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" To Present local Business identity in front of global market"
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बाल तेजी से झड़ने और गंजेपन की तरफ बढ़ने के लक्षण महिलाओं और पुरुषों में अलग-अलग होते हैं। यदि आपको यहां बताई गई कोई भी समस्या है तो समय रहते बालों को सही देखभाल देना जरूरी है
झड़ते बालों को समय पर इलाज ना मिले तो गंजेपन की समस्या बढ़ सकती है। बाल कई अलग-अलग कारणों की वजह से गिरते हैं और महिलाओं तथा पुरुषों में इनके झड़ने के लक्षण भी अलग-अलग होते हैं। कुछ लोगों के बाल पहले तेजी से पतले होते हैं और फिर झड़ते हैं तो कुछ केसेज में बाल छोटे और बड़े गुच्छों के रूप में निकलते हैं और गंजापन बढ़ने लगता है।
Read Full Blog...How To Black My White Hair: पहले जहां 50 की उम्र के बाद बालों में सफेदी दिखती थी, अब 20–25 की उम्र में ही लोग इस परेशानी से जूझ रहे हैं. लेकिन, घबराएं नहीं यहां हम एक ऐसा कारगर घरेलू नुस्खा बता रहे हैं जो बालों को नेचुरल काला बना सकता है.
White Hair Home Remedy: बालों के सफेद होने की समस्या से ज्यादातर लोग परेशान हैं. ये हमारी लाइफस्टाइल, खानपान, तनाव, हार्मोनल बदलाव, वातावरण और कुछ मामलों में जेनेटिक भी होती है. लेकिन, जिस तरीके से युवाओं से लेकर बच्चों तक में बालों के सफेद होने की दिक्कत बढ़ रहे हैं ये वाकई चिंता की बात है. आज हर कोई सफेद बालों को काला करने के उपाय (Remedies to Darken White Hair) तलाश रहा है. पहले जहां 50 की उम्र के बाद बालों में सफेदी दिखती थी, अब 20–25 की उम्र में ही लोग इस परेशानी से जूझ रहे हैं. हालांकि मार्केट में ग्रे हेयर (Grey Hair) से छुटकारा पाने के लिए कई हेयर केयर प्रोडक्ट्स (Hair Care Products) और दवाएं लेते हैं. लोग बालों को काला करने के लिए हेयर डाई (Hair Dye) या कलर का सहारा लेते हैं, लेकिन इनमें मौजूद केमिकल्स बालों को और ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं. लेकिन, जब बात प्राकृतिक रूप से बालों को काला करने की हो तो घरेलू नुस्खे ही काम आते हैं. सबसे अच्छी बात इनकी ये है कि कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है.
बच्चों से लेकर जवां लोगों तक में बालों के समय से पहले सफेद होने की समस्या से राहत पाने के लिए तो यहां हम एक ऐसा घरेलू उपाय बता रहे हैं, जिसे न सिर्फ आजमाना आसान है बल्कि इसे प्रभावी भी माना गया है. अगर आप आज भी सफेद बालों को काला कैसे करें? जैसे सवालों से परेशान हैं तो आइए जानते हैं उस एक कारगर नुस्खे के बारे में.
सफेद बालों के लिए कड़ी पत्ता और नारियल तेल का जादुई मिश्रण- (Magical Combination of Curry Leaves And Coconut Oil For White Hair)
कड़ी पत्ता सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाने वाला मसाला नहीं है, बल्कि यह बालों के लिए एक औषधि की तरह काम करता है. इसमें मौजूद बीटा-कैरोटीन, आयरन, विटामिन B और C बालों की जड़ों को पोषण देते हैं और सफेद बालों को काला करने में मदद करते हैं.
नारियल तेल बालों को मॉइस्चराइज करता है, जड़ों को मजबूत बनाता है और स्कैल्प को ठंडक देता है. जब इन दोनों को मिलाकर गर्म किया जाता है, तो यह मिश्रण बालों के लिए एक नेचुरल हेयर टॉनिक बन जाता है.
Read Full Blog...एम्स के पूर्व कंसल्टेंट और साओल हार्ट सेंटर के फाउंडर एंड डायरेक्टर और प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट डॉ बिमल झाजर के मुताबिक कुछ योग दिल को हेल्दी रखते हैं और दिल के रोगों से बचाव करते हैं।
दिल के रोगों का खतरा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है और यह बीमारी अब कम उम्र में भी लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। खराब खानपान और बिगड़ता हुआ लाइफस्टाइल इसके प्रमुख कारण हैं। दिल की बीमारी अचानक नहीं होती, बल्कि यह धीरे-धीरे कई सालों में विकसित होती है। डाइट में ज्यादा ऑयली और प्रोसेस्ड फूड का सेवन करने से दिल की सेहत प्रभावित होती है। ये फूड्स धमनियों में कोलेस्ट्रॉल जमा करते हैं,जिससे आर्टरी में रुकावट पैदा हो जाती है। नतीजा यह होता है कि दिल खून को आसानी से पंप नहीं कर पाता और दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।
दिल के रोगों से बचाव करना है तो डाइट का ध्यान रखें। हेल्दी डाइट, ऑयल-फ्री और लो-फैट फूड फूड का सेवन करें। नियमित वॉक और एक्सरसाइज दिल के रोगों से बचाव के लिए जरूरी है। एम्स के पूर्व कंसल्टेंट और साओल हार्ट सेंटर के फाउंडर एंड डायरेक्टर और प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट डॉ बिमल झाजर के मुताबिक कुछ योग दिल को हेल्दी रखते हैं और दिल के रोगों से बचाव करते हैं। कई रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि योग से दिल की सेहत में सुधार होता है।
यह आसन पोस्चर को सुधारता है, स्पाइनल कॉर्ड को ठीक रखता है और सर्कुलेशन बढ़ाता है। इससे नर्वस सिस्टम बेहतर होता है और गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है, जबकि LDL और कुल कोलेस्ट्रॉल कम होता है
यह आसन बैलेंसिंग में सुधारता है, नर्वस सिस्टम को शांत करता है और स्ट्रेस व एंग्जायटी को कम करता है। कुछ स्टडी में यह पाया गया है कि इससे कोर्टिसोल लेवल कम होता है और हार्ट रेट वरिएबिलिटी बेहतर होती है, जो दिल की सेहत के लिए बहुत जरूरी है।
यह आसन लंग्स और लीवर को बेहतर मूवमेंट देता है और कार्डियक एफिशिएंसी तथा रेस्पिरेटरी फंक्शन को सुधारता है। रिसर्च में पाया गया है कि इससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल होता है और ऑक्सीजन स्तर बढ़ता है, जिससे हार्ट डिजीज से रिकवरी में मदद मिलती है।
यह आसन हार्ट मसल्स को मजबूत करता है और सर्कुलेशन बढ़ता है। कार्डियक रिहैबिलिटेशन ट्रायल्स में पाया गया है कि इससे कार्डियक आउटपुट और वैस्कुलर फंक्शन में सुधार होता है।
Read Full Blog...एक बार आँखें कमजोर हो जाएं, तो क्या फिर उनकी रोशनी इंप्रूव की जा सकती है? ये सवाल अक्सर बना रहता है। डॉक्टर कुलबीर जाखड़ ने सिंपल फॉर्मूला शेयर किया है, जो उनके मुताबिक आपका चश्मा भी हटा सकता है।
आजकल आपको हर दूसरे इंसान की आंखों पर चश्मा लगा हुआ दिख जाएगा। इनमें से ज्यादातर लोग वो हैं, जिन्हें थोड़ी दूर का भी साफ नहीं दिखाई देता। हैरानी तब होती है जब छोटे-छोटे बच्चे भी चश्मा लगाए मिलते हैं। अब इसकी कई वजह हो सकती हैं, लेकिन मोटे तौर पर खानपान, प्रदूषण, ज्यादा स्क्रीन टाइम इसके पीछे जिम्मेदार होते हैं। एक बार आँखें कमजोर हो जाएं, तो क्या फिर उनकी रोशनी इंप्रूव की जा सकती है? ये सवाल अक्सर बना रहता है। इसके लिए डॉक्टर कुलबीर जाखड़ ने वीडियो पोस्ट के जरिए सिंपल फॉर्मूला शेयर किया है, जो उनके मुताबिक आपका चश्मा भी हटा सकता है। आइए विस्तार में जानते हैं।
कहते हैं कि ऐसी कोई मैजिकल आई ड्रॉप नहीं है, जो आपकी आंखों की रोशनी को बढ़ाए। लेकिन एक सिंपल ट्रिक आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकती है। आयुर्वेद में इसे त्राटक क्रिया कहा गया है। इसमें थोड़ी देर तक एक ही बिंदु या मोमबत्ती की रोशनी पर नजरे टिका कर रखनी होती हैं। डॉक्टर अपने व्यक्तिगत अनुभव से बताते हैं कि ये क्रिया काफी असरदार है और नियमित रूप से करने पर आपके चश्मे भी हटा सकती है।
कहते हैं कि त्राटक एक विशेष तरह की आई एक्सरसाइज है, जिसके फायदे आयुर्वेद में भी बताए गए हैं। इसके करने के लिए एक पेपर पर बिंदु बना लें। अब इसे अपने से लगभग 25 सेंटीमीटर की दूरी पर रखें और लगातार देखें। आपको इस बिंदु को बिना पलके झपकाए एकटक देखते रहता है। डॉक्टर कहते हैं कि आपको कोशिश करनी है कि ज्यादा देर तक पलके नहीं झपकनी चाहिए। जैसे ही आप पलके झपका लेते हैं, एक्सरसाइज खत्म हो जाती है
कहते हैं कि ये एक्सरसाइज आपको नियमित रूप से करनी है। कई बार काफी लंबा समय भी लग सकता है लेकिन ये आंखों को बहुत फायदा करती है। आपको दिन में दो बार कम से कम ये क्रिया जरूर करनी चाहिए और लगभग दो मिनट के लिए। अगर आपकी आँखें ज्यादा कमजोर हैं, तो हो सकता है चश्मा ना उतरे लेकिन आंखों की रोशनी काफी हद तक इंप्रूव हो सकती है। इसके अलावा अपनी डाइट और स्क्रीन टाइम का भी ध्यान रखना ना भूलें।
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Read Full Blog...अगर आपकी चाबी खो गई है या फिर टूट गई है तो ताला खोलने के लिए आपको ताला तोड़ने की जरूरत नहीं है. आप कुछ आसान ट्रिक की मदद से ताला खोल सकते हैं.
Hacks to Unlock Door Lock: यूं तो दुनिया में हर ताले की चाबी होती है लेकिन कई बार चाबी खो जाने पर ताला किसी काम का नहीं रहता है. खासकर तब जब घर पर ताला लगा हो और चाबी खो जाए. भुलक्कड़ लोगों के साथ तो ऐसा अक्सर हो जाता है कि चाबी भूल जाते हैं और ताला नहीं (Amazing tips to open lock when Key Missing) खुलता है. ऐसे में लोग तरह तरह के जतन करके ताला खोलने की कोशिश करते हैं लेकिन नाकामी हासिल होती है. मजबूरी में ताले को तोड़ना ही एकमात्र विकल्प बचता है. लेकिन आप चाहें तो कई आसान टिप्स की बदौलत डोर लॉक को तोड़ने की बजाय खोल सकते हैं. चलिए आज आपको ऐसे ही कुछ टिप्स की जानकारी देते हैं जिनकी (tips for Unlocking Door Lock) मदद से आप बंद ताले को आसानी से खोल (how to open door lock with bobby pin)सकते हैं. आपको इस बात का ध्यान रखना है कि आप चाबी खो जाने की स्थिति में ही इन टिप्स की मदद से आप अपने घर का ताला खोलें, इन टिप्स का गलत इस्तेमाल बिलकुल न करें
इस्टाग्राम हैंडल द सोशल जंक्शन ने इसकी एक ट्रिक शेयर की है. इसके लिए आपको पहले आपको मेडिकल स्टोर पर जाना है और वहां से पोटेशियम परमैंगनेट लाना है. ये एक तरह के मेडिकेटेड क्रिस्टल से बना काले रंग का नमक होता है जो दवा के तौर पर काम में आता है. इसके साथ साथ आपको ग्लिसरीन भी खरीदनी होगी. अब पोटेशियम परमैंगनेट को चुटकी भर लीजिए और ताले में चाबी वाली जगह पर बने सुराख में भर दीजिए. इसके बाद उसी उसी सुराख में ग्लिसरीन की दो से चार बूंदें भी डाल दीजिए. ऐसा करते ही ताले में बने सुराख में धुआं निकलने लगेगा और इसके बाद ताला अपने आप झटके से खुल जाएगा.
पिन की मदद से भी खुल जाएगा ताला (hair pin hack to open Lock अक्सर आपने फिल्मों में देखा होगा कि हीरोइन के जूड़े में लगी पिन से हीरो दरवाजे का ताला खोल देता है. देखा जाए तो ये सही आइडिया है. घर के दरवाजे में लगे नॉब लॉक में रॉड लगी होती है जिसके ऊपर नीचे होने पर लॉक खुल जाता है. इसे खोलने के लिए आपको बाल में लगाने वाली पिन चाहिए. अब इस पिन को नब्बे डिग्री मोड़ लीजिए. अब मुड़ी हुई इस पिन को लॉक में चाबी वाली सुराख में डालिए और पिन को नीचे से ऊपर की तरफ उठाइए. इसके बाद पिन को ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर की तरफ उठाते रहिए.इससे नॉब लॉक में लगी रॉड अपनी जगह से हट जाएगी और ताला खुल जाएगा. ये हैक ताला खोलने के साथ साथ ताला अटकने पर भी कारगर साबित होता है
कई बार घर की अलमारी का ताला लॉक हो जाता है या अटक जाता है. ऐसी सिचुएशन में घर में रखा चाकू भी काम आ सकता है. इसके लिए आपके घर में उतना छोटा चाकू होना चाहिए जो अलमारी के पैडलॉक के की होल में घुस सके. चाकू को ध्यान से चाबी के सुराख में डालिए और तब तक घुमाएं जब तक ये लॉक के पिछले हिस्से को न छू ले. अब इस चाकू को चाबी की तरह घुमा कर ट्राई करें. दो तीन बार ट्राई करने पर लॉक अनलॉक हो जाएगा.
आपके घर में कपड़े टांगने के लिए हैंगर तो होगा ही. आप इसकी मदद से भी ताले को अनलॉक कर सकते हैं. कपड़े टांगने वाला एक हैंगर लीजिए और ये देखिए कि उसकी नोक लॉक के सुराख में फिट हो जाएगी या नहीं. अगर हैंगर की नोक लॉक में फिट हो रही है तो हैंगर को सीधा कर लीजिए. अगर हैंगर लंबा है तो आप इसे काट कर छोटा कर सकते हैं. अब हैंगर की नोक को लॉक के होल में घुसाएं और हिलाते हुए घुमाते रहें. ऐसा करने पर की होल के अंदर की रॉड हिलेगी और लॉक आराम से खुल जाएगा.
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Jrurt btana Kya ye aap ke kuch kam aya tips in me se koi se bhi
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Read Full Blog...परीक्षा में बेहतर अंक प्राप्त करने के लिए हर स्टूडेंट्स अपनी जी-जान लगा देते हैं लेकिन कई बार स्टूडेंट्स को कुछ टफ टॉपिक को समझने में या फिर बड़े उत्तरों को याद करने में परेशानी होती है। इसलिए जरूरी है कि परीक्षार्थी कुछ बातों को ध्यान रखकर इसे लर्न करें जिससे उन्हें कम समय में यह याद हो सके।
लॉन्ग आंसर को याद करने के लिए सबसे बेहतर तरीका यह है कि, उत्तर को छोटे-छोटे पार्ट में डिवाइड कर लें। एक समय में केवल एक पार्ट पर ही फोकस करें। इस तरह से बारी-बारी से सारे सेक्शन को याद कर लें। इसके बाद सभी भागों को जोड़कर फिर समराइज कर लें। इस ट्रिक को अपनाने से छात्र-छात्राओं को आंसर लर्न करने में ज्यादा दिक्कत नहीं होगी।
जब भी आप कोई टॉपिक किसी दूसरे को पढ़ाते हैं या फिर समझाते हैं तो फिर वह चैप्टर और अच्छी तरह से लर्न हो जाता है। ऐसे में अगर, आप चाहें तो बड़े उत्तरों को याद करने में यह तरकीब भी आप अपना सकते हैं। इसके लिए स्टूडेंट्स अपने फ्रेंड को या फिर फैमिली में ही किसी मेम्बर को पढ़ा सकते हैं।
लंबे उत्तरों को याद करने का बेहतर तरीका यह भी हो सकता है कि, उसे आप स्टोरी फाॅर्मेट में बदल लें। अगर कोई चीज कहानी के फार्मेट होती है तो उसे भी लोगों को सुनाने से या फिर विजुलाइज करके बताने में ज्यादा देर तक दिमाग में रहता है।
स्टिक नोट पर मेन-मेन प्वाइंट्स लिख लें और फिर उसे याद करें रहें। ये नोट्स बनाने से आपकी आंसर लिखने की भी प्रैक्टिस होगी। साथ ही, आपको उत्तर भी जल्द ही याद होगा। स्टूडेंट्स चाहें तो यह ट्रिक अपना सकते हैं।
एक बार उत्तर याद करने के बाद उसे डेली रिवाइज करें, क्योंकि कई बार स्टूडेंट्स यह गलती करते हैं कि याद तो कर लेते हैं , लेकिन फिर किसी अन्य टॉपिक पर फोकस करने की वजह से उस आंसर का ध्यान नहीं रखते, जिसके चलते उन्हें फिर से उतना ही समय देना पड़ता है। इसलिए छात्र-छात्राओं को इस बात का ध्यान रखना चाहिए।
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Comment me apni ray jrur dena please
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Read Full Blog...ओरल हेल्थ से जुड़ी दिक्कतों को दूर करने के लिए आप नेचुरल तरीके आजमा सकते हैं. ऐसा ही एक तरीका है फिटकरी का इस्तेमाल. आइए जानते हैं किस तरह फिटकरी आपको फायदा पहुंचा सकती है, साथ ही जानेंगे इसे इस्तेमाल करने का सही तरीका.
Alum For Teeth Whitening: दांतों का पीलापन, बदबूदार सांस और मसूड़ों में सड़न, आज के समय में ये आम समस्याएं बन चुकी हैं. अब, इन तमाम परेशानियों से निजात पाने के लिए लोग मार्केट में मिलने वाले महंगे माउथवॉश और टूथपेस्ट का इस्तेमाल करते हैं, जो हमेशा असरदार साबित नहीं होते. ऐसे में आप चाहें तो ओरल हेल्थ से जुड़ी इन दिक्कतों को दूर करने के लिए नेचुरल तरीके भी आजमा सकते हैं. ऐसा ही एक तरीका है फिटकरी का इस्तेमाल. आइए जानते हैं किस तरह फिटकरी आपको फायदा पहुंचा सकती है, साथ ही जानेंगे इसे इस्तेमाल करने का सही तरीका.
इसे लेकर मशहूर आयुर्वेदिक डॉक्टर सलीम जैदी ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में वे बताते हैं, जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंड डायग्नोस्टिक रिसर्च (JCDR) में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, फिटकरी के पानी से कुल्ला करना आपके दांत और मसूड़ों की सेहत को बेहतर बना सकता है. फिटकरी में प्राकृतिक एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो मुंह के अंदर बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करते हैं. इसके नियमित इस्तेमाल से-
फिटकरी का ये घरेलू नुस्खा न सिर्फ सस्ता और आसान है, बल्कि बिना साइड इफेक्ट के दांतों को प्राकृतिक चमक भी देता है. ऐसे में आप भी अच्छी ओरल हेल्थ के लिए इसे अपने डेली रूटीन में शामिल कर सकते हैं.
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Read Full Blog...अनुलोम विलोम योग याददाश्त बढ़ाने, मानसिक शांति और बरसात में बीमारियों से बचाव के लिए बेहद लाभकारी है. रोजना 10 मिनट करने से इसका प्रभाव देखको मिलेगा.
आज के इस आधुनिक युग व भाग दौड़ भरी जिंदगी में अपनी सेहत को फिट बनाए रखना बहुत बड़ी चुनौती है. बढ़ती उम्र के साथ अपने आप को फिट और एक्टिव रहने के लिए योग सबसे सरल व सुगम उपाय हो सकता है. यदि याददाश्त ठीक नहीं रहे, आपका दिमाग तेज काम नहीं करें तो लोग आपसे आगे निकल जाएंगे. पढ़ने वाले बच्चों के लिए ये तो रामवाण है. अनुलोम विलोम योग करने से आपकी याददाश्त बढ़ने लगेगी और आपका दिमाग तेज होगा. यकीनन परीक्षा में आपके अच्छे मार्क्स भी आएंगे. बस ये योग करने से आपको कुछ ही महीनों में फर्क दिखने लगेगा
पतंजलि योग समिति भारत स्वाभिमान के गुमला जिला प्रभारी और मुख्य योग कि आज की युवा पीढ़ी और विशेष कर बच्चे जो कल का भविष्य कहलाते हैं, उनका आजकल पढ़ाई में मन नहीं लगता है या तो कम लगता है ,आजकल के बच्चे सोशल मीडिया, मोबाइल का ज्यादातर इस्तेमाल के कारण काफी डिस्टर्ब होने लगे हैं. यहां तक की स्कूल में शिक्षक जो पढ़ाते वो याद भी नहीं कर पाते हैं. जिनके कारण उनके नंबर अच्छे नहीं आ रहे हैं. रिजल्ट खराब हो रहा है. कैसे बच्चों का पढ़ाई पर मन ज्यादा लगे और जो पढ़े वो उन्हें याद रहे उसके लिए आवश्यकता है, केवल एक योग करने की. जिसका नाम है अनुलोम विलोम
सबसे पहले पद्मासन या वज्रासन में बैठ जाएंगे. दाहिने हाथ की अंगूठे से दाहिनी नासिका(नाक) बंद करेंगे. बाईं नासिका से धीरे-धीरे श्वास लेंगे. फिर अनामिका से बाईं नासिका बंद करेंगे. दाहिने से सांस छोड़ेंगे. फिर उसी से सांस लेंगे फिर बाईं नासिका से सांस छोड़ेंगे. फिर सांस लेंगे यह एक आवृत्ति होगी. इसको बार-बार दोहराते हुए कम से कम 5 मिनट प्रतिदिन अभ्यास करना है. अभ्यास शुरू करने के 15 से 20 दिनों में याददाश्त की स्थिति पहले से बेहतर आपको महसूस होने लगेगी. जिसे हम अपने दिनचर्या में प्रतिदिन ब्रश, शौच जाते हैं उसी तरह इसे भी अपने जीवन में स्वीकार कर लेना है. सुबह शौच क्रिया से निवृत होने के बाद प्रतिदिन 5 मिनट का अनुलोम विलोम का अभ्यास करें. उसके कुछ देर बाद नाश्ता करने के बाद स्कूल वगैरह या काम वगैरह में जाएं.
शरीर के नस नाड़ियों की समस्याओं को भी समाप्त करने में कारगर है. पैर के अंगूठे से लेकर माथे तक किसी भी नस में यदि कोई समस्या है या कहीं कोई अवरोध आ गया है. या कोई नस सिकुड़ने लगा है. शरीर के किसी अंग में झुनझुनी हो रही है, पक्षाघात की समस्या हो रही है, किसी नस में अवरोध आने के कारण आपका कोई अंग सुन्न हो गया है, काम करना बंद कर दिया है, चक्कर, माथे में दर्द, छोटी बड़ी कोई भी समस्या हो यहां तक की कोई हड्डी बढ़ गया हो, नस को दबाने का कार्य कर रहा हो, जिससे आपका रक्त का संचरण अच्छे से नहीं हो पा रहा हो. इन सभी समस्याओं को समाप्त कर देगा यह एक छोटा सा अभ्यास अनुलोम विलोम.
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Read Full Blog...अनुलोम विलोम योग याददाश्त बढ़ाने, मानसिक शांति और बरसात में बीमारियों से बचाव के लिए बेहद लाभकारी है. रोजना 10 मिनट करने से इसका प्रभाव देखको मिलेगा.
आज के इस आधुनिक युग व भाग दौड़ भरी जिंदगी में अपनी सेहत को फिट बनाए रखना बहुत बड़ी चुनौती है. बढ़ती उम्र के साथ अपने आप को फिट और एक्टिव रहने के लिए योग सबसे सरल व सुगम उपाय हो सकता है. यदि याददाश्त ठीक नहीं रहे, आपका दिमाग तेज काम नहीं करें तो लोग आपसे आगे निकल जाएंगे. पढ़ने वाले बच्चों के लिए ये तो रामवाण है. अनुलोम विलोम योग करने से आपकी याददाश्त बढ़ने लगेगी और आपका दिमाग तेज होगा. यकीनन परीक्षा में आपके अच्छे मार्क्स भी आएंगे. बस ये योग करने से आपको कुछ ही महीनों में फर्क दिखने लगेगा
पतंजलि योग समिति भारत स्वाभिमान के गुमला जिला प्रभारी और मुख्य योग प्रशिक्षक रूपेश कुमार सोनी ने लोकल 18 को बताया कि आज की युवा पीढ़ी और विशेष कर बच्चे जो कल का भविष्य कहलाते हैं, उनका आजकल पढ़ाई में मन नहीं लगता है या तो कम लगता है ,आजकल के बच्चे सोशल मीडिया, मोबाइल का ज्यादातर इस्तेमाल के कारण काफी डिस्टर्ब होने लगे हैं. यहां तक की स्कूल में शिक्षक जो पढ़ाते वो याद भी नहीं कर पाते हैं. जिनके कारण उनके नंबर अच्छे नहीं आ रहे हैं. रिजल्ट खराब हो रहा है. कैसे बच्चों का पढ़ाई पर मन ज्यादा लगे और जो पढ़े वो उन्हें याद रहे उसके लिए आवश्यकता है, केवल एक योग करने की. जिसका नाम है अनुलोम विलोम
सबसे पहले पद्मासन या वज्रासन में बैठ जाएंगे. दाहिने हाथ की अंगूठे से दाहिनी नासिका(नाक) बंद करेंगे. बाईं नासिका से धीरे-धीरे श्वास लेंगे. फिर अनामिका से बाईं नासिका बंद करेंगे. दाहिने से सांस छोड़ेंगे. फिर उसी से सांस लेंगे फिर बाईं नासिका से सांस छोड़ेंगे. फिर सांस लेंगे यह एक आवृत्ति होगी. इसको बार-बार दोहराते हुए कम से कम 5 मिनट प्रतिदिन अभ्यास करना है. अभ्यास शुरू करने के 15 से 20 दिनों में याददाश्त की स्थिति पहले से बेहतर आपको महसूस होने लगेगी. जिसे हम अपने दिनचर्या में प्रतिदिन ब्रश, शौच जाते हैं उसी तरह इसे भी अपने जीवन में स्वीकार कर लेना है. सुबह शौच क्रिया से निवृत होने के बाद प्रतिदिन 5 मिनट का अनुलोम विलोम का अभ्यास करें. उसके कुछ देर बाद नाश्ता करने के बाद स्कूल वगैरह या काम वगैरह में जाएं.
शरीर के नस नाड़ियों की समस्याओं को भी समाप्त करने में कारगर है. पैर के अंगूठे से लेकर माथे तक किसी भी नस में यदि कोई समस्या है या कहीं कोई अवरोध आ गया है. या कोई नस सिकुड़ने लगा है. शरीर के किसी अंग में झुनझुनी हो रही है, पक्षाघात की समस्या हो रही है, किसी नस में अवरोध आने के कारण आपका कोई अंग सुन्न हो गया है, काम करना बंद कर दिया है, चक्कर, माथे में दर्द, छोटी बड़ी कोई भी समस्या हो यहां तक की कोई हड्डी बढ़ गया हो, नस को दबाने का कार्य कर रहा हो, जिससे आपका रक्त का संचरण अच्छे से नहीं हो पा रहा हो. इन सभी समस्याओं को समाप्त कर देगा यह एक छोटा सा अभ्यास अनुलोम विलोम.
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Read Full Blog...तांबे के बर्तन में कितने दिन तक पानी पीना चाहिए? तांबे के बर्तन रखा पानी फायदेमंद माना जाता है लेकिन कुछ लोगों इसे नहीं पीना चाहिए. आइए जानते हैं किन बीमारियों में तांबे के बर्तन में रखा पानी फायदेमंद होता है और किन्हें नहीं पीना चाहिए यह पानी.
परंपरा में तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना काफी प्राचीन अभ्यास के रूप में जाना जाता है. यहां तक कि आयुर्वेद के साथ साथ विज्ञान भी तांबे के गुणों को मान्यता देते हैं. तांबे में मौजूद एंटी बैक्टीरियल, एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सेहत को फायदा पहुंचाते हैं. कुछ बीमारियों में भी इस पानी के पीने से फायदा (Tambe Me Pani Rakha Peene Ke Fayde) होता है लेकिन सभी के लिए यह फायदेमंद नहीं होता है. आइए जानते हैं तांबे के बर्तन में पानी पीने से कौन सी बीमारी ठीक (Tambe Me Rakha Pani Peene Se Kaun Bimari Hoti Hai Thik)होती है और किन्हें नहीं पीना चाहिए यह पानी (Kinhe Nahi Pina Chahiye Tambe Me Rakha Pani
तांबे के बर्तन में पानी पीने से गैस, एसिडिटी, कब्ज, एनीमिया और अर्थराइटिस जैसी कई बीमारियों में राहत मिलती है. तांबे में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाचन को बेहतर बनाते हैं और बॉडी को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं. यह आयरन के बेहतर अवशोषण में मदद करता है, जिससे एनीमिया में लाभ मिलता है. एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण अर्थराइटिस के सूजन और दर्द को कम करते हैं
तांबे के बर्तन में रातभर रखा पानी सुबह खाली पेट पीने से एनीमिया में लाभ होता है. इसके अलावा यह पानी थायराइड हार्मोन को बैलेंस करने में मदद करता है. यह मेटाबॉलिज्म को ठीक रखता है और शरीर के अंदर हार्मोनल असंतुलन को कम करने में सहायक साबित होता है.
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तांबे के बर्तन में पानी पीने से कौन सी बीमारी ठीक होती है? तांबे के बर्तन में रखा पानी कौन नहीं पी सकता है, जान लें यहां
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तांबे के बर्तन में पानी पीने से कौन सी बीमारी ठीक होती है? तांबे के बर्तन में रखा पानी कौन नहीं पी सकता है, जान लें यहांतांबे के बर्तन में कितने दिन तक पानी पीना चाहिए? तांबे के बर्तन रखा पानी फायदेमंद माना जाता है लेकिन कुछ लोगों इसे नहीं पीना चाहिए. आइए जानते हैं किन बीमारियों में तांबे के बर्तन में रखा पानी फायदेमंद होता है और किन्हें नहीं पीना चाहिए यह पानी.
Edited by:
अनु चौहान
लाइफस्टाइल
सितंबर 13, 2025 07:08 am IST
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तांबे के बर्तन में पानी पीने से कौन सी बीमारी ठीक होती है? तांबे के बर्तन में रखा पानी कौन नहीं पी सकता है, जान लें यहांतांबे का पानी कब नहीं पीना चाहिए?
Drinking water in a copper vessel: भारतीय परंपरा में तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना काफी प्राचीन अभ्यास के रूप में जाना जाता है. यहां तक कि आयुर्वेद के साथ साथ विज्ञान भी तांबे के गुणों को मान्यता देते हैं. तांबे में मौजूद एंटी बैक्टीरियल, एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सेहत को फायदा पहुंचाते हैं. कुछ बीमारियों में भी इस पानी के पीने से फायदा (Tambe Me Pani Rakha Peene Ke Fayde) होता है लेकिन सभी के लिए यह फायदेमंद नहीं होता है. आइए जानते हैं तांबे के बर्तन में पानी पीने से कौन सी बीमारी ठीक (Tambe Me Rakha Pani Peene Se Kaun Bimari Hoti Hai Thik)होती है और किन्हें नहीं पीना चाहिए यह पानी (Kinhe Nahi Pina Chahiye Tambe Me Rakha Pani)
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तांबे के बर्तन में पानी पीने के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of drinking water in a copper vessel)
तांबे के बर्तन में पानी पीने से कौन सी बीमारी ठीक होती है
तांबे के बर्तन में पानी पीने से गैस, एसिडिटी, कब्ज, एनीमिया और अर्थराइटिस जैसी कई बीमारियों में राहत मिलती है. तांबे में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाचन को बेहतर बनाते हैं और बॉडी को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं. यह आयरन के बेहतर अवशोषण में मदद करता है, जिससे एनीमिया में लाभ मिलता है. एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण अर्थराइटिस के सूजन और दर्द को कम करते हैं.
तांबे के बर्तन में रातभर रखा पानी सुबह खाली पेट पीने से एनीमिया में लाभ होता है. इसके अलावा यह पानी थायराइड हार्मोन को बैलेंस करने में मदद करता है. यह मेटाबॉलिज्म को ठीक रखता है और शरीर के अंदर हार्मोनल असंतुलन को कम करने में सहायक साबित होता है.
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गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को तांबे का पानी नहीं पीना चाहिए.जिन लोगों को दस्त, उल्टी, मतली, गैस, पेट में जलन या गंभीर रक्तस्राव से जुड़ी गंभीर बीमारियां हैं, उन्हें तांबे का पानी पीने से बचना चाहिए. विल्सन रोग से पीड़ित व्यक्ति, जिसके शरीर में तांबे का स्तर पहले से ही बढ़ा हुआ होता है, उसे भी तांबे का पानी नहीं पीना चाहिए.
तांबे के बर्तनों के अधिक इस्तेमाल या गलत तरीके से इस्तेमाल करने पर कॉपर टॉक्सिसिटी हो सकती है, जिसके कारण मतली, उल्टी, पेट दर्द और दस्त जैसी पेट संबंधी समस्याएं होने का खतरा रहता है. कुछ मामलों में लिवर और किडनी को नुकसान हो सकता है. खट्टी चीजें, जैसे नींबू या दही, तांबे के बर्तनों में नहीं रखनी चाहिए. इससे हानिकारक रिएक्शन हो सकता है.
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