Blog by vanshika pal | Digital Diary
" To Present local Business identity in front of global market"
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बुखार के लिए, शरीर को आराम देना, खूब पानी पीना, और हल्का भोजन करना बहुत ज़रूरी है। इसके अलावा, ठंडे पानी की पट्टियां लगाना, गिलोय और लहसुन का सेवन करना भी फायदेमंद हो सकता है।
आराम करें:
बुखार में शरीर को पूरी तरह आराम दें।
हाइड्रेटेड रहें:
खूब पानी, नारियल पानी, या हर्बल चाय पिएं।
हल्का भोजन करें:
खिचड़ी, दलिया, और फल खाएं।
ठंडे पानी की पट्टियां लगाएं:
ठंडे पानी में कपड़े को भिगोकर माथे, बगल, हाथ-पैर, या गर्दन पर रखें।
गिलोय का सेवन करें:
गिलोय को पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर पिएं।
लहसुन का सेवन करें:
लहसुन को पानी में उबालकर या पैरों के तलवों पर लगाकर इस्तेमाल करें।
अदरक का सेवन करें:
अदरक में एंटीवायरल गुण होते हैं।
तरल पदार्थों का सेवन करें:
जूस, सूप, या नारियल पानी पिएं।
हल्का भोजन करें:
सूप, खिचड़ी, और जौ का पानी पिएं।
प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले मसाले शामिल करें:
जीरा, काली मिर्च, और दालचीनी का सेवन करें।
विटामिन सी से भरपूर फल खाएं:
जैसे संतरा, अंगूर, स्ट्रॉबेरी, कीवी, पपीता, तरबूज, खीरा, नारियल पानी, जामुन, अनार, आम और अनानास।
Read Full Blog...बालों के झड़ने के मुख्य कारण हैं आयरन, जिंक, बायोटिन (विटामिन B7), और विटामिन D की कमी। इनके अलावा, प्रोटीन, विटामिन B और C की कमी भी बालों के झड़ने का कारण बन सकती है।तनाव, आनुवंशिकी, और उम्र से संबंधित परिवर्तन भी बालों के झड़ने में योगदान करते हैं।
आयरन:
आयरन की कमी से एनीमिया हो सकता है, जिससे बालों के झड़ने की समस्या बढ़ जाती है.
जिंक:
जिंक की कमी से बाल झड़ते हैं क्योंकि यह बालों के रोमछिद्रों के स्वस्थ विकास के लिए आवश्यक है.
बायोटिन (विटामिन B7):
यह बालों के स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी है, और इसकी कमी से बाल कमजोर हो सकते हैं और झड़ने लग सकते हैं.
विटामिन D:
विटामिन डी नए बालों के रोमछिद्रों के निर्माण में मदद करता है, और इसकी कमी से बालों का विकास प्रभावित हो सकता है.
प्रोटीन:
बालों के स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त प्रोटीन का सेवन ज़रूरी है.
विटामिन B और C:
ये विटामिन भी बालों के समग्र स्वास्थ्य और विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं.
अन्य कारण:
तनाव:
उच्च तनाव स्तर बालों के झड़ने का कारण बन सकता है.
आनुवंशिकी:
कुछ मामलों में, बालों का झड़ना आनुवंशिक भी हो सकता है.
उम्र:
उम्र के साथ बालों के घनत्व में कमी आना एक सामान्य प्रक्रिया है.
हार्मोनल बदलाव:
हार्मोनल असंतुलन भी बालों के झड़ने का कारण बन सकता है.
क्या करें?
संतुलित आहार:
अपने आहार में पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे पत्तेदार सब्जियां, फल, मेवे, बीज, अंडे और मछली शामिल करें.
धूप लें:
विटामिन डी के लिए पर्याप्त मात्रा में धूप लेना फायदेमंद हो सकता है।
Read Full Blog...अगर आपको रात को नींद नहीं आ रही है, तो सोने से पहले कैफीन से बचें, सोने के लिए एक शांत वातावरण बनाएँ और नियमित व्यायाम करें, लेकिन बिस्तर पर जाने से कुछ घंटे पहले। एक शांत दिनचर्या बनाएँ और सोने से पहले गैजेट्स के उपयोग से बचें. अगर आप जागते रहते हैं, तो बिस्तर से उठकर कुछ देर आराम करें और जब नींद आने लगे तब वापस जाएं।
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कौन सा तेल लगाने से बाल नहीं झड़ते हैं। बालों को झड़ने से रोकने और उन्हें मजबूत बनाने के लिए कई तेल फायदेमंद होते हैं। इनमें नारियल तेल, अरंडी का तेल (कैस्टर ऑयल), भृंगराज तेल, और आंवला तेल शामिल हैं। विभिन्न तेलों के फायदे: नारियल तेल: इसमें फैटी एसिड और विटामिन ई होते हैं, जो बालों को पोषण देते हैं और जड़ों को मजबूत करते हैं। अरंडी का तेल (कैस्टर ऑयल): इसमें रिकिनोलेइक एसिड होता...
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बालों को झड़ने से रोकने और उन्हें मजबूत बनाने के लिए कई तेल फायदेमंद होते हैं। इनमें नारियल तेल, अरंडी का तेल (कैस्टर ऑयल), भृंगराज तेल, और आंवला तेल शामिल हैं।
विभिन्न तेलों के फायदे:
नारियल तेल:
इसमें फैटी एसिड और विटामिन ई होते हैं, जो बालों को पोषण देते हैं और जड़ों को मजबूत करते हैं।
अरंडी का तेल (कैस्टर ऑयल):
इसमें रिकिनोलेइक एसिड होता है, जो बालों के रोमछिद्रों में रक्त संचार बढ़ाकर बालों को मजबूत बनाता है।
भृंगराज तेल:
यह आयुर्वेदिक तेल बालों की जड़ों को मजबूत करने और बालों के झड़ने को रोकने में कारगर है।
आंवला तेल:
इसमें विटामिन सी और प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो बालों को झड़ने से रोकने और उन्हें घना बनाने में मदद करते हैं।
अन्य तेल:
जैतून का तेल, बादाम का तेल, और प्याज का तेल भी बालों के लिए फायदेमंद होते हैं।
तेल लगाने का तरीका:
तेल को हल्का गुनगुना करके बालों की जड़ों में लगाएं और 2-3 घंटे बाद धो लें। आप चाहें तो रात भर भी तेल लगाकर छोड़ सकते हैं और सुबह माइल्ड शैम्पू से धो सकते हैं।
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बालों को झड़ने से रोकने के घरेलू उपाय (Home Remedies for Hair Fall) बालों का झड़ना (Hair Fall) एक आम समस्या बन गई है लेकिन इसका जल्द से जल्द इलाज करना भी बहुत जरूरी होता है । क्योंकि आजकल लोगों की जीवनशैली और खान-पान इतनी बुरी हो गई है कि इसका सीधा असर बालों पर पड़ता है। ऊपर से प्रदूषण और हेयर प्रोडक्ट के केमिकल के कारण भी बालों पर असर पड़ता है, जो बाद में बालों के झड़ने का कारण बन जाता है। वैसे तो...
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बालों का झड़ना (Hair Fall) एक आम समस्या बन गई है लेकिन इसका जल्द से जल्द इलाज करना भी बहुत जरूरी होता है । क्योंकि आजकल लोगों की जीवनशैली और खान-पान इतनी बुरी हो गई है कि इसका सीधा असर बालों पर पड़ता है। ऊपर से प्रदूषण और हेयर प्रोडक्ट के केमिकल के कारण भी बालों पर असर पड़ता है, जो बाद में बालों के झड़ने का कारण बन जाता है। वैसे तो लोग बाल संबंधी किसी भी समस्या के लिए सबसे पहले घरेलू नुस्ख़ों को आजमाते हैं। चलो जानते हैं बालों का झड़ना कैसे रोके घरेलू उपाय द्वारा:
बालों के झड़ने के लिए प्रभावी घरेलू उपचार में प्याज का रस, करी पत्ते के साथ नारियल तेल, एलोवेरा और मेथी के बीज का उपयोग करना शामिल है। ये उपचार अपने गुणों के लिए जाने जाते हैं जो खोपड़ी को पोषण देते हैं, बालों के रोम को मजबूत करते हैं और बालों के विकास को बढ़ावा देते हैं
Read Full Blog...बालों के झड़ने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन कुछ प्रमुख पोषक तत्वों की कमी से बाल काफी झड़ सकते हैं। विटामिन डी, आयरन, बायोटिन और जिंक की कमी से बाल अधिक झड़ते हैं।
विस्तार से जानिए :
सेविटामिन डी: यह विटामिन बालों के विकास चक्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह नए बालों के रोमों के निर्माण में मदद करता है और मौजूदा रोमों के स्वास्थ्य को बनाए रखता है।
आयरन: आयरन की कमी से एनीमिया हो सकता है, जिससे बाल झड़ सकते हैं। यह विशेष रूप से महिलाओं में आम है, खासकर मासिक धर्म के दौरान।
बायोटिन: बायोटिन, जिसे विटामिन बी7 भी कहा जाता है, बालों के रोमों को स्वस्थ रखने और बालों के विकास को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है।
जिंक: जिंक बालों के विकास और मरम्मत के लिए एक आवश्यक खनिज है।
इन पोषक तत्वों की कमी के अलावा, अन्य कारक भी बालों के झड़ने का कारण बन सकते हैं, जैसे कि:
अनुवांशिक कारक:
बालों का झड़ना आनुवंशिक भी हो सकता है।
हार्मोनल परिवर्तन:
गर्भावस्था, प्रसव, रजोनिवृत्ति और थायरॉयड की समस्याएं बालों के झड़ने का कारण बन सकती हैं।
तनाव:
तनाव बालों के झड़ने का एक सामान्य कारण है।
कुछ दवाएं:
कुछ दवाएं, जैसे कि कैंसर रोधी दवाएं, बालों के झड़ने का कारण बन सकती हैं।
स्वास्थ्य स्थितियां:
कुछ स्वास्थ्य स्थितियां, जैसे कि थायरॉयड रोग और ऑटोइम्यून रोग, बालों के झड़ने का कारण बन सकती हैं।
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अच्छा स्वास्थ्य खुशी को बढ़ावा देता है, जो किसी भी भौतिक संपत्ति से कहीं अधिक मूल्यवान उपहार है। एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाना हर किसी की दिनचर्या का अभिन्न अंग होना चाहिए। एक स्वस्थ मन प्रेरणा और उत्पादकता को जन्म देता है। अपने बारे में अच्छा महसूस करना, खुशी को बढ़ावा देना, ज़रूरी है।
यह पता लगाने के लिए कि आप स्वस्थ हैं या नहीं, आप कुछ संकेतों और लक्षणों पर ध्यान दे सकते हैं जो आपके शरीर और दिमाग द्वारा दिए जाते हैं। इनमें शामिल हैं: ऊर्जा का स्तर, नींद की गुणवत्ता, पाचन, मनोदशा, और शारीरिक कार्य।
पाचन:
नियमित रूप से बिना जोर लगाए मल त्याग करना, दिन में एक या दो बार मल त्याग करना, स्वस्थ पाचन का संकेत है.
ऊर्जा स्तर:
पर्याप्त ऊर्जा होना, थकान महसूस न करना, और दिन भर सक्रिय रहना स्वस्थ होने के लक्षण हैं.
मानसिक स्वास्थ्य:
खुश रहना, तनाव से मुक्त रहना, और सामाजिक रूप से सक्रिय रहना स्वस्थ मानसिक स्वास्थ्य का संकेत है.
शारीरिक गतिविधि:
बिना किसी परेशानी के दिन भर खड़े रहना, ज़ोरदार व्यायाम के बाद जल्दी ठीक हो जाना, और स्वस्थ भोजन करने की इच्छा रखना, अच्छे शारीरिक स्वास्थ्य के लक्षण हैं.
अन्य लक्षण:
त्वचा का स्वस्थ होना, बालों का चमकदार होना, और आंखों का साफ होना भी अच्छे स्वास्थ्य के संकेत हैं.
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चेहरे पर पिंपल्स (मुहांसों) से छुटकारा पाने के लिए, कुछ घरेलू उपाय और त्वचा की देखभाल की आदतों को अपनाया जा सकता है। इनमें चेहरे को नियमित रूप से धोना, पिंपल्स को न फोड़ना, और कुछ प्राकृतिक उपचारों का उपयोग करना शामिल है।
दिन में दो बार, एक सौम्य, साबुन-रहित, पीएच-संतुलित फेस वॉश का उपयोग करके अपना चेहरा धोएं।
पिंपल्स को फोड़ने से सूजन और संक्रमण हो सकता है, जिससे निशान पड़ सकते हैं।
सूजन को कम करने के लिए, पिंपल्स पर बर्फ लगाएं।
गर्म सेंक से पिंपल्स में जमाव कम हो सकता है।
शहद और दालचीनी का पेस्ट बनाकर पिंपल्स पर लगाएं.
बेकिंग सोडा और पानी का पेस्ट बनाकर पिंपल्स पर लगाएं
दही और शहद को मिलाकर पिंपल्स पर लगाएं।
एलोवेरा जेल या छिलके को पिं
पल्स पर लगाएं।
Read Full Blog...ओवरथिंकिंग (Overthinking) के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें डर, असुरक्षा, आत्मविश्वास की कमी के नकारात्मक अनुभव, और वर्तमान में माइंडफुलनेस की कमी शामिल हैं।
लोग अक्सर भविष्य या किसी विशेष स्थिति के बारे में नकारात्मक परिणाम की आशंका से डरते हैं, जिससे वे अत्यधिक सोचने लगते हैं।
जिन लोगों में आत्मविश्वास की कमी होती है, वे अपने फैसलों पर संदेह करते हैं और हर चीज का विश्लेषण करते रहते हैं।
अतीत में हुए नकारात्मक अनुभवों से व्यक्ति डर सकता है कि वे फिर से न हों, इसलिए वे हर संभावित खतरे के बारे में सोचने लगते हैं।
कुछ लोग हर चीज को पूरी तरह से सही करना चाहते हैं, जिससे वे हर छोटी-छोटी बात पर जरूरत से ज्यादा सोचने लगते हैं।
जो लोग वर्तमान क्षण में जीने में सक्षम नहीं होते हैं, वे अक्सर अतीत या भविष्य के बारे में सोचते रहते हैं, जिससे ओवरथिंकिंग हो सकती है।
ओवरथिंकिंग अक्सर चिंता और अवसाद जैसी मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों का एक लक्षण हो सकता है।
Read Full Blog...अपने विचारों को वर्तमान पर केंद्रित करने का अभ्यास करें, जैसे कि अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करना या अपनी इंद्रियों का उपयोग करके अपने आसपास की दुनिया को महसूस करना।
नकारात्मक विचारों को सकारात्मक विचारों से बदलने का प्रयास करें।
ध्यान और योग तनाव और चिंता को कम करने और मानसिक स्पष्टता बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
व्यायाम करने से तनाव कम होता है और मूड बेहतर होता है।
दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताने से अकेलेपन और नकारात्मक विचारों से बचा जा सकता है।
यदि आप ओवरथिंकिंग से जूझ रहे हैं और यह आपकी दैनिक जीवनशैली को प्रभावित कर रहा है, तो किसी मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से बात करें।
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