मत्स्यासन योग?
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मत्स्यासन या मछली मुद्रा करने से कई तरह के फ़ायदे होते हैं. यह आसन शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से फ़ायदेमंद होता है.
मत्स्यासन के कुछ फ़ायदे ये रहे:
मत्स्यासन करने से पीठ, छाती, और गर्दन की मांसपेशियां मज़बूत होती हैं.
यह आसन रीढ़ की हड्डी के संरेखण को बेहतर करता है.
यह आसन लंबे समय तक बैठने से होने वाले तनाव से राहत देता है.
यह आसन फेफड़ों की स्ट्रेचिंग के लिए बहुत फ़ायदेमंद है.
यह आसन बैली फैट कम करने
मेंमत्स्यासन करने से रीढ़ की हड्डी मज़बूत होती है.
यह आसन गर्दन, कंधों, और पीठ की मांसपेशियों को मज़बूत करता है.
यह आसन श्वसन क्रिया को बेहतर बनाता है.
यह आसन पेट की चर्बी कम करने में मदद करता है.
मत्स्यासन करने से तनाव और चिंता कम होती है.
यह आसन गले के रोगों में फ़ायदेमंद होता है.
यह आसन महिलाओं के मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं में फ़ायदेमंद होता है.
यह आसन कब्ज़ से राहत दिलाता है.
यह आसन पेट के अंगों को उत्तेजित करता है.
यह आसन रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है.
मत्स्यासन से क्या लाभ होता है?
नियमित रूप से मत्स्यासन का अभ्यास करने से पीठ और श्रोणि की मांसपेशियों की ताकत में सुधार होता है। मत्स्यासन योग मुद्रा गहरी साँस लेने के द्वारा श्वसन संबंधी समस्याओं से राहत प्रदान करती है। समय के साथ, आपको फेफड़ों के आकार में उल्लेखनीय वृद्धि से लाभ होगा।
मत्स्यासन क्या है और इसके फायदे?
मत्स्यासन आपकी पीठ, छाती और गर्दन की मांसपेशियों को खींचकर और उन्हें मजबूत करके झुके हुए या गोल कंधों को ठीक करने में मदद करता है। इस मुद्रा का नियमित अभ्यास रीढ़ की हड्डी के संरेखण को बढ़ावा देता है, आपकी मुद्रा को बेहतर बनाता है और लंबे समय तक बैठने के कारण होने वाले तनाव से राहत देता है।
मत्स्यासन कितनी देर करना चाहिए?
मत्स्यासन आसन से आप के गले की ग्रंथियां जैसे थायराइड और पैरा थायराइड की पेशियों के लिए अच्छा व्यायाम होता है। नियमित रूप से इस योग आसन के करने से अन्य भी कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। योग के लिए प्रतिदिन 40 मिनट का समय सभी को निकालना चाहिए।
मत्स्यासन या मछली मुद्रा, योग का एक आसन है. इस आसन को करने से शरीर की मांसपेशियां मज़बूत होती हैं और रीढ़ की हड्डी का संरेखण बेहतर होता है. यह आसन करने से बैली फैट कम होता है और श्वसन क्रिया में सुधार होता है.
मत्स्यासन करने का तरीकाः
सबसे पहले पद्मासन लगाएं.
फिर पीछे की ओर चित होकर लेट जाएं.
दोनों हाथों की मदद से शिखास्थान को ज़मीन पर टिकाएं.
सांस अंदर लेते हुए, छाती और सर को ऊपर उठाएं.
सर को ज़मीन पर आराम से छूते हुए, अपनी कोहनियों को ज़ोर से ज़मीन पर दबाएं.
जब तक हो सके, आसन में रहें.
फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए पूर्ववत स्थिति में आ जाएं.
मत्स्यासन के क्या लाभ हैं?
मत्स्यासन योग अत्यधिक प्रभावी है और मन और शरीर को लाभ पहुँचाता है। यह आसन रीढ़ और श्रोणि की मांसपेशियों को फैलाने में मदद करता है, शरीर में वसा की मात्रा को कम करता है, पुराने दर्द को कम करता है और शरीर के विभिन्न अंगों को उत्तेजित करता है।
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