Join thousands of writers sharing their knowledge, experiences, and stories. Your personal digital diary awaits!
Start Writing Today Learn MoreThe perfect platform for writers of all levels
Simple, intuitive interface that lets you focus on what matters most - your writing.
Connect with thousands of writers, share feedback, and grow together.
Choose what to share publicly and what to keep private in your personal diary.
Discover what our community is writing about
卐 श्री वैष्णो देवी चालीसा 卐 ॥ दोहा॥ गरुड़ वाहिनी वैष्णवी त्रिकुटा पर्वत धाम काली, लक्ष्मी, सरस्वती, शक्ति तुम्हें प्रणाम ॥ चौपाई ॥ नमो: नमो: वैष्णो वरदानी, कलि काल मे शुभ कल्याणी। मणि पर्वत पर ज्योति तुम्हारी, पिंडी रूप में हो अवतारी॥ देवी देवता अंश दियो है, रत्नाकर घर जन्म लियो है। करी तपस्या राम को पाऊँ, त्रेता की शक्ति कहलाऊँ॥ कहा राम मणि पर्वत जाओ, कलियुग की देवी कहलाओ। विष्णु रूप से कल्कि ब...
卐 श्री शारदा चालीसा 卐 ॥ दोहा॥ मूर्ति स्वयंभू शारदा, मैहर आन विराज । माला, पुस्तक, धारिणी, वीणा कर में साज ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय शारदा महारानी, आदि शक्ति तुम जग कल्याणी। रूप चतुर्भुज तुम्हरो माता, तीन लोक महं तुम विख्याता॥ दो सहस्त्र वर्षहि अनुमाना, प्रगट भई शारदा जग जाना । मैहर नगर विश्व विख्याता, जहाँ बैठी शारदा जग माता॥ त्रिकूट पर्वत शारदा वासा, मैहर नगरी परम प्रकाशा । सर्द इन्दु सम बदन तुम्हार...
卐 श्री शिव चालीसा 卐 ॥ दोहा॥ जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान।। ॥ चौपाई ॥ जय गिरिजापति दीन दयाला, सदा करत सन्तन प्रतिपाला। भाल चन्द्रमा सोहत नीके, कानन कुण्डल नागफनी के।। अंग गौर शिर गंग बहाये, मुण्डमाल तन छार लगाये। वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे, छवि को देख नाग मुनि मोहे।। मैना मातु की ह्वै दुलारी, बाम अंग सोहत छवि न्यारी। कर त्रिशूल सोहत छवि भारी, करत सदा शत्रुन...
卐 श्री शीतला चालीसा 卐 ॥ दोहा॥ जय जय माता शीतला , तुमहिं धरै जो ध्यान। होय विमल शीतल हृदय, विकसै बुद्धी बल ज्ञान। घट -घट वासी शीतला , शीतल प्रभा तुम्हार। शीतल छइयां में झुलई, मइयां पलना डार। ॥ चौपाई ॥ जय-जय- जय श्री शीतला भवानी। जय जग जननि सकल गुणखानी। गृह -गृह शक्ति तुम्हारी राजित। पूरण शरदचंद्र समसाजित। विस्फोटक से जलत शरीरा, शीतल करत हरत सब पीड़ा। मात शीतला तव शुभनामा। सबके गाढे आवहिं कामा। शो...
卐 श्री संतोषी माता चालीसा 卐 ॥ दोहा॥ श्री गणपति पद नाय सिर, धरि हिय शारदा ध्यान | संतोषी मां की करुँ, कीर्ति सकल बखान॥ ॥ चौपाई ॥ जय संतोषी मां जग जननी, खल मति दुष्ट दैत्य दल हननी। गणपति देव तुम्हारे ताता, रिद्धि सिद्धि कहलावहं माता॥ माता पिता की रहौ दुलारी, किर्ति केहि विधि कहुं तुम्हारी। क्रिट मुकुट सिर अनुपम भारी, कानन कुण्डल को छवि न्यारी॥ सोहत अंग छटा छवि प्यारी सुंदर चीर सुनहरी धारी। आप चतुर...
卐 श्री सरस्वती चालीसा 卐 ॥ दोहा॥ जनक जननि पद्माराज, निज मस्तक पर धारि। बन्दौं मातु सरस्वती, बुद्धि बल दे दातारि॥ पूर्ण जगत में व्याप्त तव, महिमा अमित अनंतु। दुष्टजनों के पाप को, मातु तुही अब हन्तु॥ ॥ चौपाई ॥ जय श्री सकल बुद्धि बलरासी। जय सर्वज्ञ अमर अविनाशी॥ जय जय जय वीणाकर धारी। करती सदा सुहंस सवारी॥ रूप चतुर्भुजधारी माता। सकल विश्व अन्दर विख्याता॥ जग में पाप बुद्धि जब होती। तबहि धर्म की फीकी ज्...
卐 श्री सूर्य चालीसा 卐 ॥ दोहा॥ कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अंग, पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के संग॥ ॥ चौपाई ॥ जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!, सविता हंस! सुनूर विभाकर॥ विवस्वान! आदित्य! विकर्तन, मार्तण्ड हरिरूप विरोचन॥ अम्बरमणि! खग! रवि कहलाते, वेद हिरण्यगर्भ कह गाते॥ सहस्त्रांशु प्रद्योतन, कहिकहि, मुनिगन होत प्रसन्न मोदलहि॥ अरुण स...
श्री हनुमान चालीसा :- ॥ दोहा॥ श्री गुरु चरण सरोज रज निज मन मुकुर सुधार | बरनउँ रघुवर बिमल जसु जो दायक फल चारि | बुद्धिहीन तनु जानि के सुमिरौं पवन कुमार | बल बुद्धि विद्या देहु मोहि हरहु कलेश विकार | ॥ चौपाई ॥ जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीश तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा । अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा ॥ महावीर विक्रम बजरंगी । कुमति निवार सुमति के संगी ॥ कंचन वरन विराज सुबेसा । कानन कुण्डल...
श्री हनुमान रक्षा स्तोत्र :- वामे करे वैरिभिदं वहन्तं शैलं परे श‍ृङ्खलहारटङ्कम् । ददानमच्छाच्छसुवर्णवर्णं भजे ज्वलत्कुण्डलमाञ्जनेयम् ॥ १॥ पद्मरागमणिकुण्डलत्विषा पाटलीकृतकपोलमस्तकम् । दिव्यहेमकदलीवनान्तरे भावयामि पवमाननन्दनम् ॥ २॥ उद्यदादित्यसङ्काशमुदारभुजविक्रमम् । कन्दर्पकोटिलावण्यं सर्वविद्याविशारदम् ॥ ३॥ श्रीरामहृदयानन्दं भक्तकल्पमहीरुहम् । अभयं वरदं दोर्भ्यां कलये मारुतात्मजम् ॥ ४॥ व...
मां लक्ष्मी के प्रिय मंत्र विष्णुप्रिये नमस्तुभ्यं जगद्धिते | अर्तिहंत्रि नमस्तुभ्यं समृद्धि कुरु में सदा || श्री लक्ष्मी बीज मन्त्र: ॐ श्री ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नमः।। लक्ष्मी प्रार्थना मंत्र: नमस्ते सर्वगेवानां वरदासि हरे: प्रिया। या गतिस्त्वत्प्रपन्नानां या सा मे भूयात्वदर्चनात्।। श्री लक्ष्मी महामंत्र: ॐ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व...
श्री राधा कृपा(radha kripa kataksh) कटाक्ष स्रोत:- राधा साध्यम साधनं यस्य राधा, मंत्रो राधा मन्त्र दात्री च राधाl सर्वं राधा जीवनम् यस्य राधा, राधा राधा वाचि किम तस्य शेषम ll" मुनीन्दवृन्दवन्दिते त्रिलोकशोकहारिणी, प्रसन्नवक्त्रपंकजे निकंजभूविलासिनी। व्रजेन्दभानुनन्दिनी व्रजेन्द सूनुसंगते, कदा करिष्यसीह मां कृपा-कटाक्ष-भाजनम्॥ (1) अशोकवृक्ष वल्लरी वितानमण्डपस्थिते, प्रवालज्वालपल्लव प्रभारूणाङि...
श्री नवदुर्गा रक्षामंत्र ॐ शैलपुत्री मैया रक्षा करो ॐ जगजननि देवी रक्षा करो | ॐ नव दुर्गा नमः | ॐ जगजननी नमः || ॐ ब्रह्मचारिणी मैया रक्षा करो | ॐ भवतारिणी देवी रक्षा करो | ॐ नव दुर्गा नमः | ॐ जगजननी नमः || ॐ चंद्रघणटा चंडी रक्षा करो | ॐ भयहारिणी मैया रक्षा करो | ॐ नव दुर्गा नमः | ॐ जगजननी नमः || ॐ कुषमाणडा तुम ही रक्षा करो | ॐ शक्तिरूपा मैया रक्षा करो | ॐ नव दुर्गा नमः | ॐ जगजननी नमः || ॐ स्कन...
अहोई अष्टमी का शुभ मुहूर्त :- उदयातिथि के अनुसार, अहोई अष्टमी इस बार 5 नवंबर को मनाई जाएगी तो पूजन मुहूर्त 5 नवंम्बर दिन रविवार को शाम 5 बजकर 33 मिनट से शाम 6 बजकर 52 मिनट तक रहेगा. इस दिन तारे दिखने का समय शाम 5 बजकर 58 मिनट रहेगा इस बार की अहोई अष्टमी बेहद खास मानी जा रही है क्योंकि इस दिन रवि पुष्य योग सुबह 6 बजकर 36 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 29 मिनट तक रहेगा. इ...
दिपावली -लक्ष्मी पूजन विधि दिवाली के दिन सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान आदि कर लें। इसके बाद पूरे घर में गंगाजल छिड़क दें। इसके साथ ही रंगोली और मुख्य द्वार में तोरण लगा लें। शाम के समय उत्तर-पश्चिम दिशा में एक चौकी रखें और उसमें सफेद या पीले रंग से रंग लें। इसके बाद इसमें लाल रंग का कपड़ा बिछा दें। अब चौकी में भगवान गणेश, मां लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित कर दें। आप चाहे तो मां सरस्वत...
सूर्य मंत्र 1. ॐ घृ‍णिं सूर्य्य: आदित्य: 2. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।। 3. ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:। 4. ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ । 5. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः । 6. ॐ सूर्याय नम: । 7. ॐ घृणि सूर्याय नम: । 8. आ कृष्णेन् रजसा वर्तमानो निवेशयत्र अमतं मर्त्य च हिरणययेन सविता रथे...
महामृत्युंजय मंत्र की उत्पत्ति ? ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्‍बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्‍धनान् मृत्‍योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ !! महामृत्युंजय मंत्र के बारे में तो लगभग सभी जानते हैं, लेकिन खास करके भोलेनाथ के भक्त, जो इस मंत्र के जाप से होने वाले फायदों बहुत अच्छे से पता होगा। लेकिन क्या उन्हें ये पता है कि आखिर इस शक्ति...
महामृत्युंजय मंत्र का जप ऐसे किया जाता है- रोज रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जप करने से अकाल मृत्यु (असमय मौत) का डर दूर होता है। साथ ही कुंडली के दूसरे बुरे रोग भी शांत होते हैं, इसके अलावा पांच तरह के सुख भी इस मंत्र के जाप से मिलते हैं। ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्‍बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्‍धनान् मृत्‍योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुव...
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्‍बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्‍धनान् मृत्‍योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ !! इस मंत्र का मतलब है कि हम भगवान शिव की पूजा करते हैं, जिनके तीन नेत्र हैं, जो हर श्वास में जीवन शक्ति का संचार करते हैं और पूरे जगत का पालन-पोषण करते हैं। शिव पुराण में भगवान शिव को खुश करने के लिए बहुत सारे मंत्र बताए गए हैं।...
महा मृत्‍युंजय मंत्र का अर्थ- ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्‍बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्‍धनान् मृत्‍योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ !! अर्थ- "समस्‍त संसार के पालनहार,तीन नेत्र वाले शिव की हम अराधना करते हैं। विश्‍व में सुरभि फैलाने वाले भगवान शिव मृत्‍यु न कि मोक्ष से हमें मुक्ति दिलाएं।" महामृत्युंजय मं...
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्‍बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्‍धनान् मृत्‍योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ !! लघु मृत्युंजय मंत्र ॐ जूं स माम् पालय पालय स: जूं ॐ।
Hear from our community members
"Wefru Digital Diary has transformed my writing habit. The community support and easy-to-use interface make it my go-to platform for daily journaling."
"As a professional writer, I appreciate the clean design and responsive features. It's perfect for drafting ideas and getting feedback from fellow writers."
"The privacy controls give me peace of mind for personal entries, while the public features help me grow my audience. Best of both worlds!"
Join our community of over 5,000 writers sharing their knowledge and experiences every day.
Start Writing Now Take a Tour