क्रोध और तनाव को दूर करने के लिए करें गर्भासन योग जानें फायदे सावधानियां और करने के तरीका

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त्वचा को चमकाने के लिए और ब्लड सरकुलेशन बढ़ाने के लिए करें गर्भासना योग

क्रोध और तनाव को दूर करने के लिए करें गर्भासन योग, जानें फायदे सावधानियां और करने के तरीका–

आजकल की दिनचर्या में लोग इतने व्यस्त हो गए हैं कि खानपान से लेकर जीवनशैली का तरीका बदल गया है। हम बाहर की चीजों का अधिक सेवन करने लगे हैं, जिसकी वजह से हमारे शरीर में कोलेस्ट्रोल और डायबिटीज जैसी बीमारियों को खतरा बढ़ने लगा है, जिसकी वजह से लोगों में तनाव और गुस्सा बढ़ रहा है। साथ ही हमारे अंदर कई बीमारियां भी घर करती जा रही है। नींद और बेचैनी की समस्या भी लोगों में देखने को मिल रही है। इससे बचने के लिए आप योग और ध्यान करने की सलाह दी जाती है। इससे आपका मन और दिमाग शांत रहता है।

साथ ही आप नई और अच्छी चीजों पर अपना ध्यान केंद्रित करते हैं और अच्छा खानपान भी रखने लगते हैं। आज हम आपको एक ऐसा ही योगासन के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी मदद से आप अपने क्रोध और तनाव को कम कर सकते हैं। इसके लिए आप गर्भासन योग की मदद ले सकते हैं। इससे आपको कई लाभ मिलते हैं। जैसा कि आपको नाम से ही पता चलता है कि इसमें अपने शरीर को गर्भ के आकार के रूप में बनाना होता है। साथ ही शरीर भी लचीला बना रहता है। आइए इसके फायदे और अभ्यास करने के तरीके के बारे में आपको विस्तार से बताते हैं।

गर्भासन के फायदे–

1. स्त्रियों के लिए फायदेमंद

गर्भासन योग स्त्रियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है। इससे पेट की मांसपेशियों में खिंचाव आता है, जिससे मासिक धर्म में होने वाले दर्द और परेशानी से राहत मिलती है। इसकी मदद से गर्भाश्य से संबंधित कई विकार दूर हो सकते हैं। हालांकि गर्भावस्था में इस योगासन को करने से पहले डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह जरूर लेनी चाहिए।

2. पाचन समस्याओं में दिलाए आराम

जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया कि इस योगासन में पेट की मांसपेशियों में खिंचाव आता है और गैस्टिक ग्रंथि भी सही ढंग से काम करती है। इस अभ्यास की मदद से आपको पेट में कब्ज और गैस की समस्या नहीं होती है। साथ ही पाचन तंत्र भी सही काम करता है और भूख भी लगती है।

3. क्रोध और तनाव को करे कम

अगर आपको अधिक क्रोध आता है या आआप अक्सर तनाव में रहते हैं, तो गर्भासन के अभ्यास से आपको बहुत फायदे मिलेंगे। इससे मन को शांत और एकाग्रता बढ़ाने में भी मदद मिलती है। इसके अलावा आपके शरीर का बैलेंस भी सही हो जाता है।

4. ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने में कारगर

इस योगासन में आपके शरीर के सभी अंग किसी न किसी तरह से भाग ले रहे होते हैं। इससे शरीर का ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति अच्छे से बने रहती है। इससे शरीर का वजन भी नहीं बढ़ता है।

5. त्वचा की चमक बढ़ाए

इस योगासन की मदद से आपके चेहरे पर चमक और निखार भी आता है। दरअसल इस अभ्यास की मदद ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है, तो इससे आपकी स्किन में भी रक्त और ऑक्सीजन का संचार भरपूर मात्रा में होता है। जिसके फलस्वरूप आपकी स्किन चमकती हुई नजर आती है।

6. हाथों और रीढ़ की हड्डी को बनाएं मजबूत

इस योगासन में आपके हाथ और पैर दोनों मजबूत होते हैं। इससे आपके हाथ और पैर की मांसपेशियों में खिंचाव आता है, जिसकी वजह इनमें मजबूती आती है। साथ ही इससे रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है और उनमें लचीलापन भी आता है। 

गर्भासन करने का तरीका

1. इस योगासन को करने के लिए एक मैट पर बैठ जाएं।

2. सबसे पहले दोनों पैरों को मोड़कर पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं।

3. इसके बाद अपने हाथों को जांघ और पिंडलियों के बीच से फंसाकर कोहनियों तक बाहर निकालें और दोनों कोहनियों को मोड़ते हुए दोनों घुटनों को ऊपर की ओर उठाएं।

4. इस दौरान शरीर को संतुलित रखते हुए दोनों हाथों से दोनों कान को पकड़ें।

5. शरीर का पूरा भार कमर के नीचे वाले हिस्से पर डालें। 

6. इस स्थिति में दो मिनट तक रहने की कोशिश करें। फिर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौट आएं।

7. इस योगासन का अभ्यास आप रोज पांच मिनट के लिए कर सकते हैं।

गर्भसान अभ्यास से जुड़े महत्वपूर्ण टिप्स

1. इस आसन के अभ्यास से पहले दो-तीन हफ्ते तक शरीर को संतुलित करने के लिए आप तुलासन या कुक्कटासन का अभ्यास कर सकते हैं।

2. इस योगासन को खाली पेट करना चाहिए और अभ्यास के दौरान ढीले कपड़े पहनने की कोशिश करें।

3. अगर गर्भासन करने के दौरान आपका हाथ कान तक न पहुंचे तो जबरदस्ती करने की बजाय नमस्कार मुद्रा में हाथ जोड़ लें।

4. इस अभ्यास को एक्सपर्ट की देखरेख में करने का प्रयास करें।

सावधानियां

1. कमर के नीचे या कूल्हे पर कोई घाव या दर्द होने की स्थिति में इस योगासन को न करें।

2. घुटनों और पीठ में दर्द होने पर भी इस अभ्यास को न करें।

3. अगर हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से पीड़ित हैं, तो इसके प्रयोग से बचें।

4. गर्भवती महिलाओं को ये आसन बिना डॉक्टरी सलाह के नहीं करना चाहिए।

5. गर्भासन योग के दौरान अपनी क्षमता के अनुसार ही शक्ति लगाएं वरना नुकसान हो सकता है।

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