Blog by ilma | Digital Diary
" To Present local Business identity in front of global market"
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अपने पैरों को अपने कंधों के बराबर दूरी पर रखते हुए सीधे खड़े हो जाएं. अपने हाथों को छत की ओर उठाएं. अपनी हथेलियों को खोलें और जितना हो सके उतना ऊपर की ओर खींचें. इस बिंदु पर, अपने हाथों को जोड़ें और उन्हें उलझाएं ताकि आपकी हथेलियां छत की ओर हों. आपको ऊपर की ओर देखना है. इस स्ट्रेच को 10 सेकंड तक रखें और 3-5 बार दोहराएं
सीधे खड़े हो जाएं. अपनी आर्म्स को ऊपर उठाएं और उन्हें छत की ओर सीधा रखें. अब अपने पैरों में से किसी एक को उठाएं और अपने पैरों को दूसरी जांघ पर रखें. आप अपने दाहिने पैर को बाएं घुटने पर या उससे जांघ तक कहीं भी रख सकते हैं. आइडियली, आपका पैर आपकी जांघ पर जितना हो सके उतना ऊपर होना चाहिए. इस स्थिति को 30 सेकंड तक रखें और कम से कम 4-5 बार दोहराए
सीधे आगे की ओर देखते हुए और समतल सतह पर आराम से दूरी बनाते हुए. अब आपका दाहिना पैर बाहर की ओर होना चाहिए और एड़ी अंदर की ओर होनी चाहिए. एड़ियां एक दूसरे के समानांतर होनी चाहिए. गहरी सांस लें और अपने धड़ को कूल्हे पर दाईं ओर मोड़ें, जबकि अपना बायां हाथ सीधा करें. कुछ देर इसी स्थिति में रहें. अगर आपके लिए यह आरामदायक हो, तो आप अपने सिर को अपने धड़ के साथ लाइन में रखते हुए अपनी बाईं हथेली को ऊपर देख सकते हैं. हर सांस के साथ शरीर को थोड़ा और आराम करने दें और प्रत्येक तरफ 10 बार दोहराएं
जैसा कि नाम से पता चलता है, आपको इस स्थिति में बैठना होगा. इस तरह बैठें जैसे कि आप कुर्सी पर बैठते हैं. इस बिंदु पर, अपनी आर्म्स को ऊपर उठाएं और उन्हें छत की ओर सीधा रखें. इस स्थिति में 30 सेकंड तक रहें और कम से कम 4-5 बार दोहराएं
सबसे पहले आपका बायां पैर मुड़ा हुआ हो और आपका टखना आपके बाएं कूल्हे के करीब रखा गया हो. इसके बाद, अपने दाहिने पैर को अपने बाएं पैर के ऊपर इस तरह से रखें कि दोनों पैरों के दोनों घुटने संपर्क में हों. अब अपने दोनों हाथों को अपनी पीठ के पीछे रखें, बाएं हाथ को दाएं हाथ से पकड़ें. इन सभी क्रियाओं को करते समय अपनी रीढ़ को सीधा रखें. 30 से 60 सेकंड के लिए उस पोश्चर को बनाए रखें. एक नई स्थिति में जाने के बाद पिछले स्टेप को दोहराएं.
प्राणायाम (ब्रीदिंग एक्सरसाइज) के साथ इन आसनों का नियमित अभ्यास हार्ट हेल्थ को बढ़ावा दे सकता है और हार्ट अटैक के रिस्क को कम कर सकता है.
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इस आसन को करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाए और पैरों के बीच हिप्स जितना फासला रखें।
अब हाथों की उंगलियों को एक दूसरे में फंसाकर सांस को अंदर करते हुए हाथ को सिर के ऊपर की ओर लेकर जाएं।
अब एड़ियों को उठाएं और पंजों पर खड़े होते हुए संतुलन बनाने की कोशिश करें।
इस दौरान पैरों से लेकर सिर तक को स्ट्रेच करने की कोशिश करें।
इस मुद्रा में कुछ सेकेंड रुकें।
इस योग को करने से लंबाई बढ़ती है।
पाचन तंत्र को मज़बूती मिलती है।
शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है।
घुटनों, टखनों और भुजाओं में मज़बूती आती है।
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले ज़मीन पर पीठ के बल लेट जाइए। फिर घुटनों को मोड़कर, एड़ी को जितना हो सके अपने नितंब के पास लाइए। फिर अपने हाथों को उठाकर कानों के बगल में ले आएं। हथेलियों को जमीन पर रखें। अपने पैरों और हथेलियों का साथ में उपयोग कर शरीर को ऊपर की तरफ उठाएं। वज़न को बराबर बांटते हुए शरीर को ऊपर खींचे। अपनी गर्दन को आराम से रखें और अपने सिर को पीछे की ओर जाने दें। इस मुद्रा में 30 सेकंड तक रहें।
इस आसन को करने से रीढ़ में लचीलापन आता है।
पाचन और प्रजनन अंगों को स्वस्थ रखता है।
पेट के अतिरिक्त मोटापे को कम करता है।
धनुरासन को करने पर शरीर की मुद्रा धनुष जैसी दिखाई देती है। यही वजह है कि इसे धनुरासन कहा जाता है। धनुरासन को करने के लिए सबसे पहले अपने पेट के बल लेट जाएं। घुटनों को मोड़ते हुए कमर के पास ले आएं और फिर हाथों से दोनों टखनों को पकड़ें। अब अपने सिर, छाती और जांघ को ऊपर की ओर उठाएं। अपने शरीर के भार को पेट के निचले हिस्से पर लेने का प्रयास करें। पैरों को पकड़कर आगे की ओर शरीर को खींचने की कोशिश करें। अपनी क्षमतानुसार लगभग 15-20 सेकेंड तक इस आसन को करें। सांस को धीरे-धीरे छोड़े और छाती, पैर को जमीन पर रख आराम करें।
रीढ़ की हड्डियों में लचीलापन लाता है।
कूल्हों को स्ट्रेच करता है।
ब्लड सर्क्यूलेशन बेहतर होता है।
पाचन तंत्र मज़बूत होता है
हड्डियों की मांसपेशियों का तापमान बढ़ाता है।
दिमाग़ शांत होता है
शरीर को ऊर्जा मिलती है।
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Yoga for Glowing Skin: आजकल की प्रदुषण भरी हवा के कारण हमारा स्कीन (Skin) काफी ज्यादा गंदा और मुरझाया हुआ नजर आता है. योग (Yoga) से होने वाले फायदे सिर्फ स्वस्थ शरीर और मानसिक स्पष्टता तक ही सीमित नहीं हैं. बल्कि इनसे नेचुरल चमकदार त्वचा (Natural Glowing Skin) भी पाई जा सकती हैं. योगासन करते समय गहरी सांस लेने से और ध्यान करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन (Blood Circulation) अच्छा होता है. आगे यही बेहतर रक्त संचार ग्लोइंग स्कीन पाने में मदद करता है. इन सरल योगासनों से कुछ ही दिनों में आपके स्कीन पर नेचुरल ग्लो आएगा.
ग्लोइंग स्कीन के लिए फॉलो करें ये 5 योगासन (Follow these 5 Yogasanas for Glowing Skin)
बेहतर स्वास्थ्य के लिए आंतों का सही तरह काम करना जरूरी हैं. स्वस्थ और ग्लोइंग त्वचा के लिए खाने का पाचन सही तरीके से होना आवश्यक है. भारद्वाजासन (Bharadwajasana) से पाचन प्रक्रिया बेहतर बनी रहती है. इसमें बैठकर अपने पूरे शरीर को ट्वीश्ट करना होता है. इससे शरीर के सभी विकारों को निकलने में मदद मिलती है. सथ ही इससे स्पाइनल कॉर्ड (Spinal Cord) को भी मजबूती मिलती है.सर्वांगासन
इस योगासन में आप लेटकर अपने पैरों के पिछले हिस्से को ऊपर उठाते हैं और अपने कंधों से खुद को सहारा देते हैं. यह आपके चेहरे में ब्लड सर्कुलेशन को तेज करता है और ब्लड सेल्स (Blood Cells) को पुनर्जीवित करके त्वचा की बनावट और ग्लो में सुधार करने में मदद करता है. सर्वांगासन सुस्ती, झुर्रियां, और मुंहासों को दूर करने में भी मदद कर सकता है.
त्रिकोणासन (Trikonasana) करने से चेस्ट और लंग्स (Lungs) बढ़े होते हैं, जिससे उनमें अधिक मात्रा में ऑक्सीजन (Oxygen) का संचार हो पाता है. बाद में यही ऑक्सीजन स्कीन के ग्लो को बढ़ाने में मदद करता है. इससे आपकी त्वचा तरोताजा महसूस करती है और उसमें चमक आती है.
हलासन (Halasana) पाचन क्रिया की गति को बढ़ाता है. साथ ही इससे चेहरे पर ब्लड सर्कुलेशन भी बढ़ता है. स्कीन को चमकदार और स्वस्थ बनाने में हलासन काफी फायदेमंद साबित होता है. हलासन में आप लेटकर आपके पैरों को आपके सिर के ऊपर से ले जाकर, जितना संभव हो उतना ग्राउंड टच करने की कोशिश करते हैं. चमकती त्वचा के लिए इस आसन को दिन में दो बार तीन बार करना फायदेमंद हो सकता है.
यह आसन हर्ट ब्लॉकेज (Heart Blockage) और पल्मनरी ट्रैक्ट (Pulmonary Tract) को सही ढंग से खोलने में मदद करता है. इससे सांस लेने में आसानी होती है और ज्यादा ऑक्सीजन शरीर में आ पाती हैं. भुजंगासन को कोबरा पोज के नाम से भी जाना जाता है. इसके सिवा यह रक्त प्रवाह में भी सुधार करती है. यह योगासन सोरायसिस, मुँहासे और समय से पहले बुढ़ापा दूर करने में सहायता करती हैं ऐर आपको नेचुरल ग्लो देती है.
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।कभी गैस के कारण, तो कभी लगातार काम करने से होने वाली थकान, सिर दर्द का कारण कोई भी हो सकता है। मगर दवा से पहले एक बार योगाभ्यास करके देखें।
आंखों का कमजोर होना, नींद पूरी न होना, लगातार थकान, तनाव या बदहजमी, कई समस्याएं अपने साथ सिरदर्द लेकर आती हैं। सिरदर्द इतनी आम, मगर जटिल समस्या है कि सुलझ न रहे सवाल को भी हम कभी-कभी सिर दर्द कह देते हैं। सिर दर्द जब आता है, तो सारा रुटीन और प्रोडक्टिविटी डिस्टर्ब हो जाती है। इसलिए जरूरी है कि इसका तत्काल उपचार किया जाए। पर हर उपचार दवा के रास्ते ही नहीं आता। कभी-कभी आप इसके लिए योग भी ट्राई कर सकती हैं। आइए जानते हैं उन योगासनों के बारे में जो आपको सिर दर्द (Yoga for headache) से राहत दिला सकते हैं।
क्या आप भी अकसर सिरदर्द से परेशान रहती हैं? और सिरदर्द बर्दाश्त न होने पर दवा लेने पर मजबूर हो जाती हैं। यह जानते हुए भी कि दवाओं के कई साइड इफेक्ट होते हैं। तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं उन योगासनों के बारे में जो आपको सिरदर्द से राहत दिलाने में मदद करेंगे। योग समस्या के लक्षणों पर ही नहीं, बल्कि उसके कारणों पर भी काम करता है। इसलिए ये सिरदर्द से निपटने का नेचुरल तरीकायोग के बारे में क्या है विशेषज्ञों की राय
नेशनल हेल्थ इंटरव्यू सर्वे की 2016 की रिपोर्ट के अनुसार योग का नियमित अभ्यास करने वाले लोग मानते हैं कि योग
1. स्ट्रेस लेवल कम करने में कारगर है
इंटरनेशनल जनरल ऑफ योगा की 2016 की रिपोर्ट के अनुसार नियमित उपचार के साथ-साथ रोज योगा करने वाले लोगों में लगातार होने वाले सिरदर्द से राहत मिली हैं। ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम (autonomic nervous system) में गड़बड़ी और ब्लड सर्कुलेशन में समस्या माइग्रेन का कारण बनता है। जबकि योग से कार्डियक ऑटोनोमिक बैलेंस (Cardiac autonomic balance) में सुधार होता हैं। जब ये दोनों कंट्रोल में रहते हैं तो आपको सिर दर्द से भी राहत मिलती है।
आपको सर दर्द में राहत देने और माइग्रेन से छुटकारा दिलाने के लिए यह बेहतरीन योगासन है। यह आपके नर्वस सिस्टम को शांत करके सिर दर्द कम करता है।
वीमेन हेल्थ फिटनेस सिरदर्द किसी भी वजह से हो सकता है, पर योग में है इस दर्द का समाधान
सिरदर्द किसी भी वजह से हो सकता है, पर योग में है इस दर्द का समाधान
कभी गैस के कारण, तो कभी लगातार काम करने से होने वाली थकान, सिर दर्द का कारण कोई भी हो सकता है। मगर दवा से पहले एक बार योगाभ्यास करके देखें।
Headache aur neck pain esi samasyane hai jinhe normal man liya jata hai
गर्दन और सिर में दर्द को इतना नॉर्मल मान लिया गया है कि महिलाएं इसे जीवन का हिस्सा समझने लगी हैं। चित्र : शटरकॉक
Written by:
टीम हेल्थ शॉट्स
Updated On: 20 Oct 2023, 09:10 am IST
आंखों का कमजोर होना, नींद पूरी न होना, लगातार थकान, तनाव या बदहजमी, कई समस्याएं अपने साथ सिरदर्द लेकर आती हैं। सिरदर्द इतनी आम, मगर जटिल समस्या है कि सुलझ न रहे सवाल को भी हम कभी-कभी सिर दर्द कह देते हैं। सिर दर्द जब आता है, तो सारा रुटीन और प्रोडक्टिविटी डिस्टर्ब हो जाती है। इसलिए जरूरी है कि इसका तत्काल उपचार किया जाए। पर हर उपचार दवा के रास्ते ही नहीं आता। कभी-कभी आप इसके लिए योग भी ट्राई कर सकती हैं। आइए जानते हैं उन योगासनों के बारे में जो आपको सिर दर्द (Yoga for headache) से राहत दिला सकते हैं।
क्या आप भी अकसर सिरदर्द से परेशान रहती हैं? और सिरदर्द बर्दाश्त न होने पर दवा लेने पर मजबूर हो जाती हैं। यह जानते हुए भी कि दवाओं के कई साइड इफेक्ट होते हैं। तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं उन योगासनों के बारे में जो आपको सिरदर्द से राहत दिलाने में मदद करेंगे। योग समस्या के लक्षणों पर ही नहीं, बल्कि उसके कारणों पर भी काम करता है। इसलिए ये सिरदर्द से निपटने का नेचुरल तरीका है।
योग के बारे में क्या है विशेषज्ञों की राय
नेशनल हेल्थ इंटरव्यू सर्वे की 2016 की रिपोर्ट के अनुसार योग का नियमित अभ्यास करने वाले लोग मानते हैं कि योग
1. स्ट्रेस लेवल कम करने में कारगर है
हंसाजी योगेंद्र बता रही हैं मेनोपॉज को मैनेज करने का तरीका
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6 सबसे आसान एक्सरसाइज जिनसे महीने भर में कम होने लगती है चर्बी, आज ही से करें ट्राई
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आर्टिकल पढ़ें
2. यह इम्युनिटी इंप्रूव करने में बेहतरीन है
3. योग के माध्यम से न केवल तनाव कम होता है, बल्कि किसी भी तरह की एडिक्शन छोड़ने में मोटिवेशन भी मिलती है।
4. योग का अभ्यास तनाव कम कर मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाए रखता है।
5. हेल्दी आदतें जैसे स्वस्थ्य खानपान और व्यायाम के लिए भी योग मोटिवेशन प्रदान करता है।
जानिए सिर दर्द में कैसे काम करता है योग। चित्र: शटरकॉक
सिर दर्द में कैसे काम करता है योग
इंटरनेशनल जनरल ऑफ योगा की 2016 की रिपोर्ट के अनुसार नियमित उपचार के साथ-साथ रोज योगा करने वाले लोगों में लगातार होने वाले सिरदर्द से राहत मिली हैं। ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम (autonomic nervous system) में गड़बड़ी और ब्लड सर्कुलेशन में समस्या माइग्रेन का कारण बनता है। जबकि योग से कार्डियक ऑटोनोमिक बैलेंस (Cardiac autonomic balance) में सुधार होता हैं। जब ये दोनों कंट्रोल में रहते हैं तो आपको सिर दर्द से भी राहत मिलती है।
यहां वे आसन हैं जिनके अभ्यास से आपको सिर दर्द से राहत मिल सकती है
BMI
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1. शिशु आसन (child pose)
आपको सर दर्द में राहत देने और माइग्रेन से छुटकारा दिलाने के लिए यह बेहतरीन योगासन है। यह आपके नर्वस सिस्टम को शांत करके सिर दर्द कम करता है।
कैसे करें शिशुआसन
1. इस योग को करने के लिए फर्श पर अपने घुटने टेकें।
2. अब अपने पैर की उंगलियों को एक साथ रख कर अपने घुटने जितना हो सके उतना फैलाएं।
3. अब अपने हिप्स को अपनी एड़ी पर नीचे रखकर सीधे बैठ जाएं और अपने शरीर को इसके अनुसार कंफर्ट करें।
4. सांस छोड़ने के बाद अब आगे झुकें जिससे आपका सिर और छाती आपकी जांघों के बीच या ऊपर रहे। अपने माथे को फर्श पर रखें।
Read Full Blog...योग शब्द का शाब्दिक अर्थ- जुड़ना या मिलना होता है लेकिन यह बहुत विस्तृत विज्ञान है क्योंकि इसके सभी कर्म और क्रियाएं मनुष्य को शारीरिक और आत्मिक रूप से पूर्ण योग बनती है।पतंजलि के अनुसार योग की परिभाषा है-"योगश्चित्तवृतिनिरोध:" अर्थात पतंजलि के अनुसार चित की वृतियों का निरोध ही योग कहलाता है.वेदांत के अनुसार, "आत्मा का परमात्मा से पूर्ण रूप से मिलन होना ही योग कहलाता है." योग शरीर के लिए बहुत जरूरी है. इसके लगातार अभ्यास से मनुष्य शारीरिक और मानसिक दोनों रूपों से निरोगी रह सकता है।योग करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. आइए जानते हैं योग करने से पहले खुद को कैसे तैयार करना चाहिए.
1, योग करते समय तंग कपड़े ना पहनें. शरीर की मांसपेशियों के खिंचाव और ऐंठन के दौरान कपड़े फटने का डर तो होता ही है साथ ही साथ आप आसन भी अच्छे से नहीं कर पाते हैं इस लिए तंग कपड़े ना पहनें।
2- योग करने से पहले एक ऐसा समय चुन लें जब आप बिल्कुल फ्री हों. समय सुबह का हो तो बेहतर. इस बात का भी ध्यान रखें कि आप सातों दिन इस वक्त फ्री रहते हैं. रो... https://www.aajtak.in/india/photo/how-to-get-ready-for-yoga-things-to-do-rht-584569-2018-06-14-5
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धनुरासन (Dhanurasana)
धनुरासन या धनुष मुद्रा शरीर के एक्स्ट्रा फैट को कम करने के लिए एक बेहतरीन आसन है। यह आसन पेट, जांघों और कमर की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। इसे करने से पाचन तंत्र सुधरता है और शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ता है। यह आसन तनाव को कम करने और शरीर को एनर्जेटिक बनाने में भी मदद करता है।
Read Full Blog...योग का शाब्दिक अर्थ है जोड़ना। योग शारीरिक व्यायाम, शारीरिक मुद्रा (आसन), ध्यान, सांस लेने की तकनीकों और व्यायाम को जोड़ता है। इस शब्द का अर्थ ही 'योग' या भौतिक का स्वयं के भीतर आध्यात्मिक के साथ मिलन है।
Read Full Blog...1.सुबह उठकर चाइल्ड पोज करना भी एक बेहतर विकल्प है. ये आसन जांघों, रीढ़, कूल्हों और टखनों की स्ट्रेचिंग के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. ...
2.कोबरा पोज को भुजंगासन भी कहा जाता है. ...
3.वृक्षासन योग बहुत आसान पोज है. ...
4.पद्मासन करने से आपको स्ट्रेस को मैनेज करने में मदद मिल सकती है. ...
5.सुबह उठकर ताड़ासन करना भी फायदेमंद साबित हो सकता है.
Read Full Blog...योग के नित्य अभ्यास से मांसपेशियों की अच्छी कसरत होती है। जिस कारण तनाव दूर होता है, ब्लड प्रेशर-कॉलस्ट्रॉल कंट्रोल होता है, नींद अच्छी आती है, भूख भी अच्छी लगती है और पाचन भी सही रहता है। इसके नियमित अभ्यास से तनाव धीरे-धीरे पूर्णरूप से खत्म हो जाता है। योग से शरीर फ्लेक्सिबल होता है और शरीर को शक्ति मिलती है।
Read Full Blog...सर दर्द से राहत पाने के लिए योग अक्षर दवाईयां का सहारा लेता है, लेकिन बार-बार सर दर्द से राहत पानी के लिए दावाऔ का सेवन सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकता है।
Yogasanas for Headache: कई बार जब आपको तय समय पर कोई काम पूरा करना हो और तभी सिर में दर्द होने लगे तो उससे ज्यादा परेशानी कभी नहीं होती है। वैसे तो सिर दर्द से छुटकारा दिलाने के लिए कई पेन किलर्स मौजूद हैं, लेकिन ज्यादा दवाई खाने से भी शरीर पर खराब असर पड़ता है। आमतौर पर सिर में दर्द की परेशानी को लोग हल्के में लेते हैं। मगर कई बार ये समस्या गंभीर रूप ले लेती है। अधिक तनाव, थकान, देर तक भूखे रहना, कम सोना आदि के कारण हमें सिरदर्द की परेशानी हो सकती है। अगर सिर दर्द आपके डेली रूटीन का हिस्सा है तो हर बार दवा खाना आपके लिए घातक साबित हो सकता है। ऐसे में कुछ योगासन आपके बेहदकाम आएंगे।
भ्रामरी:
सबसे पहले सुखासन अथवा पद्मासन के मुद्रा में बैठ जाएं। अब गहरी सांस लें और अपनी 3 उंगलियों से आंखों को बंद करें। साथ ही अंगूठे से कान बंद करें। इसके साथ ही, मुंह को बंदकर 'ऊं' का नाद करें। इस प्राणायाम को 3 से 21 बार कर सकते हैं।
शीतली:
इस योगासन को करने के लिए सर्वप्रथम सुखासन की अवस्था में बैठें। सीधे बैठकर जीभ को बाहर निकालकर सांस लें। उसके उपरांत दाएं नाक से हवा बाहर निकालें। 5 से 10 मिनट तक आप इस योग का अभ्यास कर सकते हैं।
अनुलोम-विलोम:
सिर दर्द या फिर माइग्रेन के दर्द से निजात दिलाने में अनुलोम-विलोम प्राणायाम को बेहद कारगर माना गया है। हेडेक के अलावा, ये प्राणायाम तनाव को दूर करने में भी लाभप्रद माना गया है। 15 मिनट के करीब लोग इस योग का अभ्यास कर सकते हैं। योग गुरु इस बीच ओमकार व गायत्री मंत्र का ध्यान करना भी फायदेमंद होगा।
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