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DNA जीव विज्ञान की सबसे महत्वपूर्ण खोजों में से एक है। हर जीवित प्राणी-पौधा, जानवर या मनुष्य-के शरीर में DNA पाया जाता है। यह वह अणु है जो यह तय करता है कि कोई जीव कैसा दिखेगा, कैसे कार्य करेगा और अगली पीढ़ी में कौन-से गुण पहुँचेंगे।
इसी कारण DNA को "जीवन की ब्लूप्रिंट" कहा जाता है।
DNA का पूरा नाम:
परिभाषा:
DNA एक न्यूक्लिक अम्ल है जो कोशिका में आनुवंशिक जानकारी को संग्रहित करता है और उसे पीढ़ी दर पीढ़ी स्थानांतरित करता है।
1869 – फ्रेडरिक मीशर ने DNA को पहली बार अलग किया
1953 – जेम्स वॉटसन और फ्रांसिस क्रिक ने DNA की डबल हेलिक्स संरचना बताई
इस खोज के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार मिला
यह खोज आधुनिक Genetics और Biotechnology की नींव बनी।
यूकैरियोटिक कोशिका में → नाभिक
माइटोकॉन्ड्रिया में → माइटोकॉन्ड्रियल DNA
प्रोकैरियोटिक जीवों में → साइटोप्लाज्म
DNA कई छोटे-छोटे भागों से मिलकर बना होता है जिन्हें न्यूक्लियोटाइड कहते हैं।
प्रत्येक न्यूक्लियोटाइड के तीन भाग:
1. डिऑक्सीराइबोज शर्करा
2.फॉस्फेट समूह
3. नाइट्रोजन क्षार
नाइट्रोजन क्षार के प्रकार:
DNA की संरचना सीढ़ी जैसी होती है जिसे Double Helix कहते हैं।
यह संरचना DNA को:
DNA का छोटा कार्यात्मक भाग जीन कहलाता है। जीन = गुणों की इकाई हर जीन किसी एक विशेष लक्षण को नियंत्रित करता है, जैसे:
1. न्यूक्लियर DNA
2. माइटोकॉन्ड्रियल DNA
DNA शरीर में अनेक महत्वपूर्ण कार्य करता है:
DNA स्वयं की सटीक कॉपी बनाता है, इसे DNA Replication कहते हैं। Replication के मुख्य चरण:
यह प्रक्रिया कोशिका विभाजन से पहले होती है।
DNA → RNA → Protein
DNA में होने वाले अचानक परिवर्तन को Mutation कहते हैं। Mutation के कारण:
Mutation से:
DNA का उपयोग आज कई क्षेत्रों में होता है:
DNA जीवन की सबसे मूलभूत इकाई है। यह न केवल हमारे शरीर की रचना और कार्यों को नियंत्रित करता है, बल्कि पीढ़ी दर पीढ़ी जीवन को आगे बढ़ाता है। DNA के बिना जीवन की कल्पना संभव नहीं है।
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