वज्रासन योग करने का सही तरीका फायदे और सावधानियां

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वज्रासन योग करने का सही तरीका  फायदे और सावधानियां व इसे करने की विधि

वज्रासन योग करने का सही तरीका, फायदे और सावधानियां

योग सिर्फ एक व्यायाम नहीं, बल्कि विज्ञान है। अब इस बात को वैज्ञानिक भी मानने लगे हैं। योग एक संपूर्ण जीवनशैली है, जो आपकी पूरी जिंदगी को बदलने में अहम भूमिका निभा सकता है। 

योग प्रकृति से सीखने में ही यकीन करता है। ऐसे में हर वो चीज जो प्रकृति में है। असल में योग विज्ञान का ही हिस्सा है। योग, प्रकृति में मौजूद जीव-जन्तुओं, वस्तुओं, पदार्थों और मुद्राओं से ही सीखता है और उसी से खुद को बेहतर करने में यकीन करता है। 

योग विज्ञान का ऐसा ही एक आसन वज्रासन भी है। वज्रासन शब्द असल में दो शब्दों वज्र और आसन से मिलकर बना है। इसमें वज्र शब्द का संस्कृत में अर्थ आकाशीय बिजली या हीरा होता है। जबकि आसन का अर्थ बैठना होता है। ये आसन शरीर में बिखरी हुई ऊर्जा को व्यवस्थित कर सकता है। इसके अलावा ये शरीर को हीरे के समान कठोर बनाने में भी मदद कर सकता है।

वज्रासन करने के फायदे–

1. वज्रासन के नियमित अभ्यास से पाचन क्रिया सुधरती है और कब्ज़ को दूर करने में मदद मिलती है। 

2. बेहतर पाचन तंत्र से अल्सर और एसिडिटी जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है। 

3. वज्रासन के अभ्यास से पीठ और रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है और कमर दर्द के साथ ही साइटिका के मरीजों को भी राहत मिलती है। 

4. ये आसन शरीर में पेल्विक मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है। 

5. ये आसन मेडिटेशन करने या ध्यान करने के लिए भी बेस्ट माना जाता है।

वज्रासन करने का सही तरीका–

वैसे तो हर योग को खाली पेट करने की सलाह दी जाती है, लेकिन वज्रासन इसका अपवाद है। वज्रासन को हमेशा भोजन करने के बाद ही करने की सलाह दी जाती है। अगर भोजन करने के बाद वज्रासन का अभ्यास किया जाए तो ये पेट और पाचनतंत्र से जुड़ी हर बीमारी को धीरे-धीरे ठीक करने लगता है। 

वज्रासन करने की विधि–

1. पैरों को मोड़कर घुटनों के बल बैठ जाएं। अपने पैरों के पंजों को पीछे की तरफ खींचें। उन्हें साथ बनाए रखें और पैर के अंगूठों को एक-दूसरे पर क्रॉस कर लें। 

2. धीरे-धीरे अपने शरीर को इस प्रकार नीचे ले जाएं कि आपके हिप्स एड़ियों पर जाकर टिक जाएं। जबकि आपकी जांघें आपके काफ मसल्स पर टिकेंगी। 

3. अपने दोनों हाथों को घुटनों पर रखें, सिर एकदम सीधा रखें और आपकी दृष्टि एकदम सामने की ओर रहेगी। 

4. अपना ध्यान सांसों की गति पर केंद्रित रखें। इस बात का पूरा ध्यान रखें कि आप कैसे सांस ले रहे हैं। सांस आने और जाने पर बराबर ध्यान बनाए रखें।

 5. अपनी आंखें बंद कर लें और सांस की गति पर ध्यान दें। धीरे-धीरे अपने दिमाग को अन्य सभी बातों से हटाकर सिर्फ सांस आने और जाने पर केंद्रित करने की कोशिश करें। 

6. इस आसन का अभ्यास शुरुआत में कम से कम 5 मिनट और अधिकतम 10 मिनट तक कर सकते हैं। अभ्यस्त हो जाने पर इसे 30 मिनट तक बढ़ा सकते हैं।

वज्रासन करने में क्या सावधानी बरती जाए–

वैसे तो वज्रासन को बेहद सुरक्षित आसन माना जाता है, लेकिन फिर भी इस आसन का अभ्यास शुरू करने से पहले आपको कुछ बेहद खास बातों को जान लेना चाहिए। 

 

1. अगर आपको घुटनों में किसी प्रकार की समस्या है या फिर आपने घुटनों में कोई सर्जरी करवाई है तो इस आसन का अभ्यास बिल्कुल न करें। 

2. अगर आप पसलियों की हड्डियों या फिर निचली पसलियों में किसी समस्या से जूझ रहे हों तो इस आसन का अभ्यास बिल्कुल भी न करें। 

3. अगर आप आंतों में अल्सर, हार्निया और बड़ी या छोटी आंत से जुड़ी किसी भी समस्या से परेशान हैं तो इस आसन का अभ्यास किसी योग गुरु की देखरेख में ही करें। 

Thank you for watching.

 




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