इन 5 बीमारियों का काल है कालमेघ शरीर के अंदर जाते ही अमृत बनकर करती है काम
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ऐसे कई पेड़, पौधे और जड़ियां हैं जिनका जिक्र आयुर्वेद में है, लेकिन लोगों को उसके फायदों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। कालमेघ भी एक ऐसी ही जड़ी है। जिसमें बेशुमार औषधीय गुण हैं। आम सर्दी जुकाम और बुखार में कालमेघ का उपयोग किया जाता है। क्योंकि, ये जड़ी शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने का काम करती है। इसके अलावा कालमेघ पेट से जुड़ी कई बीमारियों का भी इलाज करने में सक्षम है।
कालमेघ का पौधा भारत के उत्तरी हिस्से समेत पश्चिम बंगाल में भी अच्छी मात्रा में मिलता है। इसका स्वाद कड़वा होता है। इसके बावजूद कालमेघ के गुणों के कारण जानकार इसका सेवन करने से चूकते नहीं है। कई जगहों पर कालमेघ को चिरायता के नाम से भी जानते हैं। इस जड़ी में इतनी कड़वाहट होती है कि इस किंग ऑफ बिटर भी कहा जाता है।
कालमेघ को पानी में उबाल कर पिया जाता है।
-कालमेघ की पत्तियों को धो कर, पानी में भिगो दें।
-कुछ देर पत्तियां भीगे रहने दें, फिर उबलने रख दें।
-इसे तब तक उबालना है जब तक पानी एक चौथाई न रह जाए।
बढ़ी शुगर कंट्रोल करती है कालमेघ
जिन लोगों की शुगर बढ़ी हुई होती है उन्हें रोज सुबह कालमेघ का पानी पीने की सलाह दी जाती है। कालमेघ के सूखे पत्तों का काढ़ा शुगर पेशेंट के लिए ज्यादा फायदेमंद होता है। कालमेघ में ऐसे तत्व होते हैं जो शरीर में इंसुलिन की मात्रा को बढ़ाने में मददगार होते हैं। एक रिसर्च में पाया गया कि कालमेघ का अर्क मोटे चूहों में टाइप 1 डायबिटीज को कंट्रोल कर सकता है
स्ट्रेस दूर कर ब्रेन बनाए पावरफुल
जो लोग तनाव का शिकार होते हैं उनके लिए कालमेघ का काढ़ा स्ट्रेस बस्टर की तरह काम करता है। कालमेघ से स्वर्टिया मार्टिन नाम का तत्व प्रोड्यूस होता है। ये तत्व तनाव को कम कर ब्रेन को राहत देता है।
लीवर के लिए अच्छा है
लिवर को डिटॉक्स करने में भी कालमेघ सक्षम है। कालमेघ में दो किस्म के तत्व होते हैं। एक हेपटोप्रोटेक्टिव और एक हेपटोस्टिमुलेटिव। ये दोनों ही गुण पीलिया जैसी तकलीफ से लिवर को उबरने में मदद करते हैं। पित्त को रेग्यूलेट करके कालमेघ लिवर के काम को आसान बनाता है। साथ ही इसके अर्क के सेवन से लिवर और रीनल डैमेज से भी सुरक्षा मिलतीहै, जिसकी वजह से मलेरिया इंफेक्शन के दौरान व्यक्ति की मौत हो जाती है।
कालमेघ के पानी से चेहरा धोना फायदेमंद
कालमेघ के पानी से चेहरा धोने पर पिंपल्स और एक्ने से आराम मिलता है। स्किन पर होने वाली जलन, रूखापन या फिर खुजली की समस्या से भी कालमेघ राहत दिलाता है। कालमेघ रक्तशोधक यानि खून साफ करने वाली जड़ी है। जिसका असर स्किन पर भी दिखाई देता है।
वजन घटाने में फायदेमंद
कालमेघ का पानी पीने से मेटाबॉलिक रेट में इजाफा होता है। मेटाबॉलिज्म बेहतर होने से वजन घटाने में मददमिलती है। मेटाबॉलिज्म तेज होने से फैट बर्निंग भी तेजी से होती है। इसके अलावा कालमेघ पेट से जुड़ी समस्या जैसे एसिडिटी, इनडाइजेशन, कॉन्स्टिपेशन को भी दूर करता है। पेट के ठीक तरह से काम करने से वेटलॉस की कोशिशों को कामयाबी मिलती है।
यदि कालमेघ को सही तरीके और खुलाख में लिया जाए तो यह फायदा करती है, लेकिन इसका अधिक उपयोग कुछ दुष्प्रभाव पैदा कर सकता है, जैसे...
1. अधिक मात्रा में कालमेघ अर्क का सेवन करने से सुस्ती पैदा कर सकती है।
2. कुछ लोग कालमेघ से एलर्जी प्रतिक्रियाओं का निरीक्षण कर सकते हैं, मामूली त्वचा पर चकत्ते से लेकर उच्च खुराक के कारण एनाफिलेक्सिस नामक संभावित
3. इसे लेने से एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है।
4. इससे गर्भपात के चांस भी हो सकते हैं।
5. यह ओव्यूलेशन को रोकता है और शुक्राणुओं की संख्या को कम करता है। अध्ययनों से यह भी पता चला है कि यह प्रोजेस्टेरोन के उत्पादन को रोकता है।
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Suveta Notiyal
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