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Om Tva
Om Tva
@DigitalDiaryWefru • Nov 30, 2023

बुध ग्रह कवच

|| बुध ग्रह कवच || II श्री गणेशाय नमः II  अस्य श्रीबुधकवचस्तोत्रमंत्रस्य कश्यप ऋषिः I अनुष्टुप् छंदःI बुधो देवता I बुधपीडाशमनार्थं जपे विनियोगः II बुधस्तु पुस्तकधरः कुंकुमस्य समद्दुतिः I पितांबरधरः पातु पितमाल्यानुलेपनः II १ II कटिं च पातु मे सौम्यः शिरोदेशं बुधस्तथा I नेत्रे ज्ञानमयः पातु श्रोत्रे पातु निशाप्रियः II २ II घ्राणं गंधप्रियः पातु जिह्वां विद्याप्रदो मम I कंठं पातु विधोः पुत्रो भ...

Om Tva
Om Tva
@DigitalDiaryWefru • Nov 30, 2023

बृहस्पति कवच

|| बृहस्पति कवच || अथ बृहस्पतिकवचम् अस्य श्रीबृहस्पतिकवचस्तोत्रमंत्रस्य ईश्वरऋषिः । अनुष्टुप् छंदः । गुरुर्देवता । गं बीजं श्रीशक्तिः ।क्लीं कीलकम् । गुरुपीडोपशमनार्थं जपे विनियोगः ॥ अभीष्टफलदं देवं सर्वज्ञम् सुर पूजितम् ।अक्षमालाधरं शांतं प्रणमामि बृहस्पतिम् ॥ १ ॥ बृहस्पतिः शिरः पातु ललाटं पातु मे गुरुः ।कर्णौ सुरगुरुः पातु नेत्रे मे अभीष्ठदायकः ॥ २ ॥ जिह्वां पा...

Om Tva
Om Tva
@DigitalDiaryWefru • Nov 30, 2023

ब्रह्माण्ड मोहनाख्यं दुर्गा कवचम्

|| ब्रह्माण्ड मोहनाख्यं दुर्गा कवचम् || श्रीगणेशाय नमः । नारद उवाच । भगवन्सर्वधर्मज्ञ सर्वज्ञानविशारद । ब्रह्माण्डमोहनं नाम प्रकृते कवचं वद ॥ १॥ नारायण उवाच । शृणु वक्ष्यामि हे वत्स कवचं च सुदुर्लभम् । श्रीकृष्णेनैव कथितं कृपया ब्रह्मणे पुरा ॥ २॥ ब्रह्मणा कथितं पूर्वं धर्माय जान्हवीतटे । धर्मेण दत्तं मह्यं च कृपया पुष्करे पुरा ॥ ३॥ त्रिपुरारिश्च यद्धृत्वा जघान त्रिपुरं पुरा । ममोच ब्रह्मा यद्धृत्व...

Om Tva
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@DigitalDiaryWefru • Nov 30, 2023

मंगल ग्रह कवच

|| मंगल ग्रह कवच || अथ मंगल कवचम्   अस्य श्री मंगलकवचस्तोत्रमंत्रस्य कश्यप ऋषिः । अनुष्टुप् छन्दः । अङ्गारको देवता । भौम पीडापरिहारार्थं जपे विनियोगः। रक्तांबरो रक्तवपुः किरीटी चतुर्भुजो मेषगमो गदाभृत् । धरासुतः शक्तिधरश्च शूली सदा ममस्याद्वरदः प्रशांतः ॥ १ ॥ अंगारकः शिरो रक्षेन्मुखं वै धरणीसुतः । श्रवौ रक्तांबरः पातु नेत्रे मे रक्तलोचनः ॥ २ ॥ नासा...

Om Tva
Om Tva
@DigitalDiaryWefru • Nov 30, 2023

महाकाली कवच

|| महाकाली कवच || || भैरव्युवाच ||   काली पूजा श्रुता नाथ भावाश्च विविधाः प्रभो । इदानीं श्रोतु मिच्छामि कवचं पूर्व सूचितम् ॥ त्वमेव शरणं नाथ त्राहि माम् दुःख संकटात् । सर्व दुःख प्रशमनं सर्व पाप प्रणाशनम् ॥ सर्व सिद्धि प्रदं पुण्यं कवचं परमाद्भुतम् । अतो वै श्रोतुमिच्छामि वद मे करुणानिधे ॥ || भैरवोवाच ||   रहस्यं श्रृणु वक्ष्यामि भैरवि प्राण वल्लभे । श्री जगन्मङ्गलं नाम कवचं मंत्र विग्र...

Om Tva
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@DigitalDiaryWefru • Nov 29, 2023

माँ काली कवच

|| माँ काली कवच || कवचं श्रोतुमिच्छामि तां च विद्यां दशाक्षरीम्। नाथ त्वत्तो हि सर्वज्ञ भद्रकाल्याश्च साम्प्रतम्॥ नारायण उवाच श्रृणु नारद वक्ष्यामि महाविद्यां दशाक्षरीम्। गोपनीयं च कवचं त्रिषु लोकेषु दुर्लभम्॥ ह्रीं श्रीं क्लीं कालिकायै स्वाहेति च दशाक्षरीम्। दुर्वासा हि ददौ राज्ञे पुष्करे सूर्यपर्वणि॥ दशलक्षजपेनैव मन्त्रसिद्धि: कृता पुरा। पञ्चलक्षजपेनैव पठन् कवचमुत्तमम्॥ बभूव सिद्धकवचोऽप्ययोध्याम...

Om Tva
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@DigitalDiaryWefru • Nov 29, 2023

माँ छिन्नमस्ता कवच

|| माँ छिन्नमस्ता कवच || हुं बीजात्मिका देवी मुण्डकर्त्रिधरा परा । ह्रदयं  पातु सा देवी वर्णिनी डाकिनी युता ।। श्रीं ह्रीं हुं ऐं चैव देवी पूर्वस्यां पातु सर्वदा । सर्वांग मे सदा पातु छिन्नमस्ता महाबला । वज्रवैरोचनीये हुं फट् बीजसमन्विता । उत्तरस्यां तथाग्नां च वारुणे नैऋतेऽवतु ।। इन्द्राक्षी भैरवी चैव सितांगी च सहारिणी । सर्वदा पातु मां देवी चान्यान्यासु हि दिक्षु वै ।।

Om Tva
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@DigitalDiaryWefru • Nov 29, 2023

माँ तारा प्रत्यंगिरा कवच

|| माँ तारा प्रत्यंगिरा कवच || || ईश्वर उवाच || ॐ तारायाः स्तम्भिनी देवी मोहिनी क्षोभिनी तथा । हस्तिनी भ्रामिनी रौद्री संहारण्यापि तारिणी ॥ १ ॥ शक्तयोहष्टौ क्रमादेता शत्रुपक्षे नियोजिताः । धारिता साधकेन्द्रेण सर्वशत्रु निवारिणी ॥ २ ॥ || कवचमारम्भम् ||   ॐ स्तम्भिनी स्त्रें स्त्रें मम शत्रुन् स्तम्भय स्तम्भय ॥ ३ ॥ ॐ क्षोभिनी स्त्रें स्त्रें मम शत्रुन् क्षोभय क्षोभय ॥ ४ ॥ ॐ मोहिनी स्त्रें स्त्र...

Om Tva
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@DigitalDiaryWefru • Nov 29, 2023

माँ धूमावती कवच

|| माँ धूमावती कवच ||   श्रीधूमावतीकवचम् श्रीगणेशाय नमः । अथ धूमावती कवचम् । श्रीपार्वत्युवाच – धूमावत्यर्चनं शम्भो श्रुतं विस्तरतोमया । कवचं श्रोतुमिच्छामि तस्या देव वदस्व मे ॥ १॥   श्रीभैरव उवाच – श‍ृणुदेवि परं गुह्यं न प्रकाश्यं कलौयुगे । कवचं श्रीधूमावत्याश्शत्रुनिग्रहकारकम् ॥ २॥ ब्रह्माद्यादेवि सततं यद्वशादरिघातिनः । योगिनोभवछत्रुघ्ना यस्याध्यान प्रभावतः ॥ ३॥ ॐ अस्य...

Om Tva
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@DigitalDiaryWefru • Nov 29, 2023

माँ भुवनेश्वरी कवच

|| माँ भुवनेश्वरी कवच || ह्रीं बीजं मे शिर: पातु भुवनेश्वरी ललाटकम् । ऐं पातु दक्षनेत्रं मे ह्रीं पातु वामलोचनम् ।। श्रीं पातु दक्षकणर्ण मे त्रिवर्णात्मा महेश्वरी । वामकर्ण सदा पातु ऐं घ्राणं पातु मे सदा ।। ह्रीं पातु वदनं देवी ऐं पातु रसनां मम । श्रीं स्कन्धौ पातु नियतं ह्रीं भुजौ पातु सर्वदा ।। क्लीं करौ त्रिपुरेशानी त्रिपुरैश्वर्यदायिनी।। ॐ पातु ह्रदयं ह्रीं मे मध्यदेशं सदाऽवतु । क्री पातु नाभि...

Om Tva
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@DigitalDiaryWefru • Nov 29, 2023

माँ मातंगी कवच

|| माँ मातंगी कवच || श्री देव्युवाच साधु-साधु महादेव। कथयस्व सुरेश्वर। मातंगी-कवचं दिव्यं, सर्व-सिद्धि-करं नृणाम् ॥ श्री ईश्वर उवाच श्रृणु देवि। प्रवक्ष्यामि, मातंगी-कवचं शुभं। गोपनीयं महा-देवि। मौनी जापं समाचरेत् ॥ विनियोग – ॐ अस्य श्रीमातंगी-कवचस्य श्री दक्षिणा-मूर्तिः ऋषिः । विराट् छन्दः । श्रीमातंगी देवता । चतुर्वर्ग-सिद्धये जपे विनियोगः । ऋष्यादि-न्यास श्री दक्षिणा-मूर्तिः ऋषये नमः शिरस...

Om Tva
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@DigitalDiaryWefru • Nov 28, 2023

कात्यायनी देवी कवच

|| माता कात्यायनी देवी कवच || कात्यायनौमुख पातुकां कां स्वाहास्वरूपणी। ललाटेविजया पातुपातुमालिनी नित्य सुंदरी॥ कल्याणी हृदयंपातुजया भगमालिनी॥

Om Tva
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@DigitalDiaryWefru • Nov 28, 2023

कालरात्रि देवी कवच

|| माता कालरात्रि देवी कवच || ॐ क्लींमें हदयंपातुपादौश्रींकालरात्रि। ललाटेसततंपातुदुष्टग्रहनिवारिणी॥ रसनांपातुकौमारी भैरवी चक्षुणोर्मम कहौपृष्ठेमहेशानीकर्णोशंकरभामिनी। वíजतानितुस्थानाभियानिचकवचेनहि। तानिसर्वाणिमें देवी सततंपातुस्तम्भिनी॥

Om Tva
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@DigitalDiaryWefru • Nov 28, 2023

माता कुष्मांडा देवी कवच

|| माता कुष्मांडा देवी कवच || हसरै मे शिर: पातु कूष्माण्डे भवनाशिनीम्। हसलकरीं नेत्रथ, हसरौश्च ललाटकम्॥ कौमारी पातु सर्वगात्रे वाराही उत्तरे तथा। पूर्वे पातु वैष्णवी इन्द्राणी दक्षिणे मम। दिग्दिध सर्वत्रैव कूं बीजं सर्वदावतु॥

Om Tva
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@DigitalDiaryWefru • Nov 28, 2023

ब्रह्मचारिणी देवी कवच

|| माता ब्रह्मचारिणी देवी कवच || त्रिपुरा में हृदयेपातुललाटेपातुशंकरभामिनी। अर्पणासदापातुनेत्रोअर्धरोचकपोलो॥ पंचदशीकण्ठेपातुमध्यदेशेपातुमहेश्वरी॥ षोडशीसदापातुनाभोगृहोचपादयो। अंग प्रत्यंग सतत पातुब्रह्मचारिणी॥

Om Tva
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@DigitalDiaryWefru • Nov 28, 2023

महागौरी देवी कवच

|| माता महागौरी देवी कवच || || कवच ||   ओंकार: पातुशीर्षोमां, हीं बीजंमां हृदयो। क्लींबीजंसदापातुनभोगृहोचपादयो॥ ललाट कर्णो,हूं, बीजंपात महागौरीमां नेत्र घ्राणों। कपोल चिबुकोफट् पातुस्वाहा मां सर्ववदनो॥

Om Tva
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@DigitalDiaryWefru • Nov 28, 2023

माता शैलपुत्री देवी कवच

|| माता शैलपुत्री देवी कवच || ओमकार:में शिर: पातुमूलाधार निवासिनी। हींकार,पातुललाटेबीजरूपामहेश्वरी॥ श्रीकार:पातुवदनेलज्जारूपामहेश्वरी। हूंकार:पातुहृदयेतारिणी शक्ति स्वघृत॥ फट्कार:पातुसर्वागेसर्व सिद्धि फलप्रदा।

Om Tva
Om Tva
@DigitalDiaryWefru • Nov 28, 2023

श्री वैष्णो देवी चालीसा

श्री वैष्णो देवी चालीसा  ॥ दोहा॥ गरुड़ वाहिनी वैष्णवी त्रिकुटा पर्वत धाम काली, लक्ष्मी, सरस्वती, शक्ति तुम्हें प्रणाम ॥ चौपाई ॥ नमो: नमो: वैष्णो वरदानी, कलि काल मे शुभ कल्याणी। मणि पर्वत पर ज्योति तुम्हारी, पिंडी रूप में हो अवतारी॥ देवी देवता अंश दियो है, रत्नाकर घर जन्म लियो है। करी तपस्या राम को पाऊँ, त्रेता की शक्ति कहलाऊँ॥ कहा राम मणि पर्वत जाओ, कलियुग की देवी कहलाओ। विष्णु रूप से कल्कि ब...

Om Tva
Om Tva
@DigitalDiaryWefru • Nov 28, 2023

श्री प्रेतराज चालीसा

श्री प्रेतराज चालीसा ॥ दोहा ॥ गणपति की कर वंदना, गुरु चरनन चितलाय। प्रेतराज जी का लिखूं, चालीसा हरषाय॥ जय जय भूताधिप प्रबल, हरण सकल दु:ख भार। वीर शिरोमणि जयति, जय प्रेतराज सरकार॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय प्रेतराज जग पावन। महा प्रबल त्रय ताप नसावन॥ विकट वीर करुणा के सागर। भक्त कष्ट हर सब गुण आगर॥ रत्न जटित सिंहासन सोहे। देखत सुन नर मुनि मन मोहे॥ जगमग सिर पर मुकुट सुहावन। कानन कुण्डल अति मन भावन॥ धनुष कृपाण...

Om Tva
Om Tva
@DigitalDiaryWefru • Nov 28, 2023

श्री काली चालीसा

卐 श्री काली चालीसा 卐 ॥ दोहा॥ जयकाली कलिमलहरण, महिमा अगम अपार महिष मर्दिनी कालिका, देहु अभय अपार ॥ ॥ चौपाई ॥ अरि मद मान मिटावन हारी । मुण्डमाल गल सोहत प्यारी ॥ अष्टभुजी सुखदायक माता । दुष्टदलन जग में विख्याता ॥ भाल विशाल मुकुट छवि छाजै । कर में शीश शत्रु का साजै ॥ दूजे हाथ लिए मधु प्याला । हाथ तीसरे सोहत भाला ॥ चौथे खप्पर खड्ग कर पांचे । छठे त्रिशूल शत्रु बल जांचे ॥ सप्तम करदमकत असि प्यारी । शोभा...

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