे या उंगलियों के दबाव को नाजुक ढंग से नियोजित करके और एक सुखदायक गोलाकार गति लागू करके, आप तनाव से मुक्ति पा सकते हैं। इसके बाद विश्राम करने से आपको दर्द में राहत मिलेगी।
निचले पैर पर, घुटने की टोपी के नीचे लगभग चार उंगली-चौड़ाई और पिंडली की हड्डी के बाहर की ओर एक उंगली-चौड़ाई पर स्थित, पैर की ऐंठन रिलीवर पैर की मांसपेशियों के दर्द और थकान से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण दबाव बिंदु है। अपने अंगूठे या पोर से मजबूती से दबाव डालें और इस बिंदु को कोमल, गोलाकार गति से उत्तेजित करें। यह तकनीक रक्त परिसंचरण को बढ़ाने, कठोरता को कम करने और ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं।
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ये रहे वे सरल 5 योगासन जिसे करने से पूरे दिन रहोगे तरोताजा।
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अंगूठे और तर्जनी के बीच पाया जाने वाला यह दबाव बिंदु पूरे शरीर में मांसपेशियों के दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है। अपने विपरीत अंगूठे और तर्जनी का उपयोग करके दबाव डालें और गोलाकार या ऊपर-नीचे गति में धीरे-धीरे मालिश करें। यह तकनीक सिरदर्द, दांत दर्द और सामान्य मांसपेशियों की परेशानी को कम करने में मदद कर सकती है।
कोहनी क्रीज के बाहरी छोर पर स्थित, यह बाहों और कोहनियों में मांसपेशियों के दर्द और सूजन से राहत के लिए एक आवश्यक दबाव बिंदु है। अपने अंगूठे या तर्जनी से दबाव डालें और गोलाकार गति में मालिश करें। इस बिंदु को उत्तेजित करके, आप मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों की कठोरता और यहां तक कि गठिया के लक्षणों को प्रभावी ढंग से कम कर सकते हैं।
नाभि के नीचे लगभग दो अंगुल की चौड़ाई में स्थित, पेट का केंद्र पीठ के निचले हिस्से में दर्द और पेट की परेशानी को कम करने के लिए एक शक्तिशाली दबाव बिंदु है। अपनी उंगलियों का उपयोग करके मजबूत लेकिन हल्का दबाव डालें और दक्षिणावर्त दिशा में मालिश करें। यह तकनीक पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों को आराम देने, पाचन में सुधार करने और समग्र जीवन शक्ति को बढ़ाने में मदद करते हैं।
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गैस के लिए CV12 प्वाइंट करें प्रेस
गैस से होने वाली समस्याओं से तुरंत छुटकारा पाने के लिए आप ये CV12 प्वाइंट भी प्रेस कर सकते हैं। ये प्वाइंट आपकी नाभि के ठीक लगभग चार इंच ऊपर मौजूद होता है। इस प्वाइंट पर प्रेशर देने से एब्डॉमिनल, ब्लैडर और गॉल ब्लैडर पर भी असर पड़ता है।
Read Full Blog...कोरोना काल में योगासन, प्राणायाम और योग क्रियाओं के महत्व को समझा जाने लगा है। योगासन अर्थात आसन या योगा पोश्चर। आसनों का मुख्य उद्देश्य शरीर के मल का नाश करना है। शरीर से मल या दूषित विकारों के नष्ट हो जाने से शरीर व मन में स्थिरता का अविर्भाव होता है। शांति और स्वास्थ्य लाभ मिलता है और साथ ही शरीर हमेशा तरोताजा बना रहाता है। आओ जानते हैं ऐसे सरल 5 योगासन जिससे आप दिनभर तरोताजा बना रहेंगे।
योगासन : 1.त्रिकोणासन, 2. कटिचक्रासन, 3. पादहस्तासन, 4. आंजनेयासन और 5: मार्जयासन।
त्रिकोण या त्रिभुज की तरह। यह आसन खड़े होकर किया जाता है। सबसे पले सावधान की मुद्रा में सीधे खड़े हो जाएं। अब एक पैर उठाकर दूसरे से डेढ़ फुट के फासले पर समानांतर ही रखें। मतलब आगे या पीछे नहीं रखना है। अब श्वास भरें। फिर दोनों बाजुओं को कंधे की सीध में लाएं। अब धीरे-धीरे कमर से आगे झुके। फिर श्वास बाहर निकालें। अब दाएं हाथ से बाएं पैर को स्पर्श करें। बाईं हथेली को आकाश की ओर रखें और बाजू सीधी रखें।
इस दौरान बाईं हथेली की ओर देखें। इस अवस्था में दो या तीन सेकंड रुकने के दौरान श्वास को भी रोककर रखें। अब श्वास छोड़ते हुए धीरे धीरे शरीर को सीधा करें। फिर श्वास भरते हुए पहले वाली स्थिति में खड़े हो जाएं। इसी तरह श्वास निकालते हुए कमर से आगे झुके। अब बाएं हाथ से दाएं पैर को स्पर्श करें और दाईं हथेली आकाश की ओर कर दें। आकाश की ओर की गई हथेली को देखें। दो या तीन सेकंड रुकने के दौरान श्वास को भी रोककर रखें। अब श्वास छोड़ते हुए धीरे धीरे शरीर को सीधा करें। फिर श्वास भरते हुए पहले वाली स्थिति में खड़े हो जाएं। यह पूरा एक चरण होगा। इसी तरह कम से कम पांच बार इस आसन का अभ्यास करें।
कटि का अर्थ कमर अर्थात कमर का चक्रासन। यह आसन खड़े होकर किया जाता है। उक्त आसन में दोनों भुजाओं, गर्दन तथा कमर का व्यायाम होता है। पहले सावधान की मुद्रा में खड़े हो जाएँ। फिर दोनों पैरों में लगभग एक फीट की दूरी रखकर खड़े हो जाएँ। फिर दोनों हाथों को कन्धों के समानान्तर फैलाते हुए हथेलियाँ भूमि की ओर रखें। फिर बायाँ हाथ सामने से घुमाते हुए दाएँ कंधे पर रखें। फिर दायाँ हाथ मोड़कर पीठ के पीछे ले जाकर कमर पर रखिए। ध्यान रखें की कमर वाले हाथ की हथेली ऊपर ही रहे। अब गर्दन को दाएँ कंधे की ओर घुमाते हुए पीछे ले जाएँ। कुछ देर इसी स्थिति में रहें। फिर गर्दन को सामने लाते हुए क्रमश: हाथों को कंधे के समानान्तर रखते हुए अब इसी क्रिया को दाएँ ओर से करने के पश्चात बाएँ ओर से कीजिए। इस प्रकार इसके एक-एक ओर से 5-5 चक्र करें।
यह आसन खड़े होकर किया जाता है। इसमें हम दोनों हाथों से अपने पैर के अँगूठे या टखने को पकड़कर सिर को घुटनों से टिका देते हैं। पहले कंधे और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए सावधान की मुद्रा में खड़े हो जाएँ। फिर दोनों हाथों को धीरे-धीरे ऊपर उठाया जाता है। हाथों को कंधे की सीध में लाकर थोड़ा-थोड़ा कंधों को आगे की ओर प्रेस करते हुए फिर हाथों को सिर के ऊपर तक उठाया जाता है। ध्यान रखें की कंधे कानों से सटे हुए हों।
तत्पश्चात हाथ की हथेलियों को सामने की ओर किया जाता है। जब बाँहें एक-दूसरे के समानान्तर ऊपर उठ जाएँ तब धीरे-धीरे कमर को सीधा रख श्वास भीतर ले जाते हुए नीचे की ओर झुकना प्रारम्भ किया जाता है। झुकते समय ध्यान रखे की कंधे कानों से सटे ही रहें। तब घुटने सीधे रखते फिर हाथ की दोनों हथेलियों से एड़ी-पंजे मिले दोनों पाँव को टखने के पास से कस के पकड़कर माथे को घुटने से स्पर्श करने का प्रयास किया जाता है। इस स्थिति में श्वास लेते रहिए। इस स्थिति को सूर्य नमस्कार की तीसरी स्थिति भी कहा जाता है। सुविधा अनुसार 30-40 सेकंड इस स्थिति में रहें। वापस आने के लिए धीरे-धीरे इस स्थिति से ऊपर उठिए और क्रमश: खड़ी मुद्रा में आकर हाथों को पुन: कमर से सटाने के बाद विश्राम की स्थिति में आ जाइए। कुछ क्षणों का विराम देकर यह अभ्यास पुन: कीजिए। इस तरह 5 से 7 बार करने पर यह आसन असरकारक होता है।
: हनुमान जी का एक नाम आंजनेय भी है। यह आसन उसी तरह किया जाता है जिस तरह हनुमानजी अपने एक पैर का घुटना नीचे टिकाकर दूसरा पैर आगे रखकर कमर पर हाथ रखते हैं। अंजनेय आसन में और भी दूसरे आसन और मुद्राओं का समावेश है।
सर्वप्रथम वज्रासन में आराम से बैठ जाएँ। धीरे से घुटनों के बल खड़े होकर पीठ, गर्दन, सिर, कूल्हों और जांघों को सीधा रखें। हाथों को कमर से सटाकर रखें सामने देंखे। अब बाएं पैर को आगे बढ़ाते हुए 90 डिग्री के कोण के समान भूमि कर रख दें। इस दौरान बायां हाथ बाएं पैर की जंघा पर रहेगा। फिर अपने हाथों की हथेलियों को मिलाते हुए हृदय के पास रखें अर्थात नमस्कार मुद्रा में रखें। श्वास को अंदर खींचते हुए जुड़ी हुई हथेलियों को सिर के ऊपर उठाकर हाथों को सीधा करते हुए सिर को पीछे झुका दें। इसी स्थिति में धीरे-धीरे दाहिना पैर पीछे की ओर सीधा करते हुए कमर से पीछे की ओर झुके। इस अंतिम स्थिति में कुछ देर तक रहे। फिर सांस छोड़ते हुए पुन: वज्रासन की मुद्रा में लौट आए। इसी तरह अब यही प्रक्रिया दाएं पैर को 90 डिग्री के कोण में सामने रखते हए करें।
माजर्य का अर्थ होता है बिल्ली। बिल्ली जिस तरह आलस लेती है तब जो उसकी आकृति बनती है वैसा ही आसन करना है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं। फिर अपने दोनों हाथों की हथेलियों को फर्श पर जमा लें। ऐसी स्थिति में हथेलियां और घुटने भूमि पर जमे रहेंगे। अब दोनों हाथों पर थोड़ा सा भार डालते हुए अपने कूल्हों को ऊपर उठायें। जांघों को ऊपर की ओर सीधा करके पैर के घुटनों पर 90 डिग्री का कोण बनाए। आपकी छाती फर्श के समान्तर होगी और आप एक बिल्ली के समान दिखाई देगें।
अब आप एक लंबी सांस लें और अपने सिर को पीछे की ओर यानी छाती की ओर झुकाएं। अपनी नाभि को नीचे से ऊपर की तरफ धकेलें। मतलब उपर पीठ को ऊंट की तरह निकालें यानी रीढ़ की हड्डी का निचले भाग को ऊपर उठाएं। अब अपनी सांस को बाहर छोड़ते हुए अपने सिर को नीचे की ओर झुकाएं।
मुंह की ठुड्डी को अपनी छाती से लगाने का प्रयास करें। इस स्थिति में अपने घुटनों के बीच की दूरी को देखें। ध्यान रखें की इस मुद्रा में आपके हाथ झुकने नहीं चाहिए। अपनी सांस को लम्बी और गहरी रखें। अपने सिर को पीछे की ओर करें और इस प्रक्रिया को दोहराहएं। इस क्रिया को आप 10-20 बार दोहराएं।
उपरोक्त सभी आसनों को करने से आपनी बॉडी तो स्लीम बनी ही रहेगी साथ ही रीड़ ही हड्डी लचकदार बनेगी, तोंद अंदर हो जाएगी और अनावश्यक चर्बी भी घटेगी। इसके साथ ही अनेक प्रकार के स्वास्थय लाभ प्राप्त करके तरोताजा बने रहेंगे।
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Read Full Blog...हठ योग पर प्रसिद्ध ग्रंथ - हठ योग प्रदीपिका - को कई हठ ग्रंथों का एक तरह का संकलन माना जाता है। इसमें पंद्रह प्राथमिक आसन शामिल हैं, जिनमें से सात बैठे हुए और आठ बिना बैठे हुए हैं, साथ ही अतिरिक्त आसनों का एक संयोजन है, कुल 84 आसन हैं ।
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पद्मासन योग को शरीर और मन दोनों की बेहतर सेहत के लिए सबसे कारगर योगाभ्यास के तौर पर जाना जाता है। आराम की मुद्रा में बैठकर किया जाने वाला यह योगासन कूल्हों, टखनों और घुटनों के लिए विशेष लाभकारी माना जाता है। इस योग का अभ्यास मस्तिष्क को शांत करने से लेकर जागरूकता और ध्यान बढ़ाने में भी फायदेमंद पाया गया है। मासिक धर्म की परेशानियों और जोड़ों को समस्याओं को दूर करने में भी इस योग के अभ्यास से लाभ मिल सकता है।
योगासनों के अभ्यास की आदत शरीर के लिए कई प्रकार से लाभकारी हो सकती है। मानसिक और शारीरिक दोनों तरह की सेहत को फिट रखने के लिए दिनचर्या में इनको शामिल करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। योग विशेषज्ञ बताते हैं कि किसी भी उम्र के लोग दैनिक रूप से योगाभ्यास करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं। योग के प्रभावों को जानने के लिए किए गए कई अध्ययनों में शोधकर्ताओं ने पाया कि कुछ योगासन शरीर को बीमारियों से सुरक्षित रखते हुए अद्भुत लाभ दे सकते हैं, सभी लोगों को इनकी आदत बनानी चाहिए।
योग विशेषज्ञ बताते हैं, अक्सर लोग सोचते हैं कि अधिक तीव्रता वाले अभ्यास ही शरीर के लिए कारगर होते हैं पर वास्तव में ऐसा नहीं है। कुछ योगासनों के लिए आपको ज्यादा मेहनत की आवश्यकता नहीं होता है, फिर भी उनसे शरीर को कई प्रकार के लाभ पाए जा सकते हैं। बच्चों और बुजुर्गों के लिए ऐसे अभ्यास विशेष लाभकारी हो सकते हैं।
आइए ऐसे ही कुछ कम तीव्रता वाले योगासनों के बारे में जानते हैं जो शरीर के लिए कई प्रकार से फायदेमंद हो सकते हैं।
पद्मासन योग को शरीर और मन दोनों की बेहतर सेहत के लिए सबसे कारगर योगाभ्यास के तौर पर जाना जाता है। आराम की मुद्रा में बैठकर किया जाने वाला यह योगासन कूल्हों, टखनों और घुटनों के लिए विशेष लाभकारी माना जाता है। इस योग का अभ्यास मस्तिष्क को शांत करने से लेकर जागरूकता और ध्यान बढ़ाने में भी फायदेमंद पाया गया है। मासिक धर्म की परेशानियों और जोड़ों को समस्याओं को दूर करने में भी इस योग के अभ्यास से लाभ मिल सकता है।
वृक्षासन योग के नियमित अभ्यास को भी विशेषज्ञ काफी कारगर मानते हैं। वृक्षासन योग काफी आसानी से करके लाभ पाया जा सकता है। सभी आयु वर्ग के लोग इस अभ्यास को कर सकते हैं। वृक्षासन योग या ट्री पोज़ आपके पैरों और जोड़ों को मजबूत करने में मदद करता है। इसके अलावा शारीरिक संतुलन में सुधार करने और वजन को नियंत्रित बनाए रखने में भी इस योग के अभ्यास से लाभ पाया जा सकता है।
मार्जरी आसन जिसे कैट-काऊ पोज के रूप में जाना जाता है यह भी आसान लेकिन अति प्रभावी योगाभ्यास हो सकता है। यह एक ऐसी योग मुद्रा है जिसे संतुलन में सुधार करने और पीठ दर्द वाले लोगों के लिए आदर्श अभ्यास के तौर पर जाना जाता है। तनाव को कम करने और पेट के अंगों को स्वस्थ रखने के लिए भी इस योग के नियमित अभ्यास से लाभ पाया जा सकता है।
मार्जरी आसन का अभ्यास करके सभी आयुवर्ग के लोग लाभ पा सकते हैं।
Read Full Blog...सूर्य नमस्कार 12 चरणों में किया जाने वाला आसन है जिसमें प्रणामासन, हस्त उत्तानासन, हस्तपादासन, अश्व संचलानासन, अधो मुख श्वानासन, पर्वतासन, अष्टांग नमस्कार , भुजंगासन, अधो मुख श्वानासन/ पर्वतासन, अश्व संचलानासन, हस्तपादासन शामिल हैं.
Read Full Blog...एक्यूप्रेशर एक ऐसी तकनीक है जिसका इस्तेमाल सदियों से चीन में किया जाता रहा है. इसमें शरीर के विभिन्न अंगों पर प्रेशर डाल कर समस्याओं का इलाज किया जाता है. जानते हैं हाथों में एक्यूपॉइंट्स और उनके फायदों के बारे में.
Acupressure points on hands: हेल्थ प्रॉब्लम्स से राहत पाने के लिए सदियों से अलग-अलग तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता रहा है. इन्ही में से एक है एक्यूप्रेशर. यह एक हीलिंग आर्ट है, जिसका इस्तेमाल हजारों सालों से चीन में किया जा रहा है. एक्यूप्रेशर, रोगों के उपचार के लिए एक्यूपंक्चर के सिद्धांतों का पालन करता है. इसमें शरीर के कुछ खास पॉइंट्स पर प्रेशर ड़ाल कर इलाज किया जाता है. इन पॉइंट्स को एक्यूपॉइंट्स कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि इन पॉइंट्स पर प्रेशर डालने से कई तकलीफों से छुटकारा पाया जा सकता है. ऐसे ही कुछ एक्यूपॉइंट्स हाथों में भी होते हैं. आइए जानें हाथों में एक्यूप्रेशर पॉइंट्स के क्या हो सकते हैं फायदे.
वेबएमडीके अनुसार एक्यूप्रेशर प्रैक्टिशनर्स शरीर के एक्यूपॉइंट्स पर उंगलियों, हथेलियों, पैरों, कोहनी या किसी खास डिवाइस का इस्तेमाल कर के प्रेशर डालते हैं. कई बार एक्यूप्रेशर में स्ट्रेचिंग और एक्यूप्रेशर मसाज भी शामिल होती है. हाथों में एक्यूप्रेशर पॉइंट्स इस प्रकार हैं और इन के यह फायदे होते हैं।
Read Full Blog...ताड़ासन को पर्वत मुद्रा भी कहा जाता है। ताड़ासन करने से बच्चों की हाइट बढ़ने में मदद मिल सकती है। ताड़ासन बच्चों की मांसपेशियों में खिंचाव पैदा करके शरीर को लचीला बनाकर उनका कद तेजी से बढ़ता है। छोटे कद के बच्चों को हाइट बढ़ाने के लिए अक्सर ताड़ासन करने की सलाह दी जाती है। ताड़ासन करने के लिए सबसे पहले जमीन पर सीधे खड़े होकर अपने दोनों पैरों को आपस में मिलाते हुए दोनों हथेलियों को बगल में रखें। इसके बाद पूरे शरीर को स्थिर रखते हुए दोनों पैरों पर अपने शरीर का वजन सामान रखें। इसके बाद दोनों हथेलियों की अंगुलियों को मिलाते हुए सिर के ऊपर ले जाएं। हथेलियां सीधी रखें, फिर सांस भरते हुए अपने हाथों को ऊपर की ओर खींचें। ऐसा करने से कंधों और छाती पर खिंचाव महसूस होगा। अब पैरों की एड़ी को ऊपर उठाएं और पैरों की अंगुलियों पर शरीर का संतुलन बनाए रखिए। कुछ देर इस स्थिति में बने रहें। थोड़ी देर बाद सांस छोड़ते हुए हाथों को वापस सिर के ऊपर ले आएं। इस आसन को प्रतिदिन 10-12 बार कर सकते हैं।
सर्वांगासन को शोल्डर स्टैंड योगा पोज भी कहा जाता है। सर्वांगासन करने से शरीर के सभी आंतरिक अंगों को मजबूती मिलने के साथ बच्चों की हाइट बढ़ाने में भी फायदा मिलता है। सर्वांगासन का अभ्यास शरीर में लचीलापन लाकर हाइट बढ़ाने के साथ आंखों की रोशनी और याददाश्त बढ़ाने में भी मददगार होता है। सर्वांगासन करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर सीधे लेटकर हाथों को शरीर के बगल में रखें। इसके बाद पैरों को कूल्हों के पास रखें। अब अपने पैरों को पहले 30 डिग्री, फिर 60 डिग्री, और फिर 90 डिग्री तक उठाएं। इसके बाद हाथों को दबाते हुए पैरों को सिर की ओर लाएं। ऐसा करते हुए कोहनियों को पास में लेकर आएं। हाथों को पीठ के साथ रखें और कमर और पैरों को सीधा रखें। ऐसा करते हुए लंबी गहरी सांसें लें। वापस नीचे लौटते समय हाथों को नीचे लाएं। शुरुआत में इस आसन को 30 सेकेंड से एक मिनट तक करें। बाद में इसकी समय अवधि बढ़ाते जाएं।
Read Full Blog...अगर आप भी बालों के झड़ने, कमजोर और पतले बालों की समस्या से परेशान हैं, तो अब चिंता छोड़िए! बस रोज़ाना ये 4 प्रभावी योगासन करें और बालों की ग्रोथ को नैचुरली बढ़ाएं। बिना महंगे प्रोडक्ट्स के, घर पर ही अपने बालों को बनाएं खूबसूरत और हेल्दी – जानिए कैसे!
आजकल बालों की झड़ने की समस्या (Hair fall problem) से हर दूसरा व्यक्ति परेशान है। सही खानपान और देखभाल के बावजूद, कई लोग कमजोर और दोमुंहे बालों की समस्या झेलते हैं। महंगे ट्रीटमेंट और हेयर प्रोडक्ट्स का सहारा लेने से पहले, आपको अपनी दिनचर्या में कुछ आसान योगासन (Yoga) जोड़ने चाहिए। ये योगासन न केवल बालों की ग्रोथ को बढ़ाते हैं बल्कि उनके ओवरऑल हेल्थ को भी सुधारते हैं।विटामिन और फ़ूड सप्लीमेंट खरीदें
सर्वांगासन
यह आसन सिर में रक्त प्रवाह को बढ़ाने के साथ-साथ शरीर का संतुलन बनाए रखने और पॉश्चर सुधारने में सहायक है। इससे बालों की ग्रोथ अच्छी होती है और वे मजबूत बनतेयह योगासन सूर्य नमस्कार के 12 मुद्राओं में से एक महत्वपूर्ण आसन है। यह ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाकर स्कैल्प तक ऑक्सीजन की आपूर्ति करता है, जिससे बालों की ग्रोथ में मदद मिलती है।
कैसे करें:
पैरों को अलग करके खड़े हो जाएं और धीरे-धीरे अपने हाथों से फर्श तक पहुंचे।
अपने हाथों और पैरों को फैलाकर कुछ कदम पीछे जाएं।
सिर नीचे की ओर झुकाकर 30-45 सेकंड तक इस मुद्रा में रहें।
कपालभाति प्राणायाम
यह प्राणायाम सिर और चेहरे में ऑक्सीजन फ्लो को बढ़ाता है और फ्री रेडिकल्स को कम करता है। इससे बालों का झड़ना कम होता है और ग्रोथ बेहतर होती है ।
कैसे करें:
इसे रोजाना 1-2 मिनट तक करें।
क्रॉस लेग पोजीशन में बैठें और पीठ, गर्दन, सिर को सीधा रखें।
हथेलियों को घुटनों पर रखें और गहरी सांस लें।
पेट की मांसपेशियों को सिकोड़ते हुए तेजी से सांस बाहर निकालें।
यह आसन पाचन क्रिया को सुधारने और मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है, जिससे बालों के झड़ने की समस्या को रोका जा सकता है।
कैसे करें:
अपने घुटनों को मोड़कर चटाई पर बैठें।
हाथों को सामने फैलाएं और सांस छोड़ते हुए नीचे झुकें।
सिर और हथेलियों को जमीन से स्पर्श कर 30 सेकंड तक इसी मुद्रा में रहें।
Read Full Blog...Yoga For Sharp Brain: दिमाग को तेज करने के लिए आप नियमित रूप से कुछ योगासनों का अभ्यास कर सकते हैं। आइए, जानते हैं इसके बारे में विस्तार से -
Yoga Poses For Sharp Brain: क्या आप भी चीजों को रखकर भूल जाते हैं या किसी चीज पर फोकस नहीं कर पाते हैं? अगर हां, तो इसका मतलब आपका दिमाग कमजोर हो रहा है। दरअसल, आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में मानसिक रूप से शांत रहना बहुत जरूरी हो गया है। गलत खानपान, खराब जीवनशैली और बढ़ते तनाव के कारण मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे में, दिमाग को तेज करने के लिए आप कुछ योगासन कर सकते हैं। आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे योगासनों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो दिमाग तेज करने में मददगार साबित हो सकते हैं। तो आइए, जानते हैं इनके बारे में विस्तार से –
इस आसन को करने के लिए योगा मैट पर खड़े हो जाए।इस दौरान अपने बाएं पैर पर शरीर का वजन संतुलित करें और सीधे खड़े रहने की कोशिश करें।इसके बाद सांस लेते हुए, अपने दोनों हाथों को सिर के ऊपर ले जाकर नमस्कार की मुद्रा बनाएं।इस स्थिति में 30-60 सेकंड तक रहे।फिर सांस छोड़ते हुए प्रारंभिक मुद्रा में आ जाएं।इस प्रक्रिया को 3-5 बार दोहराएं।
इस योगासन को करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं।अपने शरीर का सारा भार एड़ियों पर डाल दें।अब गहरी सांस भरते हुए आगे की ओर झुकें। ध्यान रहे कि आपका सीना जांघों से छूना चाहिए।फिर अपने माथे से फर्श को छूने की कोशिश करें।इस स्थिति में कुछ सेकंड तक बने रहने के बाद वापस सामान्य अवस्था में आ जाएं।इस प्रक्रिया को 3-5 बार दोहराएं।
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं।अपने हाथों को शरीर के पास रखें और हथेलियां को जमीन की तरफ रखें।इसके बाद सांस अंदर लेते हुए पैरों को धीरे-धीरे उठाएं और और 90 डिग्री का कोण बनाएं।अब अपनी पीठ को भी ऊपर उठाते हुए सांस बाहर छोड़ते हुए ले जाएं।फिर धीरे-धीरे पैरों के पंजों को जमीन से छूने की कोशिश करें।इस स्थिति में 30 सेकंड के लिए रहें।फिर धीरे-धीरे प्रारंभिक अवस्था में लौट आएं।इस प्रक्रिया को 3-5 बार दोहराएं।
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर सुखासन में बैठ जाएं।अब अपने दोनों पैरों को सामने की ओर सीधा करके बैठ जाएं।इस दौरान दोनों एड़ी और पंजे मिले रहेंगे।अब सांस छोड़ते हुए और आगे की ओर झुकते हुए दोनों हाथों से दोनों पैरों के अंगूठे पकड़ लें।माथे को घुटनों से लगाएं और दोनों कोहनियों को जमीन पर टिकाएं।
इस मुद्रा में 1-2 मिनट तक रहें।इसके बाद अपनी प्रारंभिक मुद्रा में लौट आएं।इस प्रक्रिया को 3-5 बार दोहराएं।
इस आसन काे करने के लिए योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं।
अब अपने पैराें काे ऊपर उठाएं और अपने दाेनाें हाथाें से कमर काे सहारा दें।
इस दौरान अपने पैराें काे एकदम सीधा रखें।
इस मुद्रा में 30-50 सेकंड रुकने के बाद सामान्य अवस्था में आ जाएं।
इस प्रक्रिया को 3-5 बार दोहराएं।
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