सुखासन योग?
꧁ Digital Diary ༒Largest Writing Community༒꧂
꧁ Digital Diary ༒Largest Writing Community༒꧂
सुखासन, योग की एक मूलभूत मुद्रा है. इसे आसान मुद्रा भी कहा जाता है. सुखासन करने से शरीर और मन को आराम मिलता है. यह ध्यान करने के लिए भी एक अच्छी मुद्रा है.
सुखासन करने का तरीका:
योगा मैट या ज़मीन पर बैठ जाएं.
अपने पैरों को फैलाएं.
अपने दोनों पैरों को क्रॉस करें.
अपने बाएं पैर को दाहिनी पैर के नीचे रखें.
अपने दाहिने पैर को बाईं पैर के नीचे रखें.
अपनी पीठ को सीधा रखें.
अपने हाथों को घुटनों पर रखें.
अपनी आंखें बंद करें.
गहरी सांस लें और कुछ मिनट इसी मुद्रा में रहें.
इस मुद्रा से बाहर आने के लिए, धीरे-धीरे अपने पैरों को खोलें.
सुखासन करने के बारे में ज़रूरी बातें:
शुरुआत में, कंबल, तौलिये, या योग ब्लॉक का इस्तेमाल करके इस मुद्रा में आरामदायक स्थिति बनाई जा सकती है.
कमर में दर्द या एल 4, एल 5 में दिक्कत होने पर इस आसन को कम समय के लिए या किसी के निर्देशन में करें.
सुखासन कौन सी मुद्रा कहलाती है?
सुखासन क्या है? सुखासन एक आधारभूत योग मुद्रा है जो विश्राम और आंतरिक शांति को बढ़ावा देती है। संस्कृत में, 'सुख' का अर्थ है सहजता या आनंद, जबकि 'आसन' का अर्थ है योग मुद्रा। सुखासन की विशेषता है कि आप रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए और हाथों को घुटनों या गोद में रखकर क्रॉस-लेग करके बैठते हैं।
सुखासन का दूसरा नाम क्या है?
सुखासन सबसे सरल योगासनों में से एक है। इसको सरल आसन भी कहा जाता है। नाम से ही स्पष्ट है कि सुखासन से अर्थ सुख से बैठना है। सुखासन किसी भी उम्र या स्तर पर किया जा सकता है।
सुखासन का पर्यायवाची शब्द क्या है
सुखासन, जिसे आसान मुद्रा भी कहा जाता है, एक योग आसन है जिसे बैठकर किया जाता है। आसान मुद्रा कूल्हों को खोलने और रीढ़ को संरेखित करने में सहायता करती है, और इसकी सरलता इसे शुरुआती लोगों सहित सभी कौशल स्तरों के योगियों के लिए उपयुक्त बनाती है
सुखासन कौन सा चक्र है?
मूलाधार चक्र - आसान मुद्रा (सुखासन) आसान मुद्रा सरल है, लेकिन मूलाधार चक्र को संतुलित करने के लिए सबसे अच्छे आसनों में से एक है। चूँकि आपका श्रोणि तल से जुड़ा हुआ है, इसलिए यह स्थिरता, ग्राउंडिंग और पृथ्वी से जुड़ाव की भावना पैदा करता है।
सुखासन योग क्यों जरूरी है?
शरीर और मन के लिए लाभ के साथ-साथ सुखासन पेट के निचले हिस्से की ओर रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है । इससे पाचन क्रिया बेहतर होती है। योग मुद्रा गैस से संबंधित समस्याओं और अन्य अपच संबंधी समस्याओं को भी कम करती है। सुखासन योग मुद्रा करने से टखनों और घुटनों को स्ट्रेच करने में मदद मिलती है।
सुखासन के आध्यात्मिक लाभ क्या हैं?
सुखासन ध्यान, ध्यान और आंतरिक शांति को प्रोत्साहित करता है । यह तनाव को कम करने, एकाग्रता में सुधार करने और भावनात्मक संतुलन को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। सुखासन ध्यान, ध्यान और आंतरिक शांति को प्रोत्साहित करता है। यह तनाव को कम करने, एकाग्रता में सुधार करने और भावनात्मक संतुलन को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।
सुखासन योग के कई फ़ायदे हैं:
सुखासन करने से चेहरे पर ग्लो आता है और दाग-धब्बे दूर होते हैं.
सुखासन करने से दिमाग शांत होता है और चिंता, तनाव, और मानसिक थकान दूर होती है.
यह शरीर की मुद्रा में सुधार करता है और हिप्स को खोलता है.
सुखासन करने से थकान कम होती है और पीठ मज़बूत होती है.
सुखासन करने से टखनों और घुटनों को फैलाव मिलता है.
सुखासन करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और डाइजेशन भी अच्छा रहता है.
सुखासन करने से मोटापा कम होता है और बॉडी फैट से छुटकारा मिलता है.
सुखासन करने से बच्चों की हाइट बढ़ती है और बॉडी फ़्लेक्सिबल रहती है.
सुखासन करने से श्रोणि और कोर की मांसपेशियां मज़बूत होती हैं.
सुखासन करने से ऑक्सीजनेशन और रक्त परिसंचरण बेहतर होता है.
सुखासन कितनी देर तक करना चाहिए
सुखासन की मुद्रा में रोज 10 से 20 मिनट बैठने से रीढ़ की हड्डी सीधी रहती है और शरीर का पोस्चर नहीं बिगड़ पाता। साथ ही पीठ की हड्डियों को मजबूती मिलती है।
We are accepting Guest Posting on our website for all categories.
Taniya
@DigitalDiaryWefru