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Vanshika

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Blog by Vanshika | Digital Diary

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कुछ सामान्य दुर्घटना तथा उनका उपचार


 पानी में डूबना :-   यह दुर्घटना नदी तालाब समुद्र आदि के तट पर होती है अचानक पर पानी में फिसल जाने आदि से यह दुर्घटना होती है ऐसी स्थिति में सर्वप्रथम उसे व्यक्ति को पानी से बाहर निकलना चाहिए उसके पश्चात उसका उपचार करना चाहिए  उपचार:-  रोगी के गले वस्त्र को उतार देना चाहिए रोगी को पेट के बाल लाकर उसकी कमर को दबाकर पानी निकालना चाहिए यदि विश्वास की आवश्यकता हो तो कृत्रिम वि... Read More

 पानी में डूबना :- 

 यह दुर्घटना नदी तालाब समुद्र आदि के तट पर होती है अचानक पर पानी में फिसल जाने आदि से यह दुर्घटना होती है ऐसी स्थिति में सर्वप्रथम उसे व्यक्ति को पानी से बाहर निकलना चाहिए उसके पश्चात उसका उपचार करना चाहिए

 उपचार:-

 रोगी के गले वस्त्र को उतार देना चाहिए रोगी को पेट के बाल लाकर उसकी कमर को दबाकर पानी निकालना चाहिए यदि विश्वास की आवश्यकता हो तो कृत्रिम विधि से स्वास्थ्य देनी चाहिए होश में आने पर रोगी को गर्म दूध या गर्म चाय देनी चाहिए 

 बिजली का झटका

 कभी-कभी अकस्मात बिजली के तारों अथवा पलंग या स्विच को छूने से करंट लग जाता है यह एक खतरनाक दुर्घटना है इसमें मृत्यु तक हो सकती है

  उपचार:-

 सबसे पहले मैं स्विच बंद कर देना चाहिए रोगी के हाथ पैर को रगड़ना चाहिए कृत्रिम स्वास्थ्य की आवश्यकता होने पर स्वास्थ्य देनी चाहिए रोगी को डॉक्टर को दिखाना चाहिए रोगी को गर्म दूध या चाय देनी चाहिए

 सांप का काटना:-

 कभी-कभी सांप के काट लेने से रोगी के शरीर में विश करने लगता है अधिकतर यह दुर्घटना गांव या पेड़ पौधों युक्त स्थान अथवा सड़क पर होती है सांप की अनेक जातियां होती है कुछ विषैली होती है तथा कुछ विशेष होते हैं कहा जाता है कि सांप का कांटा व्यक्ति मरता नहीं है उपयुक्त बेहोशी की दशा में उसकी सभी इंदिरा राय निश्चित करिए हो जाती है और उसे मरा हुआ समझ लिया जाता है

 लक्षण :-

 काटने पर व्यक्ति को चुभन होती है कटे हुए स्थान पर तेज दर्द में सूजन आ जाती है सांस तथा नदी की गति धीमी हो जाती है कटे हुए स्थान का रंग का लाया नील पड़ने लगता है सांप के दांतों का निशान कटे हुए स्थान पर दिखाई देता है हाथ पैरों में ऐंठन होती है रोगी बेहोश होने लगता है तथा उसे नींद आती है नीम की पत्तियां खिलाने पर वह मीठी लगने लगती है 

 उपचार:-

 सबसे पहले कटे हुए स्थान पर1/4 इंच गहरा प्लस जरा लगा देना चाहिए विषैली रक्त को दबा दबा कर निकाल देना चाहिए कटे हुए व्यक्ति को सोने नहीं देना चाहिए कृति में स्वास्थ्य देने की आवश्यकता पड़ने पर रोगी को कृत्रिम स्वास्थ्य देनी चाहिए सांप द्वारा कटे हुए व्यक्ति को गर्म दूध अथवा गर्म चाय देनी चाहिए 

 बिच्छू का काटना:-

 बिच्छू एक जहरीला जीव है बिच्छू की पूछ में डंक होता है बिच्छू का विश्व नदी तंत्र को प्रभावित करता है

 लक्षण:-

 कटे हुए स्थान पर भयंकर दर्द होता है कटे हुए स्थान पर जलन होती है शरीर में अदन होती है तथा कटा हुआ स्थान आज की तरह जलता है

 उपचार:-

 कटे हुए स्थान से 2 इंच ऊपर पट्टी कसकर बांधनी चाहिए कटे हुए स्थान पर बर्फ लगाने चाहिए लोगों के इंजेक्शन लगवाना चाहिए

 पागल कुत्ते का काटना:-

 पागल कुत्ते के काटने से हाइड्रोफोबिया नामक रोग हो जाता है पागल कुत्ते की जीव सदैव वहां निकली रहती है तथा तेजी से हफ्ता है पागल कुत्ता किसी व्यक्ति को काटने के 10 15 दिन बाद मर जाता है पागल कुत्ते के काटने से मानसिक शक्ति से हो जाती है

 लक्षण :-

 गार्डन में तीर दर्द होता है रोगी की मानसिक शक्ति नष्ट हो जाती है रोगी को पानी से डर लगता है रोगी कुत्ते की तरह आवाज निकलने लगता है

 उपचार:-

 कुत्ते के काटने के तुरंत एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगवाना चाहिए घाव को पोटेशियम परमैंगनेट से धोना चाहिए घाव को कार्बनिक एसिड से जला देना चाहिए

 ट्यूनिकेट :-

 यह एक प्रकार का यंत्र है जो हाथ पैर के दबाव बिंदु पर दबाव डालकर रखते स्राव रोकने के उपयोग में आता है डुप्लीकेट बढ़ने के लिए मोटा कपड़ा अच्छा होता है कपड़े को पद बनाकर दबाव बिंदु के ऊपर रखकर बांध देना चाहिए तथा टानिकेट को दबाव बिंदु पर दो बार लपेटकर गांठ बांध देनी चाहिए तथा लगी हुई कार्ड पर एक लकड़ी का टुकड़ा रखकर दोबारा गांठ लगा देते हैं 

 ट्यूनिकेट का उपयोग करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए

 तेजी से बहते हुए रक्त को रोकने के लिए ट्यूनिकेट का प्रयोग करते हैं

 टानिकेट को ज्यादा देर तक कम नहीं रहने देना चाहिए 

 यह क्रिया हानिकारक भी हो सकती है तो इसका प्रयोग सावधानी के साथ करना चाहिए

 नकसीर

 गर्मी चोट रक्त नलिका के फटने या रक्त की न्यूनता के कारण नाक से रक्त बहने को नकशील फोड़ना कहते हैं ऐसी अवस्था में रोगी को तुरंत खुली ताजी हवा में गर्दन को पीछे झुककर सीधा कुर्सियां चौकी पर बैठा देना चाहिए उसके वेस्टन को ढीली करके उससे मुंह द्वारा सांस लेने को कहा जाए तक पश्चात नाक से ऊपर तथा गर्दन पर बर्फ की थैली से सिकाई करनी चाहिए उसके पैरों को गर्म पानी में रखना चाहिए और चूसने के लिए बर्फ देना चाहिए रोगी को बिना हिले दुले उसके नाक को अंगूठे और उंगली के बीच पड़कर लगभग 5 मिनट तक दबाना चाहिए नासिर के बंधन होने पर कुछ देर तक नाक दबाए या नाक के अंदर हुई भरते रोगी को धैर्य है संतान देते रहना चाहिए और नाक साफ नहीं करनी चाहिए सब प्रयासों के सफल होने पर तुरंत चिकित्सा की सलाह लेनी चाहिए

 शहर की मक्खियों का काटना:-

 शहर की मक्खी अथवा पर के काटने पर उसे स्थान पर बहुत पीड़ा होती है जलन होने लगती है कटे हुए स्थान के चारों ओर सूजन आ जाती है कभी-कभी कटे हुए स्थान पर बंक रह जाता है शहर की मक्खी अथवा पर के काटने से उसके ढंग को पी या चाबी की सहायता से बाहर निकाल देना चाहिए कटे हुए स्थान पर कोई बिना जंग लगा साफ लोहा तुरंत रगड़ना चाहिए और स्प्लिट सोना अथवा कुरेशी तक सोडा मिलना चाहिए रोगी को पानी को पिलाना चाहिए गाव के ऊपर तुरंत एक पट्टी कसकर बांध देने से विश्व को फैलने से रोका जा सकता है

 दम घुटने :-

 धुएं कार्बन डाइऑक्साइड या अन्य विशाली गैसों से युक्त हवा में सांस लेने डूबने फांसी लगाने आदि कर्म से दम घुटने लगता है

विषैली हवा में सांस लेने से दम घुटने पर व्यक्ति को तुरंत खुली वह ताजी हवा में लेटा देना चाहिए उसकी पंखे से हवा करें और उसके आसपास भेद इकट्ठा न होने दे 

 डूबने से दम घुटने पर व्यक्ति को पानी से बाहर निकाल कर उल्टा लेटना चाहिए और पेट का पानी निकाल देना चाहिए फिर के लिए वस्त्र उतार कर उसे कंबल में लपेट देना चाहिए तब कृत्रिम विधि से उसे स्वाद देनी चाहिए उसे पीने के लिए गर्म चाय कॉफी या दूध देना चाहिए

 फांसी लगाने से दम घुटने पर व्यक्ति को थोड़ा ऊपर उठकर उसकी गर्दन से रस्सी का फंदा निकालना चाहिए फिर उसे लाकर क्रिसमस विधि से सांस देनी चाहिए 

 उपरोक्त प्राथमिक चिकित्सा के प्रसाद डॉक्टर से सिर्फ ही परामर्श आवश्यक कर लेना चाहिए


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सामान्य घरेलू दुर्घटनाएं


 प्रस्तावना :-  सावधानी ही दुर्घटना का कारण होती है सावधानी बरतने पर दुर्घटनाएं डाली जा सकती है   आज का योग विज्ञान का योग है इस युग में समझ में नई-नई मशीन तथा कर्म का प्रयोग होता है घर और बाहर दोनों जगह जरा सिया सावधानी होने पर दुर्घटनाएं हो जाती है इसके अतिरिक्त कीड़े मकोड़े जानवर आदि के काटने से दुर्घटना होती है ऐसी अवस्था में प्राथमिक चिकित्सा के द्वारा घायल की चिकित्सा की... Read More

 प्रस्तावना :-

 सावधानी ही दुर्घटना का कारण होती है सावधानी बरतने पर दुर्घटनाएं डाली जा सकती है 

 आज का योग विज्ञान का योग है इस युग में समझ में नई-नई मशीन तथा कर्म का प्रयोग होता है घर और बाहर दोनों जगह जरा सिया सावधानी होने पर दुर्घटनाएं हो जाती है इसके अतिरिक्त कीड़े मकोड़े जानवर आदि के काटने से दुर्घटना होती है ऐसी अवस्था में प्राथमिक चिकित्सा के द्वारा घायल की चिकित्सा की जाती है तथा जीवन संकट से उभारा जाता है 

 

​​​ दुर्घटना के निम्नलिखित कारण है

​​ असावधानी :- आज व्यक्ति इतनी जल्दी कार्य करना चाहता है कि उसे अपनी जिंदगी का भी ध्यान नहीं रहता सड़क पर चलने फिरने अथवा वाहन चलाने आदि से और असावधानी रखना है और दुर्घटना का सामना करता है

 अशिक्षा तथा ज्ञानता :- बहुत सी मशीनों की पर्याप्त जानकारी न होने से अथवा मशीनों को चलाने का ज्ञान न होने के कारण भी दुर्घटना संभव होती है

 शारीरिक असमर्थता :- कभी-कभी शारीरिक रूप से असमर्थ होने पर भी दुर्घटना का खतरा बना रहता है जैसे पैरों से विकलांग होने पर दुर्घटना हो जाना

 सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ भाड़ के कारण :- कभी-कभी अधिक भीड़ भाड़ होने पर दुर्घटनाएं हो जाती है लोग गिर सकते हैं तो आप बेहोश भी हो सकती है 

 जीव जंतु के काटने पर:-  सांप बंदर कुत्ते हाथी के काटने से भी दुर्घटना संभव हो सकती है

 कुछ सामान्य दुर्घटनाएं तथा उनका उपचार 

 जालना 

 यह दुर्घटना अक्सर खाने बनाते समय अथवा अधिक ताप वाले स्थान पर कार्य करते समय होती है आंख से जल जाना खोलथे तेल का शरीर पर गिर जाना भाग से जालना गम वस्तु का शरीर पर गिर जाना बिजली के करंट आदि से व्यक्ति जल सकता है 

 जलने के लक्षण

 जलने पर त्वचा का रंग लाल हो जाता है जले हुए स्थान पर फफोले पड़ जाते हैं जलने के स्थान पर तेज जलन में दर्द भी होता है 

 जलने पर उपचार

 जले हुए स्थान पर अति स्पीड क्रीम लगानी चाहिए जले हुए स्थान पर बर्फ लगानी चाहिए कच्चा आलू पीसकर जले हुए स्थान पर लगाना चाहिए वर्ष के समय गिरे हुए ओलो को एकत्रित कर किसी सीसी में रखना चाहिए तथा उसे जेल स्थान पर लगाया जा सकता है कपड़ों पर लगी आग को बुझाने के लिए मोटा कपड़ा या कंबल शरीर पर लपेटना चाहिए तथा रोगी का मुंह खुला रहना चाहिए घाव पर जैतून अथवा नारियल का तेल अथवा बहनोल का मलहम लगाना चाहिए रोगी को श्री गतिशील डॉक्टर को दिखाना चाहिए रोगी को गर्म दूध पिलाना चाहिए तथा उसे धैर्य वह संता बंता देनी चाहिए 

 


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