शवासन योग?
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शवासन (शव मुद्रा) करने से कई फ़ायदे होते हैं. यह मन को शांत करता है और तनाव को कम करता है. शवासन करने से शरीर और मन दोनों को आराम मिलता है.
शवासन करने के कुछ फ़ायदे ये रहे:
शवासन करने से तनाव और चिंता कम होती है.
शवासन करने से मानसिक स्पष्टता और ध्यान बढ़ता है.
शवासन करने से रात में अच्छी नींद आती है.
शवासन करने से पीठ और कमर के दर्द से राहत मिलती है.
शवासन करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है.
शवासन करने से उच्च रक्तचाप सामान्य होता है.
शवासन करने से अनिद्रा की समस्या दूर होती है.
शवासन करने से पाचन अच्छा होता है.
शवासन करने से कब्ज़ जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है.
शवासन करने से त्वचा निखरती है.
शवासन हर उम्र के लोग कर सकते हैं.
शवासन कितनी देर करना चाहिए?
अधिकतम लाभ के लिए शवासन को कितनी देर तक धारण करना चाहिए? शरीर और मन को पूर्ववर्ती योग सत्र के लाभों को पूरी तरह से अवशोषित करने के लिए कम से कम 5-10 मिनट का समय अनुशंसित किया जाता है।
शवासन करने से क्या लाभ होता है?
शवासन के फायदे
इस आसन के अभ्यास से मस्तिष्क शांत और तनाव व हल्के अवसाद से राहत पाने में मदद मिलती है।
शवासन पूरे शरीर को आराम देता है
इस आसन से सिरदर्द, थकान और अनिद्रा की शिकायत को दूर किया जा सकता है।
शवासन रक्तचाप कम करने में मदद करता है
एकाग्रता और याददाश्त में सुधार के लिए नियमित शवासन का अभ्यास करना चाहिए।
क्या हमें शवासन में सोना चाहिए?
यह योगियों के सभी स्तरों के साथ होता है, सिर्फ़ शुरुआती लोगों के साथ नहीं। कुछ लोगों के लिए, वे नींद से बच नहीं पाते। सभी तत्व उनके लिए भी सही हैं नरम योगा मैट, आरामदायक संगीत और मंद रोशनी। शवासन में आपका शरीर और मन पूरी तरह से आराम में होना चाहिए
शवासन योग करने से कई फ़ायदे होते हैं:
शवासन करने से तनाव कम होता है और मन शांत होता है.
इससे नींद अच्छी आती है.
शवासन करने से शरीर रिलैक्स होता है.
शवासन करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है.
शवासन करने से पाचन बेहतर होता है.
शवासन करने से कब्ज़ जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है.
शवासन करने से पीठ और कमर के दर्द से राहत मिलती है.
शवासन करने से त्वचा निखरती है.
शवासन करने से हल्के अवसाद से राहत मिलती है.
शवासन करने से सिरदर्द और थकान में आराम मिलता है.
शवासन करने से रक्तचाप कम होता है.
शवासन करने से एकाग्रता और याददाश्त में सुधार होता है.
शवासन को शव मुद्रा भी कहा जाता है. यह एक अंतिम विश्राम मुद्रा है. यह आसन हर उम्र के लोग कर सकते हैं.
शवासन एक ऐसा योगासन है जिसे अगर आप कुछ देर के लिये भी सही तरीके से कर लें तो आप घंटों की नींद के बराबर रिलैक्स महसूस कर सकते हैं। इसे करने से आपका ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल रहता है और आपका मस्तिसष्क भी तनाव मुक्त होता है।
शवासन योग कैसे किया जाता है?
शवासन करने के दौरान किसी भी अंग को हिलाना-डुलाना नहीं है। आप अपनी सजगता (ध्यान) को साँस की ओर लगाएँ और उसे अधिक से अधिक लयबद्ध करने का प्रयास करें। गहरी साँसें भरें और साँस छोड़ते हुए ऐसा अनुभव करें कि पूरा शरीर शिथिल होता जा रहा है। शरीर के सभी अंग शांत हो गए हैं।
शवासन का अर्थ क्या होता है?
शवासन ( संस्कृत : शवासन ; IAST : शवासन ), शव मुद्रा , या मृतासन , हठ योग और आधुनिकयोग में व्यायाम के रूप में एक आसन है, जिसे अक्सर एक सत्र के अंत में आराम के लिए उपयोग किया जाता है। यह योग निद्रा ध्यान के अभ्यास के लिए सामान्य मुद्रा है, और रिस्टोरेटिव योग में एक महत्वपूर्ण मुद्रा है।
शवासन करना क्यों उपयोगी है?
शवासन के जरिए आप अपनी ऊर्जाओं को जीवंत करते हैं, मन को शांत और स्थिर करते हैं और एक ध्यान की स्थिति में खुद को पहुंचाते हैं। शवासन कई शारीरिक लाभ भी देता है, जैसे कि वह आपके ब्लड सर्कुलेशन में मदद करता है, पाचन में मदद करता है, मानसिक स्थिति बेहतर बनाता है, मांसपेशियों को रिलैक्स करता है।
शवासन क्यों करते हैं?
मन और शरीर में पूर्ण स्थिरता ही शवासन का लक्ष्य है, जो अधिकांश लोगों के लिए इसे शारीरिक रूप से सबसे आसान आसन, तथा मानसिक और भावनात्मक रूप से सबसे चुनौतीपूर्ण आसन बनाता है। शवासन के दौरान हमारे शरीर में बहुत कुछ घटित होता है, भले ही हम स्थिर हों (और उसके कारण भी)। शवासन योगाभ्यास के बाद शरीर को आराम प्रदान करता है।
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