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vanshika pal

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Blog by vanshika pal | Digital Diary

" To Present local Business identity in front of global market"

Meri Kalam Se Digital Diary Submit Post


ठंड के चलते नहीं जा पा रहे हैं माॅर्निंग वाॅक तो घर बैठे करें ये एक्सरसाइज हमेशा रहेंगे फिट।


सर्दियों में घर पर योग का अभ्यास करने से आप न केवल शारीरिक तौर पर फिट रह सकते हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी ऊर्जावान महसूस कर सकते हैं।यहां इस लेख में हम कुछ प्रभावी योगासनों के बारे में बताएंगे। जिन्हें आप सर्दियों में घर पर आसानी से कर सकते हैं। बस्ती: सर्दियों के मौसम में ठंडी हवाएं और गिरता तापमान शरीर को आलसी और सुस्त बना देता है।ठंड के कारण बाहर जाकर जॉगिंग या वॉकिंग करना बहुत ही कठिन हो जाता... Read More

सर्दियों में घर पर योग का अभ्यास करने से आप न केवल शारीरिक तौर पर फिट रह सकते हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी ऊर्जावान महसूस कर सकते हैं।यहां इस लेख में हम कुछ प्रभावी योगासनों के बारे में बताएंगे। जिन्हें आप सर्दियों में घर पर आसानी से कर सकते हैं।

बस्ती: सर्दियों के मौसम में ठंडी हवाएं और गिरता तापमान शरीर को आलसी और सुस्त बना देता है।ठंड के कारण बाहर जाकर जॉगिंग या वॉकिंग करना बहुत ही कठिन हो जाता है, लेकिन फिर भी आपको अपनी सेहत को बनाए रखना जरूरी होता है।ऐसे में कुछ योग आपके शरीर को न केवल सक्रिय बनाए रखता है, बल्कि यह शरीर के तापमान को भी नियंत्रित करता है और इम्यूनिटी को मजबूत करता है।जिससे शरीर में रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता बनी रहती है. सर्दियों में घर पर योग का अभ्यास करने से आप न केवल शारीरिक तौर पर फिट रह सकते हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी ऊर्जावान महसूस कर सकते हैं।यहां इस लेख में हम कुछ प्रभावी योगासनों के बारे में बताएंगे।जिन्हें आप सर्दियों में घर पर आसानी से कर सकते हैं।

अधो मुख श्वानासन 

यह एक बेहतरीन योगासन है, जो पूरे शरीर को स्ट्रेच करता है और मांसपेशियों में लचीलापन लाता है।यह कंधे, पीठ, हाथ और पैरों को मजबूत बनाता है और शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।

कैसे करें अधो मुख श्वानासन

सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं और अपने हाथों और पैरों को जमीन पर रखें।अब अपने कूल्हों को ऊपर की तरफ उठाते हुए शरीर को V आकार में बनाएं। ध्यान रखें कि सिर नीचे की ओर हो और एड़ी जमीन की तरफ दबाएं।इस स्थिति में 20-30 सेकेंड तक रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौट आएं।

कपालभाति प्राणायाम

ये योग सर्दियों में गर्मी पैदा करने के लिए रामबाण उपाय हैं। कपालभाति प्राणायाम शरीर के अंदर गर्माहट उत्पन्न करने में मदद करता है और ठंड के मौसम में शरीर को गर्म रखता है। यह पाचन तंत्र को मजबूत करने, मानसिक शांति प्राप्त करने और पेट की चर्बी कम करने में भी मदद करता है।

कैसे करें कपालभाति प्राणायाम

सुखासन या पद्मासन में बैठ जाएं. अब नाक से जोर से सांस बाहर छोड़ें और पेट को अंदर की ओर खींचें। इसे 1 मिनट तक करते रहें. यह प्राणायाम मेटाबॉलिज्म को सुधारता है और शरीर को ताजगी का अहसास कराता है।  गिरता तापमान शरीर को आलसी और सुस्त बना देता है। ठंड के कारण बाहर जाकर जॉगिंग या वॉकिंग करना बहुत ही कठिन हो जाता है, लेकिन फिर भी आपको अपनी सेहत को बनाए रखना जरूरी होता है।ऐसे में कुछ योग आपके शरीर को न केवल सक्रिय बनाए रखता है, बल्कि यह शरीर के तापमान को भी नियंत्रित करता है और इम्यूनिटी को मजबूत करता है। जिससे शरीर में रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता बनी रहती है।सर्दियों में घर पर योग का अभ्यास करने से आप न केवल शारीरिक तौर पर फिट रह सकते हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी ऊर्जावान महसूस कर सकते हैं।यहां इस लेख में हम कुछ प्रभावी योगासनों के बारे में बताएंगे। जिन्हें आप सर्दियों में घर पर आसानी से कर सकते हैं।

अधो मुख श्वानासन 

यह एक बेहतरीन योगासन है, जो पूरे शरीर को स्ट्रेच करता है और मांसपेशियों में लचीलापन लाता है. यह कंधे, पीठ, हाथ और पैरों को मजबूत बनाता है और शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।

कैसे करें अधो मुख श्वानासन

सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं और अपने हाथों और पैरों को जमीन पर रखें।अब अपने कूल्हों को ऊपर की तरफ उठाते हुए शरीर को V आकार में बनाएं।ध्यान रखें कि सिर नीचे की ओर हो और एड़ी जमीन की तरफ दबाएं।इस स्थिति में 20-30 सेकेंड तक रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौट आएं।

भुजंगासन

यह आसन पीठ और पेट के निचले हिस्से को मजबूती प्रदान करता है. इसके अलावा, यह सांस लेने की प्रक्रिया को बेहतर करता है और तनाव को कम करने में मदद करता है।

कैसे करें भुजंगासन

पेट के बल लेट जाएं और अपने हाथों को कंधे के पास रखकर एलबो को सिकोड़े। फिर धीरे-धीरे अपने शरीर को ऊपर की तरफ उठाएं। इस स्थिति में कुछ सेकेंड तक रहें और फिर आराम से लौट आएं।

सूर्य नमस्कार

सूर्य नमस्कार 12 आसनों का एक सेट है, जो शरीर को पूरी तरह से सक्रिय करता है और इसकी ऊर्जा को बढ़ाता है। यह इम्यूनिटी को मजबूत बनाने के साथ-साथ शरीर के लचीलेपन को भी बढ़ाता है। सर्दियों में यह आसन शरीर को गर्म रखने और वजन घटाने में भी बेहद सहायक है।

कैसे करें सूर्य नमस्कार

सूर्य नमस्कार में 12 आसन होते हैं, जिनमें ताड़ासन, उर्ध्वहस्तासन, उत्तानासन, चतुरंग दण्डासन, उर्ध्वमुख श्वानासन, और अधोमुख श्वानासन जैसे आसन शामिल होते हैं. इन सभी आसनों को एक के बाद एक सही तरीके से करें. सूर्य नमस्कार से शरीर को ऊर्जा मिलती है और यह आपकी इम्यूनिटी को भी मजबूत बनाता है।


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कैसे यह पारंपरिक थेरेपी आपकी पूरे स्वास्थ्य को लाभ पहुंचा सकती है।


कैसे यह पारंपरिक थेरेपी आपकी पूरे स्वास्थ्य को लाभ पहुंचा सकती है Acupressure एक्यूप्रेशर चीन का एक पारंपरिक उपचार है। यह थेरेपी दुनियाभर में इस्तेमाल की जाती है। यह शरीर के हर तरह के दर्द में फायदेमंद साबित होती है। इस पारंपरिक उपचार के जरिए अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्या से भी राहत पा सकते हैं। Read More

कैसे यह पारंपरिक थेरेपी आपकी पूरे स्वास्थ्य को लाभ पहुंचा सकती है

Acupressure एक्यूप्रेशर चीन का एक पारंपरिक उपचार है। यह थेरेपी दुनियाभर में इस्तेमाल की जाती है। यह शरीर के हर तरह के दर्द में फायदेमंद साबित होती है। इस पारंपरिक उपचार के जरिए अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्या से भी राहत पा सकते हैं।


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एक्युप्रेशर


एक्यूप्रेशर, चीन की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति है. इसमें शरीर के कुछ खास बिंदुओं पर दबाव डालकर बीमारियों का इलाज किया जाता है. यह एक प्राकृतिक उपचार है. एक्यूप्रेशर से तनाव कम होता है, रक्तचाप नियंत्रित रहता है और शरीर में ऊर्जा का संचार सुचारू रहता है.  एक्यूप्रेशर से जुड़ी कुछ खास बातें: एक्यूप्रेशर में शरीर के कुछ खास बिंदुओं पर दबाव डालकर बीमारियों का इलाज किया जाता है.  इन बिंदुओं को... Read More

एक्यूप्रेशर, चीन की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति है. इसमें शरीर के कुछ खास बिंदुओं पर दबाव डालकर बीमारियों का इलाज किया जाता है. यह एक प्राकृतिक उपचार है. एक्यूप्रेशर से तनाव कम होता है, रक्तचाप नियंत्रित रहता है और शरीर में ऊर्जा का संचार सुचारू रहता है. 

एक्यूप्रेशर से जुड़ी कुछ खास बातें:

एक्यूप्रेशर में शरीर के कुछ खास बिंदुओं पर दबाव डालकर बीमारियों का इलाज किया जाता है. 

इन बिंदुओं को 'प्रतिक्रिया बिंदु' या 'एक्यूप्वाइंट' कहते हैं. 

इन बिंदुओं पर दबाव डालने से शरीर में ऊर्जा का बहाव सुचारू हो जाता है. 

एक्यूप्रेशर से दर्द, तनाव, थकान, पीड़ा, और रोग से राहत मिलती है. 

एक्यूप्रेशर से शरीर में ऊर्जा का संचार सुचारू रहता है. 

एक्यूप्रेशर से तनाव कम होता है और रक्तचाप नियंत्रित रहता है. 

एक्यूप्रेशर से शरीर की क्षमता बढ़ती है. 


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एक्यूप्रेशर से पीठ दर्द को कैसे ठीक करें।


पीठ के दर्द में एक्यूप्रेशर से राहत मिल सकती है. इसके लिए, हाथों या पैरों के कुछ खास बिंदुओं पर दबाना होता है. एक्यूप्रेशर से दर्द कम होने की वजह यह है कि इससे एंडोर्फिन और सेरोटोनिन का प्रवाह बढ़ता है.  पीठ के दर्द में एक्यूप्रेशर करने का तरीका:  आरामदायक स्थिति में बैठें. किसी एक बिंदु पर गोलाकार या ऊपर-नीचे गति में दबाव डालें. हल्का दर्द महसूस होने पर दबाना बंद करें. इस प्रक्रिया को... Read More

पीठ के दर्द में एक्यूप्रेशर से राहत मिल सकती है. इसके लिए, हाथों या पैरों के कुछ खास बिंदुओं पर दबाना होता है. एक्यूप्रेशर से दर्द कम होने की वजह यह है कि इससे एंडोर्फिन और सेरोटोनिन का प्रवाह बढ़ता है. 

पीठ के दर्द में एक्यूप्रेशर करने का तरीका: 

  • आरामदायक स्थिति में बैठें.
  • किसी एक बिंदु पर गोलाकार या ऊपर-नीचे गति में दबाव डालें.
  • हल्का दर्द महसूस होने पर दबाना बंद करें.
  • इस प्रक्रिया को कम से कम तीन बार दोहराएं.
  • पीठ के दर्द में एक्यूप्रेशर करने के लिए ये बिंदु दबाए जा सकते हैं: 
  • हाथों में अंगूठे और तर्जनी के बीच का बिंदु 
  • हाथ के पीछे, अनामिका और छोटी उंगली के बीच का बिंदु 
  • पैर के अंगूठे और दूसरे पैर के अंगूठे के बीच का बिंदु 

पीठ के दर्द से राहत के लिए, ठंडी सिकाई या बर्फ की सिकाई भी की जा सकती है. दर्द शुरू होने के कुछ दिनों बाद, हीटिंग पैड या गर्म पानी की बोतल से मालिश की जा सकती है. 


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जाने , एक्यूप्रेशर के पीछे सिद्धांत क्या है?


एक्यूप्रेशर के पीछे सिद्धांत क्या है? एक्यूप्रेशर एशियाई बॉडीवर्क थेरेपी (एबीटी) में से एक है जिसकी जड़ें पारंपरिक चीनी चिकित्सा (टीसीएम) में हैं। अन्य एशियाई बॉडीवर्क थेरेपी के उदाहरण मेडिकल चीगोंग और तुइना हैं। शियात्सू एक्यूप्रेशर का एक जापानी रूप है।   पारंपरिक चीनी चिकित्सा सिद्धांत विशेष एक्यूपॉइंट या एक्यूप्रेशर बिंदुओं का वर्णन करता है, जो आपके शरीर में मेरिडियन या चैनलों के साथ स्थित... Read More

एक्यूप्रेशर के पीछे सिद्धांत क्या है?

एक्यूप्रेशर एशियाई बॉडीवर्क थेरेपी (एबीटी) में से एक है जिसकी जड़ें पारंपरिक चीनी चिकित्सा (टीसीएम) में हैं। अन्य एशियाई बॉडीवर्क थेरेपी के उदाहरण मेडिकल चीगोंग और तुइना हैं। शियात्सू एक्यूप्रेशर का एक जापानी रूप है।

 

पारंपरिक चीनी चिकित्सा सिद्धांत विशेष एक्यूपॉइंट या एक्यूप्रेशर बिंदुओं का वर्णन करता है, जो आपके शरीर में मेरिडियन या चैनलों के साथ स्थित होते हैं। ये वही ऊर्जा मेरिडियन और एक्यूपॉइंट हैं जो एक्यूपंक्चर के साथ लक्षित होते हैं। ऐसा माना जाता है कि इन अदृश्य चैनलों के माध्यम से महत्वपूर्ण ऊर्जा प्रवाहित होती है - या क्यूई (ची) नामक एक जीवन शक्ति। यह भी माना जाता है कि ये 12 प्रमुख मेरिडियन विशिष्ट अंगों या अंगों के नेटवर्क को जोड़ते हैं, आपके पूरे शरीर में संचार की एक प्रणाली का आयोजन करते हैं। मेरिडियन आपकी उंगलियों से शुरू होते हैं, आपके मस्तिष्क से जुड़ते हैं , और फिर एक निश्चित मेरिडियन से जुड़े अंग से जुड़ते हैं।


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एक्यूप्रेशर किन किन इलाजों में मदद करता है और एक्यूप्रेशर से जुड़ी कुछ खास बातें।


एक्यूप्रेशर से कई तरह की समस्याओं में आराम मिलता है. यह शरीर के दर्द, तनाव, और चिंता को कम करने में मदद करता है. एक्यूप्रेशर से जुड़ी कुछ खास बातेंः  एक्यूप्रेशर से सिरदर्द, पीठ दर्द, जोड़ों का दर्द, और माइग्रेन जैसी समस्याओं में आराम मिलता है.  यह हृदय रोग, अस्थमा, ब्लड प्रेशर, और डायबिटीज़ जैसी समस्याओं में भी मददगार होता है.  एक्यूप्रेशर से पाचन संबंधी समस्याओं में आराम मिलता है.... Read More

एक्यूप्रेशर से कई तरह की समस्याओं में आराम मिलता है. यह शरीर के दर्द, तनाव, और चिंता को कम करने में मदद करता है. एक्यूप्रेशर से जुड़ी कुछ खास बातेंः 

  • एक्यूप्रेशर से सिरदर्द, पीठ दर्द, जोड़ों का दर्द, और माइग्रेन जैसी समस्याओं में आराम मिलता है. 
  • यह हृदय रोग, अस्थमा, ब्लड प्रेशर, और डायबिटीज़ जैसी समस्याओं में भी मददगार होता है. 
  • एक्यूप्रेशर से पाचन संबंधी समस्याओं में आराम मिलता है.
  • यह गठिया रोग में भी मदद करता है. 
  • एक्यूप्रेशर से कैंसर से जुड़ी थकान और मतली में आराम मिलता है. 
  • यह प्रसव, ऑस्टियोआर्थराइटिस से जुड़े दर्द में भी आराम दिलाता है. 
  • एक्यूप्रेशर से नींद की क्वालिटी बेहतर होती है. 
  • यह शरीर में एंडोर्फिन रिलीज़ करता है, जिससे सूजन कम होती है. 
  • एक्यूप्रेशर, प्राचीन चीन की एक पारंपरिक चिकित्सा पद्धति है. यह शरीर में ऊर्जा के स्तर को संतुलित करने में मदद करती है. 


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    शरीर में कितने एक्यूपॉइंट होते हैं?


    शरीर में कितने एक्यूपॉइंट होते हैं? एक्यूपंक्चर के कितने बिंदु हैं– पारंपरिक चीनी चिकित्सा चिकित्सकों का मानना है कि शरीर में कम से कम 2,000 एक्यूपंक्चर बिंदु हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 1991 में एक प्रस्तावित मानक अंतर्राष्ट्रीय एक्यूपंक्चर नामकरण रिपोर्ट विकसित की, जिसमें 361 एक्यूपंक्चर बिंदुओं की पहचान की गई। Read More

    शरीर में कितने एक्यूपॉइंट होते हैं?

    एक्यूपंक्चर के कितने बिंदु हैं– पारंपरिक चीनी चिकित्सा चिकित्सकों का मानना है कि शरीर में कम से कम 2,000 एक्यूपंक्चर बिंदु हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 1991 में एक प्रस्तावित मानक अंतर्राष्ट्रीय एक्यूपंक्चर नामकरण रिपोर्ट विकसित की, जिसमें 361 एक्यूपंक्चर बिंदुओं की पहचान की गई।


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    पेट में गैस बनने पर कौन सा पॉइंट दबाना चाहिए?


    गैस के लिए CV12 प्वाइंट करें प्रेस ये प्वाइंट आपकी नाभि के ठीक लगभग चार इंच ऊपर मौजूद होता है। इस प्वाइंट पर प्रेशर देने से एब्डॉमिनल, ब्लैडर और गॉल ब्लैडर पर भी असर पड़ता है। उंगलियों की मदद से इस प्वाइंट पर हल्का दबाव डालें और गोल गोल शेप में हल्की मसाज करें। इससे भी आपको गैस के दर्द से काफी राहत मिल सकती है। Read More

    गैस के लिए CV12 प्वाइंट करें प्रेस

    ये प्वाइंट आपकी नाभि के ठीक लगभग चार इंच ऊपर मौजूद होता है। इस प्वाइंट पर प्रेशर देने से एब्डॉमिनल, ब्लैडर और गॉल ब्लैडर पर भी असर पड़ता है। उंगलियों की मदद से इस प्वाइंट पर हल्का दबाव डालें और गोल गोल शेप में हल्की मसाज करें। इससे भी आपको गैस के दर्द से काफी राहत मिल सकती है।


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    एक्यूप्रेशर का उपयोग किस लिए किया जाता है?


    एक्यूप्रेशर का उपयोग किस लिए किया जाता है? एक्यूप्रेशर शरीर पर विशिष्ट बिंदुओं पर दबाव डालने की एक प्रक्रिया है, जिससे दर्द या पाचन संबंधी समस्याओं जैसे लक्षणों को नियंत्रित किया जा सके । इसका उपयोग जापानी अभ्यास "शियात्सू" जैसी कुछ प्रकार की मालिश चिकित्सा में किया जाता है। इसे एक्यूपंक्चर उपचार के हिस्से के रूप में भी किया जा सकता है, या आप खुद पर एक्यूप्रेशर कर सकते हैं। Read More

    एक्यूप्रेशर का उपयोग किस लिए किया जाता है?

    एक्यूप्रेशर शरीर पर विशिष्ट बिंदुओं पर दबाव डालने की एक प्रक्रिया है, जिससे दर्द या पाचन संबंधी समस्याओं जैसे लक्षणों को नियंत्रित किया जा सके । इसका उपयोग जापानी अभ्यास "शियात्सू" जैसी कुछ प्रकार की मालिश चिकित्सा में किया जाता है। इसे एक्यूपंक्चर उपचार के हिस्से के रूप में भी किया जा सकता है, या आप खुद पर एक्यूप्रेशर कर सकते हैं।


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    एक्यूपंचर और एक्यूप्रेशर हैं एक दूसरे से बहुत अलग जानें इन दोनों में अंतर क्या है?


    एक्यूपंचर और एक्यूप्रेशर हैं एक-दूसरे से बहुत अलग, जानें इन दोनों में अंतर एक्यूप्रेशर और एक्यूपंचर का नाम तो आपने सुना ही होगा, लेकिन ये दोनों एक-दूसरे से बहुत अलग होते हैं। जानें इन दोनों में अंतर- Acupuncture) का नाम तो आपने कभी न कभी जरूर सुना होगा, ये दोनों एक-दूसरे से बहुत अलग होते हैं। एक्यूप्रेशर और एक्यूपंचर दोनों अलग-अलग चिकित्सा विधि है। इन दोनों की विधि, प्रयोग एक-दूसरे से बिल्कुल अलग... Read More

    एक्यूपंचर और एक्यूप्रेशर हैं एक-दूसरे से बहुत अलग, जानें इन दोनों में अंतर

    एक्यूप्रेशर और एक्यूपंचर का नाम तो आपने सुना ही होगा, लेकिन ये दोनों एक-दूसरे से बहुत अलग होते हैं। जानें इन दोनों में अंतर-

    Acupuncture) का नाम तो आपने कभी न कभी जरूर सुना होगा, ये दोनों एक-दूसरे से बहुत अलग होते हैं। एक्यूप्रेशर और एक्यूपंचर दोनों अलग-अलग चिकित्सा विधि है। इन दोनों की विधि, प्रयोग एक-दूसरे से बिल्कुल अलग होते हैं। दरअसल, एक्यूप्रेशर और एक्यूपंचर दोनों शब्द चीनी चिकित्सा पद्धति से आई हैं। चीन में बहुत पुराने समय से इन दोनों चिकित्सा पद्धति से कई मरीजों का इलाज किया जा रहा है। लेकिन आज एक्यूप्रेशर और एक्यूपंचर दोनों चिकित्सा पद्धति विश्वभर में प्रचलित है। इन दोनों से कई तरह की बीमारियों का इलाज किया जाता है। अगर डॉक्टर की सलाह पर इन दोनों चिकित्सा पद्धति को किया जाए, तो इनके कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होते हैं। 

    एक्यूपंचर क्या है? (what is Acupuncture)

    एक्यूपंचर एक चीनी चिकित्सा पद्धति है। इस चिकित्सा विधि में शरीर के कुछ विशेष हिस्सों पर सूई चुभाकर बीमारियों का इलाज किया जाता है। दरअसल, हमारे शरीर में कुल 365 एनर्जी प्वाइंट होते हैं। इन प्वाइंट्स पर एक्सपर्ट सूई लगाकर, बीमारी का इलाज करते हैं। इसलिए इसे एक्यूपंचर कहा जाता है। बीमारियों का इलाज करने के लिए एक्यूपंचर को डब्लयूएचओ ने भी असरदार बताया है।

    एक्यूपंचर क्या है? (what is Acupuncture)

    एक्यूपंचर एक चीनी चिकित्सा पद्धति है। इस चिकित्सा विधि में शरीर के कुछ विशेष हिस्सों पर सूई चुभाकर बीमारियों का इलाज किया जाता है। दरअसल, हमारे शरीर में कुल 365 एनर्जी प्वाइंट होते हैं। इन प्वाइंट्स पर एक्सपर्ट सूई लगाकर, बीमारी का इलाज करते हैं। इसलिए इसे एक्यूपंचर कहा जाता है। बीमारियों का इलाज करने के लिए एक्यूपंचर को डब्लयूएचओ ने भी असरदार बताया है।

    इन समस्याओं में फायदेमंद हैं एक्यूप्रेशर और एक्यूपंचर (acupuncture and acupressure health benefits)

    एक्यूप्रेशर और एक्यूपंचर की मदद से आप कई तरह की बीमारियों का इलाज कर सकते हैं। इन दोनों में ही कुछ खास प्वाइंट्स की मदद इलाज को कारगर बनाया जाता है। एक्यूप्रेशर में कुछ प्वाइंट्स को दबाया जाता है, तो एक्यूपंचर में कुछ खास प्वाइंट्स पर सूई चुभाई जाती है। एक्यूपंचर और एक्यूप्रेशर की मदद से पुराने सिरदर्द, कमर दर्द, गर्दन दर्द, अर्थराइटिस, अनिद्रा या इंसोम्निया, मासिक धर्म में दर्द और माइग्रेन का इलाज किया जा सकता है। इतना ही नहीं इन दोनों चिकित्सा पद्धति की मदद से एंग्जायटी, डिप्रेशन या अवसाद जैसे इमोशन डिसऑर्डर का भी इलाज किया जा सकता है। लेकिन किसी भी बीमारी को एक्यूप्रेशर और एक्यूपंचर की मदद से ठीक करने के लिए आपको डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।

    एक्यूप्रेशर और एक्यूंपचर में अंतर

    एक्यूप्रेशर और एक्यूपंचर में काफी अंतर है। एक्यूपंचर में प्वाइंट्स पर सूई चुभाई जाती है, जबकि एक्यूप्रेशर में उगुलियों की मदद से प्वाइंट्स को दबाया जाता है। ये प्वाइंट्स दर्दनिवारण के लिए होते हैं।

    एक्यूपंचर को सिर्फ डॉक्टर या एक्सपर्ट ही कर सकते हैं। जबकि एक्यूप्रेशर को कोई भी साधारण व्यक्ति कर सकता है। इसके लिए आपको सिर्फ एक बार सीखने की जरूरत होती है।

    एक्यूप्रेशर हाथों से किए जाने वाला एक ट्रीटमेंट है। इसमें सूई की जरूरत नहीं होती है। एक्यूपंचर के कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है।

    अगर सही तरीके से एक्यूप्रेशर और एक्यूपंचर किया जाए, तो इनसे कोई नुकसान नहीं होता है।

    यह भी जरूर पढ़ें।

    एक्यूप्रेशर चिकित्सा विधि क्या है?


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