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Blog by ilma | Digital Diary

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योग का अर्थ क्या है


योग का अर्थ क्या है  योग का शाब्दिक अर्थ है जोड़ना। योग शारीरिक व्यायाम, शारीरिक मुद्रा (आसन), ध्यान, सांस लेने की तकनीकों और व्यायाम को जोड़ता है। इस शब्द का अर्थ ही 'योग' या भौतिक का स्वयं के भीतर आध्यात्मिक के साथ मिलन है। Read More

योग का अर्थ क्या है 

योग का शाब्दिक अर्थ है जोड़ना। योग शारीरिक व्यायाम, शारीरिक मुद्रा (आसन), ध्यान, सांस लेने की तकनीकों और व्यायाम को जोड़ता है। इस शब्द का अर्थ ही 'योग' या भौतिक का स्वयं के भीतर आध्यात्मिक के साथ मिलन है।


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सुबह उठकर कौन सा योगा करना चाहिए।


1.सुबह उठकर चाइल्ड पोज करना भी एक बेहतर विकल्प है. ये आसन जांघों, रीढ़, कूल्हों और टखनों की स्ट्रेचिंग के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. ... 2.कोबरा पोज को भुजंगासन भी कहा जाता है. ... 3.वृक्षासन योग बहुत आसान पोज है. ... 4.पद्मासन करने से आपको स्ट्रेस को मैनेज करने में मदद मिल सकती है. ... 5.सुबह उठकर ताड़ासन करना भी फायदेमंद साबित हो सकता है. Read More

1.सुबह उठकर चाइल्ड पोज करना भी एक बेहतर विकल्प है. ये आसन जांघों, रीढ़, कूल्हों और टखनों की स्ट्रेचिंग के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. ...

2.कोबरा पोज को भुजंगासन भी कहा जाता है. ...

3.वृक्षासन योग बहुत आसान पोज है. ...

4.पद्मासन करने से आपको स्ट्रेस को मैनेज करने में मदद मिल सकती है. ...

5.सुबह उठकर ताड़ासन करना भी फायदेमंद साबित हो सकता है.


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योग के 10 महत्व क्या है?


योग के 10 महत्व क्या है। योग के नित्य अभ्यास से मांसपेशियों की अच्छी कसरत होती है। जिस कारण तनाव दूर होता है, ब्लड प्रेशर-कॉलस्ट्रॉल कंट्रोल होता है, नींद अच्छी आती है, भूख भी अच्छी लगती है और पाचन भी सही रहता है। इसके नियमित अभ्यास से तनाव धीरे-धीरे पूर्णरूप से खत्म हो जाता है। योग से शरीर फ्लेक्सिबल होता है और शरीर को शक्ति मिलती है। Read More

योग के 10 महत्व क्या है।

योग के नित्य अभ्यास से मांसपेशियों की अच्छी कसरत होती है। जिस कारण तनाव दूर होता है, ब्लड प्रेशर-कॉलस्ट्रॉल कंट्रोल होता है, नींद अच्छी आती है, भूख भी अच्छी लगती है और पाचन भी सही रहता है। इसके नियमित अभ्यास से तनाव धीरे-धीरे पूर्णरूप से खत्म हो जाता है। योग से शरीर फ्लेक्सिबल होता है और शरीर को शक्ति मिलती है।


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सर दर्द से है परेशान तो तो क्या करें? आए जाने सर दर्द को दूर करने के लिए यह योगासन करें:


सर दर्द से राहत पाने के लिए योग अक्षर दवाईयां का सहारा लेता है, लेकिन बार-बार सर दर्द से राहत पानी के लिए दावाऔ का‌ सेवन सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकता है। Yogasanas for Headache: कई बार जब आपको तय समय पर कोई काम पूरा करना हो और तभी सिर में दर्द होने लगे तो उससे ज्यादा परेशानी कभी नहीं होती है। वैसे तो सिर दर्द से छुटकारा दिलाने के लिए कई पेन किलर्स मौजूद हैं, लेकिन ज्यादा दवाई खाने से भी शरीर... Read More

सर दर्द से राहत पाने के लिए योग अक्षर दवाईयां का सहारा लेता है, लेकिन बार-बार सर दर्द से राहत पानी के लिए दावाऔ का‌ सेवन सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकता है।

Yogasanas for Headache: कई बार जब आपको तय समय पर कोई काम पूरा करना हो और तभी सिर में दर्द होने लगे तो उससे ज्यादा परेशानी कभी नहीं होती है। वैसे तो सिर दर्द से छुटकारा दिलाने के लिए कई पेन किलर्स मौजूद हैं, लेकिन ज्यादा दवाई खाने से भी शरीर पर खराब असर पड़ता है। आमतौर पर सिर में दर्द की परेशानी को लोग हल्के में लेते हैं। मगर कई बार ये समस्या गंभीर रूप ले लेती है। अधिक तनाव, थकान, देर तक भूखे रहना, कम सोना आदि के कारण हमें सिरदर्द की परेशानी हो सकती है। अगर सिर दर्द आपके डेली रूटीन का हिस्सा है तो हर बार दवा खाना आपके लिए घातक साबित हो सकता है। ऐसे में कुछ योगासन आपके बेहदकाम आएंगे।

भ्रामरी:

सबसे पहले सुखासन अथवा पद्मासन के मुद्रा में बैठ जाएं। अब गहरी सांस लें और अपनी 3 उंगलियों से आंखों को बंद करें। साथ ही अंगूठे से कान बंद करें। इसके साथ ही, मुंह को बंदकर 'ऊं' का नाद करें। इस प्राणायाम को 3 से 21 बार कर सकते हैं।

शीतली:

इस योगासन को करने के लिए सर्वप्रथम सुखासन की अवस्था में बैठें। सीधे बैठकर जीभ को बाहर निकालकर सांस लें। उसके उपरांत दाएं नाक से हवा बाहर निकालें। 5 से 10 मिनट तक आप इस योग का अभ्यास कर सकते हैं।

अनुलोम-विलोम:

सिर दर्द या फिर माइग्रेन के दर्द से निजात दिलाने में अनुलोम-विलोम प्राणायाम को बेहद कारगर माना गया है। हेडेक के अलावा, ये प्राणायाम तनाव को दूर करने में भी लाभप्रद माना गया है। 15 मिनट के करीब लोग इस योग का अभ्यास कर सकते हैं। योग गुरु इस बीच ओमकार व गायत्री मंत्र का ध्यान करना भी फायदेमंद होगा।


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कमर दर्द से है परेशान तो ये 3 योगासन आएंगे आपके काम। भुजंगासन शलभासन उष्ट्रासन बस करो ये 3 आसान और दर्द को दूर।


कमर के दर्द से बहुत परेशान है, तो यह तीन योगासन आएंगे कम। अगर आपको कमर दर्द की समस्या है और बैठने में खड़े होने मैं दिक्कत आ रही है तो योगासन से कमर दर्द से छुटकारा पायाजा सकता है। अधिकतर महिलाओं को कमर दर्दकी समस्याओं रहती है । ज्यादा देर खड़े होना उठने-बैठने में मुश्किल आने लगती है। ऐसेमें महिलाओं के लिए यह तीन योग बहुत काम के हैं। भजांगासन  कमर दर्द से राहत दिलाने के लिए भजांगासन बेहद मददग... Read More

कमर के दर्द से बहुत परेशान है, तो यह तीन योगासन आएंगे कम।

अगर आपको कमर दर्द की समस्या है और बैठने में खड़े होने मैं दिक्कत आ रही है तो योगासन से कमर दर्द से छुटकारा पायाजा सकता है। अधिकतर महिलाओं को कमर दर्दकी समस्याओं रहती है । ज्यादा देर खड़े होना उठने-बैठने में मुश्किल आने लगती है। ऐसेमें महिलाओं के लिए यह तीन योग बहुत काम के हैं।

भजांगासन 

कमर दर्द से राहत दिलाने के लिए भजांगासन बेहद मददगार हैं। इस आसन में 


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चिंता तनाव पीट दर्द और साइटिका जैसी समस्याओं से कैसे बचे?


चिंता तनाव पेट दर्द, और साइटिका जैसी समस्याओं से कैसे बचें? इनसे बचने के लिए हमें योग अभ्यास करना होगा। जो कि हमारी सारी समस्याओं को राहत दिलाएगा। उसे आसन का नाम त्रिकोणासन है। त्रिकोणासन को ट्रीअंगल पोज भी कहा जाता है।और इस आसन को करने का तरीका यह है।  त्रिकोण को करने के लिए सर्वप्रथम मेट पर सीधे खड़ेक्षहो जाए। यह एक खड़े होकर करने वाला आसान है। पैरों के बीच थोड़ी दूरी बनाएं। और दोनों ह... Read More

चिंता तनाव पेट दर्द, और साइटिका जैसी समस्याओं से कैसे बचें?

इनसे बचने के लिए हमें योग अभ्यास करना होगा। जो कि हमारी सारी समस्याओं को राहत दिलाएगा। उसे आसन का नाम त्रिकोणासन है। त्रिकोणासन को ट्रीअंगल पोज भी कहा जाता है।और इस आसन को करने का तरीका यह है। 

त्रिकोण को करने के लिए सर्वप्रथम मेट पर सीधे खड़ेक्षहो जाए। यह एक खड़े होकर करने वाला आसान है। पैरों के बीच थोड़ी दूरी बनाएं। और दोनों हाथों को ऊपर की तरफ फैलाएंर उसके बाद फिर दाहिनी पैर को आगे की और बढ़ाएं और उसे 90 डिग्री के कौण पर घुमाएं । सांस ले और साइड में झुके दाएं हाथ को ऊपर उठकर सर की तरफ ले जाए, दाएं पैर को दाएं तरफ खोलें, दाएंहाथ से दाएं पैर की एड़ी पकड़ने की कोशिश करें। फिर बाय पर से भी ऐसे करें को थोड़ा बाहर निकालें ताकि आपका शरीर संतुलित रहे। इस प्रक्रिया को तीन साल चार बार दोहराएं।

त्रिकोण करने के फायदे।

  • यह आसान चिंता तनाव, पीट दर्द, और साइटिका जैसी समस्याओं को राहत दीलात है।
  • इससे रक्त संचार बेहतर होता है। 
  • यह आसान पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है।
  • यह आसान तनाव और अवसाद से राहत दलाता है।
  • और यह आसान मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। 
  • और यह फेफड़ों को मजबूत बनाता है। 
  • और यह आसान हाट को भी बढ़ताहै।

त्रिकोणासन कितनी देर करना चाहिए।

हमें त्रिकोणासन कुल मिलाकर पांच बार सांस अंदर लें और बाहर छोड़ें ताकिआप आसन में 30 से 60 सेकंड तक रह सके। धीरे-धीरे जैसे आपको शरीर में ताकत और चीलापन बढ़ने लगे, आप समय बढ़ा सकते हैं।____ लेकिन यह याद रहे की कोई भी0  सकंड से ज्यादा ना करें जब पांच बार सांसलेने के बाद आप आसन से बाहर आ सकते हैं।


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लंबाई तेजी से कैसे बढ़ाएं? आई यहां जाने तेजी से लंबाई बढ़ाना के लिए क्या करें?


लंबाई तेजीसे कैसे बढ़ाएं आए यहां जाने कैसे बढ़ा सकते हैं लंबाई को। तेजीसे लंबाई बढ़ाने के लिए ताड़ासन, और  वृक्षासन जैसे योगासन किए जा सकते हैं। धनुराशन भी लंबाई बढ़ाने में मदद करता है। यह तीनों आसान बहुत ही तेजी से लंबाईको बढ़ा सकत है।   1.ताड़ासन (tadasana) इसे माउंटेन पोज भी कहा जाता है । यह आसन करना बहुत ही आसान है। सबसे पहले मैट पर‌ सावधान की स्थिति में खड़े होजाए । और अपन... Read More

लंबाई तेजीसे कैसे बढ़ाएं आए यहां जाने कैसे बढ़ा सकते हैं लंबाई को।

तेजीसे लंबाई बढ़ाने के लिए ताड़ासन, और  वृक्षासन जैसे योगासन किए जा सकते हैं। धनुराशन भी लंबाई बढ़ाने में मदद करता है। यह तीनों आसान बहुत ही तेजी से लंबाईको बढ़ा सकत है।

 

1.ताड़ासन (tadasana) इसे माउंटेन पोज भी कहा जाता है । यह आसन करना बहुत ही आसान है। सबसे पहले मैट पर‌ सावधान की स्थिति में खड़े होजाए । और अपनी बाजू ऊपर की ओर उठाएं। उसकेबाद अपने दोनों हाथोंको ऊपर की ओर खींचे। और अपने पैरों की एडी ऊपर उठाई तथा अपने पंजों पर आ जए अपने शरीर को भी ऊपरकी ओर खींचे और अपने पूरे शरीर को ऊपर की तरफ उठाएं कुछ समय के पश्चात धीरे-धीरे सांस को बाहर निकलिए और पहली अवस्था में आ जाए । फिर 10-15 बार यह अभ्यासकीजए।

लाभ

  • इसे करने से हाइट तेजी से बढ़ती है। 
  • यह शरीर को फिट रखता है। 
  • यह रीड की हड्डी को मजबूत बनता है। 
  • यह हमारे शरीर की लंबाई को बढ़ाता है। 
  • यह मांसपेशियों को रचला बनता है।
  • यह शरीर के दर्द को आराम देता है।

वृक्षासन से भी हाइट तेजी से बढ़ती है।

अच्छी हाइट किस नहीं चाहिए होती। यहां तक कि आप जवां होनेके बाद अपनी हाइट बढ़ाने के लिए नियमितरूप से योग ताड़ासन व वृक्षासन आसनों का अभ्यास कर सकते हैं। जी हां योग आपकी हाइट में कुछ इंच जोड़ देता है।

वृक्षासन को करने का तरीका। 

इस आसन को करना बहुत ही आसान है। सबसे पहले मेट पर सीधे खड़े हो जाए। और उसके बाद दाहिनी घुटने को मोड़कर दाएं पैर को बाय जगह पर रखें। और बाएं पैर को सीधा रखें। तथाहाथों को सर के ऊपर उठाएं और हथेलियां को एकसाथ मिलाकर नमस्ते मुर्दा बनाएं। और कुछ समय इसी अवस्था में खड़े रहे। सांस छोड़ते हुए सामान्य स्थिति में वापिस आ जाएं। और अब बाएं पैर को दहनी जांघ पर रख कर इस मुर्दा का अभ्यास करें।

 वृक्षासन करनेके लाभ:

  • यह शरीर की हाइट को बढ़ाता है। 
  • यह शरीर में लक बढ़ता है।
  • यह संतुलन स्थिरता और एकाग्रता को बढ़ाता है।
  • यह पांव की मांसपेशियां को मजबूत करता है। 
  • यह रेड और पेट को स्वस्थ रखता है।
  • यह मानसिक शांति और संतुलन बढ़ता है। 

पानी का अधिक सेवन।

हम अपने शरीर की सबसे बड़ी जरूरत पानी को कई बार इग्नोर कर देते हैं। अगर आप पूरा दिन सही मात्रा में पानी नहीं पाते हैं , तो इससे आपकी ग्रोथ पर असर पड़ सकता है। पानी हमारे शरीर को हाइड्रेट रखना के साथ सेल्स के लिए भी काफी अहम होता है। यह हेल्य के लिए काफी अच्छा होता ह।


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योग का पूरा नाम क्या है?


योग का पूरा नाम क्या हैं। वैसे 'योग' शब्द 'युजिर योगे' तथा 'युज संयमने' धातु से भी निष्पन्न होता है किन्तु तब इस स्थिति में योग शब्द का अर्थ क्रमशः योगफल, जोड़ तथा नियमन होगा। आगे योग में हम देखेंगे कि आत्मा और परमात्मा के विषय में भी योग कहा गया है। युज् समाधौ – दिवादिगणीय युज् धातु का अर्थ है, समाधि । Read More

योग का पूरा नाम क्या हैं।

वैसे 'योग' शब्द 'युजिर योगे' तथा 'युज संयमने' धातु से भी निष्पन्न होता है किन्तु तब इस स्थिति में योग शब्द का अर्थ क्रमशः योगफल, जोड़ तथा नियमन होगा। आगे योग में हम देखेंगे कि आत्मा और परमात्मा के विषय में भी योग कहा गया है। युज् समाधौ – दिवादिगणीय युज् धातु का अर्थ है, समाधि ।


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योग के जन्मदाता कौन थे?


योग के जन्मदाता कौन थे। जानकारी दे दें कि योग दर्शन के प्रणेता महर्षि पतंजलि द्वारा 'योग सूत्र' की रचना की। इसलिए महर्षि पतंजलि को योग का जनक यानी पिता माना जाता है। योग की परंपरा भारतीय समाज में हजारों सालों से है। बता दें कि योग को भारत में करीब 26,000 साल पहले की देन माना जाता है। Read More

योग के जन्मदाता कौन थे।

जानकारी दे दें कि योग दर्शन के प्रणेता महर्षि पतंजलि द्वारा 'योग सूत्र' की रचना की। इसलिए महर्षि पतंजलि को योग का जनक यानी पिता माना जाता है। योग की परंपरा भारतीय समाज में हजारों सालों से है। बता दें कि योग को भारत में करीब 26,000 साल पहले की देन माना जाता है।


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योग के जन्मदाता कौन थे?


योग के जन्मदाता कौन थ। जानकारी दे दें कि योग दर्शन के प्रणेता महर्षि पतंजलि द्वारा 'योग सूत्र' की रचना की। इसलिए महर्षि पतंजलि को योग का जनक यानी पिता माना जाता है। योग की परंपरा भारतीय समाज में हजारों सालों से है। बता दें कि योग को भारत में करीब 26,000 साल पहले की देन माना जाता है। Read More

योग के जन्मदाता कौन थ।

जानकारी दे दें कि योग दर्शन के प्रणेता महर्षि पतंजलि द्वारा 'योग सूत्र' की रचना की। इसलिए महर्षि पतंजलि को योग का जनक यानी पिता माना जाता है। योग की परंपरा भारतीय समाज में हजारों सालों से है। बता दें कि योग को भारत में करीब 26,000 साल पहले की देन माना जाता है।


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