सूक्ष्म ध्यान क्या है ध्यान करने का तरीका सूक्ष्म ध्यान के फ़ायदे ध्यान के बारे में कुछ और बातें:
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सूक्ष्म ध्यान क्या है?
सूक्ष्म ध्यान का अर्थ है दिन भर में कई बार थोड़े समय के लिए ध्यान लगाना। विशेषज्ञों का कहना है कि कम समय के लिए ध्यान करना, एक बार में 60 मिनट तक एकांत में बैठने जितना ही सकारात्मक प्रतीत होता है।
विंस्टन कहते हैं, "दिन में कई बार छोटे-छोटे अंतराल पर ऐसा करने से निश्चित रूप से लाभ होता है, क्योंकि इससे ध्यान की वह गुणवत्ता विकसित होती है जो हमें वर्तमान क्षण में ले जाती है, हमें शांत करती है, सहजता और संतुलन लाती है।"
जिस ध्यान में स्थूल शरीर का इस्तेमाल नहीं किया जाता और भौतिक देह की क्रियाएं नहीं होतीं, उसे सूक्ष्म ध्यान कहते हैं. इसमें अलौकिक या अतींद्रिय विषयों पर ध्यान किया जाता है.
सूक्ष्म ध्यान की कुछ विधियां:
ओंकार श्रवण
आंतरिक आलोक दर्शन
दिव्य सुगंध पर ध्यान
साक्षी चैतन्य का ख्याल
कुंडलिनी, सर्प शक्ति पर ध्यान
ध्यान के बारे में कुछ और बातें:
ध्यान में मन को विश्रांति देने की सरल तकनीक से लेकर आंतरिक ऊर्जा का निर्माण तक शामिल है.
ध्यान में करुणा, प्रेम, धैर्य, उदारता, क्षमा आदि गुणों का विकास होता है.
ध्यान में साधक अपने शरीर, वातावरण को भी भूल जाता है और समय का भान भी नहीं रहता.
ध्यान के अभ्यास से मन शांत हो जाता है, जिसे योग की भाषा में चित्तशुद्धि कहा जाता है.
ध्यान के अभ्यास के लिए प्राणायाम, नामस्मरण (जप), त्राटक का भी सहारा लिया जा सकता है.
ध्यान का अभ्यास करने के लिए सदाचार, सद्विचार, यम, नियम का पालन और सात्विक भोजन भी मददगार होता है.
सूक्ष्म ध्यान करने से कई फ़ायदे होते हैं, जैसे कि:
मानसिक शांति मिलती है
तनाव कम होता है
एकाग्रता बढ़ती है
शरीर लचीला बनता है
जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है
हड्डियों की बीमारियों में राहत मिलती है
सांस से जुड़ी समस्याओं में फ़ायदेमंद होता है
पाचन तंत्र ठीक होता है
व्यक्तित्व प्रभावी बनता है
दूर दृष्टि और निर्णय शक्ति बढ़ती है
सूक्ष्म ध्यान करने का तरीका:
योगा मैट पर बैठ जाएं
सुखासन या पद्मासन की मुद्रा में बैठें
आंखें बंद कर ध्यान लगाएं
सांसों पर ध्यान दें और लंबी-गहरी सांस लें
हाथ जोड़कर ओम का उच्चारण करें और आंखें खोलें
ध्यान करने के अन्य फ़ायदे:
मानसिक अनुशासन विकसित होता है
नींद आने में लगने वाला समय कम हो सकता है और नींद की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है
शारीरिक बीमारी में आराम मिल सकता है
मूड बेहतर हो सकता है
थकान के स्तर को घटाता है
इच्छा शक्ति, स्मरण शक्ति, आत्मविश्वास, विचारों की स्पष्टता में वृद्धि करता है
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