Blog by ilma | Digital Diary
" To Present local Business identity in front of global market"
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खानपान पर विशेष ध्यान ना देने की वजह से आजकल लोग अक्सर पाचन से जुड़ी समस्याओं से जूझते रहते हैं. आयुर्वेदिक एक्सपर्ट के अनुसार, पाचन से जुड़ी कई बीमारियां लीवर में खराबी की वजह से होती हैं. हद से ज्यादा शराब पीना और अनियमित खानपान साथ में आजकल की भागदौड़ भरी जीवनशैली, लीवर के लिए बेहद नुकसानदायक है. आयुर्वेद में ऐसी कई जड़ी-बूटियों (Herbs for Liver Health) के बारे में बताया गया है जो लीवर को स्वस्थ रखने में मदद करती हैं. आइए उन जड़ी-बूटियों और औषधियों के बारे में विस्तार से जानते हैं:
भूम्यामलकी एक प्रमुख आयुर्वेदिक औषधि है जो कि आसानी से घर के आस-पास छोटे पौधे के रूप मिल जाती है. यह जड़ी-बूटी लीवर को कई तरह के संक्रमण से बचाती है और लीवर की सेहत को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करती है. लीवर से जुड़े रोगों से पीड़ित मरीजों को चिकित्सक की सलाह के अनुसार भुंई आंवला का सेवन करना चाहिए.
लीवर के लिए भूम्यामलकी का उपयोग आप चूर्ण, कैप्सूल या टेबलेट के रूप में कर सकते हैं. आजकल इसका जूस भी बाजार में मिलता है. खुराक संबंधित जानकारी के लिए चिकित्सक से परामर्श लें.
कुटकी एक जड़ी-बूटी है जिसका उपयोग लीवर के रोगों में प्रमुख रूप से किया जाता है. आयुर्वेदिक विशेसज्ञों के अनुसार कुटकी लीवर की सूजन को कम करती है साथ ही लीवर की कार्य क्षमता भी बढ़ाती है. जो लोग लीवर में सूजन की समस्या से पीड़ित हैं उन्हें चिकित्सक से सलाह लेकर कुटकी का सेवन करना चाहिए.
कुटकी के सेवन का तरीका कुछ इस प्रकार है (How to take Kutki)
आजकल कुटकी का कैप्सूल या चूर्ण बाज़ार में आसानी से उपलब्ध है. आयुर्वेदिक चिकित्सक के परामर्श के अनुसार ही इसका सेवन करें.
आंवला आयुर्वेद में उपयोग की जाने वाली जानीमा नी औषधि है. यह लीवर को डिटॉक्स करने का काम करती है. आंवला में पाए जाने वाले फायटो नुट्रिएंट्स लीवर की कार्य क्षमता को बढ़ाते हैं. एक्सपर्ट के अनुसार, आंवले में हेप्टो प्रोटेक्टिव क्षमताएं होती हैं जो लीवर की कोशिकाओं को स्वस्थ बनाए रखती हैं.
आंवले का उपयोग आप कई तरह से कर सकते हैं. सबसे आसान और कारगर तरीका है कि आप कच्चे आंवले का सेवन करें. इसके अलावा आज कल बाजार में आंवले के जूस, टेबलेट, कैप्सूल्स और कैंडी आसानी से मिल जाते हैं. आप रोजाना सीमित मात्रा में इनमें से किसी का भी सेवन कर सकते हैं.
एलोवेरा में भरपूर मात्रा में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो लीवर को फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाले कई तरह के नुकसान और संक्रमण से बचाते हैं. रोजाना सीमित मात्रा में एलोवेरा का सेवन करने से लीवर लंबे समय तक स्वस्थ रहता है.
एलोवेरा का उपयोग सबसे ज्यादा जूस के रूप में किया जाता है. रोजाना सुबह खाली पेट दो तीन छोटी चम्मच एलोवेरा जूस में इतनी ही मात्रा में पानी मिलाकर पिएं.
आज के समय में अधिकांश लोग लीवर में सूजन की समस्या से परेशान रहते हैं. अगर आप भी उनमें से एक हैं तो पुनर्नवा आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है. पुनर्नवा एक जड़ी-बूटी है जिसका इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता है. यह लीवर की सूजन घटाती है साथ ही लीवर से जुड़े अन्य रोगों के खतरे को भी कम करती है.
पुनर्नवा चूर्ण, कैप्सूल, टेबलेट और सिरप के रूप में उपलब्ध है. आप किसी भी रूप में इसका सेवन कर सकते हैं. इसे कितनी मात्रा में लेना है इसके लिए आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क करें.
अगर आप फैटी लीवर या लीवर में संक्रमण की समस्या से पीड़ित हैं या इनसे बचना चाहते हैं तो ऐसी आयुर्वेदिक औषधि चुनें जिसमें यहां बताई गई जड़ी-बूटियां मौजूद हों. टाटा 1mg तेजस्या लीवर केयर सिरप में भुंई आंवला, पुनर्नवा, आंवला के अलावा भृंगराज, हरीतकी और चित्रक जैसी जड़ी-बूटियां भी शामिल हैं, जो लीवर को हर तरह के संक्रमण से बचाती हैं. इस सिरप को पीने से लीवर स्वस्थ रहता है, मेटाबोलिज़्म मजबूत होता है और पाचन तंत्र में सुधार होता है.
अगर आप अपनी जीवनशैली में थोड़ा बदलाव लाएं तो लीवर को लंबे समय तक स्वस्थ और निरोग रख सकते हैं. इसलिए यहां बताए गए इन नियमों का गंभीरता से पालन करें:
हमें उम्मीद है कि यहां बताए गए घरेलू उपाय और आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां (Herbs for Liver Health) आपके लीवर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करेंगे.
Read Full Blog...Healthy And Strong Bones Tips: शरीर में कैल्शियम और विटामिन्स की कमी से हड्डी से जुड़ी समस्याएं होने लगती है. जो उम्र के साथ साथ बढ़ने लगती है. इससे दूर करने के लिए आप कुछ चीज़ों का सेवन कर सकते हैं.
हमारे शरीर का स्ट्रक्चर हड्डियों से मिलकर बना है और यही शरीर को मजबूत बनाने का काम करती हैं. ऐसे में हड्डियों का मजबूत और हेल्दी होना बहुत जरूरी है लेकिन कैल्शियम, विटामिन्स की कमी और बढ़ती उम्र के साथ हड्डियों में कमज़ोरी जैसी समस्या आने लगती है. हड्डियां हमारे शरीर में मांस पेशियों को बढ़ाकर जोड़ों को सपोर्ट देने, कैल्शियम, फॉस्फेट और कई तरह के मिनरल्स जमा करने का काम करती है. हड्डी की मजबूती के लिए आप अपनी डाइट में कुछ चीजों को शामिल कर इन्हें हेल्दी बना सकते हैं.
हड्डियों को मजबूत करने के उपाय (How To Get Strong Bones)
1. करें हरी सब्ज़ियों का सेवन अच्छे से ईमानदारी से
हड्डी को मज़बूत करने के लिए आप अपनी डाइट में ख़ूब सारी सब्ज़ियों को शामिल करें. सब्ज़ियों में मौजूद विटामिन सी हड्डी बनाने वाली कोशिकाओं को बढ़ाने और इसमें मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट के प्रभाव से हड्डी की डैमेज हुई सेल्स को रिपेयर करने का काम करती है. इसके अलावा आप अपनी डाइट में प्याज़ भी शामिल करें क्योंकि इसमें ओस्टियोपोरोसिस का ख़तरा कम करने के गुण होते हैं.
कमज़ोर और खोखली हड्डी की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप अपनी डाइट में कैल्शियम लें. कैल्शियम एक ऐसा खनिज पदार्थ है जिसका सेवन हड्डियों को मज़बूत बनाने और स्वस्थ रखने का काम करता है. इसलिए आप अपनी डाइट में दूध और दूध से बने उन पदार्थों का पर्याप्त मात्रा में सेवन करें जिससे आपकी हड्डी को मज़बूती मिले.
हड्डी को मज़बूती देने के विटामिन D भी अहम भूमिका निभाता है. विटामिन D हमारे शरीर में कैल्शियम को ऑब्ज़र्व करता है. आप अपनी डाइट में कलौजी, पनीर और फिश जैसे खाद्य पदार्थ शामिल कर सकते हैं. साथ ही विटामिन K से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं. मैग्नीशियम और जिंक युक्त चीज़ों का सेवन करें. साथ ही अपने शरीर में ओमेगा 3 और फैटी एसिड की कमी न हो इस बात का भी ध्यान रखें.
हमारे शरीर में मौजूद हड्डियों का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा प्रोटीन से मिलकर बना होता है. ऐसे में आपको अपनी हड्डियों को मज़बूत बनाने के लिए अपनी डाइट में प्रोटीन युक्त भोजन का सेवन ज़रूर करें. प्रोटीन कैल्शियम को सोखने में भी मदद करता है. इसलिए आप अंडे, मांस, मछली और डेयरी युक्त प्रोडक्ट का सेवन करें.
Read Full Blog...आंखें हमारे शरीर की सबसे नाजुक अंगों में से एक है। आजकल छोटे से बड़े सभी उम्र के लोग चश्मे का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह आज की जीवन शैली से सभी की आंखों पर बहुत ज्यादा बुरा प्रभाव पड़ रहा है। मोबाइल स्क्रीन, कंप्यूटर आज की आधुनिक जीवन शैली का सबसे बड़ा हिस्सा है। आयुर्वेद में आंखों की देखभाल करने के कई उपचार बताए गए हैं।
जब हम अपनी आंखों का ख्याल नहीं रखते तो दृष्टि से संबंधित समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। हमारे शरीर में कुछ तत्वों के असंतुलन के कारण आंखों से जूड़ी समस्याएं शुरू हो जाती हैं।आयुर्वेद के अनुसार, शरीर में जरूरी तत्वों के संतुलन का तरीका बताया गया है।
हमारी दृष्टि को सही बनाए रखने के लिए आयुर्वेद कई तरीकों के बारे में बताता है। आंखों के सही देखभाल के लिए आयुर्वेद कई सुरक्षित और प्राकृतिक उपचार उपलब्ध करवाता है, जिसका उपयोग कर हम अपने दृष्टि को बेहतर बना सकते हैं। सही आहार, योग, प्राणायाम जैसे तकनीकें हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छी होती हैं।
अच्छी आदतों को अपने जीवन शैली में जरूर ही शामिल करना चाहिए और साथ ही फोन, लैपटॉप एवं डिजिटल उपकरणों का कम से कम इस्तेमाल करना चाहिए। आयुर्वेद के बताए गए इलाज का उपयोग कर आप नियमित रूप से लगाए जाने वाले चश्मे को हमेशा के लिए दूर कर सकते हैं। आईए जानते हैं उन उपचारों के बारे में।
आयुर्वेद के अनुसार, आंखों की दृष्टि को बेहतर बनाने के लिए सौंफ, बादाम और मिश्री का मिश्रण बनाकर सेवन करना चाहिए। सौंफ में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो हमारे आंखों के मांसपेशियों को मजबूती देते हैं। वहीं बादाम में ओमेगा 3 फैटी एसिड और विटामिन ए और विटामिन के मौजूदगी कारण आंखों की सेहत बेहतर होती है। मिश्री आंखों की मांसपेशियों को आराम देती हैं। इस उपाय को अपनाने के लिए 8 से 10 बदाम, 10 ग्राम सौंफ और मिश्री को पीस लें। रोज रात में सोने से पहले इस पाउडर को दूध में डालकर पिएं। इससे आपकी आंखों की रोशनी काफी तेज हो जाएगी।
आयुर्वेद में बताया गया है कि आंखों का नियमित मसाज करने से आंखों की इमेज मांसपेशियों को आराम मिलता है, जिस कारण आंखों के आसपास के एरिया में रक्त अच्छे से प्रभाव कर पता है और आंखों की थकान भी दूर होती है। जिला को बेहतर बनाने के लिए आयुर्वेद में जल नेति क्रिया के बारे में बताया गया है, जल नेति क्रिया यानी की नाक की सफाई का अभ्यास करने से हमारे मस्तिष्क और आंखों को भी ताजगी मिलती है। आंखों का मसाज करने के लिए आप अपनी उंगलियों की मदद से आंखों के चारों तरफ हल्के हाथ से मालिश करें।
Read Full Blog...प्रति रात सात से आठ घंटे की नींद । अगर आपको वयस्क होने पर कम से कम इतनी नींद नहीं मिल रही है - और अगर आप कम उम्र के हैं तो उससे भी ज़्यादा - तो आपको पर्याप्त नींद नहीं मिल रही है। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इससे कम नींद से काम चला लेते हैं, लेकिन उनकी संख्या बहुत कम है। रोग नियंत्रण केंद्रों के अनुसार, 30 प्रतिशत वयस्क बताते हैं कि वे नियमित रूप से प्रति रात छह घंटे या उससे कम सोते हैं। इससे उन्हें बीमारियाँ होने, दिन में अनुचित समय पर झपकी आने और दैनिक कार्य करने में कठिनाई होने का खतरा रहता है। अगर इनमें से किसी एक काम में कार चलाना या कोई और काम शामिल है जिसके लिए आपका पूरा ध्यान चाहिए, तो यह समझना आसान है कि पर्याप्त नींद आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए कितनी महत्वपूर्ण है।
वैसे तो कई चीज़ें आपकी नींद की मात्रा और गुणवत्ता को प्रभावित करती हैं, लेकिन ज़्यादातर लोग सोने से पहले खाए जाने वाले खाने को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। सोने से पहले गलत खाना खाने से आप पूरी रात करवटें बदलते रहेंगे, जबकि सही खाना खाने से आप बच्चे जैसी नींद सो पाएँगे।
नींद के लिए, सोने से कम से कम चार घंटे पहले निम्नलिखित खाद्य पदार्थों से बचें:
सोने से पहले सही खाना खाने से नींद अच्छी आ सकती है। एक सामान्य नियम के तौर पर, सोने से कम से कम एक घंटा पहले खाना-पीना बंद कर दें ताकि आपके शरीर को भोजन पचाने का समय मिल सके।
साबुत अनाज जैसे जटिल कार्बोहाइड्रेट पर ध्यान केंद्रित करने से आपका ब्लड शुगर बढ़ाए बिना आपको तृप्ति की भावना मिलेगी। कम वसा वाले दूध के साथ साबुत अनाज का एक कटोरा एक बढ़िया विकल्प है।
आप ऐसे खाद्य पदार्थ भी खा सकते हैं जिनमें नींद को बढ़ावा देने वाले तत्व होते हैं, जैसे मैग्नीशियम और ट्रिप्टोफैन। टर्की, सोयाबीन और कद्दू के बीजों में ट्रिप्टोफैन की मात्रा अधिक होती है, और गहरे रंग की पत्तेदार सब्ज़ियाँ और एवोकाडो में मैग्नीशियम की मात्रा अधिक होती है। इसलिए, सोने से पहले स्वादिष्ट गुआकामोल और साबुत अनाज के चिप्स खा लें।
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सूर्य नमस्कार के एक चक्र से औसत वजन वाले व्यक्ति की 13.90 कैलोरी तक जलती है। कोई व्यक्ति जब अपने लिए लक्ष्य निर्धारित करता हैं, धीरे-धीरे वह सूर्य नमस्कार के चक्रों की संख्या 108 तक बढ़ा सकता है।
इस संख्या तक पहुंचते पहुंचते व्यक्ति पाता है कि वह दुबला हो चुका है।
30 मिनट का वर्कआउट कैलोरी मीटर
व्यक्ति 30 मिनट के वर्कआउट में कितनी कैलोरी बर्न कर रहा है ?
भारोत्तोलन = 199 कैलोरी
टेनिस = 232 कैलोरी
बास्केटबॉल = 265 कैलोरी
बीच वॉलीबॉल = 265 कैलोरी
फ़ुटबॉल = 298 कैलोरी
साइकिल चलाना (14 – 15.9 मील प्रति घंटे) = 331 कैलोरी
रॉक क्लाइम्बिंग = 364 कैलोरी
दौड़ना (7.5 मील प्रति घंटे) = 414 कैलोरी
सूर्य नमस्कार = 417 कैलोरी
वीरभद्रासन पैरों, भुजाओं और पीठ के निचले हिस्से के मांसपेशियों को सशक्त करता है। यह सहनशक्ति को बढ़ाता है जो कठिन योग क्रिया करने में सहायता प्रदान करता है। मुद्रा को बनाए रखते हुए, उज्जयी सांसें लेने की सलाह दी जाती है (एक प्राणायाम जो शरीर में गर्मी पैदा करता है और दिमाग को आराम देता है) क्योंकि यह मुद्रा को बनाए रखने की शक्ति प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त, इस आसन में मांसपेशियों में रक्त प्रवाह और ऑक्सीजन का स्तर बढ जाता है जिससे चयापचय में सुधार होती है। जैसे ही व्यक्ति वीरभद्रासन के माध्यम से मांसपेशियों का निर्माण करता है, उस व्यक्ति को आराम करते समय भी अपने शरीर की कैलोरी और वसा जलाने की क्षमता में विस्तार होता हैं।
पेट की चर्बी कम करने के लिए धनुरासन (द बो पोज) सबसे अच्छे योग में से एक है। यह पेट के क्षेत्र में खिंचाव पैदा करता है, जिससे चर्बी कम होती है और हाथ और पैर के मांसपेशियों को सशक्त बनाता हैं। हालांकि यह प्रत्यक्ष रूप से वजन घटाने में सहायक नहीं होता है, लेकिन वजन घटाने के लिए अपने योग में धनुरासन को शामिल करने से मांसपेशियों के निर्माण और चयापचय में सुधार में सहायक होती है जो अप्रत्यक्ष रूप से वजन नियंत्रण प्रयासों को सफल बनाता है। महत्वपूर्ण परिणाम देखने के लिए इसे स्वच्छ और संतुलित आहार के साथ जोड़ा जाना चाहिए।
कोणासन कमर के आसपास की चर्बी के निस्तारण में मदद करता है, जो अंततः पेट की चर्बी कम करने के लिए किसी भी अन्य योग क्रिया जितना ही प्रभावी होता है। इसके अलावा, कोणासन को दैनिक योग के दिनचर्या में शामिल करने से लचीलापन आता है तथा संतुलन में सुधार होता है एवं यह पाचन तंत्र मजबूत करने में सहायक होता है, अप्रत्यक्ष रूप से यह वजन घटाने के प्रयासों में सहायक होता है।
मेटाबोलिक दर जितनी अधिक होगी, वसा उतनी ही अधिक जलेगी। उत्कटासन चयापचय के दर को बढ़ाता है यह वजन घटाने के लिए सबसे अच्छे योग अभ्यासों में से एक है। उत्कटासन करते समय, यह मांसपेशियों को यथास्थिति बनाए रखने के लिए काम कर रही होती हैं, जिसके लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। जैसे-जैसे व्यक्ति की मांसपेशियां काम करती जाती है, गतिविधि को बनाए रखने के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करने के लिए शरीर की चयापचय दर बढ़ती जाती है। इसके अलावा, यह जांघों, पैरों और घुटनों के मांसपेशियों को सशक्त करता है।
सेतु बंधासन में अपनी छाती को ठोड़ी की ओर ले जाना और थायरॉयड ग्रंथि की मालिश करना शामिल है, जो चयापचय को नियंत्रित करने वाले हार्मोन का उत्पादन करने में सुधार करता है। दूसरे शब्दों में, यह आसन चयापचय में मदद करता है और अधिक वसा जलाने में मदद करती है। इसके अलावा, यह आसन पाचन में सहायता के लिए पेट के अंगों को भी उद्दीप्त करता है।
भुजंगासन एक ऐसा योगासन है जिससे पीठ, बाँह और पेट की मांसपेशियों को सशक्त करने में मदद मिलता है। यह प्रत्यक्ष रूप से वजन घटाने का आसन नहीं है, लेकिन भुजंगासन को अपने योगाभ्यास में शामिल करने से मांसपेशियों के निर्माण और आसन में सुधार करके अप्रत्यक्ष रूप से वजन घटाने के प्रयासों का मदद मिलती है। इसके अलावा, यह पेट के इर्दगिर्द के वसा को कम करता है। भुजंगासन का लगातार अभ्यास करने से पेट को सपाट करने में काफी लाभ लिया जा सकता है।
नींद का संबंध वजन से होता है। व्यक्ति जितना कम आराम करेगा, उतनी अधिक चर्बी जमा होगी, जिससे वजन बढ़ने लगेगा। योग निद्रा नींद और ध्यान का एक संयोजन है। दूसरे शब्दों में, योग निद्रा 'होशपूर्वक सोना' है। योग निद्रा के माध्यम से जो आराम मिलता है वह नींद से कहीं अधिक शक्तिशाली होता है क्योंकि आराम सचेत रूप से होता है, जिससे यह वजन घटाने के लिए एकदम सही योग बन जाता है। इसके अलावा, योग निद्रा आपको बेहतर नींद दिलाने में भी मदद करती है। यह एक विश्राम तकनीक है जो तनाव कम करने में मदद करती है और वजन घटाने के प्रयासों को सफल बनाती है।
वजन घटाने के लिए नियमित रूप से योगासन करें। हो सकता है कि आप वजन घटाने के लिए सर्वोत्तम योगासनों का अभ्यास कर रहे हों, लेकिन यदि आप इसे नियमित रूप से नहीं करते हैं, तो आपको परिणाम नहीं दिखेंगे। यही कारण है कि आप जो भी योगासन करें उसमें निरंतरता बनाए रखना आवश्यक है।
परिणामों के लिए धैर्य रखें: योग धीरे-धीरे काम करता है, लेकिन यह काम करता है। यह उम्मीद न करें कि आपका वजन तुरंत कम हो जाएगा। धैर्य रखें।
जिम वर्कआउट को दिनचर्या में शामिल करें: यदि आपका वजन अधिक है, या आप तेजी से वसा जलाना चाहते हैं, तो पेट की चर्बी कम करने के लिए योग को जिम वर्कआउट के साथ भी जोड़ने की सलाह दी जाती है।
स्वस्थ खान-पान की आदतें विकसित करें: पेट की चर्बी कम करने के लिए योग का अभ्यास करते समय खान-पान की आदतें महत्वपूर्ण हैं। जबकि योग कैलोरी जलाने और मांसपेशियों के निर्माण में मदद करता है, वजन घटाने के परिणाम को देखने के लिए शरीर को स्वस्थ खाद्य पदार्थों से ऊर्जा देना और कैलोरी की कमी को बनाए रखना महत्वपूर्ण है। पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों का चयन करके, भोजन का उचित समय निर्धारित कर, योग अभ्यास के माध्यम से वसा जलाने और सशक्त मांसपेशियों के निर्माण से शरीर की क्षमता को अनुकूल बना सकते हैं। कुछ आदतों में जैसे जंक फूड और शीतल पेय नहीं लेना, न तो अधिक खाना और न ही भोजन छोड़ना और भोजन करते समय टीवी देखने या बातचीत करने से बचना शामिल है। वजन घटाने के लिए लगातार योगासन के साथ स्वस्थ खान-पान की आदतें अपनाने से वजन घटाने के लक्ष्यों को प्राप्त करने, योग अनुभव को समृद्ध करने और समग्र स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद मिलती है।
बाहर जाएं: बाहरी गतिविधियां वसा कम करने का एक शानदार उपाय है। बाहरी गतिविधियों को योग के साथ मिलाकर एक संपूर्ण व्यायाम दिनचर्या बनाई जा सकती है जो विभिन्न मांसपेशी समूहों को सशक्त बनाती है और समग्र स्वास्थ्य को विकसित करती है। बाहरी गतिविधियाँ ताजी हवा पाने और प्रकृति का आनंद लेने, मूड में सुधार और तनाव के स्तर को कम करने का अवसर भी प्रदान कर सकती हैं। सप्ताहांत के दौरान लंबी पैदल यात्रा और साइकिल चलाने जैसी सामूहिक गतिविधियों के लिए कुछ समय आवंटित अवश्य करें।
जब संतुलित आहार का पालन करते हैं और धार्मिक रूप से योग का अभ्यास करते हैं तो वजन घटाने के प्रयास सफल होते हैं। आर्ट ऑफ लिविंग का श्री श्री योग कार्यक्रम वजन घटाने के लिए योग में सर्वोत्तम मार्गदर्शन और संतुलित आहार के लिए निर्देश प्रदान करता है।
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अगर आपके चेहरे का निखार भी ऑफिस और घर के कामों में फीका पड़ गया है तो इसे योगा से वापस पाया जा सकता है। जी हां, योग से और आज हम आपको 3 ऐसे खास फेस एक्सरसाइज बताने वाले हैं, जो आपके चेहरे का निखार वापस लाने में मदद करेंगे।
ऑफिस में बैठे-बैठे कमर की तो लंका लग ही जाती है, लेकिन चेहरे का क्या जिसे आप लैपटॉप में गड़ाए रखते हैं? दिनभर स्क्रीन देखने के कारण हमारी त्वचा का रंग तो ऐसा उड़ सा जाता है कि जैसे कई दिनों से नींद पूरी न हुई हो। ऐसे में हमें पता है कि घर के कामों में तो आपको समय मिलेगा नहीं और न ही आप अपने चेहरे की देखभाल कर पाएंगे।
ऑफिस में हर किसी का दिन सिरदर्द भरा होता है, ऐसे में जिस तरह आप चाय के लिए समय निकालते हैं उसी तरह आपको बस 5 मिनट निकालने हैं, जिसमें आप योगा करके अपने मन-मस्तिष्क को शांत कर सकते हैं। इसके अवाला कुछ योगासन ऐसे भी हैं जिन्हें बैठे-बैठे करने से आप अपने चेहरे के खोए हुए निखार को वापस पा सकते हैं।
जाहिर सी बात है कि ऑफिस में काम कर करके हमारे चेहरे पर झुर्रियां और स्किन सैगिंग की समस्या होने लगती है, जो चेहरे के निखार में बाधा का काम करती है। ऐसे में आप चेहरे की स्माइल लाइंस मसाज कर सकते हैं।
इसे करना भी बहुत आसान है और अगर आप दिन में 2 बार इस योग को कर लेते हैं तो आपकी फेस मसल को रिलैक्स करने में मदद मिलेगी, स्किन का ढीलापन कम होगा और चेहरे निखरा-निखार नजर आएगा। आइए जानते हैं इसे करने का तरीका।
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हेल्दी हार्ट के लिए ये चीजें खाएं रिसर्च कहती है कि हार्ट को हेल्दी रखने के लिए साल्मन मछली, अलसी, अखरोट, सोयाबीन और बादाम खा सकते हैं। अमेरिका में लोगों के मौत की सबसे बड़ी वजह हार्ट अटैक है। हर 40 सेकंड में एक इंसान की मौत हार्ट अटैक से हो रही है। 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में से 36 फीसदी पुरुष और 47 फीसदी महिलाएं एक बार हार्ट अटैक का सामना कर चुकी हैं। अगर अगले पांच सालों में दूसरी बार ऐसा हुआ तो इनकी मौत हो जाएगी।
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ये 8 व्यावहारिक सुझाव स्वस्थ भोजन की मूल बातें बताते हैं और आपको स्वस्थ विकल्प चुनने में मदद कर सकते हैं।
स्वस्थ आहार की कुंजी यह है कि आप अपनी सक्रियता के अनुसार सही मात्रा में कैलोरी लें, ताकि आप अपनी खपत की गई ऊर्जा और उपयोग की गई ऊर्जा के बीच संतुलन बना सकें।
अगर आप अपने शरीर की ज़रूरत से ज़्यादा खाते-पीते हैं, तो आपका वज़न बढ़ जाएगा क्योंकि जो ऊर्जा आप इस्तेमाल नहीं करते, वह चर्बी के रूप में जमा हो जाती है। अगर आप बहुत कम खाते-पीते हैं, तो आपका वज़न कम हो जाएगा।
आपको विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ खाने चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आपको संतुलित आहार मिल रहा है और आपके शरीर को सभी आवश्यक पोषक तत्व मिल रहे हैं।
पुरुषों को प्रतिदिन लगभग 2,500 कैलोरी (10,500 किलोजूल) लेने की सलाह दी जाती है। महिलाओं को प्रतिदिन लगभग 2,000 कैलोरी (8,400 किलोजूल) लेनी चाहिए।
ब्रिटेन में अधिकांश वयस्क अपनी आवश्यकता से अधिक कैलोरी खा रहे हैं और उन्हें कम कैलोरी खानी चाहिए।
अधिक फाइबर या साबुत अनाज वाली किस्मों का चयन करें, जैसे कि साबुत गेहूं का पास्ता, भूरे चावल या छिलके सहित आलू।
इनमें सफेद या परिष्कृत स्टार्चयुक्त कार्बोहाइड्रेट की तुलना में अधिक फाइबर होता है और ये आपको लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराने में मदद कर सकते हैं।
हर मुख्य भोजन में कम से कम एक स्टार्चयुक्त भोजन शामिल करने की कोशिश करें। कुछ लोग सोचते हैं कि स्टार्चयुक्त भोजन मोटापा बढ़ाता है, लेकिन इनमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट, ग्राम दर ग्राम, वसा की तुलना में आधी से भी कम कैलोरी प्रदान करता है।
इस प्रकार के खाद्य पदार्थों को पकाते या परोसते समय आप जो वसा मिलाते हैं उस पर नजर रखें, क्योंकि इससे कैलोरी की मात्रा बढ़ जाती है - उदाहरण के लिए, चिप्स पर तेल, ब्रेड पर मक्खन और पास्ता पर मलाईदार सॉस।
यह सलाह दी जाती है कि आप हर दिन विभिन्न प्रकार के फलों और सब्जियों के कम से कम 5 भाग खाएँ। ये ताज़े, जमे हुए, डिब्बाबंद, सूखे या जूस के रूप में हो सकते हैं।
5 ए डे प्लान करना जितना आसान लगता है, उससे कहीं ज़्यादा आसान है। क्यों न आप अपने नाश्ते के अनाज के साथ एक केला काट लें, या अपने सामान्य सुबह के नाश्ते की जगह एक ताज़ा फल खा लें?
ताजे, डिब्बाबंद या जमे हुए फल और सब्जियों का एक भाग 80 ग्राम है। सूखे फल (जिन्हें भोजन के समय तक ही सीमित रखना चाहिए) का एक भाग 30 ग्राम है।
मछली प्रोटीन का अच्छा स्रोत है और इसमें कई विटामिन और खनिज होते हैं ।
प्रति सप्ताह कम से कम 2 भाग मछली खाने का लक्ष्य रखें, जिसमें कम से कम 1 भाग तैलीय मछली का भी शामिल हो।
तैलीय मछलियों में ओमेगा-3 वसा अधिक मात्रा में होती है, जो हृदय रोग को रोकने में सहायक हो सकती है।
आप ताजा, जमे हुए और डिब्बाबंद में से चुन सकते हैं, लेकिन याद रखें कि डिब्बाबंद और स्मोक्ड मछली में नमक की मात्रा अधिक हो सकती है।
अधिकांश लोगों को अधिक मछली खानी चाहिए, लेकिन कुछ प्रकार की मछलियों के लिए अनुशंसित सीमाएँ हैं।
संतृप्त वसा कम खाने का प्रयास करें और इसके स्थान पर असंतृप्त वसा वाले खाद्य पदार्थ चुनें, जैसे वनस्पति तेल और स्प्रेड, तैलीय मछली और एवोकाडो।
अधिक स्वास्थ्यवर्धक विकल्प के लिए, मक्खन, चर्बी या घी के स्थान पर थोड़ी मात्रा में वनस्पति या जैतून का तेल, या कम वसा वाला तेल प्रयोग करें।
जब आप मांस खा रहे हों, तो कम वसा वाला मांस चुनें और दिखाई देने वाली वसा को हटा दें।
सभी प्रकार की वसा में ऊर्जा की मात्रा अधिक होती है, इसलिए इन्हें कम मात्रा में ही खाना चाहिए।
नियमित रूप से उच्च चीनी वाले खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों का सेवन करने से मोटापे और दांतों के सड़ने का खतरा बढ़ जाता है ।
मीठे खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ अक्सर ऊर्जा (किलोजूल या कैलोरी में मापी गई) से भरपूर होते हैं, और अगर इनका बार-बार सेवन किया जाए तो ये वज़न बढ़ा सकते हैं। ये दांतों की सड़न का कारण भी बन सकते हैं, खासकर अगर इन्हें भोजन के बीच में खाया जाए।
मुक्त शर्करा वह शर्करा है जो खाद्य पदार्थों या पेय पदार्थों में मिलाई जाती है, या शहद, सिरप और बिना मीठे फलों के रस और स्मूदी में प्राकृतिक रूप से पाई जाती है।
फलों और दूध में पाई जाने वाली चीनी के बजाय आपको इस प्रकार की चीनी का सेवन कम करना चाहिए।
कई पैकेज्ड खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों में आश्चर्यजनक रूप से उच्च मात्रा में मुक्त शर्करा होती है।
खाद्य पदार्थों के लेबल मददगार हो सकते हैं। इनका इस्तेमाल करके पता करें कि खाने में कितनी चीनी है।
प्रति 100 ग्राम में 22.5 ग्राम से अधिक कुल शर्करा का अर्थ है कि भोजन में शर्करा की मात्रा अधिक है, जबकि प्रति 100 ग्राम में 5 ग्राम या उससे कम कुल शर्करा का अर्थ है कि भोजन में शर्करा की मात्रा कम है।
ज़्यादा नमक खाने से आपका रक्तचाप बढ़ सकता है। उच्च रक्तचाप वाले लोगों में हृदय रोग या स्ट्रोक होने की संभावना ज़्यादा होती है।
भले ही आप अपने भोजन में नमक न डालें, फिर भी आप जरूरत से ज्यादा खा रहे होंगे।
आप जो नमक खाते हैं उसका लगभग तीन-चौथाई हिस्सा पहले से ही उस खाद्य पदार्थ में होता है, जैसे कि नाश्ते में इस्तेमाल होने वाले अनाज, सूप, ब्रेड और सॉस।
नमक कम करने के लिए खाने के लेबल पर दिए गए निर्देशों का पालन करें। प्रति 100 ग्राम में 1.5 ग्राम से ज़्यादा नमक का मतलब है कि खाने में नमक की मात्रा ज़्यादा है।
स्वस्थ आहार के साथ-साथ, नियमित व्यायाम गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। यह आपके समग्र स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती के लिए भी महत्वपूर्ण है।
ज़्यादा वज़न या मोटापे से टाइप 2 डायबिटीज़, कुछ कैंसर, हृदय रोग और स्ट्रोक जैसी स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं। कम वज़न भी आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
अधिकांश वयस्कों को कम कैलोरी खाकर अपना वजन कम करने की आवश्यकता होती है।
अगर आप वज़न कम करना चाहते हैं, तो कम खाने और ज़्यादा सक्रिय रहने का लक्ष्य रखें। स्वस्थ और संतुलित आहार लेने से आपको स्वस्थ वज़न बनाए रखने में मदद मिल सकती है।
बीएमआई स्वस्थ वजन कैलकुलेटर का उपयोग करके जांचें कि क्या आपका वजन स्वस्थ है ।
एनएचएस वजन घटाने की योजना के साथ वजन कम करें , यह 12 सप्ताह की वजन घटाने की मार्गदर्शिका है जो स्वस्थ भोजन और शारीरिक गतिविधि पर सलाह को जोड़ती है।
यदि आपका वजन कम है, तो कम वजन वाले वयस्कों से मिलें । यदि आप अपने वजन को लेकर चिंतित हैं, तो अपने डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से सलाह लें।
निर्जलीकरण से बचने के लिए आपको भरपूर मात्रा में तरल पदार्थ पीने की ज़रूरत है। सरकार हर दिन 6 से 8 गिलास पानी पीने की सलाह देती है। यह आपके द्वारा खाए जाने वाले भोजन से मिलने वाले तरल पदार्थ के अतिरिक्त है।
सभी गैर-अल्कोहलिक पेय पदार्थ गिने जाते हैं, लेकिन पानी, कम वसा वाला दूध और कम चीनी वाले पेय पदार्थ, जिनमें चाय और कॉफी भी शामिल हैं, स्वास्थ्यवर्धक विकल्प हैं।
मीठे और कार्बोनेटेड पेय पदार्थों से बचने की कोशिश करें, क्योंकि इनमें कैलोरी की मात्रा ज़्यादा होती है। ये आपके दांतों के लिए भी हानिकारक हैं।
यहां तक कि बिना चीनी वाले फलों के रस और स्मूदी में भी मुक्त चीनी की मात्रा अधिक होती है।
फलों के रस, सब्जियों के रस और स्मूदी से बने पेय पदार्थों की कुल मात्रा प्रतिदिन 150 मिलीलीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए, जो कि एक छोटा गिलास है।
गर्म मौसम में या व्यायाम करते समय अधिक तरल पदार्थ पीना याद रखें।
कुछ लोग नाश्ता इसलिए नहीं करते क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे उन्हें वजन कम करने में मदद मिलेगी।
लेकिन फाइबर से भरपूर तथा वसा, चीनी और नमक से कम स्वस्थ नाश्ता संतुलित आहार का हिस्सा बन सकता है, और आपको अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त करने में मदद कर सकता है।
कम चीनी वाला साबुत अनाज, अर्ध-स्किम्ड दूध और ऊपर से कटे हुए फल के साथ खाया जाने वाला नाश्ता स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक होता है।
1.योगासन करें और तनावग्रस्त मन को विश्राम दें।
2.चिंता को दूर करने के लिए प्राणायाम करें।
3.मन को शांत करने के लिए ध्यान करें।
4.योग के दर्शन को जीवन में लागू करें और खुश रहें, जीवन के हर क्षण का आनंद लें।
निम्नलिखित योगासन आपको स्वस्थ शरीर और प्रसन्न चित्त मन पाने में मदद करेंगे। आसन हमारे तंत्र से तनाव और नकारात्मकता को मिटाने में मदद करते हैं।
नोट: योगासन सत्र के अंत में योग निद्रा में लेट जाएँ, ताकि शरीर और मन को कुछ मिनटों का विश्राम मिले। इस तकनीक के द्वारा हमारे शरीर से विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं, जो हमारे तंत्र में तनाव का सबसे पहला कारण हैं।
घबराहट को दूर करने के लिए प्राणायाम करें
अपनी श्वास पर ध्यान ले जाने से मन अनावश्यक विचारों से मुक्त हो जाता है, जिसके कारण घबराहट हो जाती है। निम्नलिखित श्वसन तकनीकों का अभ्यास करें:
कपाल भांति प्राणायाम
भस्त्रिका प्राणायाम
नाड़ी शोधन प्राणायाम
भ्रामरी प्राणायाम
एक विचलित मन को शांत करने के लिए ध्यान सर्वश्रेष्ठ तकनीक है। प्रतिदिन ध्यान करने से आप उन बातों के प्रति सजग हो जाते हैं, जो आपके मन को हर समय छोटी छोटी बातों में उलझा कर रखती हैं। ध्यान आपको बहुत अधिक चिंता ना करने या अज्ञात भविष्य के प्रति चिंतित ना होने में मदद करता है। ध्यान आपको किस प्रकार से चिंता मुक्त करता है, यह सीखें।
आपने प्रायः एड्रिनेलिन रश के बारे में सुना होगा। यह तब होता है,जब हम किसी संभावित नुकसान के बारे में बहुत अधिक भयभीत हो जाते हैं। उदाहरण के लिए, जब हम किसी साहसिक सवारी पर जा रहे होते हैं, तब एड्रिनेलिन हॉर्मोन का स्त्राव बहुत अधिक मात्रा में होता है। इससे हमारी धड़कन बढ़ जाती है, मांसपेशियां तन जाती हैं और शरीर पसीना पसीना हो जाता है। वैज्ञानिक शोध ने यह बताया है कि ध्यान का निरंतर अभ्यास करने से स्ट्रेस हॉर्मोन का स्तर बहुत कम हो जाता है।
प्राचीन योग के ज्ञान को जानना और उसे दैनिक जीवन में लागू करना, जो योग के कुछ सरल सिद्धांतों (यम और नियम) के बारे में बताता है, हमारी खुशी और स्वस्थ जीवन का रहस्य है। उदाहरण के लिए, संतोष (नियम) का सिद्धांत संतोष करने के महत्व को सिखाता है। अपरिग्रह सिद्धांत लालच या बहुत सारी चीजें इकठ्ठा करने की इच्छा से छुटकारा दिलाता है, जो हमारे तनाव या चिंता का कारण हैं। शौच सिद्धांत, शरीर और मन की स्वच्छता के बारे में बताता है। जब आप किसी संक्रामक बीमारियों को पकड़ने के प्रति बहुत अधिक चिंतित रहते हैं, तब यह सिद्धांत आपकी मदद करता है।
योग के यम और नियम आपको पोषण युक्त भोजन खाने और स्वस्थ जीवनशैली जीने में भी मदद करते हैं। जो तनाव और चिंता से उबरने में मदद करता है। योग का दर्शन समझने के लिए आप पतंजलि योग सूत्रों पर गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर द्वारा दी गई वार्ता को पढ़ सकते हैं।
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योग क्यों करना चाहिए? ये पांच कारण आपको योगाभ्यास के लिए करेंगे प्रोत्साहित
योग तुरंत इलाज प्रदान नहीं करता लेकिन रोगों का स्थायी निपटारा जरूर करने में सक्षम है। योगाभ्यास के पांच मुख्य कारण है, जिन्हें समझ लिया तो जीवन सरल और स्वस्थ बन जाएगा।
योग एक आध्यात्मिक अनुशासन है। यह अत्यंत सूक्ष्म विज्ञान पर आधारित है, जिसकी उत्पत्ति भारत में हुई है। योग का शाब्दिक अर्थ जोड़ना है। सरल शब्दों में समझें तो योग एक प्राचीन शैली का अभ्यास है जो शारीरिक मुद्राओं, श्वास नियंत्रण और ध्यान को जोड़ता है। इसका उद्देश्य मन, शरीर और आत्मा के बीच सामंजस्य स्थापित करना है
व्यावहारिक तौर पर योग शरीर, मन और भावनाओं को संतुलित करने और तालमेल बनाने का एक साधन है। यह सबसे पहले बाहरी शरीर को लाभ पहुंचाता है। उसके बाद मानसिक और भावनात्मक स्तरों पर भी योग काम करता है। आज की तनाव और थकान भरी जिंदगी में लोग अनेक मानसिक और शारीरिक परेशानियों से पीड़ित रहते हैं। योग इसका इलाज शायद तुरंत प्रदान नहीं करता लेकिन रोगों का स्थायी निपटारा जरूर करने में सक्षम है। योगाभ्यास के पांच मुख्य कारण है, जिन्हें समझ लिया तो जीवन सरल और स्वस्थ बन जाएगा।
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