पर्वतासन योग?
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पर्वतासन योग, शरीर को पर्वत के आकार में लाने का आसन है. इसे पर्वत मुद्रा भी कहा जाता है. यह सूर्य नमस्कार का एक हिस्सा है. पर्वतासन करने से शारीरिक और मानसिक रूप से कई फ़ायदे होते हैं.
पर्वतासन करने का तरीका:
योग मैट पर दंडासन की मुद्रा में बैठ जाएं.
पैरों को सामने फैलाकर हाथों को शरीर के बगल में रखें.
दाहिना पैर बाईं पैर पर और बायां पैर दाईं पैर पर रखें.
गहरी सांस लें.
नमस्कार मुद्रा में हथेलियों को मिलाएं.
हाथों को सिर के ऊपर की ओर खींचें.
हिप्स को जमीन पर रखते हुए हाथों को ऊपर की ओर खींचें.
30-40 सेकंड के लिए इस मुद्रा को करें.
सामान्य रूप से सांसों को छोड़ते हुए हाथों को नीचे कर लें.
यह संतुलन और स्थिरता बढ़ाता है.पर्वतासन करने से कई फ़ायदे होते हैं. यह आसन करने से शरीर को कायाकल्प मिलता है और शक्ति बढ़ती है. पर्वतासन को माउंटेन पोज़ भी कहते हैं. यह आसन करने से शरीर को पर्वत की चोटी जैसी मुद्रा में रखना होता है.
पर्वतासन के फ़ायदे:
यह आसन करने से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है.
यह रीढ़ की हड्डी को मज़बूत करता है.
यह पैरों और बाहों की मांसपेशियों को मज़बूत करता है.
यह संतुलन और स्थिरता बढ़ाता है.इससे शरीर में ऊर्जा का प्रवाह होता है.
यह आसन करने से रीढ़ की हड्डियां लचीली होती हैं.
इससे शरीर को संतुलन बनाने में मदद मिलती है.
यह आसन करने से हाथ, कंधे और हैमस्ट्रिंग मज़बूत होती हैं.
इससे पाचन तंत्र मज़बूत होता है.
इससे दिमाग शांत रहता है और ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है.
इससे स्ट्रेस, एंग्ज़ायटी और माइल्ड डिप्रेशन कम होता है.
यह आसन करने से पीठ दर्द में आराम मिलता है.
यह आसन करने से कमर की चर्बी कम होती है.
यह आसन करने से सिरदर्द, थकान और अनिद्रा दूर होती है
पर्वतासन योग से होने वाले स्वास्थ्य लाभ
यह आसन त्रिक चक्र को सक्रिय करने में मदद करता है।
रीढ़ को लचीला बनाने और शरीर को फिट रखने में मदद करता है।
तंत्रिका तंत्र को आराम देने और मन शांत रखने में इस योग के लाभ हैं।
यह रक्त के प्रवाह को शरीर के ऊपरी और निचले दोनों हिस्सों में बढ़ाने में सहायक है।
पर्वतासन के क्या लाभ हैं?
पर्वतासन के लाभों में बेहतर मुद्रा, पैरों और रीढ़ की मांसपेशियों को मजबूत करना, और बेहतर संतुलन और स्थिरता शामिल हैं। यह शांति और ध्यान को भी बढ़ावा देता है।
क्या पर्वतासन कमर दर्द के लिए अच्छा है?
पर्वतासन - पीठ दर्द और अपच से छुटकारा पाने के लिए एक आसन
पर्वतासन विशेष रूप से इस तथ्य के लिए जाना जाता है कि यह पेट फूलना, एसिडिटी और अपच जैसी पाचन समस्याओं और पीठ और गर्दन में तकलीफ जैसे सामान्य दर्द से प्रभावी राहत प्रदान करता है
पर्वतासन का दूसरा नाम क्या है?
पर्वतासन का सामान्य अंग्रेजी नाम माउंटेन पोज़ है। पर्वतासन संस्कृत शब्द पर्वत, जिसका अर्थ है "पहाड़", और आसन, जिसका अर्थ है "मुद्रा" से आया है। पर्वतासन में, शरीर को एक पर्वत के आकार जैसा माना जाता है। पर्वतासन के कई शारीरिक और मानसिक लाभ हैं, जिनमें बेहतर एकाग्रता भी शामिल है।
पर्वतासन की स्थिति क्या है?
पर्वतासन, जिसे माउंटेन पोज़ के नाम से भी जाना जाता है, एक पर्वत के गुणों को दर्शाता है - स्थिरता, स्थिरता और शक्ति। यह आसन, जो योग में सांस्कृतिक आसनों का हिस्सा है, रीढ़ की हड्डी को ऊपर की ओर खींचने पर ध्यान केंद्रित करता है, जो अन्य उन्नत योग अभ्यासों के लिए एक ठोस आधार प्रदान करता है।
पर्वतासन का शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है और कौन सा चक्र प्रभावित होता है?
पर्वतासन के कई शारीरिक और मानसिक लाभ हैं, जिनमें बेहतर एकाग्रता भी शामिल है। ऐसा माना जाता है कि यह हृदय चक्र को उत्तेजित करता है , जिससे व्यक्ति को शांति की अनुभूति होती है।
पर्वतासन कब करना चाहिए?
पर्वतासन करने का सबसे अच्छा समय (सुबह होता है।
पर्वतासन कितनी देर करना चाहिए?
पर्वतासन योग करने का तरीका ऐसा करते हुए अपने हिप्स को जमीन पर रखते हुए हाथों को ऊपर की ओर खींचे। ऐसा करते हुए आपको अपने शरीर में खिंचाव का अनुभव होगा। करीब 30-40 सेकेंड के लिए इस मुद्रा को करने के बाद सामान्य रूप से सांसों को छोड़ते हुए हाथों को नीचे करते हुए धीरे-धीरे अपनी पहली वाली मुद्रा में वापस आ जाएं।
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