Blog by Khushi prerna | Digital Diary
" To Present local Business identity in front of global market"
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ध्यान दिन भर के तनाव को दूर कर सकता है, और अपने साथ आंतरिक शांति ला सकता है. देखें कि आप कैसे आसानी से ध्यान का अभ्यास करना सीख सकते हैं जब भी आपको इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत हो.
अगर तनाव की वजह से आप चिंतित, तनावग्रस्त और परेशान हैं, तो आप ध्यान लगाने की कोशिश कर सकते हैं. ध्यान में कुछ मिनट बिताने से भी आपकी शांति और आंतरिक शांति बहाल हो सकती है.
कोई भी व्यक्ति ध्यान का अभ्यास कर सकता है. यह सरल है और इसमें ज़्यादा खर्च भी नहीं आता. और आपको किसी विशेष उपकरण की भी ज़रूरत नहीं है.
आप जहाँ भी हों, ध्यान का अभ्यास कर सकते हैं. आप टहलने जाते समय, बस में यात्रा करते समय, डॉक्टर के पास प्रतीक्षा करते समय या फिर किसी व्यावसायिक मीटिंग के बीच में भी ध्यान कर सकते हैं.
ध्यान हजारों सालों से प्रचलित है. प्रारंभिक ध्यान का उद्देश्य जीवन की पवित्र और रहस्यमय शक्तियों की समझ को गहरा करना था. आजकल, ध्यान का उपयोग अक्सर आराम करने और तनाव कम करने के लिए किया जाता है.
ध्यान एक प्रकार की मन-शरीर पूरक चिकित्सा है. ध्यान आपको गहराई से आराम करने और अपने मन को शांत करने में मदद कर सकता है.
ध्यान के दौरान आप एक चीज़ पर ध्यान केंद्रित करते हैं. आप उन विचारों की धारा से छुटकारा पा लेते हैं जो आपके दिमाग में घूम रहे हैं और तनाव पैदा कर रहे हैं. इस प्रक्रिया से बेहतर शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य प्राप्त हो सकता है.
ध्यान आपको शांति, सुकून और संतुलन का एहसास दे सकता है जो आपके भावनात्मक स्वास्थ्य और आपके समग्र स्वास्थ्य को लाभ पहुंचा सकता है. आप इसका उपयोग आराम करने और तनाव से निपटने के लिए भी कर सकते हैं, इसके लिए आप किसी ऐसी चीज़ पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं जो आपको शांत करती है. ध्यान आपको केंद्रित रहने और आंतरिक शांति बनाए रखने में मदद कर सकता है.
ध्यान सत्र समाप्त होने के बाद भी ये लाभ समाप्त नहीं होते. ध्यान आपको दिन भर अधिक शांति से बिताने में मदद कर सकता है .और ध्यान आपको कुछ चिकित्सा स्थितियों के लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद कर सकता है.
जब आप ध्यान करते हैं, तो आप उस सूचना के अतिभार को दूर कर सकते हैं जो हर दिन बढ़ता है और आपके तनाव में योगदान देता है.
ध्यान के भावनात्मक और शारीरिक लाभों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:
यह आपको तनाव पैदा करने वाली चीजों को देखने का एक नया नजरिया देता है.
अपने तनाव को प्रबंधित करने के लिए कौशल का निर्माण करना.
आपको अधिक आत्म-जागरूक बनाना.
वर्तमान पर ध्यान केन्द्रित करना.
नकारात्मक भावनाओं को कम करना.
आपको अधिक रचनात्मक बनने में सहायता करना.
आपको अधिक धैर्यवान बनने में सहायता करना.
विश्रामकालीन हृदय गति को कम करना.
विश्रामकालीन रक्तचाप को कम करनाआ.
आपको बेहतर नींद में मदद मिलेगी.
अगर आपको कोई बीमारी है तो भी ध्यान लगाना मददगार हो सकता है. यह अक्सर तब सच होता है जब आपकी स्थिति ऐसी हो जिसे तनाव और भी बदतर बना देता है.
बहुत सारे शोध बताते हैं कि ध्यान स्वास्थ्य के लिए अच्छा है. लेकिन कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह साबित करने के लिए पर्याप्त शोध नहीं है कि ध्यान से मदद मिलती है.
इसे ध्यान में रखते हुए, कुछ शोध बताते हैं कि ध्यान लोगों को निम्नलिखित स्थितियों के लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद कर सकता है:
चिंता.
दमा.
कैंसर.
पुराने दर्द.
अवसाद.
दिल की बीमारी.
उच्च रक्तचाप.
संवेदनशील आंत की बीमारी.
नींद की समस्याएँ.
तनाव से होने वाला सिरदर्द.
अगर आपको इनमें से कोई या कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या है, तो ध्यान लगाने के फ़ायदे और नुकसान के बारे में अपने स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से बात करना न भूलें. कभी-कभी, ध्यान लगाने से कुछ मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों से जुड़े लक्षण और भी खराब हो सकते हैं.
ध्यान चिकित्सा उपचार का विकल्प नहीं है. लेकिन इसे अन्य उपचारों के साथ जोड़ने से मदद मिल सकती है.
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आमतौर पर हम मेडिटेशन मन की शांति के लिए करते हैं. इससे तनाव कम होता है और व्यक्ति को सुकून का एहसास होता है, लेकिन क्या आपने कभी यह सुना है कि इसके साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं. कहते हैं रोजाना ध्यान करने से मानसिक स्थिति बेहतर होती है और व्यक्ति खुश रहने लगता है.मेडिटेशन से एकाग्रता की कमी भी दूर होती है, लेकिन मेडिटेशन पर ज्यादा निर्भर रहने वाले लोगों को इसके नुकसान भी झेलने पड़ सकते हैं. माइंडफुलनेस भी एक तरह का ध्यान है. यह एक बौद्ध आधारितथेरेपी है जिससे हम अपने अंदर और आस पास हो रही गतिविधियों या स्थितियों के प्रति जागरूकता पैदा करते हैं.
सुनने में यह स्ट्रेस और एंग्जायटी से बचने का बहुत ही सरल तरीका लग रहा होगा, लेकिन बौद्धों के एक समुदाय द्वारा लिखित धर्मत्रात ध्यान शास्त्र में ध्यान के बाद होने वाले अवसाद और चिंता के बारे में बताया गया है। यदि आप भी मेडिटेशन करते हैं और आपकोअपने अंदर कुछ बदलाव दिखने लगे तो आपको तुरंत सावधान हो जाना चाहिए.
डिटेशन करने वाले लोग एक समय के बाद ज्यादा अकेला रहना पसंद करते हैं. वे खुद में ही इतने संतुष्ट रहने लगते हैं कि उन्हें दूसरों की जरूरत ही नहीं पड़ती है. ऐसे मेंधीरे धीरे वे परिवार और समाज दोनों से कटने लगते हैं. कई बार ऐसा करना यह उन्हें डिप्रेशन की तरफ भी धकेल सकता है.
मेडिटेशन को हर कोई पॉजिटिव तरीके से ही लेता है लेकिन जब इसका सही परिणाम नहीं मिलता तो व्यक्ति निराश हो जाता है. उदाहरण के रूप में जब हम बिना मन के कोई काम करते हैं तो उसे हम सही तरीके से नहीं कर पाते हैं. ठीक इसी तरह जब हमचाहते हैं कि अपनी मानसिक शांति को बनाए रखने के लिए हम मेडिटेशन करें लेकिन चाहकर भी फोकस नहीं कर पाते और हमें मनचाहा परिणाम नहीं मिलता तो ऐसे में हमारा कॉन्फिडेंस गिरने लगता है. इससे मोटिवेशन की भी कमी होने लगती है. इसका गलत असर व्यक्ति की पर्सनल ही नहीं बल्कि प्रोफेशनललाइफ पर भी पड़ता है.
अगर आपका नेचर सेंसेटिव है और आप छोटी छोटी बातों को भी दिल पर लगा बैठते हैं तो ज्यादा मेडिटेशन करना आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है. मेडिटेट करते समय मन में बुरे विचारआ सकते हैं. आपको पुरानी बातें याद आने लगती है. ऐसे में जब आप ज्यादा समय के लिए बाकी लोगों से खुद को दूर रखते हैं तो इसका नतीजा गलत भी हो सकता है. आप ओवरथिंकिंग भी करने लग सकते हैं.
अधिक मेडिटेशन करने से आपके स्लीप पैटर्न में भी बदलाव आ सकता है. चूंकि मेडिटेशन से ध्यान लगाने और और जगे रहने की क्षमता बढ़ जाती है इसलिए आपको ठीक से नींद ना आने की भी समस्या हो सकती है.
जरूरी नहीं है कि ज्यादा मेडिटेशन करने से आपकी मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ेगा बल्कि इससे आपको शारीरिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है जिसमें थकान, कमजोरी, पेट से जुड़ी शिकायतें, सिर दर्द आदि शामिल है. कुछ लोगों को मेडिटेशन के बाद घबराहट महसूस होती है. ऐसा होने पर आपफौरन मेडिटेशन करना रोक दें और अपने डॉक्टर से संपर्क करें. मेडिटेशन करने का भी सही तरीका होता है. यदि आप गलत तरीके से भी इसेइसे कर रहे हैं तो भी आप पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
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Meditation ka aanubhav kasa hota ha.
Kya Aap janta ha ki niyamit rup ka meditation aanubhav karta ha.
Jis taji sa log dhiyan lgana sikhta ha unko hona wali anubhuti ma utni hi smanta hona thoda muskil hota ha kuki har vyakti par unka dimag ka anusar alag alag aasar hota ha purana samay ma dhiyan karna wala na is bara ma Janna suru kiya or uska baad sakdo ya hajaro meditation karna wala Isa sabit bhi kar chuka hai .
Dhiyan ka 9 charan ma ek meditation karna wala vyakti duvara mahsus ki gae chizo ka bada hi sunder vivran hai.
Meditation ka 9 charan hai jo is parkar hai.
1.Jasa ki aap dhiyan karna suru karanga or charo or ki duniya ka apna sara dhiyan hata kar vicharo ma lgaeya aap ma dar or bhot sara atit ,kuch acha pal aadi ek sath dhiyan aata hai
2.yah itna lamba samay nahi hota ha jitna lag raha ha bich bich ma thoda samay ka liya sant ho jaya arthat meditation ma thoda brake la , Jha sirf ek pal ka liya apna maan sant ho or fir dobara kandr vastu par dhiyan lagayanga. Apka mann samay samay par bhatak sakta ha Lakin apko isa vapas kandrit bhot par dhiyan lgaeya Yah parkirya meditation karna ka liya sikhni jruri ha sath hi yah bhi ki maan ko vapas kandrit vastu par dhiyan kasa lagana ha aadi.
3. Yadi aap kuch hafto ya mahina ka liya dhiyan karna abhyas karta rhanga to ek samay ma app asi avastha ma phoch jayanga. Jha aap dhiyan kandrit vastu par karib ya chizo sa apka dhiyan nahi bhatkaga kuki aap tab tak yah samaj chuka honga ki vastav ma Ander sa bhatakta bhar sa nahi. Vastav ma is charan ma sabsa bada badlav yah ha ki aap is baat ko dil sa manna lgangaYah sant hona ka ek anivarya hissa ha vastav ma Santi kya ha agar apko nkaratmak chizo ko dekhna , sunna ya mahsus karna par bhi koi fark nhi padta ha to aap aantrik rup ka sant rahna sikh gya ha.
4. Chotha charan tak aap chizo ko Naya star sa mahsus karna suru kar danga apka maan jin chizo sa bhatakta tha. Unka utpan hona sa pahla hi aap unko pahchanna ma saksam ho jayanga. Isliya nakaratmak bhavnao or vicharo ka prati apki partikiryae kaam samay ma , tirv or sakratmak ho jayagi iska baad apna aap ko sant karna ki kosis kara. Aab aap thodi susti or thoda utsha ka anubhav kranga yah utsha avsad ka viprit ha Lakin yah abhi bhi uch sthar ka dhiyan ka liya kam ha.
5. 5 va charan ma aata aap apna mastik par niyantran karna lagbhag sikh jata ha aab aap kabhi kabhi bina kandrit vastu ka bhi dhiyan laga sakta ha jab apko sirf apna maan ko niyantrit karna sikhna ha. Jiski vjah sa trah trah ka bhatkana wala vichar dhimag ma aata hai apko dhiyan ka dvara apna Ander mojud sthirta ko pahchanna hoga apko dhira dhira is baat ka anubhav hona lga ga ki jo kuch bhi hota hai vo apko bhirti anubhav ka Karan hota ha agar aap Acha sochanga to har jgah samasya utpan hogi yah sb apka dimag ka khal ha Lakin is dimagi khal ma aab aapko maja aana laga ga
7 va charan tak apka meditation itna majbut ho jayaga ki aap Kaval dhiyan karna ka samay ka mukabla 24 ganta ma meditation ka adhik aasar dekhna ko milaga.
Charan 8 or 9
Yah dhiyan ka antim charan hai jinma apko samudra ma lahro ki trah apna dhiyan ka ek or kandrit karna sikhna hoga log aam tor par apna dhiyan abhyas ka Doran en bhavnao ko batata hai
1. Gahri Santi.
2. Sarir or maan ka purnjanm.
3. Santosh, Acha or sararik sukh mahsus karna.
4. Apna aap ko sampurn or akargr masus karna.
Read Full Blog...स्ट्रेसफुल लाइफस्टाइल के चलते हर कोई तनाव में रहता है. दिनभर घर और ऑफिस की जिम्मेदारियां और काम की चिंता हर समय तनाव का कारण बनी रहती है. स्ट्रेस का कारण चाहे जो भी हो, ये आपके मेंटल हेल्थ पर बहुत बुरा असर डालता है. एक अच्छी लाइफ जीने के लिए आपको फिजिकली और मेंटली दोनों तरह से स्वस्थ रहना जरूरी है. तनाव और स्ट्रेस से छुटकारा पाने के लिए मेडिटेशन सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है.
मेडिटेशन यानी ध्यान करने से तनाव दूर होता है और मन को शांति मिलती है. मेडिटेशन हर कोई कर सकता है और इसे करने के लिए किसी और चीज की जरूरत भी नहीं है. मेडिटेशन करने के लिए आपको केवल कुछ चीजों का ध्यान रखना है. आइए जानते हैं क्या है मेडिटेशन का सही तरीका और मेडिटेशन के लाभ.
सबसे पहले ध्यान रखें की मेडिटेशन का सही तरीका खोजने का स्ट्रेस नहीं लेना है. आप मेडिटेशन को अपनी लाइफ का पार्ट बना सकते हैं.
तनावपूर्ण जीवन शैली में मेडिटेशन आपको रिलैक्स करने में मदद करता है. जब अक्सर हमारी इंद्रियां सुस्त हो जाती हैं तो मेडिटेशन हमें जागरूकता बढ़ाने का अवसर देता है. शोध बताते हैं कि मेडिटेशन हमें अस्थायी रूप से तनाव से राहत दे सकता है. इसके आराम और सुखदायक लाभों के कारण, हेल्दी और एक्टिव लाइफ के लिए एक्सपर्ट मेडिटेशन करने की सिफारिश करते हैं.
क्या आप जानते हैं कि ध्यान कई प्रकार के होते हैं और इसका प्रत्येक प्रकार शरीर के विभिन्न हिस्सों को टारगेट करने के लिए होता है. आध्यात्मिक गुरुओं और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने मेडिटेशन के कई प्रकार विकसित किए हैं. जिससे पता चलता है कि मेडिटेशन हर व्यक्तित्व और लाइफस्टाइल के लोगों के लिए अनुकूल है और इसका अभ्यास हर कोई कर सकता है.
जो लोग मेडिटेशन करते हैं .उन्हे इसके अभ्यास से शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ भावनात्मक स्वास्थ्य में सुधार करने का मौका मिलता है.यहां हम मेडिटेशन
कैसा करें ध्यान जानिये सही और आसान तरीका
Halanki Dhyan ke Kai labh hai lekin uski kahin kamiyan bhi hai jise Janna bahut mahatvpurn hai Jo Dhyan ke dauran utpann ho sakti hai.
Yah khas taur se shuruaati logon ke liye Janna adhik hai Jo niche diye Gaye chunautiyon mein se ek ka samna jarur kar sakte hain. Meditation aur yog shikshakon ko bhi in mahatvpurn kamiyon se jaag utha hona chahie. Kyunki unke chhatron ko aise hi chunautiyon ka samna karna pad sakta hai. Aur some sarthan kiya avashyakta ho sakti hai
Read Full Blog...Meditation kya hai
Aajkal Meditation [dhiyan] ka naam sa har koi vakif hai tv ,internet , phone , computer . Kahi na kahi iska bara ma sunna ko mil hi jata hai Lakin iski itna lockpriya hona ka bavjut kuch logo ko ya bhi nahi pata ki vastav ma dhiyan ha kya kuch logo ka aanusar dhiyan ek mansik akargrta ha . Arthat apna maan or dhimag ko akargr karna hi meditation hota hai kuch logo ko lagta ha ki dhiyan vo log karta hai . Jinha Santi or Santosh cheya hota ha matlab jo logo ko duniya ka sor-saraba, aasanti sa dur rahna chata ha kintu ya abhyas vastav ma dhiyan nahi ha ya sab meditation ka niyam ha kuki aam tor par dimag ko aachanak sa sant karna ya unka vicharo ko dimag ma aana sa rokna kisi aam aadmi ka liya bhaut kathin ha vastav ma dhiyan pahla sa socha bina koi yojna bnaya dimag ka apna aap sant rahna ki aavasta ha arthat iska liya apko kuch alag sa karna ki jarurat nahi ha. Khush rahna aaspass ka logo ka pyar milna sa iska aanubhav apna aap hota hai.
Read Full Blog...Dhyan ek kalpvriksh ki tarah hai Dhyan ek aisi mahatvpurn Shiksha hai jiski avashyakta mein laukik jivan mein bhi padati hai aur atyadhunik lauki ki Kshetra mein bhi iska upyog Kiya jata hai aaj vigyan ne bhi Dhyan yani meditation ki kahin labhon Ko swikar Kiya hai. Aadhyatmik Kshetra mein Mana gaya hai ki atma ke Parmatma se milane ke liye Lakshya per Dhyan ko kandrit karna avashyak hai.
Kya hai Dhyan ka atyaatmik mahatva
Gyan ko jitna शत banaya jata hai vah utna hi vah kisi visheshta mein upyogi siddh ho sakta hai manushya ki ichcha purti ki sabhi dishaon mein Dhyan ki mahatvpurn bhumikayen Hoti hai upasna ke Kshetra mein bhi Dhyan Vishesh mathav rakhta hai bhakti vah Apne Lakshya ki prapti ke liye Dhyan Ko mahatvpurn sadhan Mana gaya hai bhakti vah Apne Lakshya ki prapti ke liye Dhyan Ko mahatvpurn sadhan Mana gaya hai.
Adhyatmik mein Dhyan ka uddeshy Apne Swaroop aur apne Lakshya ki vismriti ke Karan utpann Hui badhaon se chhutkara pana. Dhyan Tan man aur atma ke bich layatmak sambandh banata hai aur use Bal pradan Karta hai. Dhyan ka niyamit abhyas karne se atmik Shakti badhati aur madhe Shakti ki Anubhuti hoti hai.
Dhyan ka uchit aasan
Dhyan ke liye uchit aasan mein hona sabse jaruri hai .Dhyan is vidhi se karna chahie ki aapka mero dant sidha Ho. jab sadhak Apne man aur pranshakti Ko merudand mein chakron se hote hue udar Chetna ki or bhejne ke liye prayas karta hai to use anuchit aasan ke Karan merudand ki nadiyan mein hone wali sikudan vah sankuchan bachana chahie.
Ine baton ka rakhen Dhyan
Jameen per aasan bichhakar paalthi markar sukhasan ya pradarshan mein baithe. Dhyan ka abhyas karte samay shuru mein 5 minut bhi kafi hote Hain. Abhyas se 20-30 minute Tak Dhyan Laga sakte hain .Dhyan karne ke liye aisi jagah ka chayan Karen Jo ekadam shant Ho.
Is tarah shuru Karen Dhyan
Dhyan ki shuruaat se Pranayam karna ya thodi der ek lambi sans धीरे-धीरे lena aur धीरे-धीरे chhodana chahie. Ste mastishk sharkim hota hai aur vicharon Ko niyantrit karna sambhav hota hai. gusse mein Josh mein sas bahut Tej chalne lagti hai aur dukh aur nirasha mein sath dhimi Ho jaati hai.
Sans ki gati ka vicharon per asar hota hai aur asamanya saat sem mansik sthirta paida hoti hai isliye Pranayam ya gehri aur lambi sans man aur vicharon mein Shanti lati hai jisse man Ko kendrit karne mein madad milati hai.
Parmatma ka Dhyan Karen
Ehsas urja ke अलग-अलग rupon ki abhivyakti hai. Aisa Mana jata hai ki ham bhi usi Aseem urja ka ek bhag hai aur usse Jude hue hain .apne aap ko use Param shodh ka aayushmanne se hamen apni Aseem kshamta aur sambhavnaon ka Anubhav hota hai. Dhyan shuru karta samay Ishwar se prathna ki jaati hai ki hamara Dhyan Safal ho aur hamen Apne dravya vastvik Swaroop ka Anubhav ho saka.
Read Full Blog...Dhyan aur meditation ek Kiya hai jismein vyakti Apne man Ko Chetna ki ek Vishesh Avatar milane ka prayas Karta hai Kai dharmik parampara aur manyataon mein prachin kal se hi Dhyan ke Vyas Kiya ja raha hai agar iska Vyas roj kiya jaaye to isase aapko mansik santulan banae rakhne mein madad milati hai aur aap swasth mahsus karte Hain.
Dhyan karne se kya fayde milte Hain
Mansik swasthya Ko fayda pahunchata hai
Research se pata chalta hai ki Dhyan karna hamare Malik swasthya ke liye kitna faydemand hota hai iska bhi aaj aapka tanav dur Karta hai bechaini kam karta hai udarta badhate aatm jagrukta aur aatm Samman mein sudhar karta hai
Umar badhane ki prakriya ko dhima karta hai
Shodh mein bhi dekha gaya hai ki Dhyan ka Vyas aapka janm hua rakhta hai vah umra badhata hai aisa isliye hota hai ki kyunki Dhyan karne se tanav kam ho jata hai tanav aapke sharir per nakaratmak dalta hai.
Dhyan karne se urja badhati hai
Gyan ka abhyas aapke dimag ko saaf karta hai aur jisse aap in genetic mahsus karte hain Dhyan tantrika ko uttejit kar sakta hai jo sakaratmak bhavnaon aur aaram ko badhava deta hai.
Bechain aur Avsad ko dur karta hai
Dhyan karne se bechaini aur avsad ke lakshanon se aaram milta hai yah sharir mein prant ke star Ko badata hai ayurvedic ke mutabik jaise Pran ka star badti hai vaise hi bechaini Kam hone lagti hai.
Dhyan focus or yaad aazma sudhar karta hai
Dhyan karne se kuchh behtar hota hai aur sath hi yadasht mein sudhar hota hai. Ham ya to bite hue samay ko lekar naraj hote hain ya FIR aane Wale samay ko lekar. Dhyan aapko vartman mein jeene ke liye madad karta hai aap Jaise hi Dhyan ka Vyas karna shuru karenge vaise hi aapka focus behtar hona shuru ho jata hai. Dhyan se aapka dimag shant hota hai jisse aapki yaddasht behtar hoti hai.
Theek hone aur Dard ko manage karne mein madad karta hai.
Sure batata hai ki Dhyan karne se purana Dard bhi theek ho sakta hai agar aap roj dhyan ka abhyas kra to . Isase purana dard jo aapko lambe samay se pareshan kar raha hai vah theek ho sakta hai.
Sharir ko pahunchte hai yah fayde
Mansik swasthya karne se sharir ko bhi post hai Kai fayde jaisa high blood pressure enjikattack ka kam hona. Tanav ki vajah se sir Dard chhale nind Na aana. Manspeshiyan aur jodon mein Dard hona. Demune sister ka behtar hona nind aur rishto mein sudhar aana.
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Types of meditation.
dhiyan karna ka koi sahi ya galat tarika nahi ha apko sirf abhyas karna ha jo apka liya mahtvpurn ho or apko vaytitav ko nikhara . Meditation ka kai parkar ha unma sa kuch yah ha .
1. Vipasana meditation.
2. Aadhytmik dhiyan.
3. Kandrit dhiyan .
4. Gatiman meditation .
5. Mantr dhiyan .
6. Gudh Chintan .
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