मेडिटेशन ब्रेन की क्षमता में लाता है कई बदलाव जानिए इससे कैसे बढ़ता है दिमाग और आईक्यू लेवल मेडिटेशन की मदद से बढ़ती है एकाग्रता और मेमोरी
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मेडिटेशन से दिमाग में क्या होता है?
ध्यान करने से दिमाग़ में कई तरह के बदलाव आते हैं. ध्यान करने से दिमाग़ की तरंगें बदलती हैं, ग्रे मैटर बढ़ता है और दिमाग़ के कनेक्शन बेहतर होते हैं. ध्यान करने से दिमाग़ में डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे फ़ील-गुड केमिकल भी बढ़ते हैं.
मेडिटेशन ब्रेन की क्षमता में लाता है कई बदलाव, जानिए इससे कैसे बढ़ता है दिमाग और आईक्यू लेवल
मेडिटेशन से कई लाभ मिलते हैं लेकिन उससे मिलने वाले सबसे बड़ा लाभ यह है कि इससे मनुष्य के मस्तिष्क यानि दिमाग पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और उसकी बुद्धिमत्ता और आईक्यू लेवल में भी सुधार आता है। एक रिसर्च के अनुसार, मेडिटेशन ब्रेन के उन दो कनेक्शन को जोड़ता है जो एकाग्रता और सोचने का काम करते हैं। अल्जाइमर और ऑटिज्म का कनेक्शन भी इसी नेटवर्क होता है और इसी के कमजोर पर जाने पर उन्हें भूलने की अथवा कम समझने की परेशानी हो जाती है।
मेडिटेशन की मदद से बढ़ती है एकाग्रता और मेमोरी
इस रिसर्च के लिए उन्होंने 8 हफ्तों तक 10 स्टूडेंट्स के दिमाग के पैटर्न को एमआरआई के जरिए समझा। रिसर्च में देखा गया कि पहले उनका मस्तिष्क फोकस्ड नहीं था लेकिन जब उनसे 8 हफ्तों तक मेडिटेशन करवाया गया, तो रिपोर्ट में उनके दिमाग की एकाग्रता बढ़ती हुई दिखाई दी।
मेडिटेशन से दिमाग़ में कई तरह के बदलाव आते हैं. मेडिटेशन करने से मस्तिष्क की तरंगें बदलती हैं, ग्रे मैटर बढ़ता है, और मस्तिष्क के कनेक्शन बेहतर होते हैं. इससे मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ती है और शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है.
मेडिटेशन के कुछ फ़ायदे:
मेडिटेशन से तनाव, चिंता, अवसाद, और नींद की गड़बड़ी जैसी समस्याओं में आराम मिलता है.
मेडिटेशन से खुशहाली का अनुभव होता है.
मेडिटेशन से एकाग्रता और याददाश्त बढ़ती है.
मेडिटेशन से डिसीज़न मेकिंग बेहतर होती है.
मेडिटेशन से सोशल बिहेवियर में सुधार होता है.
मेडिटेशन से मस्तिष्क के उन हिस्सों में बदलाव आता है जो सोचने और बुद्धिमत्ता से जुड़े होते हैं.
मेडिटेशन से मस्तिष्क की न्यूरोप्लास्टिसिटी बढ़ती है.
मेडिटेशन से प्रतिरक्षा प्रणाली मज़बूत होती है.
ध्यान करने से दिमाग़ में होने वाले बदलाव:
ध्यान करने से दिमाग़ के उन हिस्सों में बदलाव आता है जो सोचने और बुद्धिमत्ता के लिए ज़िम्मेदार होते हैं.
ध्यान करने से दिमाग़ की याददाश्त और एकाग्रता बढ़ती है.
ध्यान करने से दिमाग़ की क्षमता बढ़ती है.
ध्यान करने से दिमाग़ के बूढ़ा होने की प्रक्रिया धीमी होती है.
ध्यान करने से दिमाग़ में सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे सकारात्मक न्यूरोट्रांसमीटर बढ़ते हैं.
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