सुखासन के नुकसान?

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सुखासन करने से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं. इन बातों का ध्यान रखकर सुखासन करें: 

अगर आपको कमर या पीठ में दर्द है, तो सुखासन न करें. 

अगर आपको घुटने की चोट है, तो सुखासन न करें. 

अगर आपको रीढ़ की हड्डी की समस्या है, तो सुखासन न करें. 

अगर आपको स्लिप डिस्क की समस्या है, तो सुखासन न करें. 

अगर आपको साइटिका की समस्या है, तो सुखासन न करें. 

अगर आपको माइग्रेन की समस्या है, तो सुखासन न करें. 

अगर आपको अर्थराइटिस है, तो सुखासन न करें. 

अगर आप लंबे समय से थके हुए हैं, तो सुखासन न करें. 

अगर आपको चिंता या डर महसूस हो रहा है, तो सुखासन न करें. 

अगर आपको बैठने में परेशानी हो रही है, तो सुखासन न करें. 

सुखासन करने से पहले किसी योग विशेषज्ञ से सलाह लें. 

सुखासन के नुकसान क्या हैं?

शारीरिक शक्ति और कमज़ोर शरीर : घुटनों, कूल्हों और पैरों में गठिया से पीड़ित छात्रों, विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों को फर्श पर बैठने से बचना चाहिए। स्लिप्ड डिस्क, रीढ़ की हड्डी की समस्या, कमज़ोर पाचन, मामूली पीठ दर्द या घुटने के दर्द वाले लोग तकिये का सहारा ले सकते हैं, लेकिन इस मुद्रा में 5 मिनट से ज़्यादा नहीं रहना चाहिए।




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