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फूल की संरचना (Structure of Flower): पुष्प के प्रत्येक भाग का विस्तृत अध्ययन


फूल की संरचना (Structure of Flower): पुष्प के प्रत्येक भाग का विस्तृत अध्ययन   फूल पौधों का सबसे महत्वपूर्ण प्रजनन अंग होता है। यह न केवल पौधों की सुंदरता बढ़ाता है, बल्कि बीज और फल बनने की प्रक्रिया में भी मुख्य भूमिका निभाता है। जीवविज्ञान में फूल की संरचना (Structure of Flower) एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है, जिससे पौधों के प्रजनन तंत्र को समझा जाता है।   फूल क्या है?  फूल पौधे का... Read More

फूल की संरचना (Structure of Flower): पुष्प के प्रत्येक भाग का विस्तृत अध्ययन

  फूल पौधों का सबसे महत्वपूर्ण प्रजनन अंग होता है। यह न केवल पौधों की सुंदरता बढ़ाता है, बल्कि बीज और फल बनने की प्रक्रिया में भी मुख्य भूमिका निभाता है। जीवविज्ञान में फूल की संरचना (Structure of Flower) एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है, जिससे पौधों के प्रजनन तंत्र को समझा जाता है।  

फूल क्या है? 

फूल पौधे का परिवर्तित प्ररोह (Modified Shoot) होता है, जो यौन प्रजनन में सहायक होता है। फूल से ही परागण, निषेचन, बीज तथा फल का निर्माण होता है।  

फूल की सामान्य संरचना

एक पूर्ण फूल सामान्यतः चार चक्रों से मिलकर बना होता है। ये सभी चक्र पुष्पासन पर स्थित होते हैं।

1. पुष्पासन 

पुष्पासन फूल का आधार भाग होता है, जिस पर फूल के सभी अंग लगे होते हैं। यह तना और फूल के बीच का जोड़ होता है। कभी-कभी पुष्पासन मांसल होकर फल के निर्माण में भी भाग लेता है।

2. बाह्यदल 

बाह्यदल फूल का सबसे बाहरी चक्र होता है। यह हरित रंग का होता है कली अवस्था में फूल की रक्षा करता है इसके प्रत्येक भाग को दलपुंज (Sepal) कहते हैं

3. दलपुंज / पुष्पदल 

यह फूल का रंगीन और आकर्षक भाग होता है। कीटों को आकर्षित करता है परागण में सहायक होता है इसके भागों को पंखुड़ी कहते हैं

4. पुंकेसर नर प्रजनन अंग

पुंकेसर फूल का नर प्रजनन अंग होता है। इसके दो मुख्य भाग होते हैं:

(a) तंतु 

पतला डंठल जैसा भाग परागकोष को सहारा देता है

(b) परागकोष 

परागकण उत्पन्न करता है परागकणों में नर युग्मक पाए जाते हैं

5. अंडप / स्त्रीकेसर – मादा प्रजनन अंग

यह फूल का सबसे भीतरी और महत्वपूर्ण भाग होता है। इसके तीन भाग होते हैं:

(a) वर्तिकाग्र 

चिपचिपा होता है परागकण को ग्रहण करता है

(b) वर्तिका 

परागनलिका के लिए मार्ग प्रदान करती है

(c) अंडाशय 

इसमें बीजांड पाए जाते हैं निषेचन के बाद यही फल बनता है  

पूर्ण फूल और अपूर्ण फूल

पूर्ण फूल: जिसमें चारों चक्र उपस्थित हों अपूर्ण फूल: जिसमें एक या अधिक चक्र अनुपस्थित हों  

उभयलिंगी एवं एकलिंगी फूल

उभयलिंगी फूल: जिनमें पुंकेसर और अंडप दोनों हों एकलिंगी फूल: जिनमें केवल नर या मादा अंग हों  

फूल की सममिति 

सममित फूल: एक से अधिक भागों में काटा जा सकता है असममित फूल: केवल एक भाग में काटा जा सकता है  

फूल की संरचना का जैविक महत्व

फूल की संरचना पौधों के अस्तित्व के लिए अत्यंत आवश्यक है। यौन प्रजनन संभव बनाती है बीज और फल का निर्माण होता है वनस्पति विविधता को बनाए रखती है  

निष्कर्ष

फूल की संरचना पौधों के जीवन चक्र का केंद्र बिंदु है। इसके बिना प्रजनन संभव नहीं है। Structure of Flower को समझना जीवविज्ञान की मूलभूत अवधारणाओं को स्पष्ट करता है।  


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  • Date:- 2025:12:17
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