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एक्यूप्रेशर द्वारा गैस का इलाज कैसे करें?


ओ इसे पढ़ने से पहले इसके बारे में जरूर जाने। एक्यूप्रेशर क्या है उसके लाभ क्या है और इसके नुकसान क्या है? एक्यूप्रेशर द्वारा गैस का इलाज ऐसे करें। ST36 प्वाइंट घुटने से करीब 3 इंच नीचे होता है। पेट में गैस बनने पर आप अपने दो उंगुलियों को इस प्वाइंट पर रखें। दोनों उंगुलियों को इस प्वाइंट पर धीरे-धीरे घुमाएं और मसाज करें। 2-3 मिनट तक इस प्वाइंट को दबाने या मसाज करने से पेट की गैस आसानी से निकल जाती... Read More

ओ इसे पढ़ने से पहले इसके बारे में जरूर जाने।

एक्यूप्रेशर क्या है उसके लाभ क्या है और इसके नुकसान क्या है?

एक्यूप्रेशर द्वारा गैस का इलाज ऐसे करें।

ST36 प्वाइंट घुटने से करीब 3 इंच नीचे होता है। पेट में गैस बनने पर आप अपने दो उंगुलियों को इस प्वाइंट पर रखें। दोनों उंगुलियों को इस प्वाइंट पर धीरे-धीरे घुमाएं और मसाज करें। 2-3 मिनट तक इस प्वाइंट को दबाने या मसाज करने से पेट की गैस आसानी से निकल जाती है।

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कौन सी उंगली दबाने से सिर दर्द ठीक होता है।

 


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क्या एक्यूप्रेशर का कोई साइड इफेक्ट है? जाने!


क्या एक्यूप्रेशर का कोई साइड इफेक्ट है? उदाहरण के लिए, एक्यूप्रेशर पुराने या अस्थायी दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। यह स्वस्थ नींद के पैटर्न को भी बढ़ावा दे सकता है। एक्यूप्रेशर करवाने वाले ज़्यादातर लोगों को कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता। Read More

क्या एक्यूप्रेशर का कोई साइड इफेक्ट है?

उदाहरण के लिए, एक्यूप्रेशर पुराने या अस्थायी दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। यह स्वस्थ नींद के पैटर्न को भी बढ़ावा दे सकता है। एक्यूप्रेशर करवाने वाले ज़्यादातर लोगों को कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता।


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एक्यूप्रेशर क्या है उसके लाभ क्या है और इसके नुकसान क्या है?


एक्यूप्रेशर क्या है? एक्यूप्रेशर, इलाज का एक प्राचीन तरीका है। जिसमें शरीर के अलग-अलग हिस्सों के महत्वपूर्ण बिंदुओं​ ​​​पर दबाव डालकर बीमारी को ठीक करने की कोशिश की जाती है। घर पर एक्यूप्रेशर का उपयोग कैसे करें। एक्यूप्रेशर में पूरे शरीर में विशिष्ट बिंदुओं पर दृढ़ दबाव डाला जाता है। आराम से शुरुआत करें। कई बार गहरी साँस लें। दबाव बिंदु ढूंढें और अगले बिंदु पर जाने से पहले शरीर के दोनों तरफ 30 सेक... Read More

एक्यूप्रेशर क्या है?

एक्यूप्रेशर, इलाज का एक प्राचीन तरीका है। जिसमें शरीर के अलग-अलग हिस्सों के महत्वपूर्ण बिंदुओं ​​​पर दबाव डालकर बीमारी को ठीक करने की कोशिश की जाती है।

घर पर एक्यूप्रेशर का उपयोग कैसे करें।

एक्यूप्रेशर में पूरे शरीर में विशिष्ट बिंदुओं पर दृढ़ दबाव डाला जाता है। आराम से शुरुआत करें। कई बार गहरी साँस लें। दबाव बिंदु ढूंढें और अगले बिंदु पर जाने से पहले शरीर के दोनों तरफ 30 सेकंड से 1 मिनट तक दृढ़ दबाव डालें।

मतली - कुछ शोधों के अनुसार कलाई के एक्यूप्रेशर से मतली और उलटी का उपचार किया जा सकता हैं।

कैंसर - एक्यूप्रेशर थेरेपी कीमोथेरेपी से कैंसर के उपचार के तुरंत बाद होने वाली मतली से बचाती है और यह तनाव, ऊर्जा स्तर को बढ़ाने, दर्द कम करने और कैंसर या इसके उपचार के लक्षण कम करने में भी मदद कर सकती है।

दर्द - कुछ प्राथमिक प्रमाण यह बताते है कि एक्यूप्रेशर थेरेपी कमर दर्द, आपरेशन के बाद होने वाले दर्द और सिरदर्द में मदद कर सकती है। इससे अन्य तरह के दर्द में भी लाभ हो सकता है। (और पढ़े - नसों में दर्द का इलाज)

गठिया - कुछ अध्ययनों के अनुसार एक्यूप्रेशर थेरेपी से हमारे शरीर में एंडोर्फिन्स रिलीज़ होते हैं और यह थेरेपी एंटी-सूजन असर को बढ़ावा देती है, जिससे कुछ प्रकार के गठिया रोगों में मदद मिलती हैं।

अवसाद और चिंता - कुछ अध्ययन बताते है कि एक्यूप्रेशर थेरेपी से थकान और मनोदशा में सुधार हो सकता है।

एक्यूप्रेशर के नुकसान - 

किसी भी अन्य उपचार की ही तरह एक्यूप्रेशर थेरेपी के भी कुछ साइड इफेक्ट हो सकते हैं, जैसे कि -

  • गलत बिंदुओं पर दबाव डालने से परेशानी में कोई लाभ नहीं होता है और कभी-कभी इससे कोई दूसरी परेशानी भी हो सकती है।
  • बहुत अधिक या बहुत कम दबाव से कोई मदद नहीं मिलती है। वास्तव में बहुत अधिक दबाव से शरीर के उस अंग में फ्रैक्चर हो सकता है।
  • गर्भावस्था में एक्यूप्रेशर थेरेपी करवाने से मिसकैरेज हो सकता है और अगर गलत बिंदु पर दबाव डाला जाता है तो माँ और बच्चे दोनों को खतरा हो सकता है।
  • कुछ बीमारियों को थोड़े समय के लिए ठीक किया जा सकता है किन्तु वें दुबारा हो सकती हैं।
  • अगर बीमारी बहुत पुरानी है तो एक्यूप्रेशर थेरेपी से फायदे की जगह नुकसान हो सकता है और बीमारी और भी गंभीर हो सकती है।

सामान्य रूप से एक्यूप्रेशर बहुत सुरक्षित उपचार है। अगर आपको कैंसर, दिल की बीमारी, जीर्ण रोग (पुरानी बीमारी) हैं, तो कोई भी थेरेपी करवाने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें। एक रजिस्टर्ड एक्यूप्रेशर थेरेपिस्ट से ही थेरेपी करवाएं।

नोट - ये लेख केवल जानकारी के लिए है। किसी भी सूरत में किसी भी तरह की चिकित्सा की सलाह नहीं दे रहा है। आपके लिए कौन सी चिकित्सा सही है, इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करके ही निर्णय ले।

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ये हैं 6 योगासन जो वेट लॉस में हैं सबसे ज़्यादा मद करते हैं।


ये हैं 6 योगासन, जो वेट लॉस में हैं सबसे ज़्यादा मद करते हैं। बहुत से लोग वजन कम करने के लिए योग को प्रभावी विकल्प के तौर पर नहीं देखते हैं, पर असल में योगाभ्यास आपके वजन को नियंत्रित करने के साथ ही आपके समग्र स्वास्थ्य में सुधार करने में आपकी मदद कर सकता है। तो चलिए जानते हैं ऐसे ही कुछ योग मुद्राएं जो वजन कम करने में आपकी मदद कर सकती हैं। वीरभद्रासन आपने जितनी देर तक इस मुद्रा को धारण करके रखेंग... Read More

ये हैं 6 योगासन, जो वेट लॉस में हैं सबसे ज़्यादा मद करते हैं।

बहुत से लोग वजन कम करने के लिए योग को प्रभावी विकल्प के तौर पर नहीं देखते हैं, पर असल में योगाभ्यास आपके वजन को नियंत्रित करने के साथ ही आपके समग्र स्वास्थ्य में सुधार करने में आपकी मदद कर सकता है। तो चलिए जानते हैं ऐसे ही कुछ योग मुद्राएं जो वजन कम करने में आपकी मदद कर सकती हैं।

वीरभद्रासन

आपने जितनी देर तक इस मुद्रा को धारण करके रखेंगी, परिणाम उतने ही बेहतर होंगे। वीरभद्रासन के कुछ ही मिनटों में, आप टाइट क्वाड्स प्राप्त कर सकती हैं। योद्धा मुद्रा आपके संतुलन को बेहतर बनाने के साथ-साथ आपकी पीठ, पैर और बाहों को टोन करने के लिए बनाई गई है। यह आपके पेट को टोन करने में भी मददगार है और अगर आप इस मुद्रा में रहते हुए अपने पेट की मांसपेशियों को सिकोड़ते हैं, तो आपको एक फ्लैट बेली प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

त्रिकोणासन

 त्रिकोणासन पाचन को बेहतर बनाने के साथ-साथ पेट और कमर में जमा चर्बी को कम करने में मदद करता है। यह पूरे शरीर में रक्त सर्कुलेशन को उत्तेजित करता है और उन्हें बेहतर बनाता है। इस आसन की गति आपको कमर से अधिक फैट बर्न करने और जांघों और हैमस्ट्रिंग में अधिक मांसपेशियों का निर्माण करने में मदद करती है। यह संतुलन और एकाग्रता में भी सुधार करेंगे।

अधोमुख श्वानासन

अधो मुख श्वानासन मांसपेशियों पर अतिरिक्त ध्यान देने के साथ आपके पूरे शरीर को टोन करता है। यह आपकी बाजू, जांघ, हैमस्ट्रिंग और पीठ को मजबूत बनाने में मदद करता है। इस मुद्रा को धारण करने और अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करने से आपकी मांसपेशियां सक्रिय हो जाती हैं, और उन्हें टोन करने में मदद मिलता है। साथ ही आपकी एकाग्रता और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है।

सर्वांगासन

सर्वांगासन के कई लाभ होते हैं, यह ताकत बढ़ाने से लेकर पाचन क्रिया में सुधार कर सकते हैं। हालांकि, यह मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देने और थायराइड के स्तर को संतुलित करने में अधिक मददगार साबित हो सकता है। सर्वांगासन या शोल्डर स्टैंड ऊपरी शरीर, पेट की मांसपेशियों और पैरों को मजबूत बनाता है। साथ ही रेस्पिरेटरी सिस्टम को मजबूत करता है, और नींद को बढ़ावा दिया।

सेतु बंध सर्वज़ मांसपेशियों की टोन में सुधार करता है, पाचन हार्मोन को नियंत्रित करता है और थायराइड के स्तर में सुधार करता है। यह सभी फैक्टर वजन कम करने में आपकी सहायता कर सकते हैं। यह आपकी पीठ की मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है, और पीठ दर्द को कम कर देता है। इस मुद्रा में आपको पीछे के बल झुककर पेट को ऊपर रखते हुए हाथ और पैरों को सतह पर टिकाकर पुल 

परिवृत उत्कटासन

परिवृत उत्कटासन को योग के स्क्वाट का संस्करण भी कहा जाता है। लेकिन आपको पता होना चाहिए कि यह थोड़ा अधिक तीव्र है और पेट की मांसपेशियों को टोन करता है, क्वाड्स और ग्लूट्स पर भी काम करता है। यह आसन लसीका तंत्र और पाचन तंत्र को भी सहायता प्रदान करता है। इस प्रकार इस आसान का नियमित अभ्यास, वजन कम करने में आपकी सहायता कर सकता है।


 


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सुबह के समय खुद को एनर्जी से भरने के लिए करें ये 8 आसान योगासन फिजिकली और मेंटली रहेंगे फिट


सुबह के समय खुद को एनर्जी से भरने के लिए करें ये 8 आसान योगासन, फिजिकली और मेंटली रहेंगे फिट। सुबह के समय योग (Morning Yoga) करना शरीर और मन दोनों को एनर्जी से भरने का बेहतरीन तरीका है। कुछ योगासन शरीर को फ्लेक्सिबल बनाते हैंडाइजेशन को सुधारते हैं और मेंटली रिलैक्स कराते हैं। इन्हें करने से आपकी फिजिकल और मेंटल हेल्थ को काफी फायदा (Yoga Benefits) मिलता है। आइए जानें सुबह के समय करने के लिए कुछ आसा... Read More

सुबह के समय खुद को एनर्जी से भरने के लिए करें ये 8 आसान योगासन, फिजिकली और मेंटली रहेंगे फिट।

सुबह के समय योग (Morning Yoga) करना शरीर और मन दोनों को एनर्जी से भरने का बेहतरीन तरीका है। कुछ योगासन शरीर को फ्लेक्सिबल बनाते हैंडाइजेशन को सुधारते हैं और मेंटली रिलैक्स कराते हैं। इन्हें करने से आपकी फिजिकल और मेंटल हेल्थ को काफी फायदा (Yoga Benefits) मिलता है। आइए जानें सुबह के समय करने के लिए कुछ आसान 

HighLights

योग करना सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है।

इससे फिजिकल और मेंटल हेल्थ को काफी फायदा मिलता है।

कुछ योगासन सुबह के समय करने से एनर्जी मिलती

 Morning Yoga: सुबह का समय हमारे दिन की शुरुआत के लिए बहुत अहम होता है। इस समय हमारे शरीर और मन दोनों को एनर्जी की जरूरत होती है और योग इसका सबसे बेहतरीन तरीका है।ऐसे में सुबह के समय में किए जाने वाले योगासन न केवल फिजिकल फ्लेक्सिबिलिटी को बढ़ाते हैं, बल्कि मानसिक शांति और शारीरिक एनर्जी भी देते हैं। यहां हम ऐसे ही कुछ योगासनों के बारे में जानेंगे, जिन्हें सुबह के समय करके आप अपने दिन की शुरुआत ताजगी और एनर्जी के साथ कर सकते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।

ताड़ासन

ताड़ासन, जिसे पर्वत आसन भी कहा जाता है, शरीर की लंबाई और मुद्रा को सही करता है। यह आसन शारीरिक संतुलन और शक्ति को बढ़ाता है। यह शरीर को खिंचता है और एनर्जी से भरपूर बनाता है, जिससे आप पूरे दिन एक्टिव महसूस करते ।  

कपालभाति प्राणायाम

यह सांस और शारीरिक उर्जा को सही तरीके से संचालित करने का एक शक्तिशाली योग है। कपालभाति प्राणायाम से आपके दिमाग को शांति मिलती है और शरीर को ताजगी मिलती है, जिससे आपके शरीर में पूरे दिन एनर्जी बनी रहती है।

भुजंगासन

भुजंगासन, जिसे किंग कोबरा पोज भी कहते हैं, रीढ़ की हड्डी को मजबूती देता है और पाचन तंत्र को सही करता है। यह आसन शरीर को खोलता है और शरीर में ताजगी का एहसास कराता है।

वृक्षासन

यह एक बेहतरीन संतुलन आसन है, जो मानसिक शांति और फोकस को बढ़ाता है। वृक्षासन शरीर को मजबूती प्रदान करता है और मानसिक तनाव को कम करता है, जिससे दिनभर की एनर्जी मिलती है।

उष्ट्रासन

यह आसन आपके शरीर को खींचता है और पेट, पीठ और कंधों को मजबूत बनाता है। उष्ट्रासन सुबह के समय एनर्जी का संचार करता है और मानसिक शांति को बढ़ावा देता है।

अधोमुख श्वानासन

यह आसन शरीर के सभी मसल्स को खींचता है और शरीर में ताजगी का अहसास कराता है। यह आपकी एनर्जी को बढ़ाता है और मांसपेशियों को रिलैक्स करता है।

त्रिकोणासन

त्रिकोणासन शरीर के कंधे, हिप और पैर को मजबूत बनाता है। यह आसन शरीर को संतुलित करता है और दिमाग को भी रिफ्रेश करता है।

सूर्य नमस्कार

सूर्य नमस्कार पूरे शरीर के लिए एक बेहतरीन योग है, जिसमें 12 स्टेप्स होते हैं। यह आसन शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी को बढ़ाता है, ब्लड सर्कुलेशन को को बेहतर करता है और पूरे शरीर को एनर्जी से भरता है।

सुबह के समय इन योगासनों को अपनाकर आप न केवल अपने शरीर को एनर्जी और ताजगी से भर सकते हैं, बल्कि मानसिक शांति और संतुलन भी पा सकते हैं। योग आपके दिन की शुरुआत को सही दिशा में रखता है और पूरे दिन को एक्टिव और खुशहाल बनाने में मदद करता है।


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योग और व्यायाम दोनों में है कितना फर्क है। जाने इस पर


 योग और व्यायाम, दोनों में है इतना फर्क है – अधिकतर लोग योगासन तथा व्यायाम इन दोनों को एक ही समझते हैं परन्तु ऐसा नहीं है. इन दोनों का अपना-अपना महत्व होता है. योग सिर्फ एक कसरत नहीं है. कसरत में तो आप सिर्फ शारीरिक प्रक्रिया करते हैं लेकिन योग में आप शारीरिक, मानसिक एवं भावानात्मक प्रक्रिया करते हैं. योगासन शरीर की स्थिरता को बनाए रखता है जबकि व्यायाम शरीर की गतिशीलता को बढ़ाता है। &nbs... Read More

 योग और व्यायाम, दोनों में है इतना फर्क है –

अधिकतर लोग योगासन तथा व्यायाम इन दोनों को एक ही समझते हैं परन्तु ऐसा नहीं है. इन दोनों का अपना-अपना महत्व होता है. योग सिर्फ एक कसरत नहीं है. कसरत में तो आप सिर्फ शारीरिक प्रक्रिया करते हैं लेकिन योग में आप शारीरिक, मानसिक एवं भावानात्मक प्रक्रिया करते हैं. योगासन शरीर की स्थिरता को बनाए रखता है जबकि व्यायाम शरीर की गतिशीलता को बढ़ाता है।

 


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मुद्रा क्या है?


       मुद्रा  संस्कृत में मुद्रा शब्द का अर्थ शरीर की विशेष भाव-भंगिमा या परवर्ती से है। दूसरे शब्दों में मुद्रा किसी स्थिति विशेष या भावभंक्षगिमा विशेष का बोध कराती है। इस अर्थ में मुद्रा से तात्पर्य आसन एवं प्रणायाम के बीच की उस स्थिति से है जिसमें दृष्टि बंद आदि यौगिक क्रियाओं की सहायता से साधक शरीर और मन की ऐसी स्थिति में पहुंच जाता है जिसके द्वारा उसे अचेतन इच्छा शक्... Read More

       मुद्रा 

संस्कृत में मुद्रा शब्द का अर्थ शरीर की विशेष भाव-भंगिमा या परवर्ती से है। दूसरे शब्दों में मुद्रा किसी स्थिति विशेष या भावभंक्षगिमा विशेष का बोध कराती है। इस अर्थ में मुद्रा से तात्पर्य आसन एवं प्रणायाम के बीच की उस स्थिति से है जिसमें दृष्टि बंद आदि यौगिक क्रियाओं की सहायता से साधक शरीर और मन की ऐसी स्थिति में पहुंच जाता है जिसके द्वारा उसे अचेतन इच्छा शक्ति का ज्ञान प्राप्त करने में सहायता मिलती है।

 सूर्य मुद्रा क्या है और इसके लाभ क्या हैं?

सर्य मुद्रा –

अनामिका उंगली को अंगूठे के मूल पर लगाकर अंगूठे से दबाएं।

 सूर्य मुद्रा के लाभ हैं–

इस मुद्रा से शरीर संतुलित होता है, वजन घटता है वह मोटापा कम करता है और शरीर में उष्णता की वृद्धि होकर पाचन में मदद मिलती है। इससे तनाव में कमी शक्ति का विकास तथा रक्त में कॉलेस्ट्रॉल कम हो जाता है। इस मुद्रा के अभ्यास से मधुमेह,जिगर के दोष दूर हो जाते हैं।

सावधानी

इस मुद्रा को दुर्बल व्यक्ति ना करें। गर्मी में अधिक समय तक ना करें। 

लिंक मुद्रा क्या है और इसके लाभ क्या हैं?

लिंक मुद्रा–

​​​​​​​​​अपने हाथों की मुट्ठी बांधे तथा बाएं हाथ के अंगूठे को खड़ा रखें, अन्य उंगलियां परस्पर बंधी हुई हो।

 लिंग मुद्रा के लाभ –

यह मुद्रा शरीर में गर्मी बढ़ती है इससे सर्दी-जुकाम,दमा-खांसी, साइनस लकवा तथा निम्न रक्षक में लाभ होता है। यह कफ को सूखाती है ‌।

सावधानी–

इसका प्रयोग करने पर जल फल फलों का रस घी और दूध सेवन अधिक मात्रा में न करें। इसे अधिक लंबे समय तक ना करें।

 


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योग करने से पहले यह टिप्स जरूर जाने


योग करने से पहले यह टिप्स जरूर जाने! ओशो का मानना था कि 'योग धर्म, आस्था और अंधविश्वास से परे है।योग एक प्रायोगिक विज्ञान है।योग स्वस्थ जीवन जीने की कला है।योग शरीर के समस्त रोगों के लिए एक पूर्ण चिकित्सा पद्धति है। जहां धर्म लोगों को खूंटे से बांधता है वहीं योग सभी तरह के खूंटों से मुक्ति का मार्ग बताता है।'योग तन और मन से जुड़े तमाम तरह के रोग और विकारों को दूर कर मनुष्य का जीवन आसान कर... Read More

योग करने से पहले यह टिप्स जरूर जाने!

ओशो का मानना था कि 'योग धर्म, आस्था और अंधविश्वास से परे है।योग एक प्रायोगिक विज्ञान है।योग स्वस्थ जीवन जीने की कला है।योग शरीर के समस्त रोगों के लिए एक पूर्ण चिकित्सा पद्धति है। जहां धर्म लोगों को खूंटे से बांधता है वहीं योग सभी तरह के खूंटों से मुक्ति का मार्ग बताता है।'योग तन और मन से जुड़े तमाम तरह के रोग और विकारों को दूर कर मनुष्य का जीवन आसान कर देता है। यह मानव की हर तरह की शुद्धि का आसान उपकरण है।योग, भारतीय ज्ञान की पांच हजार वर्ष पुरानी शैली है।योग विज्ञान में जीवन शैली का पूर्ण सार समाहित किया गया है।

योग की शुरुआत करने जा रहे हैं तो अपनाएं ये टिप्स ‌।

हालांकि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अपनाई जाने वाली अन्य तरकीबों से योग कई मायनों में अलग है। इसका अभ्यास करने से पहले हमें कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है।

आइए जानते हैं वो बातें जिनका योग करने से पहले ध्यान रखना बेहद जरूरी है।

1- योग करने से पहले एक ऐसा समय चुन लें जब आप बिल्कुल फ्री हों। समय सुबह का हो तो बेहतर होगा। इस बात का भी ध्यान रखें कि आप सातों दिन इस वक्त फ्री रहते हैं। रोजाना नियत समय पर ही योग करें। इससे शरीर में ऊर्जा बनी रहती है।

2- योग करने के लिए स्वच्छ और साफ वातावरण की आवश्यकता होती है। इसके अलावा माहौल शांत होना चाहिए. अगर शुद्ध हवा का आवागमन हो रहा है तो वह स्थान योग के लिए उपयुक्त होता है। इसलिए योग की प्रैक्टिस से पहले जगह तय कर लें।

3- योग सुबह खाली पेट किया जाए तो बहुत लाभप्रद होता है। अगर यह संभव नहीं हो तो योग और भोजन के बीच कम से कम 3 घंटे का अंतर रखें।योग करने के कुछ समय बाद आप भोजन कर सकते हैं लेकिन योग के पहले कम से कम 3 घंटे भोजन ना करें। हालांकि भोजन के तुरंत बाद आप वज्रासन कर सकते हैं।

4- योग करते समय तंग कपड़े ना पहनें। शरीर की मांसपेशियों के खिंचाव और ऐंठन के दौरान कपड़े फटने का डर तो होता ही है साथ ही साथ आप आसन भी अच्छे से नहीं कर पाते हैं, इसलिए तंग कपड़े ना पहनें।

5- योग करने के दौरान एकाग्र रहें. मोबाइल फोन या किसी से बात करने से बचें।

6- महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान योग नहीं करने की सलाह दी जाती है। इस दौरान योग करने से रक्त-स्राव संबंधी समस्या हो सकती है।

7.योग करते समय संयम और धैर्य रखना चाहिए, हर व्यक्ति की क्षमता अलग होती है, और उसी हिसाब से वह योग करता है. इसलिए अगर संयम के साथ आप योग सीखेंगे तो सकारात्मक परिणाम देखने को मिला।

8.- श्वास योग में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। श्वास की प्रक्रिया को नियंत्रित किये बिना के योग करना अधूरा है।आसन करते समय कभी भी मुंह से श्वास ना लें।योग-प्रशिक्षक से जानकारी लेकर योग-आसन करते समय नियम के अनुसार ही श्वास लें।


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अर्धपद्मासनसन करने की विधि क्या है और इसके लाभ क्या हैं?


अर्धपद्मासन करने की विधि:- अभ्यास विधि : चटाई पर सामने की ओर पैर फैला कर बैठ जाए। पहले दाया पैर मोड़कर इसका तलवा बाई जांघ के नीचे रखें। अब बाय पैर मोड़कर इसका तलवा दाए जांघ के ऊपर रखें। अपने दोनों हाथों को दोनों घुटनों पर रखकर ध्यानमद्रा में आएं और जब तक संभव हो सके तब तक इस मुद्रा में रहे। ध्यान मुद्रा से वापस पहले वाली अवस्था में आने के लिए दोनों हाथों को नीचे रखें।  अब पहले बाय पर को खोलक... Read More

अर्धपद्मासन करने की विधि:-

अभ्यास विधि :

  • चटाई पर सामने की ओर पैर फैला कर बैठ जाए।
  • पहले दाया पैर मोड़कर इसका तलवा बाई जांघ के नीचे रखें।
  • अब बाय पैर मोड़कर इसका तलवा दाए जांघ के ऊपर रखें।
  • अपने दोनों हाथों को दोनों घुटनों पर रखकर ध्यानमद्रा में आएं और जब तक संभव हो सके तब तक इस मुद्रा में रहे।
  • ध्यान मुद्रा से वापस पहले वाली अवस्था में आने के लिए दोनों हाथों को नीचे रखें। 
  • अब पहले बाय पर को खोलकर फैलाएं। 
  • फिर दाएं पैर को खोले और दोनों पैरों को फैलाकर आराम से बैठ जए।
  • अब पैरों को बदलकर आसान दोहराइए ।

अर्ध पद्मासन के लाभ क्या है 

  • अर्ध पद्मासनसे मानसिक एकाग्रता बढ़ती है।
  • इससे मानसिक व शारीरिक थकावट दूर होती है।
  • इससे शरीर के  कई महत्वपूर्ण अंगों में रक्त संचार बढ़ने से उनके कार्य क्षमता में सुधार होता है।

सावधानी:-

-जिन्हें सइटिका या जोड़ों का दर्द हो उन्हें इस  आसन से बचना चाहिए अथवा किसी विशेषज्ञ या योगगुरु से परामर्श लेना चाहिए।


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जाने मकरासन करने की विधि और इसके लाभ क्या है?


मकरासन करने की विधि क्या है?  अभ्यास विधि  : पहले पेट के बल लेट जाएं  पैरों को सुविधाजनक दूरी पर वीडियो को अंदर की ओर और पंजों को बाहर की ओर रखते हो टेखनो को जमीन पर रखें। बाजू को कोहनियों से मोडे फिर दएं हाथ से बाए कंधे को तथा बाएं हाथ से दाएं कंधे को पकड़े। एक कहानी को दूसरी कोहनी के ऊपर रखें।  अब अपने ललाट को बाजू के गद्दे के ऊपर रखे और सामान्य रूप से श्वास ले। इस अवस्था मे... Read More

मकरासन करने की विधि क्या है? 

अभ्यास विधि  :

  • पहले पेट के बल लेट जाएं 
  • पैरों को सुविधाजनक दूरी पर वीडियो को अंदर की ओर और पंजों को बाहर की ओर रखते हो टेखनो को जमीन पर रखें।
  • बाजू को कोहनियों से मोडे फिर दएं हाथ से बाए कंधे को तथा बाएं हाथ से दाएं कंधे को पकड़े।
  • एक कहानी को दूसरी कोहनी के ऊपर रखें। 
  • अब अपने ललाट को बाजू के गद्दे के ऊपर रखे और सामान्य रूप से श्वास ले।
  • इस अवस्था में कुछ देर आराम करें। 
  • अब बाए कंधे से दाएं कंधे को हटाए और इस शरीर के दाएं और बगल में रखें।
  • हृदय कंधे से बाएं हाथ को हटाए और इस शरीर के बाई और बगलमें रखे।
  • अब पैरों के बीच की दूरी कम करें और पहले वाली अवस्था में आ जाइए। 

सभी प्रकार के आसनों के बाद शरीर को स्थिर करने के लिए इस आसन का अभ्यास किया जाता है।

मकरासन के क्या लाभ है?

  • यह आसान शरीर और मन को आराम देता है।
  • यह आसान चिंता और तनाव को काम करता है। 
  • यह श्वसन अंगों के साथ-साथ पाचन अंगों के लिए भी लाभकारी है। 
  • यह पूरे शरीर में रक्त संचार को सुधरता है। 

सावधानी:-

मोटापा एवं हड्डी रोगों से ग्रसित व्यक्ति को इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए। महिलाओं को गर्भावस्था में इस आसन को नहीं करना चाहिए।

 

 


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