Blog by Suveta Notiyal | Digital Diary
" To Present local Business identity in front of global market"
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अगर आपको भी डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की खर्तनाक समस्या है और आपको इसका नेचुरल तरीके से इलाज करना है तो आप एक बार इसका सेवन करें इससे आपकी हड्डियां और भी मजबूत हो जाएगी और इसका सेवन करने से आपका पाचन भी अच्छे से काम करेगा । जिससे आप और भी स्वस्थ और तंदुरुस हो जाएंगे।
अगर आपको मेरे इस ब्लॉग में पढ़ने में कोई समस्या आई है तो कृपया आप कमेंट करके मुझे वह समस्या बताए।
आपका धन्यवाद।
Read Full Blog...अगर आपको भी कम भूख लगने की शिकायत है तो आप इस नेचुरल फूड को अपनी रोज की डाइट में कर सकते है इस्तेमाल यह पेट के कीड़ों को समाप्त करके आपकी भूख को बढ़ने में आपकी बहुत सहायता करेगा और अगर आप इसे अपनी रोज की डाइट ले लेते है तो इससे आपको कभी भी भूख कम होने की कोई शिकायत नहीं होगी ।
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इसमें अनेक पोषक तत्व का भंडार है जैसे प्रोटीन, आयरन, कार्बोहाइड्रेट, फैट, मिनरल्स, फास्फोरस, सोडियम, मैग्नीशियम, जैसे शरीर को मजबूत और स्वस्थ बनाने के लिए आवश्यक पोषक तत्व मौजूद है और अगर आप इसका सेवन करते हैं तो आपको मोटापे और डायबिटीज दिल के रोगों से संबंधित, हाई ब्लड प्रेशर जैसी बहुत सी शरीर के स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं से राहत दिलाने में बहुत ही ज्यादा फायदेमंद साबित होता है
अगर आप इस ब्लॉक का पढ़ रहे हैं तो मेरी आपसे दरख्वास्त है कि आप मेरी गलती को कमेंट करके बताएं शुक्रिया।
Read Full Blog...प्रकृति और योग, दोनों ही मनुष्य के जीवन में शांति, स्वास्थ्य और संतुलन लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। योग एक प्राचीन अभ्यास है जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। वहीं, प्रकृति हमें शांति, सुकून और ऊर्जा प्रदान करती है। जब हम इन दोनों को एक साथ जोड़ते हैं, तो हमें एक शक्तिशाली और परिवर्तनकारी अनुभव मिलता है।
योग का अभ्यास करते समय, हम अपने शरीर, श्वास और मन पर ध्यान केंद्रित करते हैं। यह हमें वर्तमान क्षण में रहने और अपने आसपास की दुनिया से जुड़ने में मदद करता है। प्रकृति भी हमें यही सिखाती है। जब हम प्रकृति में समय बिताते हैं, तो हम अपने चारों ओर की सुंदरता और शांति को महसूस करते हैं। हम अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करते हैं और अपने शरीर को शांत और तरोताजा महसूस करते हैं।
योग और प्रकृति का संबंध गहरा है। योग का अभ्यास हमें प्रकृति के साथ अधिक जुड़ाव महसूस करने में मदद करता है, और प्रकृति हमें योग के अभ्यास में गहराई तक जाने में मदद करती है।
० प्राकृतिक वातावरण में योग करने से मन और शरीर को शांति मिलती है, तनाव कम होता है और एकाग्रता बढ़ती है।
० प्रकृति में योग करने से शरीर और मन अधिक सहज रूप से खुलते हैं, और अभ्यास अधिक स्वाभाविक रूप से प्रवाहित होता है।
० प्राकृतिक वातावरण में योग करने से शरीर और मन को ऊर्जा मिलती है, और व्यक्ति अधिक तरोताजा महसूस करता है।
० आप किसी पार्क, बगीचे, समुद्र तट, या जंगल में योग कर सकते हैं।
० आप योग के लिए प्राकृतिक वस्तुओं जैसे कि पत्तों, पेड़ों, चट्टानों, या रेत का उपयोग कर सकते हैं।
० आप योग सत्रों में सांस लेने के व्यायाम (प्राणायाम) और ध्यान को शामिल कर सकते हैं।
० प्राकृतिक वस्तुओं का उपयोग करके, आप योग के अभ्यास को और अधिक प्रभावी बना सकते हैं।
० उदाहरण के लिए, आप एक चट्टान का उपयोग अपने आसन को सहारा देने के लिए कर सकते हैं, या पत्तों का उपयोग अपने आसन को नरम बनाने के लिए कर सकते हैं।
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काली मिर्च को मसालों की रानी भी कहा जाता है. ये केवल हमारे खाने का स्वाद बढ़ाने तक सीमित नहीं है. इसमें कई औषधीय गुण होते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं. अगर इसे सोने से पहले सही तरीके से खाया जाए, तो यह कई स्वास्थ्य लाभ दे सकती है. काली मिर्च के फायदे इतने हैं कि इन्हें नजरअंदाज करना किसी भी कीमत पर सही नहीं होगा. हम सभी खुद को हमेशा स्वस्थ रखने के लिए तरह-तरह के उपाय आजमाते हैं. कुछ घरेलू नुस्खे सेहत के लिए चमत्कारिक काम करते हैं. घी, शहद और गुनगुने पानी के साथ काली मिर्च का सेवन भी उन्हीं नु्स्खों में से एक है. आपको बता दें काली मिर्च के स्वास्थ्य लाभों की फहरिस्त काफी लंबी है. इसके सभी फायदे लेने के लिए यहां बताए गए तरीके से काली मिर्च का सेवन करें. आइए जानते हैं कि रात को बिस्तर पर जाने से पहले काली मिर्च का सेवन किस प्रकार फायदेमंद हो सकता है और इसे किस चीज में मिलाकर खाना चाहिए
1. पाचन में सुधार
काली मिर्च में पाइपेरिन नामक यौगिक पाया जाता है, जो पाचन क्रिया को तेज करता है. सोने से पहले काली मिर्च का सेवन गैस, अपच और पेट की अन्य समस्याओं से राहत दिला सकता है.
2. इम्यूनिटी मजबूत बनाती है
काली मिर्च में एंटीऑक्सिडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं. यह सर्दी-जुकाम जैसी समस्याओं से बचाने में सहायक है.
3. नींद में सुधार
अगर आप नींद की समस्या से परेशान हैं, तो काली मिर्च का सेवन आपको राहत दे सकता है. यह शरीर को आराम देता है और स्लीप क्वालिटी को बेहतर बनाता है.
4. वजन घटाने में मददगार
काली मिर्च मेटाबॉलिज़्म को तेज करती है और फैट बर्निंग प्रक्रिया को बढ़ावा देती है. रात में इसका सेवन वजन घटाने में मदद कर सकता है.
5. स्किन और बालों के लिए फायदेमंद
काली मिर्च का नियमित सेवन त्वचा को चमकदार और बालों को मजबूत बनाता है. इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण त्वचा को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं और उम्र बढ़ने के लक्षणों को धीमा करते हैं.
6. सांस संबंधी समस्याओं में लाभकारी
काली मिर्च बलगम को कम करने और फेफड़ों को साफ करने में मदद करती है. यह अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी समस्याओं में उपयोगी मानी जाती है.
7. एंटी-कैंसर गुण
इसमें मौजूद पाइपरिन नामक तत्व कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने में सहायक होता है. यह शरीर से हानिकारक टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है और सेल्स को हेल्दी रखता है.
8. मानसिक स्वास्थ्य में सुधार
काली मिर्च का सेवन ब्रेन फंक्शन को बेहतर करता है और याददाश्त को तेज करता है. यह अवसाद और तनाव को कम करने में सहायक हो सकता है.
दूध में काली मिर्च: एक गिलास गर्म दूध में एक चुटकी काली मिर्च का पाउडर मिलाएं. इसे सोने से पहले पिएं. यह न केवल पाचन को बेहतर बनाएगा बल्कि सर्दी-जुकाम में भी राहत देगा.
शहद और काली मिर्च: एक चम्मच शहद में थोड़ी-सी पिसी हुई काली मिर्च मिलाएं. यह मिश्रण गले की खराश और इम्यूनिटी के लिए फायदेमंद होता है.
गर्म पानी में काली मिर्च: गर्म पानी में काली मिर्च और नींबू का रस मिलाकर पीने से शरीर डिटॉक्स होता है और वजन घटाने में मदद मिलती है.
घी और काली मिर्च: एक चम्मच देसी घी में चुटकीभर काली मिर्च मिलाकर खाने से जोड़ों का दर्द और शरीर की थकान दूर होती है.
काली मिर्च का बहुत ज्यादा सेवन न करें, क्योंकि यह पेट में जलन पैदा कर सकती है.
अगर आपको पेट की अल्सर या गैस्ट्रिक की समस्या है, तो डॉक्टर से सलाह लें.
छोटे बच्चों को काली मिर्च सीमित मात्रा में ही दें.
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कूठ एक औषधीय पौधा है। आयुर्वेद में इस पौधे का प्रयोग सूजन, अस्थमा, छाले आदि परेशानियों को दूर करने में किया गया है। कूठ में एंटीमाइक्रोबियल और एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होती हैं जिनके कारण बड़ी आंत में बैक्टीरिया की ग्रोथ होती है और पाचन संबंधी परेशानियों दूर होती हैं। शरीर की विभिन्न बीमारियों को दूर करने के लिए एलोपैथिक दवाओं से पहले आयुर्वेदिक दवाओं का ही प्रयोग किया जाता था। कोरोना आने के बाद लोगों को आयुर्वेद की शक्ति का अधिक एहसास हुआ। इस महामाीर के बीच लोग जड़ी-बूटियों की ओर मुड़े। ऐसे में यह जगजाहिर है कि आज भी शरीर के रोगों को दूर करने में आयुर्वेद एक टिकाऊ परंपरा है।
कूठ के फायदों के बारे में जानने से पहले कूठ के बारे में जानना जरूरी है। कूठ को कूट भी कहा जाता है। कूठ का प्रयोग शरीर के कई रोगों को दूर करने के लिए किया जाता है। इसका वानस्पतिक नाम Saussurea costus Lipschitz syn Saussurea lappa है। यह पौधा ऐस्टरेसी कुल का है। इसकी जड़ अधिक उपयोगी मानी जाती है। भारत के हिमालयी क्षेत्र में कूठ अधिक पाया जाता है।
1. अस्थमा में लाभकारी
अस्थमा की परेशानी होने पर फेफड़ों में बलगम जम जाती है, जिस वजह से रोगी को सांस लेने में दिक्कत होती है। इस बलगम को साफ करने का काम कूठ की जड़ करती है। जिन लोगों को अस्थमा या सांस संबंधी परेशानियां है, वे कूठ की जड़ का पाउडर बना लें। इस पाउडर को शहद के साथ चाटें। इससे फेफड़ों से बलगम साफ होगी और दमा की परेशानी दूर होगी।
2. त्वचा रोगों को करे दूर
सिर में फोड़े, फुंसी, चेहरे पर मुहासों की समस्या या शरीर में किसी जगह दाद होने पर भी कूठ का प्रयोग किया जाता है। कूठ में एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं, यह प्रॉपर्टीज त्वचा संबंधी संक्रमण को दूर रखती हैं। जिन लोगों को त्वचा संबंधी परेशानियां हैं, वे कूठ के चूर्ण में तेल मिलाकर प्रभावित जगह पर लगाएं। इससे परेशानी जल्द ठीक हो जाती है। तो वहीं, घाव भरने में भी कूठ का प्रयोग मिट्टी के बर्तन में भूनकर उसमें तेल लगाकर घाव पर लगाने से घाव जल्दी भरता है।
3. खांसी को करे दूर
खासी की परेशानी होने पर कूठ का प्रयोग लाभकारी है। खांसी की वजह से आने वाले बुखार में कूठ लाभकारी है। खांसी में फेफड़ों में बलगम जम जाती है। जिस वजह से सांस लेने में भी दिक्कत होती है और खांसी की परेशानी होती है। खांसी होने पर कूठ के चूर्ण को शहद के साथ चाटने से परेशानी में लाभ मिलता है। मलेरिया बुखार को दूर करने में भी कूठ का प्रयोग किया जाता है।
4. सूजन को दूर करने में मददगार
कूठ में एंटी-इंफ्लामेटरी प्रॉपर्टीज होती हैं, जिस वजह से सूजन को दूर करने का भी काम करता है। इसके अन्य उपयोग में आप कूठ के काढ़े का प्रयोग भी सूजन को दूर करने में कर सकते हैं। शरीर में सूजन होने पर कूठ की जड़ का काढ़ा बना लें। इस काढ़े से नहाने से सूजन वाली जगह ठीक हो जाती है।
5. मुंह के छाले करे दूर
मुंह में छाले, जलन आदि परेशानियों में कूठ लाभकारी है। कूठ का क्वाथ मुंह के छालों में लाभ पहुंचाता है। कूठ में एंटी-अल्सर प्रभाव होता है। इसलिए यह मुंह के छालों के लिए रामबाण दवा है। कूठ का काढ़ा बनाकर मुंह में कुछ देर रखकर कुल्ला करें, इससे परेशानी में आराम मिलता है।
औषधीय पौधों और जड़ी बूटियों जैसे हल्दी, अदरक, तुलसी के पत्ते, पुदीना और दालचीनी आमतौर पर भारतीय व्यंजनों में उपयोग किए जाते हैं और वे कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं. इनसे कोल्ड और फ्लू, तनाव से राहत, बेहतर पाचन, मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली पाने के अलावा और भी बहुत से फायदों की एक लंबी लिस्ट है. चलिए जानते हैं कि ऐसे कौन से 7 औषधीय पौधे हैं, जो आप अपने घर में लगा सकते हैं और यह कई रोगों से मुक्ति दिला सकते हैं.
आयुर्वेद में, एलोवेरा को 'औषधीय पौधों के राजा' के रूप में जाना जाता है. यह अपने मांसल पत्तों में पानी रखता है यही कारण है कि यह बहुत शुष्क परिस्थितियों में भी बनाए रख सकता है. तो, अपने बगीचे में एलो वेरा बढ़ने से आपको हर बार पौधे की अतिरिक्त देखभाल करने की जरूरत नहीं होगी. हालांकि, यह निश्चित रूप से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज कर सकता है. इसमें शामिल है:
कब्ज़
पाचन संकट
मुंहासे
खराब शरीर की प्रतिरक्षा
तुलसी या औषधीय पौधों की रानी ऐसा दूसरा पौधा है जो आपके घर में होना जरूरी है. यह पौधा हिंदू धर्म में काफी महत्व रखता है. लेकिन यह सिर्फ धार्मिक महत्व ही नहीं सेहत से जुड़े लाभ भी देता है. तुलसी की मजबूत सुगंध बैक्टीरिया के विकास को रोकने के लिए पर्याप्त है. यह अपने चिकित्सा गुणों के लिए जाना जाता है. यहां तुलसी के उपयोग और उपचार गुणों की सूची दी गई है:
यह आपको तनाव से लड़ने की ताकत देता है
लंबे जीवन को बढ़ावा देता है
खांसी का इलाज करता है
अपच का इलाज करता है
विरोधी कैंसर
बालों के झड़ने, हृदय रोगों, मधुमेह, आदि के लिए अच्छा है.
यह ताजा सुगंधित औषधीय पौधा कई तरह से इस्तेमाल किया जाता है. अपने मनोदशा को बढ़ाने से लेकर अपच का इलाज करने तक, पुदीना यह सब कर सकता है. इस पौधे को बढ़ने के लिए बहुत अधिक पानी की जरूरत होती है. इसलिए आप इसके बीजों को बोएं और पानी पिलाते रहें. पुदीना के बारे में सबसे अच्छा हिस्सा इसकी कीट और कीड़ों को पीछे हटाने की क्षमता है, इसलिए आपका घर एक स्वच्छ वातावरण होगा. पुदीना के फायदे कुछ ऐसे होते हैं-
पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है
प्रतिरक्षा बढ़ाता है
मूड बढ़ाता है
शरीर से खांसी को बाहर निकालता है
लाभ श्वसन स्वास्थ्य
मच्छरों को दूर रखता है
मेथी औषधीय पौधों में से एक है, तो यह इसके गुणों के कारण है. यह एक सदाबहार पौधा है और इसके पत्ते और बीज दोनों उपयोगी होते हैं. मेथी के लाभों पर एक नज़र डालें तो:
कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करता है
बालों का झड़ना कम करता है
भूख बढ़ाता है
अपने उत्सर्जन प्रणाली को बढ़ाता है
रक्त को शुद्ध करता है
ब्लड प्रेशर कम करता है
दर्द और मधुमेह के लिए फायदेमंद
सौंफ एक सुगंधित पौधा है, जो कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं के लिए उपयोगी है. भारत में, लोग हर भोजन के बाद सौंफ के बीज चबाने के आदी हैं. इसे आपके बगीचे में आसानी से उगाया जा सकता है और इसके लिए ज्यादा देखभाल की जरूरत भी नहीं होती है. सौंफ के बीज के कई लाभों पर एक नज़र डालें:
खांसी का इलाज करता है
कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है
आंखों की रोशनी बढ़ाता है
एसिडिटी का इलाज करें
सांसों की बदबू को रोकता है
स्तनपान कराने वाली महिलाओं में स्तन के दूध की आपूर्ति में सुधार करता है
भारतीय रसोई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है धनिया. इसके पत्ते, बीज और बीजों का पाउडर, सब कुछ आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है. यह आपके भोजन में एक विशिष्ट स्वाद जोड़ता है और इसमें कई प्रकार के औषधीय गुण होते हैं. यहां बताया गया है कि धनिया आपको कैसे स्वस्थ रखता है:
खाने को खराब होने से बचाता है
यह एंटीऑक्सिडेंट में समृद्ध है
मूत्र प्रतिधारण को ठीक करता है
पाचन में सुधार करता है
यह आपके मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करता है
मुंहासे का इलाज करता है
आप किसी भी समस्या का नाम लें, उसका हल अदरक होगी! यह कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं के लिए मूल समाधान है. आपको बस अपने बगीचे में अदरक की जड़ बोनी है और कुछ ही दिनों में यह उग जाएगी. इसमें ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती है. यह अपने विशिष्ट स्वाद और निश्चित रूप से आपके समग्र स्वास्थ्य के लिए इसके लाभों के कारण भारतीय भोजन का एक महत्वपूर्ण घटक है. यहां बताया गया है कि अदरक आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को कैसे लाभ पहुंचाता है:
अपच का इलाज करता है
सिर में दर्द होता है
ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है
सर्दी, खांसी, फ्लू और अस्थमा का इलाज करता है
मासिक धर्म दर्द और ऐंठन से राहत देता है
आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी-बूटियां हैं, जिनके उपयोग से शरीर बीमारियों से दूर रहता है। इन्हीं जड़ी-बूटियों में एक बूटी है कुटकी। यह जड़ी-बूटी मूल रूप से पहाड़ों में पाई जाती है। कुटकी एक दुर्लभ औषधि है, इसलिए इसके फायदों के बारे में लोग कम जानते हैं। कुटकी का सेवन कई स्वास्थ्य समस्याओं में लाभकारी साबित होता है। बुखार और कई तरह के संक्रमण में कुटकी रामबाण इलाज साबित हो सकती है। इतना ही नहीं, कुटकी बढ़ते वजन को कंट्रोल करने के लिए भी काफी प्रभावी हो सकती है। तो आइए जानते हैं कुटकी के फायदे के बारे में विस्तार से
बुखार से दिलाए आराम
बुखार होने पर हम में से ज्यादातर लोग एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि कुटकी बुखार को ठीक कर सकती है। दरअसल, कुटकी में एंटीपायरेटिक गुण मौजूद होते हैं, जो शरीर के तापमान को कम करके बुखार ठीक करते हैं। इतना ही नहीं, कुटकी में मौजूद औषधीय गुण मौसमी बीमारियों से बचाव करते हैं। आप कुटकी को गर्म पानी या घी के साथ खा सकते हैं।
वजन घटाने में सहायक
वजन घटाने के लिए कुटकी काफी प्रभावी मानी जाती है। अगर आप वजन कम करना चाहते हैं, तो कुटकी के सेवन से आपको फायदा हो सकता है। कुटकी में मौजूद तत्व गैस्ट्रिक फंक्शन को उत्तेजित करते हैं। इससे डायजेस्टिव फाइबर का उत्पादन बढ़ता है, जिससे अतिरिक्त फैट को कम करने में मदद मिलती है। इतना ही नहीं, कुटकी का सेवन करने से मेटाबॉलिज बूस्ट होता है। रोजाना सुबह खाली पेट कुटकी के पत्तों के अर्क का सेवन करने से वजन घटाने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा, आप चाहें तो गर्म पानी के साथ कुटकी का सेवन कर सकते हैं।
सांस से जुड़ी तकलीफ दूर करे
प्रदूषण, धूल-मिट्टी या संक्रमण के कारण सांस लेने में दिक्क्त हो सकती है। कुटकी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो वायुमार्ग को खोलकर, कंजेशन से राहत दिलाते हैं। यह शरीर में हिस्टामिन के रिलीज को सीमित करता है, जिससे अस्थमा के रोगियों को राहत मिल सकती है। कुटकी का सेवन करने से इम्यूनिटी मजबूत होती है और कई तरह के संक्रमण से बचाव होता है।
लिवर को स्वस्थ रखे
कुटकी का सेवन लिवर को स्वस्थ रखने के लिए किया जा सकता है। कुटकी लिवर को स्वस्थ रखने के लिए काफी असरदार जड़ी-बूटी है। कुटकी का सेवन करने से लिवर संबंधी समस्याओं से बचाव होता है। कुटकी का सेवन पित्त दोष को ठीक करने के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। कुटकी में कुटकिन और पिक्रोलिव जैसे एंजाइम पाए जाते हैं, जो लिवर की कार्य क्षमता को बेहतर बनाते हैं। इसके साथ ही, कुटकी विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करती है। इससे कई बीमारियों से बचाव में मदद मिलती है।
त्वचा संबंधी समस्याएं दूर करे
अगर आप फोड़े-फुंसी, घाव और त्वचा संबंधी समस्याओं से परेशान हैं, तो कुटकी का सेवन कर सकते हैं। कुटकी में मौजूद तत्व घाव जल्दी भरने में मदद करते हैं। कुटकी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो त्वचा संबंधी समस्याओं को ठीक करने में मदद करते हैं। कुटकी का सेवन करने से त्वचा के घाव, खुजली और चक्क्ते जल्दी ठीक होते हैं। शोध में पाया गया है कि सोरायसिस और विटिलिगो जैसे त्वचा संबंधित रोगों को दूर करने में भी कुटकी फायदेमंद है।
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