Blog by Taniya | Digital Diary
" To Present local Business identity in front of global market"
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योग करने से कई फ़ायदे होते हैं, लेकिन ज़्यादा योग करने से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं:
ज़्यादा योग करने से चेहरा लाल हो सकता है.
ज़्यादा योग करने से जी मिचला सकता है और थकान महसूस हो सकती है.
सांस फूलना भी ज़्यादा योग करने का एक साइड इफ़ेक्ट है.
ज़्यादा योग करने से शरीर में सूजन आ सकती है.
ज़्यादा योग करने से पीठ या कमर में दर्द हो सकता है.
ज़्यादा योग करने से किडनी और दूसरे अंगों पर बुरा असर पड़ सकता है.
ज़्यादा योग करने से बीपी बढ़ सकता है.
ज़्यादा योग करने से मन अशांत हो सकता है.
ज़्यादा योग करने से मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द की समस्या बढ़ सकती है.
ज़्यादा योग करने से हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है.
ज़्यादा योग करने से बचने के लिए, ये टिप्स अपनाए जा सकते हैं:
शुरुआत में छोटे-छोटे अंतराल पर योगा सेशन करें.
योगा एक्सपर्ट की सलाह लें और अपने शरीर की भी ज़रूर सुनें.
योग के किसी भी नए ट्रेंड को अपनाने से पहले, इसके फ़ायदे और नुकसान के बारे में पूरी जानकारी लें.
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योग में कई तरह के आसन होते हैं:
समकालीन योग में करीब 200 आसन हैं.
मध्यकालीन हठ योग परंपराओं के मुताबिक, 84 योगासन हैं. हालांकि, इनका लिखित वर्णन बहुत कम है.
18वीं शताब्दी में लिखे गए एक ग्रंथ में 84 आसनों और 24 मुद्राओं का वर्णन है.
कुछ लोगों का मानना है कि 84 आसन, चेतना को ऊपर उठाने के लिए बुनियादी आसन हैं. इनमें से एक भी आसन सीख लेने से अस्तित्व की हर बात का पता चल सकता है.
बैठने के आसन भी होते हैं, जैसे कि पद्मासन, मुद्रासन, अर्ध मत्स्येंद्रासन, वज्रासन, सुप्त वज्रासन, काकासन, कुक्कुडासन, कुर्मासन, आकर्ण धनुरासन, पश्चिमोत्तानासन, पूर्वोत्तानासन, जानु शीर्षासन, और एक पाद शीर्षासन.
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योग करने से कई तरह के फ़ायदे होते हैं:
योग से तनाव कम होता है और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है
योग से लचीलापन, शक्ति, संतुलन, और समन्वय बढ़ता
योग से हृदय रोगियों को भी फ़ायदा होता है
योग से रक्तचाप कम होता है और हृदय गति धीमी होती
योग से कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड का स्तर कम होता है
योग से प्रतिरक्षा प्रणाली बेहतर होती
योग से वज़न घटाने में मदद मिलती है
योग से इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार होता
योग से आंतरिक अंग मज़बूत होते हैं
योग से पाचन तंत्र बेहतर होता
योग से त्वचा चमकती है
योग से एकाग्रता बढ़ती
योग से मन और विचारों पर नियंत्रण आता है
योग से चिंता, तनाव, और अवसाद पर काबू पाने में मदद मिलती
योग से रक्त परिसंचरण और मांसपेशियों का विश्राम होता है
योग से चोट से बचाव होता
है.
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योग के कई लाभ हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
शारीरिक स्वास्थ्य: योग शक्ति, लचीलापन और संतुलन में सुधार करता है। यह रक्तचाप को कम करता है और हृदय गति को धीमा करता है। योग कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को भी कम करता है। योग वजन घटाने में भी मदद करता है
मानसिक स्वास्थ्य: योग तनाव, चिंता और अवसाद जैसी समस्याओं से राहत देता है। योग मन को शांत रखता है और एकाग्रता बढ़ाता है
पाचन तंत्र: योग पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है
आंतरिक अंग: योग आंतरिक अंगों को मजबूत करता है
त्वचा: योग त्वचा को चमकदार बनाता है
दर्द प्रबंधन: योग पीठ दर्द, गठिया और माइग्रेन जैसी पुरानी दर्द समस्याओं से राहत देता है
श्वसन स्वास्थ्य: योग श्वसन क्रिया को बेहतर बनाता है
प्रतिरक्षा प्रणाली: योग प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाता है
चोट की रोकथाम: योग के माध्यम से चोटों को रोका जा सकता है
यदि सही तरीके से अभ्यास किया जाए तो योग के लाभ 4-5 दिनों में दिखाई देने लगते हैं। रोजाना योग करने से शरीर से आलस्य दूर होता है, सहनशक्ति बढ़ती है और चेहरे पर चमक आती है।
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योग हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है: योग तनाव को कम करता है और मन को शांत रखता है। योग मांसपेशियों को मजबूत करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। योग वजन घटाने में मदद करता है। योग शरीर में लचीलापन बढ़ाता है। योग से एकाग्रता बढ़ती है। योग हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। योग रक्त परिसंचरण में सुधार करता है। योग गहरी नींद लाने में मदद करता है। योग हृदय और मस्तिष्क रोगों के जोखिम को कम करता है। योग जीवन जीने का एक तरीका है। योग शरीर, मन और भावनाओं में संतुलन और सामंजस्य लाता है। योग के माध्यम से आध्यात्मिक ऊंचाइयों तक पहुंचा जा सकता है। योग शरीर को आंतरिक रूप से भी शुद्ध करता है। योग को वैज्ञानिक रूप से तनाव से लड़ने का एक तरीका माना जाता है। सभी स्वस्थ लोग योग कर सकते हैं।
Read Full Blog...योग के नियम - Rules of Yoga
अगर आप यह कुछ सरल नियमों का पालन करेंगे, तो अवश्य योग अभ्यास का पूरा लाभ पाएँगे:
किसी गुरु के निर्देशन में योग अभ्यास शुरू करें।
सूर्योदय या सूर्यास्त के वक़्त योग का सही समय है।
योग करने से पहले स्नान ज़रूर करें।
योग खाली पेट करें। योग करने से 2 घंटे पहले कुछ ना खायें।
आरामदायक सूती कपड़े पहनें।
तन की तरह मन भी स्वच्छ होना चाहिए - योग करने से पहले सब बुरे ख़याल दिमाग़ से निकाल दें।
किसी शांत वातावरण और सॉफ जगह में योग अभ्यास करें।
अपना पूरा ध्यान अपने योग अभ्यास पर ही केंद्रित रखें।
योग अभ्यास धैर्य और दृढ़ता से करें।
अपने शरीर के साथ ज़बरदस्ती बिल्कुल ना करें।
धीरज रखें। योग के लाभ महसूस होने मे वक़्त लगता है।
निरंतर योग अभ्यास जारी रखें।
योग करने के 30 मिनिट बाद तक कुछ ना खायें। 1 घंटे तक न नहायें।
प्राणायाम हमेशा आसन अभ्यास करने के बाद करें।
अगर कोई मेडिकल तकलीफ़ हो तो पहले डॉक्टर से ज़रूर सलाह करें।
अगर तकलीफ़ बढ़ने लगे या कोई नई तकलीफ़ हो जाए तो तुरंत योग अभ्यास रोक दें।
योगाभ्यास के अंत में हमेशा शवासन करें।
Read Full Blog...योग क्या है? What is Yoga
योग सही तरह से जीने का विज्ञान है और इस लिए इसे दैनिक जीवन में शामिल किया जाना चाहिए। यह हमारे जीवन से जुड़े भौतिक, मानसिक, भावनात्मक, आत्मिक और आध्यात्मिक, आदि सभी पहलुओं पर काम करता है। योग का अर्थ एकता या बांधना है। इस शब्द की जड़ है संस्कृत शब्द युज, जिसका मतलब है जुड़ना। आध्यात्मिक स्तर पर इस जुड़ने का अर्थ है सार्वभौमिक चेतना के साथ व्यक्तिगत चेतना का एक होना। व्यावहारिक स्तर पर, योग शरीर, मन और भावनाओं को संतुलित करने और तालमेल बनाने का एक साधन है। यह योग या एकता आसन, प्राणायाम, मुद्रा, बँध, षट्कर्म और ध्यान के अभ्यास के माध्यम से प्राप्त होती है। तो योग जीने का एक तरीका भी है और अपने आप में परम उद्देश्य भी।
योग सबसे पहले लाभ पहुँचाता है बाहरी शरीर (फिज़िकल बॉडी) को, जो ज्यादातर लोगों के लिए एक व्यावहारिक और परिचित शुरुआती जगह है। जब इस स्तर पर असंतुलन का अनुभव होता है, तो अंग, मांसपेशियां और नसें सद्भाव में काम नहीं करते हैं, बल्कि वे एक-दूसरे के विरोध में कार्य करते हैं।
बाहरी शरीर (फिज़िकल बॉडी) के बाद योग मानसिक और भावनात्मक स्तरों पर काम करता है। रोज़मर्रा की जिंदगी के तनाव और बातचीत के परिणामस्वरूप बहुत से लोग अनेक मानसिक परेशानियों से पीड़ित रहते हैं। योग इनका इलाज शायद तुरंत नहीं प्रदान करता लेकिन इनसे मुकाबला करने के लिए यह सिद्ध विधि है।
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