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Blog by ilma | Digital Diary

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पेट की जिद्दी चर्बी घटाने में आ रही मुश्किल? बस इन 5 योगासन से आप तेजी अपना वेट लॉस तेजी से कर सकते हो बस ये कर लो योगसन


पेट की जिद्दी चर्बी घटाने में आ रही मुश्किल नही होरा वेट लॉस ? इन 5 योगासन से आप तेजी से होगा वेट लॉस पेट के आसपास जमी चर्बी कई लोगों के लिए एक बड़ी समस्या बन गई है। गलत खान-पान, तनाव और घंटों बैठकर काम करने की आदत के कारण यह चर्बी आसानी से कम नहीं होती है। ऐसे में आप इन योगासनों को करके पेट की जिद्दी चर्बी को आसानी से कम कर सकते हैं। अगर आप भी पेट की जिद्दी चर्बी घटाना चाहते हैं और लाख कोशिशों के... Read More

पेट की जिद्दी चर्बी घटाने में आ रही मुश्किल नही होरा वेट लॉस ? इन 5 योगासन से आप तेजी से होगा वेट लॉस

पेट के आसपास जमी चर्बी कई लोगों के लिए एक बड़ी समस्या बन गई है। गलत खान-पान, तनाव और घंटों बैठकर काम करने की आदत के कारण यह चर्बी आसानी से कम नहीं होती है। ऐसे में आप इन योगासनों को करके पेट की जिद्दी चर्बी को आसानी से कम कर सकते हैं।

अगर आप भी पेट की जिद्दी चर्बी घटाना चाहते हैं और लाख कोशिशों के बाद भी वजन कम नहीं हो रहा है, तो आप अपनी दिनचर्या में योगासन को शामिल कर सकते हैं। इससे आप पूरे दिन एक्टिव भी रहेंगे और आपका वजन भी तेजी से घटने लगेगा।

भुजंगासन: Cobra Pose

पेट की चर्बी को कम करने के लिए भुजंगासन एक बेहतर योगासन है। इसे करने से मांसपेशियों पर सीधा असर पड़ता है, जिससे पेट के आसपास जमी चर्बी तेजी से बर्न होने लगती है। आप रोजाना 5-6 बार यह आसन आसानी से कर सकते हैं।

नौकासन: Boat Pose

नौकासन करने से भी पेट की चर्बी तेजी से कम होती है। इसे करने से पेट की मांसपेशियों पर जोर पड़ता है, जिससे फैट तेजी से बर्न होता है। इस आसन से पाचन भी बेहतर होता है। आप इसे रोजाना कर सकते हैं।

धनुरासन: Bow Pose

धनुरासन करने से पूरी बॉडी की स्ट्रेचिंग हो जाती है। इससे पेट के निचले हिस्से की चर्बी तेजी से कम होती है और मेटाबॉलिज्म भी बढ़ने लगता है।

त्रिकोणासन

वजन घटाने के लिए त्रिकोणासन काफी प्रभावी है। इसे करने के लिए Yoga Mat पर सीधा खड़े होकर दोनों पैरों को लगभग तीन फुट की दूरी पर फैलाएं। अब दायां हाथ ऊपर उठाकर कान के पास रखें और बायां हाथ नीचे झुकाकर टखने के पास ले जाएं। इस आसन से पूरे शरीर में स्ट्रेचिंग होती है, जिससे लचीलापन और फिटनेस दोनों बढ़ते हैं।

प्लैंक पोज

प्लैंक पोज को योग और फिटनेस दोनों में बेहद प्रभावी माना जाता है। यह पूरे शरीर की मांसपेशियों को मजबूत करता है, खासतौर पर कोर मसल्स पर काम करता है। रोजाना 1–2 मिनट तक प्लैंक होल्ड करने से चर्बी घटाने में तेजी आती है।

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मुँह के छालों के लिए योग और प्राणायाम


मुँह के छालों के लिए योग और प्राणायाम मुँह के छाले मुँह में असहनीय दर्द पैदा करते हैं और अक्सर कई दिनों तक इसका पता नहीं चलता। यह होठों, जीभ, गालों के भीतरी भाग, मसूड़ों या मुँह की छत पर घाव के रूप में प्रकट हो सकता है। यद्यपि यह कोई बीमारी नहीं है, लेकिन इसका मूल कारण कई चिंताओं का संकेत हो सकता है। मुँह के छालों के कारण प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष हो सकते हैं। अप्रत्यक्ष कारण आपको किसी अंतर्निहित बी... Read More

मुँह के छालों के लिए योग और प्राणायाम

मुँह के छाले मुँह में असहनीय दर्द पैदा करते हैं और अक्सर कई दिनों तक इसका पता नहीं चलता। यह होठों, जीभ, गालों के भीतरी भाग, मसूड़ों या मुँह की छत पर घाव के रूप में प्रकट हो सकता है। यद्यपि यह कोई बीमारी नहीं है, लेकिन इसका मूल कारण कई चिंताओं का संकेत हो सकता है।

मुँह के छालों के कारण प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष हो सकते हैं। अप्रत्यक्ष कारण आपको किसी अंतर्निहित बीमारी के प्रति सचेत करते हैं।

शीतली प्राणायाम

मुँह के छालों का एक कारण शरीर के अंदर की गर्मी है, इसलिए शीतली प्राणायाम शरीर के तापमान को ठंडा कर बहुत मदद करता है और पाचन में भी सुधार करता है। शीतली प्राणायाम करने के चरण इस प्रकार हैं:

  • किसी समतल सतह पर पर आराम से बैठें।
  • अपनी हथेलियों को घुटनों पर रखें।
  • आराम करें और अपनी जीभ को ट्यूब की तरह घुमाएँ।
  • जीभ से साँस अंदर लें और फिर अपना मुँह बंद कर लें।
  • धीरे-धीरे नाक से साँस छोड़ें और तापमान में बदलाव महसूस करें।
  • प्रक्रिया को दोहराएँ।

शीतकारी प्राणायाम

यह प्राणायाम मन और शरीर को शांत करता है, शरीर में अग्नि तत्व (पित्त) को संतुलित करता है और पूरे शरीर से विषाक्त पदार्थों को साफ करता है। शीतकारी प्राणायाम करने के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें:

  • किसी समतल सतह पर आराम से बैठें।
  • अपनी हथेलियों को घुटनों पर रखें।
  • आराम करें, अपनी आँखें बंद करें और अपनी जीभ को अपने तालू (मुँह की छत) से स्पर्श करें।
  • दाँतों को आपस में भींच लें और अपना मुँह खुला रखें।
  • अब मुँह से धीरे-धीरे साँस अंदर लें और फुफकारने जैसी आवाज करें।
  • अपनी साँस को यथासंभव लंबे समय तक रोके रखें।
  • अपनी गर्दन को नीचे की ओर झुकाएँ और नाक से साँस छोड़ें।
  • प्रक्रिया को दोहराएँ।

सूर्य नमस्कार

सूर्य नमस्कार सबसे अधिक प्रचलित योगासन है जिसमें कई आसनों का संयोजन है। चूंकि मुँह के छाले विटामिन की कमी के कारण हो सकते हैं, इसलिए नियमित रूप से सूर्य नमस्कार करने से प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ती है और मुँह के छालों से बचाव होता है। यह कई समस्याओं का एकमात्र समाधान है, जैसे पीठ दर्द, कम चयापचय, तनाव और चिंता, त्वचा संबंधी समस्याएँ, मासिक धर्म संबंधी समस्याएँ आदि।

सेतु बंधासन

सेतु बंधासन एक योगासन है जो वायरल संक्रमण से लड़ने में मदद करता है और मुँह के छालों को रोकता है। यह आसन छाती और फेफड़ों को खोलता है और मन को शांत करता है। यह रक्त परिसंचरण को बेहतर बनाने तथा तनाव, चिंता और अवसाद को दूर करने में मदद करता है।

निष्कर्ष

आप इन परीक्षित घरेलू उपचारों से भी मुँह के छालों को प्राकृतिक रूप से शीघ्रता से ठीक कर सकते हैं:

  • शहद
  • नारियल तेल
  • एलोवेरा जेल
  • सिरका
  • तुलसी तेल
  • हल्दी का पेस्ट

इनके अलावा, हाइड्रेटेड और खुश रहना, मौखिक स्वच्छता सुनिश्चित करना और मसालेदार और जंक फूड से बचना याद रखें। ध्यान और सुदर्शन क्रिया से अपना भावनात्मक संतुलन और शांति बनाए रखें।

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फटी एड़ियों से परेशान हैं तो जानिए कैसे दूर होगी दिक्कत हो जाएंगी मुलायम बस आप चे कर के देखो इमानदारी के साथ


फटी एड़ियों से परेशान हैं  हो जाएंगी मुलायम फटी एड़ियां पैरों की सुंदरता बिगाड़ देती हैं. कई बार यह इतनी कट-फट जाती हैं कि इनसे खून तक निकलने लगता है. ऐसे में यहां जानिए किस तरह दूर होगी फटी एड़ियों की दिक्कत. ड्राइनेस के कारण, पैरों को बहुत देर तक पानी में रखने से, जमीन पर नंगे पांव चलने से या एड़ियों की ठीक तरह से सफाई ना करने पर फटी एड़ियों की दिक्कत हो जाती है. एड़ियां फट जाती हैं तो देखन... Read More

फटी एड़ियों से परेशान हैं  हो जाएंगी मुलायम

फटी एड़ियां पैरों की सुंदरता बिगाड़ देती हैं. कई बार यह इतनी कट-फट जाती हैं कि इनसे खून तक निकलने लगता है. ऐसे में यहां जानिए किस तरह दूर होगी फटी एड़ियों की दिक्कत.

ड्राइनेस के कारण, पैरों को बहुत देर तक पानी में रखने से, जमीन पर नंगे पांव चलने से या एड़ियों की ठीक तरह से सफाई ना करने पर फटी एड़ियों की दिक्कत हो जाती है. एड़ियां फट जाती हैं तो देखने में तो बुरी लगती ही हैं, साथ ही इनसे खून भी बह सकता है. वहीं, एड़ी का फटना और ऊपर से डेड स्किन सेल्स का जरूरत से ज्यादा बढ़ जाना स्किन को परमानेंट डैमेज भी कर सकता है. ऐसे में इस फटी एड़ी की दिक्कत से छुटकारा पाना जरूरी होता है. 

फटी एड़ियों से छुटकारा कैसे पाएं | How To Get Rid Of Cracked Heels

  •   कहना है कि सुबह के समय मॉइस्चराइजर लगाएं. इससे पैर हाइड्रेटेड रहते हैं और पूरा दिन पैरों को मॉइस्चर मिलता है.
  • रात के समय सैलिसिलिक एसिड या यूरिया बेस्ड क्रीम लगाएं जिससे फटी एड़ियां भरने लगें. इससे कटी स्किन भरने लगेगी और डेड स्किन छूटकर निकल जाएगी.
  • अपने पैरों को हफ्ते में 2 से 3 बार 15 मिनट के लिए हल्के गर्म पानी में भिगोकर रखें. इससे एड़ी पर जमी मोटी स्किन को घिसकर निकालना आसान हो जाएगा. पैर भिगोकर रखने के बाद ग्लाइकॉलिक एसिड बेस्ड क्रीम लगाएं. इससे डेड स्किन सेल्स एक्सफोलिएट होकर निकल जाएंगी.
  • रात में कोशिश करें कि आप कॉटन के जुराब पहनकर सोएं. क्रीम लगाने के बाद जुराब पहनकर सोने से त्वचा पर हाइड्रेशन लॉक हो जाती है और डैमेज नहीं होता.

कमेंट करे आप के लिए  ये केसा रहा 


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40 की उम्र में भी आप लगेंगी 20 की बिना एक रूपए खर्च किए इस थेरेपी से चेहरे पर आएगा गुलाबी निखार और कसाव । बस एक बार कर लो फिर फरक खुद दिख जाएगा 


40 की उम्र में भी आप लगेंगी 20 की, बिना एक रूपए खर्च किए इस थेरेपी से चेहरे पर आएगा गुलाबी निखार और कसाव । बस एक बार कर लो फिर फरक खुद दिख जाएगा  आप अपनी स्किन रूटीन को फॉलो करके अपनी त्वचा की खूबसूरती को बरकरार रख सकती हैं. इसके लिए आपको पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है. हर किसी की चाहत होती है कि वो ताउम्र जवां दिखे, लेकिन ऐसा होता नहीं है. उम्र बढ़ने के साथ आपके हाथ पैर की ताकत कम होने लगती... Read More

40 की उम्र में भी आप लगेंगी 20 की, बिना एक रूपए खर्च किए इस थेरेपी से चेहरे पर आएगा गुलाबी निखार और कसाव । बस एक बार कर लो फिर फरक खुद दिख जाएगा 

आप अपनी स्किन रूटीन को फॉलो करके अपनी त्वचा की खूबसूरती को बरकरार रख सकती हैं. इसके लिए आपको पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है.

हर किसी की चाहत होती है कि वो ताउम्र जवां दिखे, लेकिन ऐसा होता नहीं है. उम्र बढ़ने के साथ आपके हाथ पैर की ताकत कम होने लगती है और चेहरे की चमक और कसावट भी फीकी पड़ने लगती है. लेकिन आप अपनी स्किन रूटीन को फॉलो करके अपनी त्वचा की खूबसूरती को बरकरार रख सकती हैं. इसके लिए आपको पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है. बस आपको अपनी रूटीन में कुछ जरूरी बदलाव करना है. तो चलिए जानते हैं क्या हैं वो चेंजेज. 

कैसे रखें अपने आपको जवां

1- अगर आप चाहती हैं कि आपकी स्किन हमेशा चमकदार दिखे तो इसके लिए आप सबसे पहले तो नहाने से शुरूआत करें. आप गर्मी में ठंडे पानी से तो नहाएं ही साथ ही, सर्दी में भी ठंडे पानी का इस्तेमाल करें. ठंडे पानी से नहाने से कोलेजन का स्तर बढ़ता है. इससे चेहरे पर झुर्रियां (wrinkle on face) कम होती हैं. साथ ही तनाव भी नहीं होता और नींद भी अच्छी आती है. 

2- हालांकि कोल्ड शॉवर (cold shawer benefits for health) ना सिर्फ आपकी स्किन के लिए बल्कि ओवर ऑल हेल्थ के लिए अच्छा होता है. लेकिन कोई भी नई दिनचर्या शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लीजिए. क्योंकि कुछ लोगों को इससे नुकसान भी हो सकता है. वहीं, गर्भवती महिलाएं तो बिना डॉक्टर से सलाह लिए यह रूटीन फॉलो ना करें. 

 

3- अवसाद का भी इलाज करती है कोल्ड थेरेपी (cold therapy). आपको बता दें कि ठंडा शॉवर लेने से एड्रेनालाईन में 540 प्रतिशत और डोपामाइन में 250 प्रतिशत की वृद्धि होती है. आपको बता दें कि यह डिप्रेशन की दवाएं हैं. इससे शरीर में बेहतर ब्लड सर्कुलेशन होता है. 

 

4- आप ठंडे पानी से पहले दिन 15 सेकेंड नहाएं, फिर अगले दिन 30 सेकेंड. ऐसे ही आप 2 मिनट के कोल्ड शॉवर तक पहुंचे. अब से आप इस थेरेपी को अपनाकर देखिए, फिर देखिए कैसे आपके चेहरे पर चमक और कसाव आतीहै.

 

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जबड़े में दर्द है? TMJ की परेशानी कम करने के लिए 3 योग रणनीतियाँ


जबड़े में दर्द है? TMJ की परेशानी कम करने के लिए 3 योग रणनीतियाँ यदि आपको क्लिक, जबड़े का फटना, जबड़े में या उसके आसपास दर्द, जबड़े का लॉक होना, दांतों के आसपास दर्द और जागने पर पीड़ा महसूस होती है, तो संभावना है कि आप टीएमजे दर्द से पीड़ित हैं । टीएमजे दर्द की तीन मुख्य श्रेणियां हैं: मायोफेशियल दर्द: मांसपेशियों और ऊतकों में दर्द जोड़ का विकार, जिसका अर्थ है टेम्पोरोमैंडिबुलर जोड़ के भीतर गलत स... Read More

जबड़े में दर्द है? TMJ की परेशानी कम करने के लिए 3 योग रणनीतियाँ

यदि आपको क्लिक, जबड़े का फटना, जबड़े में या उसके आसपास दर्द, जबड़े का लॉक होना, दांतों के आसपास दर्द और जागने पर पीड़ा महसूस होती है, तो संभावना है कि आप टीएमजे दर्द से पीड़ित हैं ।

टीएमजे दर्द की तीन मुख्य श्रेणियां हैं:

  • मायोफेशियल दर्द: मांसपेशियों और ऊतकों में दर्द
  • जोड़ का विकार, जिसका अर्थ है टेम्पोरोमैंडिबुलर जोड़ के भीतर गलत संरेखण
  • टेम्पोरोमैंडिबुलर जोड़ के आसपास अपक्षयी जोड़ रोग 

गर्दन, कंधों और छाती के आसपास की मांसपेशियों को स्ट्रेच करने से इस असुविधा से कुछ राहत मिल सकती है। स्ट्रेचिंग और सपोर्टेड योगासन से जकड़न को दूर करने से मायोफेशियल तनाव कुछ हद तक कम हो सकता है और जबड़े को बेहतर तरीके से संरेखित करने में मदद मिल सकती है।

टीएमजे दर्द से राहत के लिए 3 योग अभ्यास

1. बॉडी स्कैन करें

अपने शरीर में दर्द और बेचैनी की जांच करना यह पता लगाने का एक अच्छा तरीका है कि आपको कहां तनाव और टीएमजे दर्द का अनुभव हो रहा है। 

  • आप इसे लेटकर या बैठकर कर सकते हैं।
  • अपने शरीर को स्कैन करें, अपना ध्यान पूरे सिर पर ले जाएं - खोपड़ी से माथे तक, आंखों से, गालों से, नाक से, मुंह से, जबड़े तक, और गर्दन तक (सामने, बगल और पीछे), ऊपरी पीठ और कंधों के साथ-साथ छाती की मांसपेशियों तक।
  • ध्यान दें कि क्या आपके शरीर के किसी हिस्से में तनाव है या आपको असहजता महसूस हो रही है। अपनी साँसों का इस्तेमाल करके तनाव वाले किसी भी हिस्से को आराम पहुँचाने में मदद करें।
  • श्वास लें, सांस अंदर लें और निरीक्षण करें।
  • सांस छोड़ें, तनाव मुक्त करें और प्रत्येक क्षेत्र में मांसपेशी ऊतक को आराम देने पर ध्यान केंद्रित करें।
  • तनाव वाले क्षेत्र को मुक्त करने के लिए श्वास चक्र के जितने चक्र आवश्यक हों उतने लें।

अक्सर, टीएमजे (TMJ) से पीड़ित लोगों के सिर, गर्दन और कंधों में बहुत ज़्यादा तनाव रहता है। एक साधारण बॉडी स्कैन आपके तनाव को समझने और उसे दूर करने पर ध्यान केंद्रित करने में आपकी मदद कर सकता है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसे ज़रूरत पड़ने पर बार-बार दोहराया जा सकता है।

2. अपनी गर्दन को स्ट्रेच करें

गर्दन को खींचना भी टीएमजे की असुविधा और दर्द से राहत पाने का एक अच्छा तरीका है, क्योंकि तनावग्रस्त गर्दन की मांसपेशियां और प्रावरणी जबड़े में दर्द को काफी हद तक प्रभावित कर सकती हैं।     

  • बैठते समय, अपने सिर को एक तरफ झुकाएँ, कान को कंधे की ओर झुकाएँ और ठुड्डी को आगे की ओर रखें। 3 से 4 साँसों तक इसी स्थिति में रहें।
  • अपने सिर को एक तरफ़ झुकाकर, अपनी ठुड्डी को उसी कंधे की ओर नीचे घुमाएँ। 3 से 4 साँसों तक इसी स्थिति में रहें।
  • अपने सिर को वापस प्रारंभिक बिंदु पर घुमाएं।
  • इस चक्र को प्रत्येक तरफ 2 या 3 बार दोहराएं।

ऐसा पूरे दिन करें, विशेषकर जब भी आपको लगे कि आपके कंधे तनावग्रस्त होने या तनावग्रस्त होने के कारण ऊपर उठने लगे हैं, विशेषकर वाहन चलाते समय या कोई उपकरण पकड़ते समय।

3. समर्थित बैकबेंड का अभ्यास करें

सपोर्टेड बैकबेंड्स गर्दन , कंधों और छाती की मांसपेशियों में तनाव दूर करने का एक बेहतरीन तरीका है। जैसे-जैसे हमारी छाती की मांसपेशियां कसती हैं, हम अपने कंधों को आगे की ओर खींचते हैं, जिससे हमारी ठुड्डी भी आगे की ओर खिंचती है।    

  • एक कम्बल को एक लम्बे बेलन के आकार में मोड़कर, उसे योगा मैट पर इस प्रकार रखें कि वह आपके योगा मैट के लम्बे किनारों के समानांतर हो।
  • अपने कंबल रोल के सामने ज़मीन पर बैठ जाएँ, इस तरह कि आपका पिछला हिस्सा रोल के सिरे को छू रहा हो। रोल पर पीठ के बल लेट जाएँ ताकि आपकी कमर की रीढ़ का ऊपरी हिस्सा, आपकी वक्षीय और ग्रीवा रीढ़, और आपका सिर, सभी कंबल पर टिके रहें।
  • अपनी बाहों को बगलों में फैलाएँ, हथेलियाँ ऊपर की ओर हों। अपनी रीढ़ को सहारा दें और अपनी छाती, कंधों और गर्दन के आसपास की मांसपेशियों को उस सहारे में आराम करने दें।
  • आपके कूल्हे ज़मीन पर होने चाहिए। आपके घुटने मुड़े हुए रह सकते हैं, या आपके पैर फैले हुए हो सकते हैं।
  • कम से कम कुछ मिनट तक इसी स्थिति में रहें। ऐसा करते समय अपनी नाक से साँस अंदर-बाहर करें।
  • लंबी साँसें लें, साँस लेने और छोड़ने की गति बढ़ाएँ। अपने दांतों को थोड़ा सा अलग करें ताकि उनके बीच जगह हो।
  • अपने पूरे शरीर को समर्थित मुद्रा में आराम करने दें और तनाव को दूर होने दें।

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सिर दर्द से रहते हो परेशान आज कल ये परेशानी बहुत तेजी से पढ़ती जा रही अप परेशान नही होना अगर आप चे योग अप ढेली रूटी मे लाए तो फरक आपको कुछ दिनो मे ही दिखा जाएगा


सिर में दर्द होने पर कौन सा योग करना चाहिए ? ऐसे में प्राणायाम का अभ्यास करना आपके लिए कई तरह से फायदेमंद होता है। आपको कई तरह के प्राणायाम जैसे ओम् चैटिंग, कपालभांति प्राणायाम, अनुलोम-विलोम प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम आदि का अभ्यास अवश्य करना चाहिए। यह आपके शरीर को भीतर से रिलैक्स करते हैं, जिससे आपको तनाव कम होता है और फिर सिरदर्द की शिकायत नहीं होती है। 2 मिनट में सिरदर्द से कैसे छुटकारा पाएं?... Read More

सिर में दर्द होने पर कौन सा योग करना चाहिए ?

ऐसे में प्राणायाम का अभ्यास करना आपके लिए कई तरह से फायदेमंद होता है। आपको कई तरह के प्राणायाम जैसे ओम् चैटिंग, कपालभांति प्राणायाम, अनुलोम-विलोम प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम आदि का अभ्यास अवश्य करना चाहिए। यह आपके शरीर को भीतर से रिलैक्स करते हैं, जिससे आपको तनाव कम होता है और फिर सिरदर्द की शिकायत नहीं होती है।

2 मिनट में सिरदर्द से कैसे छुटकारा पाएं?

तनाव से होने वाले सिरदर्द से राहत पाने के लिए प्रत्येक हाथ पर 30 सेकंड तक मालिश करें। माइग्रेन से तुरंत राहत पाने के लिए अपने माथे पर ठंडी सिकाई करें या तनाव से होने वाले सिरदर्द को शांत करने के लिए गर्दन पर गर्म सिकाई करें।


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हाथ पैर मे रैहता है दर्द इस को राहत दिलाना चाहते हो तो यह योगासन रोज कीजिए


हाथ-पैर में दर्द से राहत दिलाएंगे ये योगासन, रोज कीजिए इनका अभ्यास गलत लाइफस्टाइल और खान पान में पोषण की कमी के कारण लोग कई तरह की शारीरिक समस्याओं से पीड़ित हो जाते हैं। आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में काम के चक्कर में लोगों को इधर-उधर भाग दौड़ करनी होती है। व्यस्त शेड्यूल की वजह से शरीर को आराम न मिल पाने पर व्यक्ति के पैरों पर दबाव पड़ता है और पैरों में दर्द की समस्या हो जाती है। गड़बड़ जीवनशैली... Read More

हाथ-पैर में दर्द से राहत दिलाएंगे ये योगासन, रोज कीजिए इनका अभ्यास

गलत लाइफस्टाइल और खान पान में पोषण की कमी के कारण लोग कई तरह की शारीरिक समस्याओं से पीड़ित हो जाते हैं। आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में काम के चक्कर में लोगों को इधर-उधर भाग दौड़ करनी होती है। व्यस्त शेड्यूल की वजह से शरीर को आराम न मिल पाने पर व्यक्ति के पैरों पर दबाव पड़ता है और पैरों में दर्द की समस्या हो जाती है। गड़बड़ जीवनशैली और लगातार बैठे रहने की आदत के कारण हाथ और पैरों में दर्द बढ़ जाता है। लोग इस शारीरिक दर्द को दूर करने के लिए और हाथ पैर को आराम दिलाने के लिए मालिश करते हैं। मालिश से दर्द में त्वरित आराम तो मिल जाता है लेकिन दर्द लगातार लंबे समय तक बना रहता है। इसलिए शरीर दर्द से निजात के लिए स्थाई इलाज के तौर पर योग फायदेमंद है। योग विशेषज्ञ के मुताबिक, नियमित योगाभ्यास से हाथ पैर में दर्द की समस्या को कम किया जा सकता है। कुछ आसन ऐसे होते हैं, जो पैरों की मांसपेशियों को मजबूती देते हैं और हल्का महसूस कराने में मदद करते हैंI

सेतुबंधासन

इस आसन को ब्रिज पोज योग भी कहते हैं। सेतुबंधासन पैरों और कमर दर्द से छुटकारा दिलाने में लाभदायक माना जाता है। इस आसन को करने से पैरों की मांसपेशियों में रक्त का संचार बढ़ता है। जिससे पैरों में होने वाला दर्द ठीक होने लगता है। सेतुबंधासन करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं। अब पैरों को कंधे की चौड़ाई से अलग करते हुए घुटनों को मोड़ लें। हथेलियों को खोले और हाथ बिल्कुल सीधा जमीन पर सटा लें। सांस लेते हुए कमर के हिस्से को ऊपर की ओर उठाएं और कंधे व सिर को सपाट जमीन पर टिका कर रखें। बाद में सांस छोड़ते हुए पुरानी स्थिति में आ जाएं।

उत्तानासन

उत्तानासन योगाभ्यास से पैरों के दर्द और जकड़न की समस्या से निजात मिलता है। ये आसन कमर और रीढ़ के लिए भी फायदेमंद होता है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पैरों को कूल्हे की चौड़ाई से अलग करते हुए घुटनों को सीधा रखें और आगे की ओर झुक कर पैरों के पिछले हिस्से को छूने की कोशिश करें।

बालासन

 

बालासन को चाइल्ड पोज कहा जाता है। इस आसन के नियमित योगाभ्यास से पैरों के दर्द की समस्या को कम किया जा सकता है। चाइल्ड पोज को करने के लिए जमीन पर वज्रासन अवस्था में बैठ जाएं। अब सांस अंदर लेते हुए अपने दोनों हाथों को सीधा सिर के ऊपर उठा लें। फिर सांस बाहर छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें। हथेलियों और सिर को जमीन पर टिकाते हुए लंबी सांस अंदर लें और बाहर छोड़ें। अब अपनो दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में जोड़ें और सिर को दोनों हथेलियों के बीच में धीरे से रख लें। थोड़ी देर इसी अवस्था में रहें और फिर पुरानी स्थिति में आ जाएं।  

भुजंगासन

 

पैरों और शरीर दर्द से राहत दिलाने के लिए भुजंगासन लाभदायक है। इस आसन को करने के लिए जमीन पर पेट के बल लेट जाएं। दोनों पैरों के बीच कम दूरी रखें और गहरी सांस लेते हुए कमर के ऊपरी भाग को ऊपर की तरफ उठाएं। इस दौरान कोहनी सीधी रखें और पैरों को मोड़ते समय ज्यादा खिंचाव न लाएं। 

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बालो से हो परेशान नही पड़ पाते सोच रहे हो के ऐसा क्या किया जाए जो बाल दोगुनी तेजी से बढ़ने लगे बस ये कर लो कुछ योगासन आप को खुद को ही फरक दिखने लगेगा और हेयर फॉल भी रुक जायगा


दोगुनी तेजी से बढ़ने लगेंगे बाल, रुक जाएगा हेयर फॉल; रोज करें ये 8 योगासन क्या आप बालों से जुड़ी समस्याओं से राहत पाना चाहते हैं। अगर हां तो इसमें कुछ योगासन आपकी मदद कर सकते हैं। आइए जानते हैं उन योगासनों के बारे में जो बाल बढ़ाने और झड़ने से बचाने में कारगर हो सकते हैं। आज के समय में खुद को फिट और आकर्षक बनाए रखने का चलन सबसे ज्यादा है। यही कारण है कि लोग अपनी बढ़ती उम्र से लेकर अपने झड़ते बालों... Read More

दोगुनी तेजी से बढ़ने लगेंगे बाल, रुक जाएगा हेयर फॉल; रोज करें ये 8 योगासन

क्या आप बालों से जुड़ी समस्याओं से राहत पाना चाहते हैं। अगर हां तो इसमें कुछ योगासन आपकी मदद कर सकते हैं। आइए जानते हैं उन योगासनों के बारे में जो बाल बढ़ाने और झड़ने से बचाने में कारगर हो सकते हैं।

आज के समय में खुद को फिट और आकर्षक बनाए रखने का चलन सबसे ज्यादा है। यही कारण है कि लोग अपनी बढ़ती उम्र से लेकर अपने झड़ते बालों के निवारण हेतु कोई ना कोई उपाय खोजते रहते हैं। हो सकता है कि आप भी ऐसा करते हों। ऐसे में लोग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए योग का सहारा ले रहे हैं।

जिससे उन्हें लाभ भी होते हैं। लेकिन जब बात स्किन और बालों की आती है तो सभी सोच में पड़ जाते हैं। अगर आपके साथ ऐसा है तो बता दें योग केवल शरीर ही नहीं बल्कि स्किन और बालों की समस्याओं को भी निपटा सकता है।

ऐसे कई योगासन है जो आपके बालों की ग्रोथ को बेहतर करने का कार्य कर सकते हैं। इसके अलावा योग के जरिए आप झड़ते बालों की समस्या से भी छुटकारा पा सकते हैं। आइए जानते हैं इन योगासनों के बारे में।

शीर्षासन

यह आसन हैडस्टेंड पोजीशन के नाम से भी जाना जाता है। इस आसन को करने से सिर तक रक्त प्रवाह बेहतर होने लगता है जो बालों की झड़ने की और उनके पतला होने की समस्या को खत्म करता है। इसके अलावा सिर में बेहतर रक्त प्रवाह के चलते बालों की ग्रोथ भी बेहतर होने लगती है। यही नहीं अगर आपके बाल सफेद हो रहे हैं तो भी आप इस आसन को आजमा सकते हैं। साथ ही यह निष्क्रिय हो चुके हेयर फॉलिकल की क्षमता को बढ़ाने का कार्य भी करता है। बालों से जुड़ी समस्याओं से राहत पाने के लिए आप शीर्षासन को आजमा सकते हैं।

 

आसन की विधि

 

इस आसन को करने के लिए सबसे पहले अपने दोनों हाथों की उंगलियों को मिलाएं और इन्हें सिर के पीछे ले जाएं।

अब नीचे झुके और अपने सिर को जमीन पर रखें।

अब धीरे- धीरे बैलेंस बनाते हुए अपने पैरों को ऊपर की ओर लेकर जाएं।

ध्यान रहे इस दौरान आपको पूरी तरह उल्टा यानी सिर के बल खड़ा होना होगा।

अब कुछ समय होल्ड करने के बाद रेस्ट करें।

ध्यान रहे आसन करते समय संतुलन बनाए रखना जरूरी है।

शुरुआती समय में आप इस आसन को दीवार के सहारे भी कर सकते हैं।

यह आसन कैमेल मुद्रा के नाम से भी जानी जाती है। यह आसन शुरुआत में बहुत मुश्किल हो सकता है। लेकिन धीरे- धीरे इसे करना आसान हो जाता है। यह आसन आपकी सिर तर ऑक्सीजन के स्तर और रक्त प्रवाह की स्थिति को बेहतर करता है। इसके जरिए आपके हेयर फॉलिकल मजबूत होते हैं और बालों का विकास तेज होने लगता है। यह ना केवल बालों की ग्रोथ बढ़ाता है बल्कि इसके जरिए बाल घने होते हैं और इनकी गुणवत्ता भी अच्छी होने लगती है।

 

आसन की विधि

 

इस आसन को करने के लिए सबसे पहले दोनों पैरों को मिलाकर खड़े हो जाएं।

अब अपने हाथों को जितना हो सके उतना ऊपर की तरफ उठाएं।

इसके बाद सांस ले और छोड़ते हुए नीचे की तरफ आए हो सके तो जमीन को टच करें।

इसके बाद अगर आपको अधिक कष्ट ना हो रहा हो तो और नजदीक आए और अपने घुटनों को गले लगा लें।

इस पोजीशन में कुछ देर तक रहें इसके बाद रेस्ट करें।

ध्यान रहे अधिक जबरदस्ती खुद से बिल्कुल ना करें। जब आप आसन को करते रहेंगे तो प्रैक्टिस हो जाएगी और आप इसमें महारत हासिल कर लेंगे।

Comment mai me btana ye aap ke liye kesa rha

COmment me please 


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कमर के दर्द से परेशान उठना - बैठना हो रहा है नामुमकिन लेकिन अब लेकिन अब आप हुए पहले से बेहतर


कमर दर्द होने पर क्या करें और क्या नहीं? कमर दर्द होने पर आपको अनेक बातों का ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। जहाँ एक तरफ, थोड़ी सी लापरवाही आपकी परेशानियों को बढ़ा सकती है। वहीं दूसरी तरफ थोड़ी सी जागरूकता आपकी समस्या को दूर करने में मदद कर सकती है।   कमर दर्द होने पर डॉक्टर निम्न बातों को ध्यान में रखने का सुझाव देते हैं अच्छी मुद्रा में बैठें भारी सामान न उठाएं स्वस्थ वजन बनाकर रखें अपने शरीर... Read More

कमर दर्द होने पर क्या करें और क्या नहीं?

कमर दर्द होने पर आपको अनेक बातों का ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। जहाँ एक तरफ, थोड़ी सी लापरवाही आपकी परेशानियों को बढ़ा सकती है। वहीं दूसरी तरफ थोड़ी सी जागरूकता आपकी समस्या को दूर करने में मदद कर सकती है।

 

कमर दर्द होने पर डॉक्टर निम्न बातों को ध्यान में रखने का सुझाव देते हैं

  • अच्छी मुद्रा में बैठें
  • भारी सामान न उठाएं
  • स्वस्थ वजन बनाकर रखें
  • अपने शरीर की मालिश करें
  • लंबे समय तक एक जगह न बैठें
  • थोड़े-थोड़े समय पर ब्रेक लें और टहलें
  • शराब और सिगरेट आदि के सेवन से दूर बचें
  • रोजाना सुबह या शाम में हल्का-फुल्का व्यायाम करें
  • मांसपेशियों की मजबूती बढ़ाएं और उनमें लचीलापन लाएं

:अगर किसी तरह की कोई शंका यानी डाउट है तो विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करें। वे आपको डाइट, व्यायाम और जीवनशैली के संबंध में मदद कर सकते हैं जिससे आपको कमर के दर्द से राहत मिलने में आसानी होगी।

अगर कमर दर्द का कारण कोई गंभीर चोट या बीमारी नहीं है तो कुछ ख़ास घरेलू नुस्खों से इसका इलाज किया जा सकता है। बहुत सारे घरेलू उपचार और उपाय है, जिसकी सहायता से कमर दर्द से राहत मिल सकती है। यदि घरेलू उपचार कारगर साबित नहीं होते हैं, तो डॉक्टर से मिलने की सलाह दी जाती है। डॉक्टर विभिन्न विकल्पों के साथ कमर दर्द का इलाज करते हैं, जिसमें दवाएं, नॉन सर्जिकल उपचार और सर्जिकल उपचार शामिल हैं। ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक दवाएं या त्वचा पर लगाए जाने वाले मरहम है। चलिए पहले कमर दर्द से बचने के उपाय और फिर घरेलू उपचार के बारे में जानते हैं।  

01. गर्म पानी की सिकाई से कमर दर्द का इलाज

हल्का गर्म पानी अनेको समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। 

इससे कमर दर्द में भी बहुत फायदा होता है। हल्का गर्म पानी में नमक मिलाएं और उस पानी में तैलीय को भिगोकर उसे निचोड़ दें और फिर उससे अपने कमर और पीठ की सिकाई करें।

 

इस बात का ध्यान रहे कि आप सीधे अपनी त्वचा पर गर्म पानी से सिकाई न करें। सिकाई करने से पहले अपनी कमर और पीठ पर एक सूती कपड़ा रख लें। फिर उसके ऊपर तौलिया से सिकाई करें। सीधा त्वचा पर गर्म पानी से सिकाई नहीं करना चाहिए। सूती कपडे की एक लेयर होना आवश्यक है।

02. नारियल तेल से कमर दर्द का इलाज

नारियल तेल में 4-6 लहसुन की कलियां मिलाकर उसे आग पर अच्छी तरह पकाएं। पकाने के बाद जब तेल ठंडा हो जाए तो उससे अपनी कमर और पीठ की अच्छी तरह मालिश करें। यह तेल कमर के नीचे दर्द का बेहतर उपाय ( kamar ke niche dard ka upay) है।

 

लहसुन में अनेक गुण पाए जाते हैं जो कमर दर्द को कम करने में मददगार साबित होते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि तैयार किए गए तेल से मालिश करने के कम से कम 30 मिनट बाद नहाएं ताकि आपका शरीर तेल को अच्छी तरह सोख ले।


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लीवर की दिक्कत से हो रहे हो परेशान लिवर को स्वस्थ बनाने के लिए ये 5 आयुर्वेदिक जड़ी बूटियाँ आप को बस ईमान दारी से करनी है


लीवर को स्वस्थ बनाए रखती हैं ये 5 आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां खानपान पर विशेष ध्यान ना देने की वजह से आजकल लोग अक्सर पाचन से जुड़ी समस्याओं से जूझते रहते हैं. आयुर्वेदिक एक्सपर्ट के अनुसार, पाचन से जुड़ी कई बीमारियां लीवर में खराबी की वजह से होती हैं. हद से ज्यादा शराब पीना और अनियमित खानपान साथ में आजकल की भागदौड़ भरी जीवनशैली, लीवर के लिए बेहद नुकसानदायक है. आयुर्वेद में ऐसी कई जड़ी-बूटियों (Herbs for Li... Read More

लीवर को स्वस्थ बनाए रखती हैं ये 5 आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां

खानपान पर विशेष ध्यान ना देने की वजह से आजकल लोग अक्सर पाचन से जुड़ी समस्याओं से जूझते रहते हैं. आयुर्वेदिक एक्सपर्ट के अनुसार, पाचन से जुड़ी कई बीमारियां लीवर में खराबी की वजह से होती हैं. हद से ज्यादा शराब पीना और अनियमित खानपान साथ में आजकल की भागदौड़ भरी जीवनशैली, लीवर के लिए बेहद नुकसानदायक है. आयुर्वेद में ऐसी कई जड़ी-बूटियों (Herbs for Liver Health) के बारे में बताया गया है जो लीवर को स्वस्थ रखने में मदद करती हैं. आइए उन जड़ी-बूटियों और औषधियों के बारे में विस्तार से जानते हैं:  

1- लीवर को स्वस्थ रखती है भुंई आंवला या भूम्यामलकी (Bhumi Amla keeps your Liver Healthy in Hindi)

भूम्यामलकी एक प्रमुख आयुर्वेदिक औषधि है जो कि आसानी से घर के आस-पास छोटे पौधे के रूप मिल जाती है. यह जड़ी-बूटी लीवर को कई तरह के संक्रमण से बचाती है और लीवर की सेहत को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करती है. लीवर से जुड़े रोगों से पीड़ित मरीजों को चिकित्सक की सलाह के अनुसार भुंई आंवला का सेवन करना चाहिए. 

भुंई आंवला या भूम्यामलकी के उपयोग का तरीका असे है (How to take Bhumi Amla

लीवर के लिए भूम्यामलकी का उपयोग आप चूर्ण, कैप्सूल या टेबलेट के रूप में कर सकते हैं. आजकल इसका जूस भी बाजार में मिलता है. खुराक संबंधित जानकारी के लिए चिकित्सक से परामर्श लें.  

2- लीवर की क्षमता को बढ़ाती है कुटकी इसे भी जाने  (Kutki improves Liver Performance in Hindi)

कुटकी एक जड़ी-बूटी है जिसका उपयोग लीवर के रोगों में प्रमुख रूप से किया जाता है. आयुर्वेदिक विशेसज्ञों के अनुसार कुटकी लीवर की सूजन को कम करती है साथ ही लीवर की कार्य क्षमता भी बढ़ाती है. जो लोग लीवर में सूजन की समस्या से पीड़ित हैं उन्हें चिकित्सक से सलाह लेकर कुटकी का सेवन करना चाहिए.  

 कुटकी के सेवन का तरीका कुछ इस प्रकार है (How to take Kutki)

आजकल कुटकी का कैप्सूल या चूर्ण बाज़ार में आसानी से उपलब्ध है. आयुर्वेदिक चिकित्सक के परामर्श के अनुसार ही इसका सेवन करें.  

3- लीवर के लिए बेहद फायदेमंद है आंवला  ये और भी कई चीजो मे फायदेमंद होता है (Amla for Healthy Liver in Hindi )

आंवला आयुर्वेद में उपयोग की जाने वाली जानीमा नी औषधि है. यह लीवर को डिटॉक्स करने का काम करती है. आंवला में पाए जाने वाले फायटो नुट्रिएंट्स लीवर की कार्य क्षमता को बढ़ाते हैं. एक्सपर्ट के अनुसार, आंवले में हेप्टो प्रोटेक्टिव क्षमताएं होती हैं जो लीवर की कोशिकाओं को स्वस्थ बनाए रखती हैं.  

आंवला के सेवन का तरीका (How to take Amla)

आंवले का उपयोग आप कई तरह से कर सकते हैं. सबसे आसान और कारगर तरीका है कि आप कच्चे आंवले का सेवन करें. इसके अलावा आज कल बाजार में आंवले के जूस, टेबलेट, कैप्सूल्स और कैंडी आसानी से मिल जाते हैं. आप रोजाना सीमित मात्रा में इनमें से किसी का भी सेवन कर सकते हैं. 

4- लीवर को संक्रमण से बचाती है एलोवेरा (Aloevera protects Liver from infections in Hindi) 

एलोवेरा में भरपूर मात्रा में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो लीवर को फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाले कई तरह के नुकसान और संक्रमण से बचाते हैं. रोजाना सीमित मात्रा में एलोवेरा का सेवन करने से लीवर लंबे समय तक स्वस्थ रहता है. 

एलोवेरा का सेवन कैसे करे (How to take Aloevera)

एलोवेरा का उपयोग सबसे ज्यादा जूस के रूप में किया जाता है. रोजाना सुबह खाली पेट दो तीन छोटी चम्मच एलोवेरा जूस में इतनी ही मात्रा में पानी मिलाकर पिएं.  

5- लीवर की सूजन को घटाती है पुनर्नवा (Punarnava helps in reducing Liver Swelling in Hindi)

आज के समय में अधिकांश लोग लीवर में सूजन की समस्या से परेशान रहते हैं. अगर आप भी उनमें से एक हैं तो पुनर्नवा आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है. पुनर्नवा एक जड़ी-बूटी है जिसका इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता है. यह लीवर की सूजन घटाती है साथ ही लीवर से जुड़े अन्य रोगों के खतरे को भी कम करती है. 

पुनर्नवा के सेवन का तरीका (How to Take Punarnava)

पुनर्नवा चूर्ण, कैप्सूल, टेबलेट और सिरप के रूप में उपलब्ध है. आप किसी भी रूप में इसका सेवन कर सकते हैं. इसे कितनी मात्रा में लेना है इसके लिए आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क करें. 

लीवर को स्वस्थ रखने के लिए आयुर्वेदिक दवा (Ayurvedic Medicine for Liver in Hindi)

अगर आप फैटी लीवर या लीवर में संक्रमण की समस्या से पीड़ित हैं या इनसे बचना चाहते हैं तो ऐसी आयुर्वेदिक औषधि चुनें जिसमें यहां बताई गई जड़ी-बूटियां मौजूद हों. टाटा 1mg तेजस्या लीवर केयर सिरप में भुंई आंवला, पुनर्नवा, आंवला के अलावा भृंगराज, हरीतकी और चित्रक जैसी जड़ी-बूटियां भी शामिल हैं, जो लीवर को हर तरह के संक्रमण से बचाती हैं. इस सिरप को पीने से लीवर स्वस्थ रहता है, मेटाबोलिज़्म मजबूत होता है और पाचन तंत्र में सुधार होता है. 

लीवर को स्वस्थ रखने के लाइफस्टाइल में लाएं ये बदलाव (Lifestyle Changes for Healthy Liver in Hindi) 

अगर आप अपनी जीवनशैली में थोड़ा बदलाव लाएं तो लीवर को लंबे समय तक स्वस्थ और निरोग रख सकते हैं. इसलिए यहां बताए गए इन नियमों का गंभीरता से पालन करें: 

 

  • रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं. इससे लीवर का स्वास्थ्य ठीक रहता है और शरीर से टॉक्सिक तत्व भी आसानी से बाहर निकल जाते हैं. 
  • अपनी डाइट में अधिक से अधक पौष्टिक चीजें शामिल करें. लीवर के लिए हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज, दालें, मूली, गाजर और लौकी खाएं. 
  • शराब लीवर को बहुत नुकसान पहुंचाता है. इसलिए शराब का सेवन कम से कम मात्रा में या बिल्कुल ना करें. 
  • नियमित व्यायाम करने से लीवर की कार्यक्षमता में सुधार होता है. रोजाना आधे घंटे व्यायाम, योग या प्राणायाम करें. 
  • बहुत ज्यादा स्ट्रेस भी लीवर के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है. स्ट्रेस से दूर रहें और रोजाना कुछ देर ध्यान करें साथ ही परिवार के साथ समय बिताएं. 

हमें उम्मीद है कि यहां बताए गए घरेलू उपाय और आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां (Herbs for Liver Health) आपके लीवर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करेंगे. 


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