Blog by vanshika pal | Digital Diary
" To Present local Business identity in front of global market"
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नियमित नींद की दिनचर्या:
हर दिन एक ही समय पर सोएं और जागें, यहां तक कि सप्ताहांत में भी, ताकि आपके शरीर का प्राकृतिक नींद-जागने का चक्र (सर्कैडियन रिदम) स्थापित हो सके.
शांत वातावरण:
अपने बेडरूम को अंधेरा, शांत और ठंडा रखें.
सोने से पहले आराम:
सोने से पहले गर्म पानी से स्नान करें, किताबें पढ़ें, या शांत संगीत सुने।
आहार:
सोने से कम से कम दो-तीन घंटे पहले हल्का भोजन करें, और रात के खाने में भारी, तैलीय, या मसालेदार भोजन से बचें.
शराब और कैफीन से बचें:
सोने से पहले शराब और कैफीन का सेवन न करें, क्योंकि ये नींद में खलल डाल सकते हैं.
इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से बचें:
सोने से कम से कम एक घंटे पहले मोबाइल, लैपटॉप, या टीवी स्क्रीन का उपयोग बंद कर दें.
योग और श्वास व्यायाम:
योग और श्वास व्यायाम, जैसे कि 4-7-8 श्वास तकनीक, सोने से पहले दिमाग को शांत करने और नींद को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं.
हर्बल चाय:
सोने से पहले कैमोमाइल या लैवेंडर चाय का सेवन करें, जो शांत प्रभाव डालती है.
गर्म दूध:
सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध पीने से भी नींद अच्छी आती है.
ध्यान और योग निद्रा:
ध्यान और योग निद्रा अनिद्रा और बेचैनी को कम करने में मदद कर सकते हैं.
अश्वगंधा और ब्राह्मी:
ये आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां नींद की गुणवत्ता में सुधार कर सकती हैं.
चेरी:
चेरी में मेलाटोनिन होता है, जो नींद को विनियमित करने में मदद करता है.
अन्य सुझाव:
ब्राह्मी, सुध गुग्गुल, कैशोरा गुग्गुलु, सारिवाद्यासव, चिरबिल्वादि कशाय, एरंडामूलादि कशाय, पुनर्नवाष्टक क्वाथ, कंचनरा गुग्गुल, नागकेसर, अमलकी, सप्तसार कषाय, अश्वगंधा, गुडूची और अर्जुन जैसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ कुछ अद्भुत जड़ी-बूटियाँ हैं जो सूजन को कम करने, रक्त परिसंचरण में सुधार और नसों की टोनिंग में मदद कर सकती ...
शतावरी: आयुर्वेदिक चिकित्सा में एक श्रद्धेय जड़ी बूटी, शतावरी हार्मोनल संतुलन को बढ़ावा देती है, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती है और प्रजनन स्वास्थ्य का समर्थन करती है।
Read Full Blog...बीमारियों के लिए घरेलू उपचार में विभिन्न प्रकार की सामान्य बीमारियों के लिए प्राकृतिक और पारंपरिक तरीकों का उपयोग शामिल है। इनमें से कुछ सामान्य उपचारों में शामिल हैं:
गर्म पानी की बोतल या हीटिंग पैड का उपयोग करके पेट पर सिकाई करें, या केले, चावल, सेब और टोस्ट जैसे आसानी से पचने वाले खाद्य पदार्थ खाएं।
एक गिलास गर्म पानी में आधा नींबू का रस मिलाकर पिएं, या मेथी के बीज को पानी में उबालकर पिएं।
बथुए का रस पिएं, या कपूर और सरसों के तेल को मिलाकर मालिश करें।
मुनक्का, हरड़ और चीनी को पीसकर चटनी बना लें।
कर्पूर को पानी में डालकर पिएं।
कर्पूरसाव की कुछ बूंदें पानी के साथ लें।
तुलसी के पत्तों को पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर पीने से सर्दी, खांसी और बुखार में आराम मिलता है।
अदरक और शहद का मिश्रण गले में खराश और खांसी के लिए एक प्रभावी उपाय है।
भाप लेने से बंद नाक और छाती की जकड़न से राहत मिलती है।
नींबू पानी पीने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है और गले की खराश में भी आराम मिलता है।
नमक के पानी से गरारे करने से गले में दर्द और सूजन कम होती है।
पर्याप्त नींद लेने से शरीर को ठीक होने में मदद मिलती है।
स्वस्थ आहार लेने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।
नियमित व्यायाम करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
Read Full Blog...सर्दी-जुकाम होने पर आप कई घरेलू उपाय आजमा सकते हैं। कुछ प्रभावी उपाय हैं:
गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारे करने से गले को आराम मिलता है और गले की खराश कम होती है।
तुलसी में एंटीवायरल गुण होते हैं, जो सर्दी-जुकाम से लड़ने में मदद करते हैं।तुलसी के पत्तों को पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर पिएं।
हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सर्दी-जुकाम के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं।हल्दी को दूध में मिलाकर पिएं।
भाप लेने से बंद नाक और छाती की जकड़न से राहत मिलती है।एक बर्तन में गर्म पानी लें और उसमें यूकेलिप्टस तेल या पुदीना तेल की कुछ बूंदें मिलाएं । अपने सिर को तौलिये से ढककर भाप लें।
शहद में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो गले को आराम पहुंचाते हैं और खांसी को कम करते हैं।शहद को सीधे या गर्म पानी या चाय में मिलाकर ले सकते हैं।
सर्दी-जुकाम होने पर शरीर को आराम देना बहुत जरूरी है। पर्याप्त नींद लेने से शरीर को ठीक होने में मदद मिलती है।
Read Full Blog...I am fond of books.Books release every kind of mental tension. Reading book is very good for mental health . I have read many books .But,the Ramcharit Manas is my favourite book which is considered a very religious book among the Hindus.
Goswami tulsidas wrote it . But it is popularly called the Ramayana . Dashratha was a famous king of Ayodhya . Rama was his eldest son. Hello was sent to forest for fourteen years at the whim of Queen kaikeyi,his stepmother. Rama went to forest with his wife Sita and his younger brother Laxmana. In the forest sita was carried off forcibly by Ravana, the king of Lanka. So Rama invaded Lanka.After a fierce battle ravana was killed and Rama got sita back. Then Rama returned to Ayodhya.
Characterization is the chief Attraction of the book .Rama was very brave,noble,kind-hearted, courageous,wise and obedient. In obedience his father's order he left Ayodhya .Laxmana was a faithful brother . Hello also left Ayodhya to be helpful to his elder brother. Sita was an ideal wife . Bharata had no greed for kingdom. Hello did not want to sit on Ayodhya 's throne . He refused to sit on it when the throne was offered to him. King Dashratha was a man of words. Rama was dearer to him more than his own life, but being bound by promised he exiled him . Reasons of My Liking : I like the book very much .it's language is simple and musical.it is full of wisdom. It is a storehouse of ideals worthy to be followed. Before us it presents a picture of an ideal society. It points out that the evil is punished and the good prevails in the end.
On account of these qualities,the Ramcharit Manas is the most popular book in India .it is widely read with devotion.Vir Savarkar said, India will not perish so long as the Ganga flows and the Ramayana is read .Read Full Blog...
डेस्क जॉब करने वालों में सर्वाइकल, स्ट्रेस, बॉडी पेन का होना अब आम है. क्या आप जानते हैं कि शरीर के कुछ हिस्सों को उंगलियों से दबाकर स्ट्रेस को कम किया जा सकता है. जानें इन तरीकों के बारे में...
कान के नीचे वाले हिस्से को इयर लोब बोला जाता है और अगर रोजाना इसकी 5 मिनट भी मालिश की जाए तो मेंटल हेल्थ में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक इससे याददाश्त और एकाग्रता भी बढ़ती है. कान के पीछे वाले हिस्से को उंगलियों से दबाने से स्ट्रेस, डिप्रेशन और सिरदर्द में राहत मिलती है।
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क्या आप जानते हैं कि गर्दन में भी एक प्रेशर प्वाइंट होता है जिसे दबाकर भी स्ट्रेस को खत्म किया जा सकता है. आपको बस गर्दन में रीढ़ की हड्ढी के आसपास की मांसपेशियों को उंगलियों से दबाना चाहिए. इस दौरान रीढ़ की हड्ढी पर जरा भी जोर नहीं डालना है. मांसपेशियों में अगर खिंचाव है तो उसमें भी आपको राहत मिलेगी.
योगासन से जुड़ी जानकारी।
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कलाई पर भी प्रेशर प्वाइंट होते हैं इन्हें दबाने से भी तनाव दूर होता है. आपको बस उंगलियों और अंगूठे के बीच के हिस्से को दबाना है और ऐसा महज 5 से 7 मिनट करना है. इसके अलावा हाथ को बंद रखें और खोलें क्योंकि इस तरीके से भी स्ट्रेस को कम करने में मदद मिलती है।
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योगा, शारीरिक पोज, सांस लेने की तकनीक, ध्यान का मिला-जुला कॉम्बिनेशन है। योग की मदद से आप शारीरिक और मानसिक तौर पर फिट हो सकते हैं। अगर आप रोजाना योगा करने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको हम यहां बता रहे हैं कुछ ऐसे योगासनों के बारे में जिनकी प्रेक्टिस आप रोजाना सुबह आसानी से कर सकते हैं।
- वज्रासन एक बेहद आसान पोज है जिसे आप आसानी से कर सके हैं। अगर आप योगा करने की शुरुआत कर रहे हैं, तो इस आसान से कर सकते हैं। इसे करने पर पेट के निचले हिस्से में ब्लड फ्लो बढ़ात है, पाचन में सुधार होता है। ये आसन पैरों और जांघों की नसों को मजबूत बनाता है। अगर आपको घुटनों और टखनों से जुड़ी समस्या है तो आप इस आसन को करने से बचें।
कोणासन करने के लिए आपको अपने साइड्स की तरफ झुकना होता है। इसे करने के लिए एक हाथ को आसमान की ओर फैलाना होता है जबकि दूसरे हाथ को पैर पर टिकाना होता है। इस आसन को करने से लचीलेपन, संतुलन और ताकत को बढ़ाने में मदद मिलती है। इसके अलावा इसे करने पर रीढ़ और कूल्हों में स्ट्रेस से राहत मिलती है। कब्ज से पीड़ित लोगों के लिए भी ये फायदेमंद है। जिन लोगों को घुटनों, कूल्हों, रीढ़, माइग्रेन का तेज दर्द या गर्दन पर चोट लगी हो उन लोगों को इससे बचना चाहिए।
इस आसन को रोजाना करने पर पैर मजबूत होते हैं। इस आसन को करते समय एक पैर जमीन पर टिका होता है जबकि दूसरा पैर जमीन पर टिके पैर की जांघ पर रखा होता है, जो पेड़ के तने जैसा दिखता है। मुद्रा को पूरा करने के लिए हाथों को ऊपर की ओर उठाएं। फोकस बढ़ाने, पैरों को मजबूत करने, संतुलन में सुधार के लिए इस आसन को रोजाना करें। घुटने, टखने या कूल्हे की चोट वाले व्यक्तियों के अलावा हाई ब्लड प्रेशर या चक्कर से पीड़ित व्यक्तियों को इस आसन को करने से बचना चाहिए।
Read Full Blog...आज हम आपको कुछ ऐसे योगासनों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे बिगिनर्स आसानी से कर सकते हैं
वृक्षासन दो शब्द मिलकर बना है 'वृक्ष' का अर्थ पेड़ और आसन योग मुद्रा की और दर्शाता है। इस आसन की अंतिम मुद्रा एकदम अटल होती है, जो वृक्ष की आकृति की लगती है, इसलिए इसे यह नाम दिया गया है। इस योग को करने पेड़ की तरह तनकर खड़े होकर किया जाता है।
त्रिकोण' का अर्थ होता है त्रिभुज और आसन का अर्थ योग है। इसका मतलब यह हुआ कि इस आसन में शरीर त्रिकोण की आकृति का हो जाता है, इसलिए इसका नाम त्रिकोणासन रखा गया है। इस आसन को करने से आप अपनी हड्डियों को मजबूत रख सकती हैं। इसके अलावा इस योग को करने से कमर दर्द को कम करने और मोटापा कम करने में बड़ी भूमिका निभाता है।
अंग्रेजी में वीरभद्रासन को वॉरियर पोज कहा गया है। इस आसन का जुड़ाव भगवान शिव जी से है। इस आसन का नाम ही भगवान शिव के एक अवतार 'वीरभद्र' के नामपर पड़ा है। अगर आप योग की शुरुआत कर रहे हैं, तो ये आसान आपके लिए एकदम सही है।
इन योगासनों के अलावा सुखासन भी सिंपल योगासनों में से एक है। अगर आप योग करने की शुरुआत कर रहे हैं, तो आप अपनी लिस्ट में इसे शामिल कर सकते हैं। क्योंकि इसके कई सारे हेल्थ बेनिफिट्स हैं। खासकर अगर आपको पेट खराब रहता है। क्योंकि यह योग आपका खाना अच्छे से तो पचता ही है। साथ ही, इससे आपकी कई और बीमारियां भी दूर हो जाती हैं।
ताड़ासन शरीर का लचीलापन ठीक करने के लिए बहुत उपयोगी है। क्योंकि इसे करने से मांसपेशियों में खिंचाव आता है और शरीर के पोस्चर में भी सुधार होने लगता है। इसका रिजल्ट पाने के लिए आप रोज नियमित रूप से ताड़ासन कर सकती हैं। इसके अलावा, यह बॉडी को वार्म-अप करने का भी काम करता है।
यह सबसे लोकप्रिय योग आसनों में से एक है। इस आसन को दिन में किसी भी समय किया जा सकता है। इसे करने से आपके बाउल मूवमेंट्स में सुधार होता है और यह पेट को प्रभावित करता है। इसे करने से ब्लड सर्कुलेशन में भी सुधार आता है।
ये एक्सरसाइज शरीर को आराम देने का काम करता है। अगर आप योग की शुरुआत कर रहे हैं, तो आप इसे अपने रूटीन में शामिल कर सकते हैं। इसको नियमित रूप से करने से शरीर का सारा दर्द खत्म हो जाता है। साथ ही, ये आसन उन महिलाओं या लोगों के लिए भी बेस्ट है, जो अधिक समय तक बैठकर काम करते हैं।
वैसे तो उत्तानासन बहुत कॉमन योगासन है। इसे रोजाना करने से रीढ़, हैमस्ट्रिंग, और ग्लूट्स से तनाव रिलीज होता है। यह हिप और पैरों को भी स्ट्रेच करता है। इस एक्सरसाइज में स्ट्रेच करते वक्त आपकी बैक साइड पूरी तरह से खुल जाएगी।
भुजंगासन एक ऐसा योग है जिसे नियमित रूप से करने से बॉडी का पोस्चर ठीक होने लगता है। इसके कई शारीरिक फायदे भी हैं, जिसे कई लोग कोबरा पोज़ के नाम से भी जानते हैं। आप कोबरा पोज को भी शुरुआत में अपनी एक्सरसाइज रूटीन में शामिल कर सकते हैं।
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