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ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन तकनीक क्या है ?


ट्रांसेंडेंटल मेडिटेशन (Transcendental Meditation) या भावातीत ध्यान, एक सरल और प्राकृतिक ध्यान तकनीक है, जिसमें शांत मन से मंत्र दोहराकर विश्रामपूर्ण जागरूकता की स्थिति प्राप्त की जाती है, जिसे महर्षि महेश योगी ने 1950 के दशक में शुरू किया था।  यहाँ इस तकनीक के बारे में कुछ और जानकारी दी गई है: लक्ष्य: इस ध्यान का मुख्य उद्देश्य मन को शांत करना और गहरी आंतरिक शांति का अनुभव करना है।  प्र... Read More

ट्रांसेंडेंटल मेडिटेशन (Transcendental Meditation) या भावातीत ध्यान, एक सरल और प्राकृतिक ध्यान तकनीक है, जिसमें शांत मन से मंत्र दोहराकर विश्रामपूर्ण जागरूकता की स्थिति प्राप्त की जाती है, जिसे महर्षि महेश योगी ने 1950 के दशक में शुरू किया था। 

यहाँ इस तकनीक के बारे में कुछ और जानकारी दी गई है:

लक्ष्य:

इस ध्यान का मुख्य उद्देश्य मन को शांत करना और गहरी आंतरिक शांति का अनुभव करना है। 

प्रक्रिया:

आराम से बैठकर, आँखें बंद करके, दिन में दो बार 20 मिनट तक अभ्यास करें. 

एक मंत्र को मन ही मन दोहराएं, जो आपको एक प्रमाणित टीएम शिक्षक द्वारा दिया जाएगा. 

इस तकनीक में किसी भी तरह के जोर-जबरदस्ती या एकाग्रता की आवश्यकता नहीं होती है. 

अन्य ध्यान तकनीकों से अंतर:

ट्रांसेंडेंटल मेडिटेशन में मन को खाली करने या विचारों पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश नहीं की जाती है. 

यह मन को स्वाभाविक रूप से शांत और गहरी जागरूकता की स्थिति में ले जाता है. 

लाभ:

तनाव कम होता है. 

मन शांत और एकाग्र होता है. 

गहरी शांति और विश्राम का अनुभव होता है. 

टी.एम. (TM) का इतिहास:

1950 के दशक में महर्षि महेश योगी ने इस तकनीक को लोकप्रिय बनाया. 

यह तकनीक प्राचीन भारतीय परंपराओं से ली गई है. 

टी.एम. (TM) कैसे सीखें:

आपको एक प्रमाणित टी.एम. (TM) शिक्षक से सीखना होगा. 

टी.एम. (TM) कोर्स की फीस आपके परिवार की आय के अनुसार अलग-अलग होती है. 

आप टी.एम. (TM) के बारे में अधिक जानकारी उनकी आधिकारिक वेबसाइट पर पा सकते हैं. 

टी.एम. (TM) और अन्य ध्यान तकनीकों में अंतर:

माइंडफुलनेस मेडिटेशन में आप अपने विचारों, भावनाओं, सांसों और शारीरिक संवेदनाओं पर नज़र रखते हैं, बिना उन पर कोई निर्णय लिए. 

टी.एम. (TM) में, आप मन को शांत करने और गहरी जागरूकता की स्थिति में ले जाने के लिए मंत्र का उपयोग करते हैं. 

टी.एम. (TM) के बारे में कुछ रोचक तथ्य:

टी.एम. (TM) तकनीक को सैन्य कर्मियों को पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस सिंड्रोम (PTSD) से निपटने में मदद करने के लिए भी इस्तेमाल किया गया है. 

कई प्रसिद्ध हस्तियां, जैसे कि डेविड लिंच, क्लिंट ईस्टवुड और मिया फैरो, टी.एम. (TM) का अभ्यास करते हैं.


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ध्यान (Meditation) के कई प्रकार होते हैं जिनमें से कुछ प्रमुख हैं


ध्यान (Meditation) के कई प्रकार होते हैं, जिनमें माइंडफुलनेस, प्रेम-दया, एकाग्रता, और आध्यात्मिक ध्यान शामिल हैं, जो अलग-अलग तरीकों से मन को शांत और केंद्रित करने में मदद करते हैं.  यहां विभिन्न प्रकार के ध्यान के बारे में विस्तार से बताया गया है: माइंडफुलनेस मेडिटेशन (Mindfulness Meditation): यह ध्यान का एक प्रकार है जो वर्तमान क्षण में जागरूकता पर केंद्रित है, जिसमें आप अपने विचारों, भावना... Read More

ध्यान (Meditation) के कई प्रकार होते हैं, जिनमें माइंडफुलनेस, प्रेम-दया, एकाग्रता, और आध्यात्मिक ध्यान शामिल हैं, जो अलग-अलग तरीकों से मन को शांत और केंद्रित करने में मदद करते हैं. 

यहां विभिन्न प्रकार के ध्यान के बारे में विस्तार से बताया गया है:

माइंडफुलनेस मेडिटेशन (Mindfulness Meditation):

यह ध्यान का एक प्रकार है जो वर्तमान क्षण में जागरूकता पर केंद्रित है, जिसमें आप अपने विचारों, भावनाओं और शारीरिक संवेदनाओं को बिना किसी निर्णय के ध्यान से देखते हैं. 

प्रेम-दया ध्यान (Loving-Kindness Meditation):

इस ध्यान में स्वयं और दूसरों के प्रति प्रेम और दया की भावना विकसित करना शामिल है. 

एकाग्रता ध्यान (Concentration Meditation):

यह ध्यान एक ही बिंदु पर ध्यान केंद्रित करने पर केंद्रित है, जैसे कि सांस, मंत्र, या कोई वस्तु. 

आध्यात्मिक ध्यान (Spiritual Meditation):

यह ध्यान ईश्वर या किसी उच्च शक्ति के साथ संबंध स्थापित करने पर केंद्रित है. 

ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन (Transcendental Meditation):

यह ध्यान एक विशिष्ट तकनीक का उपयोग करता है जो मन को शांत करने और तनाव कम करने में मदद करता है. 

विपश्यना मेडिटेशन (Vipassana Meditation):

यह एक पारंपरिक बौद्ध ध्यान तकनीक है जो स्वयं को समझने और ज्ञान प्राप्त करने पर केंद्रित है. 

मूवमेंट मेडिटेशन (Movement Meditation):

यह ध्यान का एक प्रकार है जिसमें शारीरिक गतिविधियों के साथ ध्यान करना शामिल है, जैसे कि योग या चीगोंग. 

मंत्र ध्यान (Mantra Meditation):

इस ध्यान में किसी शब्द या वाक्यांश का बार-बार दोहराना शामिल है. 

विजुअलाइजेशन मेडिटेशन (Visualization Meditation):

इस ध्यान में किसी दृश्य या अनुभव को मन में कल्पना करना शामिल है. 

वन ध्यान (Forest Bathing):

यह ध्यान का एक प्रकार है जिसमें प्रकृति में समय बिताना और उसके साथ जुड़ना शामिल है. 

त्राटक ध्यान (Trataka Meditation):

यह ध्यान का एक प्रकार है जिसमें किसी एक बिंदु पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है, जैसे कि मोमबत्ती की लौ.


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शुक्ल ध्यान क्या है? शुक्ल ध्यान के लक्षण ध्यान के बारे में कुछ और बातें शुक्ल ध्यान की विशेषताएं:


शुक्ल ध्यान क्या है? शुक्ल ध्यान के लक्षण, ध्यान के बारे में कुछ और बातें, शुक्ल ध्यान की विशेषताएं शुक्लध्यान एक तरह का ध्यान है. शुक्ल शब्द का मतलब है 'शुद्ध' या 'स्वच्छ'. किसी भी विषय पर बिना किसी वासना के विचारों को केंद्रित करना शुक्लध्यान कहलाता है. यह ध्यान ही उच्चतम ध्यान होता है.  शुक्लध्यान के बारे में ज़्यादा जानकारीः शुक्लध्यान में श्वासोच्छ्वास का निरोध हो जाता ह... Read More

शुक्ल ध्यान क्या है? शुक्ल ध्यान के लक्षण, ध्यान के बारे में कुछ और बातें, शुक्ल ध्यान की विशेषताएं

शुक्लध्यान एक तरह का ध्यान है. शुक्ल शब्द का मतलब है 'शुद्ध' या 'स्वच्छ'. किसी भी विषय पर बिना किसी वासना के विचारों को केंद्रित करना शुक्लध्यान कहलाता है. यह ध्यान ही उच्चतम ध्यान होता है. 

शुक्लध्यान के बारे में ज़्यादा जानकारीः

शुक्लध्यान में श्वासोच्छ्वास का निरोध हो जाता है. 

शुक्लध्यान में एक ही योग का आश्रय लेकर एक ही द्रव्य का ध्याता चिंतन करता है. इसलिए इसको एकत्व वितर्क ध्यान कहा गया है. 

शुक्लध्यान में पृथक्करणात्मक चिंतन, एकात्मक चिंतन, सूक्ष्म अचूक शारीरिक क्रिया, आत्मा की अपरिवर्तनीय शांति होती है. 

अभ्यास दशा समाप्त हो जाने पर पूर्ण ज्ञातादृष्टा भावरूप शुक्लध्यान हो जाता है

ध्यान के प्रकारः 

ध्यान चार प्रकार के होते हैं - आर्तध्यान, रौद्रध्यान, धर्मध्यान और शुक्लध्यान.

इन चारों ध्यानों में प्रत्येक ध्यान के चार-चार भेद हैं.

इस प्रकार कुल मिलाकर ध्यान सोलह प्रकार के हो जाते हैं.

ध्यान करने से आत्मिक और मानसिक शक्तियों का विकास होता है.

जैन धर्म में, शुक्ल ध्यान को उच्चतम ध्यान माना जाता है. यह ध्यान किसी भी तरह के विकार से रहित होता है. शुक्ल ध्यान के कुछ लक्षण ये हैं: 

बुद्धिपूर्वक राग समाप्त होने पर जो निर्विकल्प समाधि प्रगट होती है, उसे शुक्ल ध्यान कहते हैं. 

शुक्ल ध्यान में एक ही योग का आश्रय लेकर एक ही द्रव्य का ध्याता चिंतन करता है. 

शुक्ल ध्यान में श्रुतज्ञान के आधार पर किसी एक ही द्रव्य, गुण या पर्याय का योग होता है. 

शुक्ल ध्यान में वितर्क और विचार से रहित इस ध्यान में मन, वचन और कायरूप योगों का निरोध हो जाता है. 

शुक्ल ध्यान में क्रिया से भी रहित हो जाता है. 

शुक्ल ध्यान में श्वास निरोध करना नहीं पड़ता, अपितु स्वयं हो जाता है. 

शुक्ल ध्यान साक्षात् मोक्ष का कारण है.

शुक्ल ध्यान की विशेषताएं:

शुक्ल ध्यान में आत्मा बिलकुल साफ़ यानी निर्मल हो जाती है. 

इस ध्यान से आत्मा का फिर से जन्म-मरण होना हमेशा के लिए रुक जाता है. 

साधु को बुद्धिपूर्वक राग समाप्त हो जाने पर जो निर्विकल्प समाधि प्रगट होती है, उसे शुक्लध्यान कहते हैं. 

रत्न दीपक की ज्योति की भाँति निष्कंप होकर ठहरता है. 

श्वास निरोध इसमें करना नहीं पड़ता अपितु स्वयं हो जाता है. 

यह ध्यान साक्षात् मोक्ष का कारण है.


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सूक्ष्म ध्यान क्या है ध्यान करने का तरीका सूक्ष्म ध्यान के फ़ायदे ध्यान के बारे में कुछ और बातें:


सूक्ष्म ध्यान क्या है? सूक्ष्म ध्यान का अर्थ है दिन भर में कई बार थोड़े समय के लिए ध्यान लगाना। विशेषज्ञों का कहना है कि कम समय के लिए ध्यान करना, एक बार में 60 मिनट तक एकांत में बैठने जितना ही सकारात्मक प्रतीत होता है। विंस्टन कहते हैं, "दिन में कई बार छोटे-छोटे अंतराल पर ऐसा करने से निश्चित रूप से लाभ होता है, क्योंकि इससे ध्यान की वह गुणवत्ता विकसित होती है जो हमें वर्तमान क्षण में ले जात... Read More

सूक्ष्म ध्यान क्या है?

सूक्ष्म ध्यान का अर्थ है दिन भर में कई बार थोड़े समय के लिए ध्यान लगाना। विशेषज्ञों का कहना है कि कम समय के लिए ध्यान करना, एक बार में 60 मिनट तक एकांत में बैठने जितना ही सकारात्मक प्रतीत होता है।

विंस्टन कहते हैं, "दिन में कई बार छोटे-छोटे अंतराल पर ऐसा करने से निश्चित रूप से लाभ होता है, क्योंकि इससे ध्यान की वह गुणवत्ता विकसित होती है जो हमें वर्तमान क्षण में ले जाती है, हमें शांत करती है, सहजता और संतुलन लाती है।"

जिस ध्यान में स्थूल शरीर का इस्तेमाल नहीं किया जाता और भौतिक देह की क्रियाएं नहीं होतीं, उसे सूक्ष्म ध्यान कहते हैं. इसमें अलौकिक या अतींद्रिय विषयों पर ध्यान किया जाता है. 

सूक्ष्म ध्यान की कुछ विधियां: 

ओंकार श्रवण

आंतरिक आलोक दर्शन

दिव्य सुगंध पर ध्यान

साक्षी चैतन्य का ख्याल

कुंडलिनी, सर्प शक्ति पर ध्यान

ध्यान के बारे में कुछ और बातें:

ध्यान में मन को विश्रांति देने की सरल तकनीक से लेकर आंतरिक ऊर्जा का निर्माण तक शामिल है. 

ध्यान में करुणा, प्रेम, धैर्य, उदारता, क्षमा आदि गुणों का विकास होता है. 

ध्यान में साधक अपने शरीर, वातावरण को भी भूल जाता है और समय का भान भी नहीं रहता. 

ध्यान के अभ्यास से मन शांत हो जाता है, जिसे योग की भाषा में चित्तशुद्धि कहा जाता है. 

ध्यान के अभ्यास के लिए प्राणायाम, नामस्मरण (जप), त्राटक का भी सहारा लिया जा सकता है. 

ध्यान का अभ्यास करने के लिए सदाचार, सद्विचार, यम, नियम का पालन और सात्विक भोजन भी मददगार होता है.

सूक्ष्म ध्यान करने से कई फ़ायदे होते हैं, जैसे कि: 

मानसिक शांति मिलती है

तनाव कम होता है

एकाग्रता बढ़ती है

शरीर लचीला बनता है

जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है

हड्डियों की बीमारियों में राहत मिलती है

सांस से जुड़ी समस्याओं में फ़ायदेमंद होता है

पाचन तंत्र ठीक होता है

व्यक्तित्व प्रभावी बनता है

दूर दृष्टि और निर्णय शक्ति बढ़ती है

सूक्ष्म ध्यान करने का तरीका: 

योगा मैट पर बैठ जाएं

सुखासन या पद्मासन की मुद्रा में बैठें

आंखें बंद कर ध्यान लगाएं

सांसों पर ध्यान दें और लंबी-गहरी सांस लें

हाथ जोड़कर ओम का उच्चारण करें और आंखें खोलें

ध्यान करने के अन्य फ़ायदे: 

मानसिक अनुशासन विकसित होता है

नींद आने में लगने वाला समय कम हो सकता है और नींद की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है

शारीरिक बीमारी में आराम मिल सकता है

मूड बेहतर हो सकता है

थकान के स्तर को घटाता है

इच्छा शक्ति, स्मरण शक्ति, आत्मविश्वास, विचारों की स्पष्टता में वृद्धि करता है


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शांति पाने के लिए 8 प्रकार के ध्यान


आज और कल की चिंता में अक्सर रहते हैं परेशान तो सीखें माइंडफुल मेडिटेशन दूर होगी टेंशन और दिमाग रहेगा स्थिर ध्यान आपको दुनिया के शोर और अपने व्यस्त विचारों से एक बहुत ज़रूरी ब्रेक लेने का मौक़ा देता है। यह ब्रेक आपको अपने दिन के दौरान ज़्यादा आराम और स्पष्ट दिमाग़ का एहसास करा सकता है। अध्ययनों से पता चलता है कि ध्यान तनाव को कम करने, आपके ध्यान को बेहतर बनाने और आपको अपने विचारों और भावनाओं के बार... Read More

आज और कल की चिंता में अक्सर रहते हैं परेशान तो सीखें माइंडफुल मेडिटेशन दूर होगी टेंशन और दिमाग रहेगा स्थिर

ध्यान आपको दुनिया के शोर और अपने व्यस्त विचारों से एक बहुत ज़रूरी ब्रेक लेने का मौक़ा देता है। यह ब्रेक आपको अपने दिन के दौरान ज़्यादा आराम और स्पष्ट दिमाग़ का एहसास करा सकता है। अध्ययनों से पता चलता है कि ध्यान तनाव को कम करने, आपके ध्यान को बेहतर बनाने और आपको अपने विचारों और भावनाओं के बारे में ज़्यादा जागरूक बनाने में मदद कर सकता है। यह आपके समग्र मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा हो सकता है। 

अगर आपको अपने मन को शांत करने और आराम करने में परेशानी होती है, तो ध्यान एक सरल अभ्यास है जो काफी मदद कर सकता है। चाहे आपका शेड्यूल कैसा भी हो। अगर आप हर दिन ध्यान करने के लिए कुछ समय निकालते हैं, तो आप पाएंगे कि आप आम तौर पर काम, स्कूल या कहीं भी कम तनाव महसूस करते हैं और ज़्यादा ध्यान केंद्रित करते हैं। दुनिया भर में, कई लोग यह पा रहे हैं कि सिर्फ़ कुछ मिनट का ध्यान भी उनके दिन में बड़ा बदलाव ला सकता है।

 

 


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इस ध्यान में आरामदायक मानसिक चित्र या परिस्थितियां बनाई जाती हैं


फोकस मेडिटेशन स्ट्रेसफुल लाइफस्टाइल के चलते हर कोई तनाव में रहता है. दिनभर घर और ऑफिस की जिम्मेदारियां और काम की चिंता हर समय तनाव का कारण बनी रहती है. स्ट्रेस का कारण चाहे जो भी हो, ये आपके मेंटल हेल्थ पर बहुत बुरा असर डालता है. एक अच्छी लाइफ जीने के लिए आपको फिजिकली और मेंटली दोनों तरह से स्वस्थ रहना जरूरी है. तनाव और स्ट्रेस से छुटकारा पाने के लिए मेडिटेशन सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है . मेडिट... Read More

फोकस मेडिटेशन

स्ट्रेसफुल लाइफस्टाइल के चलते हर कोई तनाव में रहता है. दिनभर घर और ऑफिस की जिम्मेदारियां और काम की चिंता हर समय तनाव का कारण बनी रहती है. स्ट्रेस का कारण चाहे जो भी हो, ये आपके मेंटल हेल्थ पर बहुत बुरा असर डालता है. एक अच्छी लाइफ जीने के लिए आपको फिजिकली और मेंटली दोनों तरह से स्वस्थ रहना जरूरी है. तनाव और स्ट्रेस से छुटकारा पाने के लिए मेडिटेशन सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है

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मेडिटेशन यानी ध्यान करने से तनाव दूर होता है और मन को शांति मिलती है. मेडिटेशन हर कोई कर सकता है और इसे करने के लिए किसी और चीज की जरूरत भी नहीं है. मेडिटेशन करने के लिए आपको केवल कुछ चीजों का ध्यान रखना है. आइए जानते हैं क्या है मेडिटेशन का सही तरीका और मेडिटेशन के लाभ.

मेडिटेशन के लिए ऐसी मुद्रा चुनें जिसमें आप लम्बे समय तक बैठ सकें। खुद को रिलैक्स करते हुए इस समय चेहरे पर मुस्कुराहट के भाव रखें।

मेडिटेशन के पहले 10-15 मिनट तक गहरी सांस लें। इससे आपका शांत भाव में जाना आरम्भ होता है।

इस समय खाली पेट रहें और इसके लिए सुविधाजनक समय चुनें।

इन्हे भी पड़े 

इसमें चिंतन किया जाता है

आज और कल की चिंता में अक्सर रहते हैं परेशान तो सीखें माइंडफुल मेडिटेशन दूर होगी टेंशन और दिमाग रहेगा स्थिर

 


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इसमें चिंतन किया जाता है


हममें से कई लोग खुद को चिंतन के दोहराव वाले चक्र में फंसा हुआ पाते हैं। यह बातचीत को फिर से दोहराना और यह इच्छा करना कि हमने कुछ अलग कहा होता, जितना हल्का हो सकता है। लेकिन इसके सबसे बुरे रूप में, चिंतन दुर्बल करने वाला हो सकता है, जिसमें अत्यधिक सोचना और नकारात्मक भावनाओं में लगातार फंसना शामिल है। यह जानने के लिए आगे पढ़ें कि हम चिंतन क्यों करते हैं, चिंतन के प्रभाव क्या हैं और इसे कैसे रोका जाए... Read More

हममें से कई लोग खुद को चिंतन के दोहराव वाले चक्र में फंसा हुआ पाते हैं। यह बातचीत को फिर से दोहराना और यह इच्छा करना कि हमने कुछ अलग कहा होता, जितना हल्का हो सकता है। लेकिन इसके सबसे बुरे रूप में, चिंतन दुर्बल करने वाला हो सकता है, जिसमें अत्यधिक सोचना और नकारात्मक भावनाओं में लगातार फंसना शामिल है। यह जानने के लिए आगे पढ़ें कि हम चिंतन क्यों करते हैं, चिंतन के प्रभाव क्या हैं और इसे कैसे रोका जाए।

मनन क्या है? 

शोधकर्ता व्यापक अध्ययन  के बाद भी चिंतन को सटीक रूप से परिभाषित करने और मापने के लिए संघर्ष कर रहे हैं । लेकिन मोटे तौर पर, चिंतन हमारी नकारात्मक भावनाओं के कारणों और प्रभावों के बारे में बार-बार सोचने की क्रिया है, विशेष रूप से समस्याओं या पिछली घटनाओं से संबंधित। 

चिंतन के सामान्य लक्षण

चिंतन कई तरह से खुद को प्रकट कर सकता है, भावनात्मक और शारीरिक दोनों रूप से। जिन सामान्य संकेतों पर ध्यान देना चाहिए, वे हैं:

कष्टदायक भावनाओं पर विचार करना

अतीत की घटनाओं या कथित गलतियों को भूलने में असमर्थ होना

सबसे खराब स्थिति की सोच

नकारात्मक विचारों के चक्र में फँस जाना

तनाव या संभावित समस्याओं के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाना

प्रत्याशा चिंता

चिंतन और भावनात्मक प्रसंस्करण के बीच अंतर 

चिंतन भावनात्मक विनियमन से जटिल तरीके से जुड़ा हुआ है । यह एक मुकाबला करने का तंत्र और भावनात्मक कल्याण के लिए एक बाधा दोनों है। जबकि यह परेशान करने वाली भावनाओं पर नियंत्रण की एक अल्पकालिक भावना प्रदान करता है, यह टालने वाली मुकाबला करने की रणनीति नकारात्मक विचार पैटर्न को बढ़ावा दे सकती है और चिंता और अवसाद की भावनाओं को बदतर बना सकती है। 

नकारात्मक भावनाओं पर ध्यान केन्द्रित करना 

चिंतनशील विचार हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। लोग निजी रिश्तों, काम, स्वास्थ्य या जीवन के अन्य पहलुओं पर चिंतन कर सकते हैं। यहां तक कि चिंतन करने के हमारे तरीके भी अलग-अलग हो सकते हैं - कुछ लोगों को घुसपैठिया विचार आ सकते हैं जबकि अन्य लोग पिछली घटनाओं या गलतियों के बारे में सोचते हुए लंबा समय बिताते हैं

चिंतन के उदाहरण क्या हैं?

जहाँ चिंतन नकारात्मक भावनाओं को बढ़ाता है, वहीं भावनात्मक प्रसंस्करण हमें उन्हें समझने और स्वीकार करने में मदद करता है। भावनात्मक प्रसंस्करण न केवल सक्रिय और उद्देश्यपूर्ण है, बल्कि यह भावनात्मक विकास और लचीलेपन को भी बढ़ावा देता है।  

चिंतन में चिंताजनक भावनाओं पर ध्यान केंद्रित करना शामिल हो सकता है। यह अवसाद और चिंता को बढ़ाता है या उसे और खराब करता है । इस तरह की सोच से ग्रस्त लोग अक्सर निम्न प्रकार की भावनाओं का अनुभव करते हैं:

नाकाबिल

अनुविता

निराशा

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आज और कल की चिंता में अक्सर रहते हैं परेशान तो सीखें माइंडफुल मेडिटेशन दूर होगी टेंशन और दिमाग रहेगा स्थिर


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आज और कल की चिंता में अक्सर रहते हैं परेशान तो सीखें माइंडफुल मेडिटेशन दूर होगी टेंशन और दिमाग रहेगा स्थिर


आज और कल की चिंता में अक्सर रहते हैं परेशान तो सीखें माइंडफुल मेडिटेशन, दूर होगी टेंशन और दिमाग रहेगा स्थिर माइंडफुल मेडिटेशन ध्‍यान का आसान तरीका है ज‍िससे आप अपने द‍िमाग को शांत और स्‍ट्रेस को पल भर में गायब कर सकते हैं। क्‍या आप हद से ज्‍यादा तनाव में रहते हैं? क्‍या वर्क प्रेशर के चलते आपकी याद्दाश कमजोर होने लगी है? अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो लाइफ से स्‍ट्... Read More

आज और कल की चिंता में अक्सर रहते हैं परेशान तो सीखें माइंडफुल मेडिटेशन, दूर होगी टेंशन और दिमाग रहेगा स्थिर

माइंडफुल मेडिटेशन ध्‍यान का आसान तरीका है ज‍िससे आप अपने द‍िमाग को शांत और स्‍ट्रेस को पल भर में गायब कर सकते हैं।

क्‍या आप हद से ज्‍यादा तनाव में रहते हैं? क्‍या वर्क प्रेशर के चलते आपकी याद्दाश कमजोर होने लगी है? अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो लाइफ से स्‍ट्रेस हटाकर खुश रहने का आसान तरीका हम आपको बताने जा रहे हैं। इसको माइंडफुलनेस मेडिटेशन कहा जाता है। इससे आपके द‍िमाग की उथल-पुथल शांत होती है और मन को आराम म‍िलता है।

माइंडफुलनेस मेडिटेशन ध्यान करने का एक तरीका है ज‍िससे आप अपने माइंड को कंट्रोल कर सकते हैं। आज की भागती ज‍िंदगी में सब कुछ तेजी से चल रहा है पर हमारे द‍िमाग की क्षमता उतनी ही है। ज्‍यादा चीज़ों को एक साथ करने या सोचने से द‍िमाग परेशान हो जाता है और आप स्‍ट्रेस में आ जाते हैं। इससे बचने के ल‍िये मेडिटेशन की इस तकनीक को जरूर सीखें। इंटरनेट पर कई वीड‍ियो हैं ज‍िनकी मदद से आप माइंडफुलनेस मेडिटेशन सीख सकते हैं। इसे करने का तरीका और फायदे जानने के ल‍िये हमने बात की लखनऊ के बोधिट्री इंडिया सेंटर की काउन्‍सलिंग साइकोलॉज‍िस्‍ट डॉ नेहा आनंद से और समझा क‍ि ध्‍यान करने से हमारी ज‍िंदगी में क्‍या बदलाव आ सकता है।

कैसे करते हैं माइंडफुल मेडिटेशन? (Steps of mindfulness meditation) 

1 सबसे पहले पालथी लगाकर बैठ जायें। क‍िसी शांत जगह का चुनाव करें जहां आपध्‍यान लगा पायें। 

2 पीठ को सीधा रखें। आप चाहें तो तक‍िए की मदद ले सकते हैं। 

3 आंखों को बंद करके अपने अंदर की आवाज़ों को सुनने की कोश‍िश करें। 

4 शांत‍ि से बैठकर सोचने पर आपको अहसास होगा क‍ि द‍िमाग में क‍ितनी उथल-पुथल है।  

5 शुरूआत में कुछ म‍िनटों के ल‍िये करें और फिर धीरे-धीरे समय बढ़ाते जायें। 

6 आप देखेंगे क‍ि कुछ ही हफ्तों में आपका स्‍ट्रेस लेवल कम हो रहा है।

क्‍या हैं माइंडफुल मेडिटेशन के फायदे? (Benefits of mindfulness meditation)

माइंडफुल मेडिटेशन को करने से स्‍ट्रेस दूर रहता है। अगर लंबे समय से आप क‍िसी बात से परेशान हैं तो इसे जरूर ट्राई करें। 

इस मेड‍िटेशन से याद करने की शक्‍त‍ि सुधरती है। जो बच्‍चे को पढ़ाई को लेकर च‍िंता में हैं वो उसे करके देखें इससे याददाश अच्‍छी होती और आपको देर तक बातें याद रहती है। 

अगर ऑफ‍िस में आपको गुड ड‍िसीज़न मेकर नहीं समझा जाता तो घबरायें नहीं एक बार माइंडफुल मेड‍िटेशन करके देखें। आपके फैसले लेने की क्षमता में बदलाव आयेगा। आप तुरंत न‍िर्णय ले पायेंगे। इससे एकाग्रता भी बढ़ती है तो देर तक आपका काम में मन लगा रहेगााा। 

कपल्‍स को भी ये मेड‍िटेशन करना चाह‍िये। इसे करने से आप एक-दूसरे को और बेहतर तरीके से समझने लगते हैं। दूसरे शब्‍दों में कहें तो इसे करने से अंडरस्‍टैंड‍िंग बढ़ती है।

माइंडफुल मेड‍िटेशन करने से हाइपर एक्‍ट‍िवि‍टी कम हो जाती है। इसका मतलब है क‍ि हम एक साथ कई चीज़ें सोचने लगतें हैं और हमारा द‍ि‍माग इसे समझ नहीं पाता इसल‍िये स्‍ट्रेस या स‍िर दर्द होने लगता है। इस मेड‍िटेशन से आपका द‍िमाग शांत होता है और द‍िमाग में चलने वाली उथल-पुथल बंद हो जाती है।

ज‍िन लोगों को नींद नहीं आती उन्‍हें ये मेड‍िटेशन करना चाह‍िये। इसे आप क‍िसी भी समय कहीं पर भी कर सकते हैं। इसे रोज करने का सबसे बड़ा फायेदा ये है क‍ि आपको गहरी नींद आयेगी।

अगर आपको बहुत ज्‍यादा गुस्‍सा आता है या आप च‍िड़च‍िड़े हो रहे हैं तो इस मेड‍िटेशन को जरूर करके देखें। आपका गुस्‍सा कंट्रोल होने लगेगा और आप इमोशनली स्‍टेबल हो जायेंगे। 

खुश रहने का सबसे आसान उपाय है माइंडफुल मेड‍िटेशन। आपको इसे एक बार ट्राय करके अपनी ज‍िंदगी को नया नजर‍िया देना चाह‍िये।

माइंडफुल मेड‍िटेशन को अपने रूटीन में शाम‍िल करें और इसका लाभ उठायें। काम तो पूरे द‍िन चलता है पर दो घड़ी अपने साथ भी ब‍ितायें। इन छोटी-छोटी चीज़ों को करने से तनाव आपका पीछा छोड़ देगा।


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अगर एक जगह बैठकर ध्यान लगाना मुश्किल लगता है तो कोई भी काम करते हुए ध्यान लगाना


क्या मेडिटेशन करते समय हो रही है कठिनाई? अपनाएं ये टिप्स जिस तरह हमको शारारिक रूप से स्वस्थ्य रहने के लिए योगा और एक्सरसाइज की जरूरत होती है। उसी प्रकार मेडिटेशन शारारिक और मानसिक तनाव को दूर करने का साधन है। जिसको करने के लिए लोगों को एकांत की आवश्यकता होती है। लेकिन एक जगह बैठकर ध्यान लगाने में लोगों को काफी कठिनाई महसूस होती है। इधर-उधर के विचारों से अपने मन को हटाकर, आंखें मूंद कर लोग उस दिव्... Read More

क्या मेडिटेशन करते समय हो रही है कठिनाई? अपनाएं ये टिप्स

जिस तरह हमको शारारिक रूप से स्वस्थ्य रहने के लिए योगा और एक्सरसाइज की जरूरत होती है। उसी प्रकार मेडिटेशन शारारिक और मानसिक तनाव को दूर करने का साधन है। जिसको करने के लिए लोगों को एकांत की आवश्यकता होती है। लेकिन एक जगह बैठकर ध्यान लगाने में लोगों को काफी कठिनाई महसूस होती है। इधर-उधर के विचारों से अपने मन को हटाकर, आंखें मूंद कर लोग उस दिव्य प्रकाश या शांति की तलाश करते हैं। और जब दो मिनट में उनको वो अनुभूति नहीं होती तो वह इस प्रक्रिया को बीच में ही छोड़ देते हैं।

मेडिटेशन कोई एक्सरसाइज नहीं है, बल्कि यह एक प्रैक्टिस है। जिसमें एक व्यक्ति विशेष एक विधि का प्रयोग कर या अपने मष्तिस्क को किसी एक विशेष विशेष वस्तु या विचार पर केंद्रित करता है। जिससे वह आत्मिक या आध्यात्मिक सुख का अनुभव कर सके।

इसलिए यह सब लोगों को करना चाहिए। मैडिटेशन से शरीर और बॉडी का स्ट्रेस कम होता है। इससे आपको अपने विचारों और भावनाओं के बारे में ज्यादा अच्छी समझ पैदा होती है। साथ ही यह इमोशनल हेल्थ को इम्प्रूव करने में सहायक होता है। व्यक्ति को जीवन में स्थिरता का आभास होने लगता है।

हमारे मन में हर समय अनेकों विचार चलते रहते हैं। मन में अस्थिरता बनी रहती है। दिमाग में अजीब सी हलचल का अहसास। ऐसी स्तिथि में अपने अनावश्यक विचारों और से हटाकर शुद्ध और शांत वातावरण में आध्यात्मिक सुख का अनुभव करना ही ध्यान होता है। लेकिन प्रश्न उठता है कि जब हम इस विधि में समस्या का अनुभव कर रहे हैं तो मैडिटेशन की अवस्था में कैसे पहुंचे। इसके लिए शायद हमारे ये टिप्स आपके काम आ सकते हैं।

इन्हेन भी पड़े

 


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इसमें हर चीज़ के प्रति प्रेम और दया का दृष्टिकोण विकसित किया जाता है


प्रेम-दया ध्यान के इस चरण-दर-चरण मार्गदर्शिका से मन की शांति पाएं प्रेमपूर्ण-दया ध्यान का अभ्यास करने के लिए यह चरण-दर-चरण मार्गदर्शिका किसी भी कौशल स्तर के लिए काम करती है। यदि आप इस अभ्यास में नए हैं, तो अपने आप को प्रेमपूर्ण विचार भेजने पर ध्यान केंद्रित रखें।  नियमित ध्यान के लाभ हालाँकि प्रेम-दया ध्यान की कला पारंपरिक ध्यान की तुलना में नई है, लेकिन कुछ प्रकाशित अध्ययन हैं जो इस अभ्यास... Read More

प्रेम-दया ध्यान के इस चरण-दर-चरण मार्गदर्शिका से मन की शांति पाएं

प्रेमपूर्ण-दया ध्यान का अभ्यास करने के लिए यह चरण-दर-चरण मार्गदर्शिका किसी भी कौशल स्तर के लिए काम करती है। यदि आप इस अभ्यास में नए हैं, तो अपने आप को प्रेमपूर्ण विचार भेजने पर ध्यान केंद्रित रखें। 

नियमित ध्यान के लाभ

हालाँकि प्रेम-दया ध्यान की कला पारंपरिक ध्यान की तुलना में नई है, लेकिन कुछ प्रकाशित अध्ययन हैं जो इस अभ्यास के लाभों को दर्शाते हैं। इन लाभों में शामिल हैं:

तनाव में कमी

सामाजिक चिंता का प्रबंधन

वैवाहिक विवादों का प्रबंधन

बेहतर क्रोध नियंत्रण

दीर्घकालिक देखभाल के तनाव से निपटना

अपने मन को दयालु, अधिक समझदार और कम आलोचनात्मक बनाने का यह कार्य आपके और आपके आस-पास के लोगों के साथ आपके संबंधों को सकारात्मक रूप से प्रभावित करना शुरू कर सकता है। मानवता एक शक्तिशाली औषधि है और इसमें आपके शरीर, मन और आत्मा को ठीक करने की क्षमता है। 

कृपा इन्हेन भी पड़े

रात को सोने से पहले मेड‍िटेशन करना कई मायनों में फायदेमंद होता है। जानें इसे करने का तरीका।


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