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Suveta Notiyal

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Blog by Suveta Notiyal | Digital Diary

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आपकी स्किन बालों और सेहत संबंधी समस्याओं का समाधान है घृतकुमारी जानिए कैसे करना है इस्तेमाल


एलोवेरा का आयुर्वेद में घृतकुमारी के नाम से उल्लेख किया गया है। यानी एक ऐसा पौधा, जो आपको एजिंग से बचाकर चिरयौवना बनाए रखता है। फिर चाहें इसके लिए बाउंसी बाल पाने हों, त्वचा को झुर्रियों से बचाना हो या बढ़ते वजन को रोकना हो। आइए जानते हैं कैसे आपको तमाम समस्याओं से निजात दिलाने में मदद करता है एलोवेरा।        एलोवेरा और एजिंग हम सभी जानते हैं कि एलोवेरा कितना फायदेमंद है। मगर क... Read More

एलोवेरा का आयुर्वेद में घृतकुमारी के नाम से उल्लेख किया गया है। यानी एक ऐसा पौधा, जो आपको एजिंग से बचाकर चिरयौवना बनाए रखता है। फिर चाहें इसके लिए बाउंसी बाल पाने हों, त्वचा को झुर्रियों से बचाना हो या बढ़ते वजन को रोकना हो। आइए जानते हैं कैसे आपको तमाम समस्याओं से निजात दिलाने में मदद करता है एलोवेरा।

      

एलोवेरा और एजिंग

हम सभी जानते हैं कि एलोवेरा कितना फायदेमंद है। मगर क्या आप जानती हैं कि यह आपकी ब्यूटी को बरकरार रखने और सभी समस्याओं का इलाज है? जानिए यह आपके लिए कैसे फायदेमंद है।

 

एलोवेरा के फ़ायदों के बारे में हम सभी जानते हैं। यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें विटामिन B, C, E और फोलिक एसिड जैसे महत्वपूर्ण विटामिन और खनिज होते हैं। जो आपके समग्र स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं।

मगर क्या आप जानती हैं कि एलोवेरा आपके सौंदर्य में चार चांद लगा सकता है? जी हां, लेडीज यह वज़न घटाने से लेकर बालों की सभी समस्याओं में फायदेमंद है। इतना ही नहीं, यह आपको एजिंग से भी बचाता है।

तो चलिये जानते हैं इसके 5 फायदे

1. बालों का झड़ना रोकता है एलोवेरा

एलोवेरा में प्रोटियोलिटिक नामक एंजाइम होता है, जो स्कैल्प पर मृत त्वचा कोशिकाओं की मरम्मत करता है। यह एक बेहतरीन कंडीशनर के रूप में भी काम करता है और आपके बालों को चिकना और चमकदार बनाता है। यह बालों के विकास को बढ़ावा देता है, स्कैल्प पर खुजली को रोकता है, रूसी को कम करता है और आपके बालों को कंडीशन करता है।

कैसे करें इसका इस्तेमाल –

एलोवेरा जूस और एक्स्ट्रा वर्जिन कोकोनट ऑयल को बराबर मात्रा में मिलाएं। मजबूत, चिकने और बाउंसी बालों के लिए इसे लंबे समय तक लगाएं और छोड़ दें।

2. झुर्रियों को कम करता है

अध्ययन के अनुसार, त्वचा पर एलोवेरा जेल लगाने से झुर्रियों और कोलेजन उत्पादन पर प्रभाव पड़ सकता है। एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन यूवी किरणों के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं। एलोवेरा विटामिन C, E और बीटा कैरोटीन से भरपूर होता है, जो पौष्टिक और एंटी-एजिंग गुण देता है।

कैसे करें इस्तेमाल –

एक एलोवेरा की डंडी को तोड़ लें और इसका गूदा निकालकर इसे सीधा अपने चेहरे पर लगाएं। ऐसा हर रोज़ करें, आपकी झुर्रियों में फर्क नज़र आने लगेगा।

3. साफ और दमकती त्वचा के लिए

2009 में 45 वर्ष से अधिक उम्र की 30 महिलाओं के अध्ययन में, एलोवेरा जेल लेने से कोलेजन उत्पादन में वृद्धि हुई और 90 दिनों की अवधि में त्वचा की लोच में सुधार हुआ। समीक्षा यह भी बताती हैं कि एलोवेरा त्वचा को नमी बनाए रखने और त्वचा की लोच में सुधार करने में मदद कर सकता है, जिससे शुष्क त्वचा की स्थिति में लाभ हो सकता है।

4. वज़न घटाने के लिए एलोवेरा

एलोवेरा आपके आहार की प्रभावशीलता में सुधार कर सकता है और आपके वजन घटाने की क्षमता को बढ़ा सकता है। इसमें विटामिन और खनिज हैं, जो वज़न घटाने में मदद कर सकते हैं। अमीनो एसिड, एंजाइम से समृद्ध, एलोवेरा के अवशोषण और उपयोग में भी सुधार करता है, जिससे समग्र स्वास्थ्य में सुधार होता है।

इस तरह करें सेवन – एलोवेरा का प्राकृतिक स्वाद इतना कड़वा होता है कि आप इसे ऐसे ही खाने के बारे में सोच भी नहीं सकते। इसका जेल लें, इसे छोटे टुकड़ों में काट लें और ब्लेंड करें। इसे किसी अन्य फल या सब्जी के रस के साथ थोड़ा सा मिलाएं जो मीठा हो। अगर आपको यह ज्यादा कड़वा लगता है तो इसमें शहद मिलाकर पिएं। आप इस मिश्रण में थोड़ा सा नींबू भी मिला सकती हैं।

5. शरीर को हाइड्रेट करता है

एलोवेरा शरीर को पर्याप्त नमी बनाए में रखने में मदद करता है। जिससे लिवर और किडनी में होने वाली डिटॉक्सिफिकेशन प्रक्रियाओं को सुचारू रूप से चलाने में मदद मिलती है।

 

व्यायाम के बाद री-हाइड्रेशन की आवश्यकता होती है। व्यायाम करने से लैक्टिक एसिड बिल्डअप को फ्लश करने के लिए आपके शरीर को अधिक तरल पदार्थों की आवश्यकता होती है। इसलिए एक्सरसाइज के बाद एलोवेरा जूस का सेवन करें।

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खाने के बाद सौंफ खाने के फायदे या नुकसान? जान लें जवाब


   हमारे देश में खाने के बाद सौंफ खाने की प्रथा बहुत पुरानी है. सौंफ न केवल खाने का स्वाद बढ़ाती है, बल्कि यह हेल्थ के लिए भी फायदेमंद होती है. यह पेट की समस्याओं को कम करने, मुंह की दुर्गंध दूर करने और पाचन को बेहतर बनाने में मदद करती है. हालांकि, इसके फायदे के साथ-साथ कुछ नुकसान भी है. आइए जानते हैं कि हैं खाने के बाद सौंफ खाने से क्या फायदे और क्या नुकसान होता है. सौंफ के फायदे  ... Read More

  

हमारे देश में खाने के बाद सौंफ खाने की प्रथा बहुत पुरानी है. सौंफ न केवल खाने का स्वाद बढ़ाती है, बल्कि यह हेल्थ के लिए भी फायदेमंद होती है. यह पेट की समस्याओं को कम करने, मुंह की दुर्गंध दूर करने और पाचन को बेहतर बनाने में मदद करती है. हालांकि, इसके फायदे के साथ-साथ कुछ नुकसान भी है. आइए जानते हैं कि हैं खाने के बाद सौंफ खाने से क्या फायदे और क्या नुकसान होता है.

सौंफ के फायदे

                                

पाचन में सुधार

सौंफ में ऐसे तत्व होते हैं जैसे एनेथोल, फाइबर, विटामिन सी और मैग्नीशियम. एनेथोल पेट के एंजाइम्स को सक्रिय करता है, जिससे खाना जल्दी पचता है. फाइबर पाचन में मदद करता है और पेट की समस्याओं को दूर करता है. यह भोजन को जल्दी पचाने में मदद करता है और पेट की समस्याओं जैसे गैस, अपच और बदहजमी को कम करती है.

मुंह की दुर्गंध दूर करना

सौंफ एक प्राकृतिक माउथ फ्रेशनर का काम करती है. यह मुंह की दुर्गंध को दूर करती है और मुंह को ताजगी देती है.

वजन घटाने में मदद

सौंफ मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करती है, जिससे वजन कम करने में सहायता मिलती है. यह शरीर से विषैले तत्वों को निकालने में भी सहायक होती है.

एंटीऑक्सीडेंट गुण

सौंफ में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो शरीर की कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते हैं. इससे त्वचा भी हेल्दी और चमकदार रहती है.

रक्तचाप नियंत्रित करना

सौंफ में पोटैशियम की मात्रा होती है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करती है. इससे हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम होता है.

सौंफ के नुकसान

एलर्जी कुछ लोगों को सौंफ से एलर्जी हो सकती है, जिससे खुजली, सूजन और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है. इसलिए, यदि आपको सौंफ से एलर्जी है, तो इसका सेवन न करें.

हॉर्मोनल प्रभाव

सौंफ में फाइटोएस्ट्रोजन्स होते हैं, जो हॉर्मोनल संतुलन को प्रभावित कर सकते हैं. इसका अधिक सेवन हॉर्मोन संबंधित समस्याओं को बढ़ा सकता है. 

मधुमेह रोगियों के लिए हानिकारक

सौंफ में शुगर की मात्रा होती है, जो मधुमेह रोगियों के लिए हानिकारक हो सकती है. इसे सीमित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए. 

अधिक सेवन से पेट की समस्या

सौंफ का अधिक सेवन करने से पेट में दर्द, दस्त और उल्टी जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए, इसे संतुलित मात्रा में ही खाएं

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रोज सुबह अखरोट खाने से सेहत को होंगे जबरदस्त फायदे वजन होगा कम और दिमाग बनेगा तेज


खुद को हेल्दी रखने के लिए हम क्या कुछ नहीं करते, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक छोटे से ड्राई फ्रूट में आपकी सेहत का राज छिपा है। जी हां, हम बात कर रहे हैं अखरोट की। अखरोट एक ऐसा सुपरफूड है, जो पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। यही वजह है कि रोज सुबह अखरोट खाना से... Read More

खुद को हेल्दी रखने के लिए हम क्या कुछ नहीं करते, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक छोटे से ड्राई फ्रूट में आपकी सेहत का राज छिपा है। जी हां, हम बात कर रहे हैं अखरोट की। अखरोट एक ऐसा सुपरफूड है, जो पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। यही वजह है कि रोज सुबह अखरोट खाना सेहत के लिहाज से काफी लाभदायक हो सकता है। आइए जानते हैं रोज सुबह अखरोट खाने से मिलने वाले फायदों के बारे में।

      

अखरोट खाने के फायदे

हार्ट हेल्थ में सुधार-

अखरोट में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो हार्ट हेल्थ के लिए बहुत अच्छा होता है। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है। इसके अलावा, अखरोट में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स हार्ट डिजीज के जोखिम को कम करते हैं।

ब्रेन हेल्थ के लिए फायदेमंद-

अखरोट में ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट्स दिमाग के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होते हैं। ये दिमाग के सेल्स को नुकसान से बचाने और याददाश्त को बढ़ाने में मदद करते हैं। अखरोट नियमित रूप से खाने से अल्जाइमर और डिमेंशिया जैसी बीमारियों का खतरा कम हो सकता है।

वजन नियंत्रण-

अखरोट में फाइबर और प्रोटीन पाया जाता है, जो पेट को लंबे समय तक भरा रखता है। इससे बार-बार भूख लगने की समस्या कम होती है और वजन नियंत्रण में मदद मिलती है। वेट लॉस के लिए अखरोट को स्नैक्स के रूप में खाने के बजाय इसे नाश्ते में शामिल करना बेहतर होता है।

पाचन दुरुस्त रहता है-

अखरोट में फाइबर पाया जाता है जो पाचन क्रिया को सुधारने में मदद करता है। यह कब्ज की समस्या को दूर करने और आंतों की गतिविधि को बढ़ाने में मदद करता है। अखरोट खाने के साथ भरपूर मात्रा में पानी पीना भी जरूरी है।

स्किन हेल्थ में सुधार-

अखरोट में एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो त्वचा को फ्री रेडिकल से बचाने में मदद करते हैं। इससे त्वचा की उम्र बढ़ने के लक्षणों जैसे झुर्रियां और धब्बे कम होते हैं। अखरोट को खाने के अलावा, आप अखरोट के तेल का भी अपनी स्किन पर इस्तेमाल कर सकते हैं।

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ऐसे 5 लोग भूलकर भी न खाएं अलसी के बीज फायदे की जगह हो सकता है भारी नुकसान


हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करने वाले लोगों की डाइट में अलसी के बीज भी काफी डिमांड में रहते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ लोगों को इसका ज्यादा सेवन भारी भी पड़ सकता है। अगर आप भी रोजाना इन्हें खाते हैं या फिर इससे होने वाले नुकसानों से बेखबर हैं, तो ये आर्टिकल आपके लिए ही है। यहां हम बताएंगे कि किन परिस्थितियों में इन्हें खाने से बचना चाहिए, भले ही आपका मकसद तेजी से वजन घटाना या फिर डायबिटीज कंट्... Read More

हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करने वाले लोगों की डाइट में अलसी के बीज भी काफी डिमांड में रहते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ लोगों को इसका ज्यादा सेवन भारी भी पड़ सकता है। अगर आप भी रोजाना इन्हें खाते हैं या फिर इससे होने वाले नुकसानों से बेखबर हैं, तो ये आर्टिकल आपके लिए ही है। यहां हम बताएंगे कि किन परिस्थितियों में इन्हें खाने से बचना चाहिए, भले ही आपका मकसद तेजी से वजन घटाना या फिर डायबिटीज कंट्रोल करना भी क्यूों न हो।

   

कब्ज की तकलीफ

कई रोगों रामबाण औषधि होने के बावजूद अलसी के बीज कब्ज की समस्या में काफी नुकसानदायक साबित होते हैं। अगर आप भी अक्सर कब्ज से परेशान रहते हैं, तो बता दें कि अलसी का ज्यादा सेवन आंतों में रुकावट पैदा कर सकता है। स्क्लेरोडर्मा, जो कि एक ऑटोइम्यून बीमारी है इसमें फ्लैक्स सीड्स का सेवन काफी बहुत लिमिट में करना चाहिए।

गर्भावस्था का समय

तासीर में गर्म होने के कारण गर्भावस्था यानी प्रेग्नेंसी में भी अलसी के बीजों का सेवन करने से बचना चाहिए। डॉक्टर बताते हैं कि इससे मां और बच्चे दोनों को नुकसान हो सकता है। ज्यादा मात्रा में अलसी के बीज खाने से सेहत को खतरा पैदा हो सकता है, क्योंकि इसमें मौजूद एस्ट्रोजन गुण हार्मोनल असंतुलन की वजह बन सकते हैं

दवाइयों पर साइड इफेक्ट

अगर आप डायबिटीज या फिर खून पतला करने की दवाएं ले रहे हैं, तो भी अलसी के बीज का सेवन आपको बहुत सोच समझकर सीमित मात्रा में ही करना चाहिए, क्योंकि ऐसी स्थिति में ये दवाइयों को प्रभावित करते हैं। ऐसे में, जरूरी है कि इनका सेवन शुरू करने से पहले आप डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

एलर्जी की समस्या

अलसी के बीज खाने से कई लोगों को एलर्जी की शिकायत भी हो सकती है। अगर आपको लो ब्लड प्रेशर की समस्या रहती है तो भी इन बीजों का सेवन करने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे पेट दर्द और घबराहट की शिकायत हो सकती है।

लूज मोशन की परेशानी

अगर आप अक्सर लूज मोशन की परेशानी से ग्रसित रहते हैं, तो भी अलसी के बीज खाने से बचें, क्योंकि यह पेट को साफ करने में बेहद असरदार माने जाते हैं, जिससे कई बार लूज मोशन की परेशानी भी हो जाती है। ऐसे में, आप डायरिया की चपेट में आ सकते हैं, इसलिए यही वजह है कि लूज मोशन की दिक्कत होने पर अलसी से परहेज करने की सलाह दी जाती है।

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महिलाओं के लिए ईश्‍वर के वरदान से कम नहीं है ये पौधा इसमें छिपा हैं 4 बीमारियों का इलाज


आज हम आपको सदाबहार पौधे के बारे में बताएंगें जो महिलाओं के लिए किसी ईश्‍वर के वरदान से कम नहीं है। जी हां आपने अपने घर के आस-पास इस पौधे को जरूर देखा होगा। सदाबहार एक झाड़ीनुमा पौधा है जो अपने सुंदर फूलों से सभी को आकर्षित करता है। ना केवल इसके फूल आपको देखने में अच्‍छे लगते हैं बल्कि इस पौधे की खास बात यह है कि यह हमारे शरीर को अनेक बीमारियों से छुटकारा दिला सकता है। आयुर्वेद में भी इसका... Read More

आज हम आपको सदाबहार पौधे के बारे में बताएंगें जो महिलाओं के लिए किसी ईश्‍वर के वरदान से कम नहीं है। जी हां आपने अपने घर के आस-पास इस पौधे को जरूर देखा होगा। सदाबहार एक झाड़ीनुमा पौधा है जो अपने सुंदर फूलों से सभी को आकर्षित करता है। ना केवल इसके फूल आपको देखने में अच्‍छे लगते हैं बल्कि इस पौधे की खास बात यह है कि यह हमारे शरीर को अनेक बीमारियों से छुटकारा दिला सकता है। आयुर्वेद में भी इसका इस्‍तेमाल औषधि के रूप में किया गया है। आईए इसके बारे में जानते है।

                        

सदाबहार के फायदे

                         

डायबिटीज में फायदेमंद

डायबिटीज के मरीजों के लिए यह पौधा ईश्वर के वरदान के रूप में है। जी हां ये एंटी डायबिटीज का काम करता है। सदाबहार में पाए जाने वाले एल्कलॉइड पैंक्रियाज की बीटा सेल्स को शक्ति प्रदान करता है, जिससे यह सही मात्रा से इंसुलिन बनाने लगता है। इंसुलिन ब्लड में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करता है। डायबिटीज में इसकी पत्तियों का रस पीते हैं या इसके पत्तों का पाउडर लिया जाता है। अगर आप चाहे तो रेगुलर इस पौधे की 5 से 6 पत्तियों को तोड़कर इस को चबाकर खा सकती हैं।

ब्लड प्रेशर में फायदेमंद

इसकी जड़ में अज्मलसिने नामक एल्कलॉइड पाया जाता है, जो कि ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है। ये हाई ब्‍लडप्रेशर के लिए अत्यंत प्रभावशाली है, इसकी जड़ को साफ करके सुबह चबा-चबा करके खाते हैं या पाउडर लिया जाता है।''

कैंसर के लिए फायदेमंद

इसके पत्तों में कैंसर रोधी तत्व पाए जाते है। यह कैंसर को बढ़ाने वाली सेल्‍स को रोक देता है और सेल्‍स को यह ठीक भी करता है। ''इसकी पत्तियों में दो एल्कलॉइड पाए जाते हैं, विन्क्रिस्टिन और विंब्लास्टिन। ये एल्कलॉइड अलग से कैंसर के ट्रीटमेंट में भी कीमोथेरेपी के साथ दिये जाते हैं। कैंसर के रोगियों को इसकी पत्तियों की चटनी बना कर रेगुलर देने से फायदा होता है और कोई साइड इफ़ेक्ट भी नहीं होता।''

खुजली दूर भगाएं

अगर आप खुजली से परेशान रहती हैं तो आपके लिए सदाबहार आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। जी हां इसकी पत्तियों से निकले हुए दूध को दिन में दो बार प्रभावित जगह लगाने से खाज खुजली में आराम मिलता है। इसके अलावा चेहरे पर के दाग धब्बे और मुंहासे दूर करने के लिए भी यह बहुत गुणकारी औषधि है। इन फूलों का रस निकलकर अपने चेहरे पर लगाने से चेहरा निखर जायेगा और दाग, धब्बे दूर हो जायेंगे।

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शरीर और त्वचा की कई समस्याओं को दूर करने में मदद करता है अर्जुन का फल जानें इस्तेमाल का तरीका


आयुर्वेद में कई पेड़-पौधों, फल-फूलों का इस्तेमाल कई बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है। इन्हीं में से एक है अर्जुन का पेड़। इस पेड़ में कई औषधीय गुण होते हैं। इसलिए अर्जुन के पेड़, छाल, पत्ते, फल और जड़ों का उपयोग कई स्वास्थ्य समस्याओं को ठीक करने के लिए करते हैं। आज हम आपको अर्जुन के फल के फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं। अर्जुन का फल दांतों, हड्डियों और स्किन के लिए काफी लाभकारी होता... Read More

आयुर्वेद में कई पेड़-पौधों, फल-फूलों का इस्तेमाल कई बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है। इन्हीं में से एक है अर्जुन का पेड़। इस पेड़ में कई औषधीय गुण होते हैं। इसलिए अर्जुन के पेड़, छाल, पत्ते, फल और जड़ों का उपयोग कई स्वास्थ्य समस्याओं को ठीक करने के लिए करते हैं। आज हम आपको अर्जुन के फल के फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं। अर्जुन का फल दांतों, हड्डियों और स्किन के लिए काफी लाभकारी होता है। अर्जुन का फल सेहत के लिए काफी लाभकारी होता है।

                 

अर्जुन फल के फायदे-

अर्जुन के पेड़ से मिलने वाला फल हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद होता है। यह कई तरह की बीमारियों को दूर करने में सहायक होता है। इतना ही नहीं अर्जुन के फल से स्वास्थ्य को कोई नुकसान नहीं होता है, इसलिए आप सीमित मात्रा में इसका सेवन आसानी से कर सकते हैं। जानें अर्जुन फल के फायदे

      

1. त्वचा के लिए लाभकारी अर्जुन का फल–

अर्जुन के फल का स्वाद कसैला होता है। यह त्वचा की कई समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है। अर्जुन का फल त्वचा की झुर्रियों, दाग-धब्बों और मुहांसों से निजात दिलता है। यह बढ़ती उम्र के लक्षणों को भी दूर करता है। इसके लिए अर्जुन के फल का  पाउडर बना लें। इसे शहद के साथ मिलाकर चेहरे पर लगाएं। इससे आपकी त्वचा बेदाग और साफ नजर आएगी। स्किन को ग्लोइंग बनाने के लिए अर्जुन के फल को खाया भी जा सकता है। अर्जुन का फल और पेड़ दोनों फायदेमंद होते हैं।

2. हड्डियों की परेशानी दूर करे अर्जुन का फल-

हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए अर्जुन के फल का सेवन करना काफी फायदेमंद होता है। यह हड्डियों को ताकत देता है। हड्डी टूटने पर भी अर्जुन के फल का उपयोग किया जा सकता है। इसमें मौजूद तत्व हड्डी को जल्दी जोड़ने में मदद करते हैं। इसके अलावा आप चाहें तो अर्जुन के छाल का पाउडर भी दूध के साथ ले सकते हैं। इससे भी हड्डी जोड़ने में मदद मिलती है। हड्डियों के लिए अर्जुन की छाल भी फायदेमंद होती है।

3. मुंह की दुर्गंध दूर करे अर्जुन का फल-

अगर आपको मुंह से जुड़ी कोई समस्या है, तो आप अर्जुन के फल का उपयोग कर सकते हैं। अर्जुन का फल मुंह की दुर्गंध, दांतों की कैविटी, मसूड़ों की समस्या, दांतों में दर्द, दांतों से खून आना और दांतों के संक्रमण को दूर करने में उपयोगी होता है। इतना ही नहीं यह मुंह के अल्सर को भी ठीक करने में सहायक हो सकता है। अर्जुन के पेड़ के फल के साथ ही अर्जुन की छाल भी दांतों के लिए फायदेमंद होता है।

4. हृदय के लिए उपयोगी अर्जुन का फल-

हृदय को स्वस्थ रखने के लिए भी अर्जुन का फल फायदेमंद होता है। आजकल हृदय रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में हेल्दी डाइट लेना बहुत जरूरी है। हृदय को स्वस्थ रखने के लिए आप अर्जुन के फल का सेवन भी कर सकते हैं।

5. मूत्रमार्ग की समस्या दूर करे अर्जुन का फल

कई लोगों को पेशाब में रूकावट की समस्या होती है। ऐसे में अर्जुन के फल का सेवन करना फायदेमंद माना जाता है। इसके सेवन से पेशाब में रुकावट की समस्या दूर होती है। अगर आपको पेशाब से जुड़ी कोई समस्या है, तो आप डॉक्टर की सलाह पर अर्जुन के फल का उपयोग कर सकते हैं।

अर्जुन का फल कैसा होता है?-

     

अर्जुन का फल काफी पौष्टिक होता है। यह स्वाद में कसैला होता है। यह फल सफेद या पीले मंजरियों में लगे होते हैं। इस फल में हल्की सी सुगंध होती है। जब अर्जुन का फल कच्चा होता है, तो यह हरे-पीले रंग का दिखाई देता है। पकने के बाद यह भूरे-लाल रंग का हो जाता है।

आप भी अर्जुन के फल का सेवन कर सकते हैं। लेकिन सीमित मात्रा में ही इसका सेवन करना चाहिए। यह एक सिर्फ चिकित्सकीय अनुभव है, इसलिए अर्जुन के फल का सेवन करने से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह जरूर लें। डॉक्टर आपको अर्जुन के फल को लेना है या नहीं, इस बारे में सही सुझाव देंगे।

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अनंतमूल का पौधा आता है कई बीमारियों के इलाज में काम जानें इसके 5 फायदे प्रयोग का तरीका और नुकसान


अनंतमूल बेहद प्रसिद्ध और चमत्कारी जड़ी बूटियों में से एक है। इस जड़ी-बूटी को कृष्ण सारिवा के नाम से भी जाना जाता है। वही अंग्रेजी में इस जड़ी बूटी को ब्लैक क्रीपर के नाम से भी जानते हैं। बता दें कि यह जड़ी बूटी कई पोषक तत्वों से भरपूर है। वहीं इसके फूल सुगंधित होने के साथ-साथ हरे, सफेद और बैंगनी रंग के पाए जा सकते हैं। ध्यान दें कि अनंतमूल खुजली, बुखार, डायबिटीज, उल्टी जैसी कई समस्याओं से राहत दिल... Read More

अनंतमूल बेहद प्रसिद्ध और चमत्कारी जड़ी बूटियों में से एक है। इस जड़ी-बूटी को कृष्ण सारिवा के नाम से भी जाना जाता है। वही अंग्रेजी में इस जड़ी बूटी को ब्लैक क्रीपर के नाम से भी जानते हैं। बता दें कि यह जड़ी बूटी कई पोषक तत्वों से भरपूर है। वहीं इसके फूल सुगंधित होने के साथ-साथ हरे, सफेद और बैंगनी रंग के पाए जा सकते हैं। ध्यान दें कि अनंतमूल खुजली, बुखार, डायबिटीज, उल्टी जैसी कई समस्याओं से राहत दिलाने में उपयोगी है। बता दें कि आयुर्वेद में इस औषधि के पत्ते, जड़ और छाल तीनों का उपयोग किया जा सकता है। आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि अनंतमूल के उपयोग से सेहत को क्या-क्या फायदे होते हैं। साथ ही इसके नुकसान के बारे में भी जानेंगे।

अनंतमूल के फायदे 

1 - अपच की समस्या को करें दूर

अपच की समस्या को दूर करने में अनंतमूल आपके बेहद काम आ सकता है। ऐसे में आप इसके जड़ के चूर्ण में सारिवा का चूर्ण मिलाएं और इसका सेवन करें। ऐसा करने से न केवल अपच की समस्या दूर हो सकती है बल्कि पेट की कई समस्याओं से राहत मिल सकती है।

2 - गले की समस्या से दिलाए राहत

अक्सर लोग गले की कई समस्याओं से परेशान रहते हैं। ऐसे में यह लोग अनंतमूल से अपनी समस्या को ठीक कर सकते हैं। प्रभावित लोग अपने गले पर अनंतमूल पंचांग चूर्ण से बने लेप को लगाएं। ऐसा करने से न केवल गले को ठीक किया जा सकता है बल्कि कंठ की सूजन से भी राहत मिल सकती है। हालांकि इसका प्रयोग करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।

3 - पथरी की बीमारी में लाभदायक

गलत खान-पान के कारण या जीवन में थोड़ी सी लापरवाही के कारण व्यक्ति पथरी जैसी समस्या का शिकार हो सकता है। इस दर्दनाक बीमारी से बचने के लिए आप अनंतमूल का उपयोग कर सकते हैं। अनंतमूल की जड़ का चूर्ण और दूध का सेवन इस समस्या से राहत दिलाने में उपयोगी है।

4 - बवासीर से करें इलाज

बवासीर से लड़ने में भी अनंत मूल आपके काम आ सकता है। अनंतमूल की जड़ से बना चूर्ण आप दही या छाछ के साथ सेवन करें। ऐसा करने से बवासीर में लाभ मिल सकता है। हालांकि इसका उपयोग करने से पहले एक बार एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।

5 - भूख को बढ़ाए

भूख को बढ़ाने के लिए अनंतमूल आपकी मदद कर सकता है। बता दें कि अनंतमूल की जड़ का चूर्ण का सेवन किया जाए तो यह न केवल भूख में सुधार लाता है बल्कि शरीर के विकास में भी उपयोगी है। हालांकि हम आपको सलाह देंगे कि इसे अपनी डाइट में जोड़ने से पहले एक बार एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।

अनंत मूल के नुकसान

बता दें कि किसी भी चीज की अति सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकती है। ऐसा ही कुछ अनंतमूल के साथ भी है। अगर इससे बना काढ़ा या इसके पत्तों का सेवन अधिक मात्रा में किया जाए तो यह शरीर में एलर्जी की समस्या को पैदा कर सकता है। इससे अलग शरीर में खुजली या उल्टी जैसी समस्या भी इसके अधिकता से देखी जा सकती है।

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अजमोद के सेवन से सेहत को मिलते हैं 8 फायदे जानें नुकसान भी


    अजमोद सब्जी के रूप में खाए जाने वाला ऐसा पौधा है जो अनेक पोषक तत्वों से भरपूर है। इसके अंदर सोडियम, मैग्नीशियम, लोहा, जस्ता, पोटेशियम, तांबा आदि खनिज पाए जाते हैं। इसके अलावा यह विभिन्न विटामिन जैसे- विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन ई, विटामिन बी, विटामिन के, विटामिन b12, विटामिन बी6 आदि से भी भरपूर है। यह फैटी एसिड का अच्छा स्रोत है। साथ ही इसमें फाइबर और थियामिन भी शामिल हैं। इतने सा... Read More

   

अजमोद सब्जी के रूप में खाए जाने वाला ऐसा पौधा है जो अनेक पोषक तत्वों से भरपूर है। इसके अंदर सोडियम, मैग्नीशियम, लोहा, जस्ता, पोटेशियम, तांबा आदि खनिज पाए जाते हैं। इसके अलावा यह विभिन्न विटामिन जैसे- विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन ई, विटामिन बी, विटामिन के, विटामिन b12, विटामिन बी6 आदि से भी भरपूर है। यह फैटी एसिड का अच्छा स्रोत है। साथ ही इसमें फाइबर और थियामिन भी शामिल हैं। इतने सारे पोषक तत्वों से भरपूर अजमोद सेहत को अनेक समस्याओं से दूर रख सकता है। आज का हमारा यह लेख उन्हीं समस्याओं पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि अजमोद के सेवन से आपकी सेहत को क्या-क्या फायदे हो सकते हैं। साथ ही इसके नुकसान के बारे में भी जानेंगे।

      

अजमोद के फायदे

1 - कब्ज को दूर करें अजमोद

चूंकि इसके अंदर फाइबर पाया जाता है ऐसे में यह कब्ज की दवाई के रूप में काम कर सकता है। बता दें कि फाइबर के सेवन से कब्ज को दूर किया जा सकता है। साथ ही इसके सेवन से आंतों के कार्यों को भी सुधारा जा सकता है। ऐसे में आप अपनी डाइट में अजमोद को शामिल करके कब्ज की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।

2 - अस्थमा से लड़ने में कारगर है अजमोद

बता दें कि अजमोद के अंदर विटामिन सी पाया जाता है जो मुक्त कणों की क्षति को रोकता है। इसके अलावा इसके अंदर पाए जाने वाले एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण अस्थमा के कारण होने वाली सूजन को भी रोकते हैं। अगर अस्थमा गंभीर स्थिति रूप धारण कर लें। तब भी अजमोद के सेवन से इस स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है। ऐसे में अगर आप अस्थमा समस्या से ग्रस्त हैं तो अजमोद को अपनी डाइट में शामिल करें।

3 - कोलेस्ट्रॉल को कम रखे अजमोद

अगर आप अजमोद का सेवन करते हैं तो यह शरीर से एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है। इसके अंदर phthalide पाया जाता है जो पित के रस के स्राव को उत्तेजित कर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है। ऐसे में हम कह सकते हैं कि यह दिल के स्वास्थ्य के लिए भी बेहद उपयोगी है। क्योंकि अजमोद के अंदर फाइबर पाया जाता है यह कोलेस्ट्रॉल को खून से बाहर निकालता है और कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य को तंदुरुस्त बनाता है।

4 - उच्च रक्तचाप में फायदेमंद है अजमोद

जैसे कि आपको पहले भी बताया इसके अंदर पाए जाने वाला कार्बनिक रसायन तनाव हार्मोन को कम करके रक्त वाहिकाओं का विस्तार करता है। ऐसे में जब रक्तचाप कम हो जाता है तो यह पूरे कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम पर कम दबाव डालता है और धमनियों के सख्त होने की संभावना यानी एथेरोस्क्लेरोसिस के विकास को भी रोकता है। ऐसे में हम कह सकते हैं कि दिल का दौरा और स्ट्रोक की समस्या से अजमोद छुटकारा दिला सकता है।

5 - प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाएं अजमोद

चूंकि अजमोद के अंदर विटामिन सी पाया जाता है, यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के साथ-साथ शरीर को संक्रमण से बचाता है। इसके अंदर पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट सर्दी के जोखिम को कम करने के साथ-साथ अन्य बीमारियों से भी शरीर की रक्षा करते हैं।

6 - हृदय रोगों को दूर रखें अजमोद

अजमोद की जड़ के अंदर फाइबर अनेकों जैविक रसायन और विटामिन सी पाए जाते हैं, जो हृदय के स्वास्थ्य के लिए बेहद उपयोगी है। इसे एंटी हाइपरटेंसिव एजेंट के रूप में जाना जाता है। यह कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है। ऐसे में दिल की सेहत के लिए अजमोद बेहद उपयोगी है।

7 - आंखों की सेहत के लिए अच्छा है अजमोद

अजमोद के अंदर विटामिन ई भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो आंखों की सेहत के लिए बेहद कारगर है। विटामिन ए आंखों की सेहत के लिए बेहद जरूरी तत्व है। अगर इसकी कमी हो जाए तो यह कई जटिलताओं का कारण बन सकता है। ऐसे में आप अपनी डाइट में अजमोद को शामिल करके आंखों की सेहत को तंदुरुस्त बना सकते हैं।

8 - पिंपल्स को दूर रखें अजमोद रस

कुछ लोग अपने पिंपल्स की समस्या से परेशान रहते हैं। वहीं कुछ लोग पिंपल्स के द्वारा होने वाले निशान से भी हिचकिचाते हैं। ऐसे में बता दें कि अजमोद के अंदर पाए जाने वाले विटामिन और खनिज मुहांसों को खत्म करने के साथ-साथ पिंपल्स के कारण रहने वाले निशान को भी दूर करते हैं। ऐसे में आप त्वचा को साफ बनाने के साथ-साथ मुहांसों को दूर करने के लिए अजमोद को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।

अजमोद के नुकसान

1 - जो लोग मिर्गी के दौरों से परेशानी हैं वे अजमोद का सेवन ना करें यह स्थिति को और गंभीर बना सकते हैं।

2 - जैसा कि आपने पहले भी बताया कि अजमोद के सेवन से रक्तचाप का स्तर कम होता है। लेकिन अगर अच्छे से आपका स्तर पहले से ही कम है तो अजमोद का सेवन ना करें।

ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि अजमोद को अपनी डाइट में शामिल करने का अच्छा विकल्प है। लेकिन अगर आपको इसके सेवन से किसी भी प्रकार की एलर्जी जैसे शरीर पर लाल चकत्ते आदि नजर आते हैं तो उसे अपनी डाइट में शामिल ना करें। इसके अलावा गर्भवती महिलाएं इसे शामिल करने से पहले एक बार एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें। अगर आप किसी स्पेशल डाइट को फॉलो कर रहे हैं तब भी अपनी डाइट में बदलाव करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें। इसके अलावा गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोग अजमोद का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करें।

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दिमाग तेज करने में मददगार है सर्पगंधा जानें इसके इस्तेमाल का तरीका और आयुर्वेदिक लाभ


आयुर्वेद का तोड़ कहीं भी नहीं है। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, ये बात तो पुरानी सी पुरानी किताबों में भी लिखी है। खैर बात जब आयुर्वेद की हो तो इसकी गोद में ऐसी कई प्राकृतिक चीजें होती हैं, जो हमारे लिए जीवन दायनी भी हो सकती हैं। आज हम उसी आयुर्वेद में से एक ऐसे ही आशीर्वाद के बारे में बात करेंगे, जिसका नाम है, सर्पगन्धा। सर्पगंधा एक आयुर्वेदिक औषधि है। जो एक तरह के फूल के पौधे की जड़ की तरह ही दिखता है।... Read More

आयुर्वेद का तोड़ कहीं भी नहीं है। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, ये बात तो पुरानी सी पुरानी किताबों में भी लिखी है। खैर बात जब आयुर्वेद की हो तो इसकी गोद में ऐसी कई प्राकृतिक चीजें होती हैं, जो हमारे लिए जीवन दायनी भी हो सकती हैं। आज हम उसी आयुर्वेद में से एक ऐसे ही आशीर्वाद के बारे में बात करेंगे, जिसका नाम है, सर्पगन्धा। सर्पगंधा एक आयुर्वेदिक औषधि है। जो एक तरह के फूल के पौधे की जड़ की तरह ही दिखता है। अब आप ये सोच रहे होंगे कि, सर्पगंधा का नाम ऐसा क्यों हैं? तो आपको बता दें कि, इसकी बनावट किसी सांप की तरह ही दिखती है। ये कई औषधीय गुणों के लिए पहचाना जाता है।

गुणों का पिटारा सर्पगंधा

हेल्थ से जुड़े ऐसे कई फायदे हैं, जो आपको सर्पगंधा से मिलने वाले हैं। बात इसके फायदों के बारे में करें तो ब्लडप्रेशर नॉर्मल रहता है। इसके अलावा इससे दिल की बिमारी भी दूर होती है। अगर पेट से जुड़ी कोई समस्या है तो, उससे भी आपको राहत मिलती है। काफी लोग हैं, जिनकी नींद नहीं पूरी होती तो आपकी इस समस्या का भी इलाज सर्पगंधा के पास है। 

 क्या है सही इस्तेमाल

पुराने समय से ही सर्पगंधा को चिकित्सकीय नजर में काफी फायदेमंद माना गया है। इस पौधे की जड़ें या इनका जूस काफी फायदों से भरपूर होती है। कई किस्मों की दवाओं को बनाने में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। इस पौधे की जड़ का इस्तेमाल डिलीवरी के समय भ्रूण को आसानी से बाहर निकलने में मदद कर सकता है। साथ ही डाइजेशन से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या का इलाज भी संभव है।

सर्पगंधा के पत्तों का इस्तेमाल

इस पौधे की जड़ें जितनी उपयोगी हैं, उतनी ही उपयोगी इसकी पत्तियां भी हैं। इसकी पत्तियों का इस्तेमाल हर्बल पेस्ट के रूप में किया जाता है। अगर सांप ने काट लिया है या कोई पुराना घाव को इससे ठीक किया जा सकता है।अगर आंखों से जुड़ी समस्या है तो भी आपको इससे इलाज मिल सकता है। प्रेगनेंसी के दौरान अगर महिला इसके पत्तों का सेवन करती है तो, इससे होने वाले बच्चे का दिमाग काफी तेज होता है।

सर्पगंधा के फायदे

     

सर्पगंधा से ऐसे कई फायदे हैं, जिनके बारे में जितना बताएं, उतना ही कम होगा। आइए जानते हैं-

1.सर्पगंधा से दिमाग तेज होता है।

2.डिप्रेशन को रोकने में मिलती है।

3.नींद से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं।

4.थकान को दूर करने मेंमदद मिलती है।

5.बुखार को जड़ से उखाड़कर फेंकता है।

6.स्किन के लिए भी सर्पगंधा काफी फायदेमंद है।

7.पेट से जुड़ी हर तरह की समस्या दूर होती है।

8.डाईजेशन को दुरुस्त करने में मदद मिलती है।

दुष्प्रभाव भी जान लीजिये

सर्पगंधा के जितने फायदे हैं, उतने ही उसके दुष्प्रभाव भी हैं। जिनको जानने के बाद आपको सावधान रहने की जरूरत है। तो चलिए फिर जान लेते हैं सर्पगंधा से जुड़े दुष्प्रभाव के बारे में भी।

इसका ज्यादा सेवन भूख में कमी कर सकता है।

पेट में दर्द, उल्टी आना, सिर दर्द जैसी समस्याएं भी सामने आ सकती हैं।

सांस लेने में तकलीफ, छाती में दर्द की समस्याएं हो सकती हैं।

अगर स्टोन की समस्या है तो इसके सेवन से बचें।

बच्चे को स्तनपान कराती हैं तो इसका सेवन बिलकुल न करें।

सर्पगंधा आयुर्वेदिक गुणों का उपहार है। यहां आपको कुछ सावधानियां बरतने की भी जरूरत है। अगर आप किसी दवा का इस्तेमाल करते हैं तो उस बीच सर्पगंधा का इस्तेमाल बिलकुल भी न करें। अगर फिर भी आप इसका सेवन करना चाहते हैं, तो किसी एक्सपर्ट की सलाह जरुर लें।

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इन 5 बीमारियों का काल है कालमेघ शरीर के अंदर जाते ही अमृत बनकर करती है काम


ऐसे कई पेड़, पौधे और जड़ियां हैं जिनका जिक्र आयुर्वेद में है, लेकिन लोगों को उसके फायदों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। कालमेघ भी एक ऐसी ही जड़ी है। जिसमें बेशुमार औषधीय गुण हैं। आम सर्दी जुकाम और बुखार में कालमेघ का उपयोग किया जाता है। क्योंकि, ये जड़ी शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने का काम करती है। इसके अलावा कालमेघ पेट से जुड़ी कई बीमारियों का भी इलाज करने में सक्षम है।   कालमेघ का पौधा भारत... Read More

ऐसे कई पेड़, पौधे और जड़ियां हैं जिनका जिक्र आयुर्वेद में है, लेकिन लोगों को उसके फायदों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। कालमेघ भी एक ऐसी ही जड़ी है। जिसमें बेशुमार औषधीय गुण हैं। आम सर्दी जुकाम और बुखार में कालमेघ का उपयोग किया जाता है। क्योंकि, ये जड़ी शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने का काम करती है। इसके अलावा कालमेघ पेट से जुड़ी कई बीमारियों का भी इलाज करने में सक्षम है।

 

कालमेघ का पौधा भारत के उत्तरी हिस्से समेत पश्चिम बंगाल में भी अच्छी मात्रा में मिलता है। इसका स्वाद कड़वा होता है। इसके बावजूद कालमेघ के गुणों के कारण जानकार इसका सेवन करने से चूकते नहीं है। कई जगहों पर कालमेघ को चिरायता के नाम से भी जानते हैं। इस जड़ी में इतनी कड़वाहट होती है कि इस किंग ऑफ बिटर भी कहा जाता है।

 कालमेघ का सेवन कैसे करें?

कालमेघ को पानी में उबाल कर पिया जाता है।

-कालमेघ की पत्तियों को धो कर, पानी में भिगो दें।

-कुछ देर पत्तियां भीगे रहने दें, फिर उबलने रख दें।

-इसे तब तक उबालना है जब तक पानी एक चौथाई न रह जाए।

बढ़ी शुगर कंट्रोल करती है कालमेघ

जिन लोगों की शुगर बढ़ी हुई होती है उन्हें रोज सुबह कालमेघ का पानी पीने की सलाह दी जाती है। कालमेघ के सूखे पत्तों का काढ़ा शुगर पेशेंट के लिए ज्यादा फायदेमंद होता है। कालमेघ में ऐसे तत्व होते हैं जो शरीर में इंसुलिन की मात्रा को बढ़ाने में मददगार होते हैं। एक रिसर्च में पाया गया कि कालमेघ का अर्क मोटे चूहों में टाइप 1 डायबिटीज को कंट्रोल कर सकता है

स्‍ट्रेस दूर कर ब्रेन बनाए पावरफुल

जो लोग तनाव का शिकार होते हैं उनके लिए कालमेघ का काढ़ा स्ट्रेस बस्टर की तरह काम करता है। कालमेघ से स्वर्टिया मार्टिन नाम का तत्व प्रोड्यूस होता है। ये तत्व तनाव को कम कर ब्रेन को राहत देता है।

लीवर के लिए अच्छा है

लिवर को डिटॉक्स करने में भी कालमेघ सक्षम है। कालमेघ में दो किस्म के तत्व होते हैं। एक हेपटोप्रोटेक्टिव और एक हेपटोस्टिमुलेटिव। ये दोनों ही गुण पीलिया जैसी तकलीफ से लिवर को उबरने में मदद करते हैं। पित्त को रेग्यूलेट करके कालमेघ लिवर के काम को आसान बनाता है। साथ ही इसके अर्क के सेवन से लिवर और रीनल डैमेज से भी सुरक्षा मिलतीहै, जिसकी वजह से मलेरिया इंफेक्शन के दौरान व्‍यक्‍ति की मौत हो जाती है।

कालमेघ के पानी से चेहरा धोना फायदेमंद

कालमेघ के पानी से चेहरा धोने पर पिंपल्स और एक्ने से आराम मिलता है। स्किन पर होने वाली जलन, रूखापन या फिर खुजली की समस्या से भी कालमेघ राहत दिलाता है। कालमेघ रक्तशोधक यानि खून साफ करने वाली जड़ी है। जिसका असर स्किन पर भी दिखाई देता है।

वजन घटाने में फायदेमंद

कालमेघ का पानी पीने से मेटाबॉलिक रेट में इजाफा होता है। मेटाबॉलिज्म बेहतर होने से वजन घटाने में मददमिलती है। मेटाबॉलिज्म तेज होने से फैट बर्निंग भी तेजी से होती है। इसके अलावा कालमेघ पेट से जुड़ी समस्या जैसे एसिडिटी, इनडाइजेशन, कॉन्स्टिपेशन को भी दूर करता है। पेट के ठीक तरह से काम करने से वेटलॉस की कोशिशों को कामयाबी मिलती है।

कालमेघ के कुछ नुकसान

यदि कालमेघ को सही तरीके और खुलाख में लिया जाए तो यह फायदा करती है, लेकिन इसका अधिक उपयोग कुछ दुष्प्रभाव पैदा कर सकता है, जैसे...

 

1. अधिक मात्रा में कालमेघ अर्क का सेवन करने से सुस्ती पैदा कर सकती है।

2. कुछ लोग कालमेघ से एलर्जी प्रतिक्रियाओं का निरीक्षण कर सकते हैं, मामूली त्वचा पर चकत्ते से लेकर उच्च खुराक के कारण एनाफिलेक्सिस नामक संभावित

3. इसे लेने से एलर्जिक रिएक्‍शन हो सकता है।

4. इससे गर्भपात के चांस भी हो सकते हैं।

5. यह ओव्यूलेशन को रोकता है और शुक्राणुओं की संख्या को कम करता है। अध्ययनों से यह भी पता चला है कि यह प्रोजेस्टेरोन के उत्पादन को रोकता है।

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