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मां पार्वती की आरती


卐 श्री पार्वती आरती 卐 जय पार्वती माता जय पार्वती माता ब्रह्म सनातन देवी शुभफल की दाता । ॥जय पार्वती माता..॥ अरिकुल पद्दं विनासनी जय सेवक त्राता, जगजीवन जगदंबा हरिहर गुणगाता । ॥जय पार्वती माता..॥ सिंह को वाहन साजे कुण्डल है साथा, देब बंधु जस गावत नृत्य करत ता था । ॥ जय पार्वती माता..॥ सतयुग रूपशील अति सुन्दर नाम सती कहलाता, हेमांचल घर जन्मी सखियन संग राता । ॥ जय पार्वती माता..॥ शुम्भ निशुम्भ विदा... Read More

卐 श्री पार्वती आरती 卐

जय पार्वती माता
जय पार्वती माता
ब्रह्म सनातन देवी
शुभफल की दाता ।
॥जय पार्वती माता..॥
अरिकुल पद्दं विनासनी
जय सेवक त्राता,
जगजीवन जगदंबा
हरिहर गुणगाता ।
॥जय पार्वती माता..॥
सिंह को वाहन साजे
कुण्डल है साथा,
देब बंधु जस गावत
नृत्य करत ता था ।
॥ जय पार्वती माता..॥
सतयुग रूपशील अति सुन्दर
नाम सती कहलाता,
हेमांचल घर जन्मी
सखियन संग राता ।
॥ जय पार्वती माता..॥
शुम्भ निशुम्भ विदारे
हेमाचल स्थाता,
सहस्त्र भुज तनु धारिके
चक्र लियो हाथा ।
॥जय पार्वती माता..॥
सृष्टिरूप तुही है जननी
शिवसंग रंगराता,
नन्दी भृंगी बीन लही है
हाथन मदमाता ।
॥जय पार्वती माता..॥
देवन अरज करत
तव चित को लाता,
गावत दे दे ताली
मन में रंग राता ।
॥जय पार्वती माता..॥
श्री कमल आरती मैया की
जो कोई गाता ,
सदा सुखी नित रहता
सुख सम्पति पाता ।
॥ जय पार्वती माता..॥
॥ इति श्री पार्वती आरती ॥

 

 

Jai Paarvati Mata
Jai Paarvati Mata
Brahm Sanaatan devi
Shubhaphal Ki Data.
॥ Jai Paarvati Mata..॥
Arikul Padm Vinasini
Jai Sevak Traata,
Jagajeevan Jagadamba
Harihar Gunagata.
॥ Jai Paarvati Mata..॥
Sinha Ko Vaahan Saaje
Kundal Hai Saatha,
Dev Bandhu Jas Gaavat
Nritya Karat Taa Thaa.
॥ Jai Paarvati Mata..॥
Satayug Rupasheel Ati Sundar
Naam Sati Kahalaata,
Hemaanchal Ghar Janmee
Sakhiyan Sang Raata .
॥ Jai Paarvati Mata..॥
Shumbh Nishumbh Vidaare
Hemaachal Sthaata,
Sahastr Bhuj Tanu Dhaarike
Chakr Liyo Haatha.
॥ Jai Paarvati Mata..॥
Srishti Roop Tuhi Hai Jananee
Shivasang Ranga Raata,
Nandi Bhringi Been Lahi Hai
Haathan Madamata
॥ Jai Paarvati Mata..॥
Devan Araj Karat
Tav Chit ko Laata,
Gaavat De De Taali
Man Me Ranga Raata.
॥ Jai Paarvati Mata..॥
Shri Kamal aarati Maiya Ki
JO Koi Gata ,
Sada Sukhi Nit Rahataa
Sukh Sampati Paata.
॥ Jai Paarvati Mata..॥
॥ It's Shree Paarvati Aarati॥


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श्री गंगा आरती


卐 श्री गंगा आरती 卐 ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता। जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता॥ ॥ ॐ जय गंगे माता॥ चन्द्र-सी ज्योति तुम्हारी, जल निर्मल आता। शरण पड़े जो तेरी, सो नर तर जाता॥ ॥ॐ जय गंगे माता॥ पुत्र सगर के तारे, सब जग की ज्ञाता। कृपा दृष्टि तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता॥ ॥ ॐ जय गंगे माता॥ एक बार जो प्राणी, शरण तेरी आता। यम की त्रास मिटाकर, परमगति पाता॥ ॥ॐ जय गंगे माता॥ आरती मातु तुम्हारी,... Read More

卐 श्री गंगा आरती 卐

ॐ जय गंगे माता,
मैया जय गंगे माता।
जो नर तुमको ध्याता,
मनवांछित फल पाता॥
॥ ॐ जय गंगे माता॥
चन्द्र-सी ज्योति तुम्हारी,
जल निर्मल आता।
शरण पड़े जो तेरी,
सो नर तर जाता॥
॥ॐ जय गंगे माता॥
पुत्र सगर के तारे,
सब जग की ज्ञाता।
कृपा दृष्टि तुम्हारी,
त्रिभुवन सुख दाता॥
॥ ॐ जय गंगे माता॥
एक बार जो प्राणी,
शरण तेरी आता।
यम की त्रास मिटाकर,
परमगति पाता॥
॥ॐ जय गंगे माता॥
आरती मातु तुम्हारी,
जो नर नित गाता।
सेवक वही सहज में,
मुक्ति को पाता॥
॥ॐ जय गंगे माता॥
॥ इति श्री गंगा आरती ॥

 

 

Om Jai Gange Mata,
Maiya Jai Gange Mata
Jo Nar Tumako Dhyaata,
Manavaanchhit Phal Pata.
Om Jai Gange Mata
Chandra-Si Jyoti Tumhaari,
Jal Nirmal Paata
Sharan Pade Jo Teri,
So Nar Tar Jaata
Om Jai Gange Mata
Putra Sagar Ke taare,
Sab Jag Ki Gyaata
Kripa Drishti Tumhaari ,
Tribhuvan Sukh Daata.
Om Jai Gange Mata
Ek Baar Jo Praani,
Sharan Teri Aata.
Yam Ki Traas Mitaakar,
Param Gati Paata.
Om Jai Gange Mata
Aarati Matu Tumhaari,
Jo Nar Nit Gata
Sevak Vahi Sahaj Me,
Mukti Ko Pata.
Om Jai Gange Mata
॥ It's Shri Ganga Aarati ॥


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श्री नर्मदा आरती


卐 श्री नर्मदा आरती 卐 ॐ जय जगदानन्दी, मैया जय आनन्द कन्दी । ब्रह्मा हरिहर शंकर रेवा शिव , हरि शंकर रुद्री पालन्ती॥ ॥ॐ जय जय जगदानन्दी..॥ देवी नारद शारद तुम वरदायक, अभिनव पदचण्डी। सुर नर मुनि जन सेवत, सुर नर मुनि शारद पदवन्ती॥ ॥ॐ जय जय जगदानन्दी..॥ देवी धूमक वाहन, राजत वीणा वादयन्ती। झूमकत झूमकत झूमकत झननना झननना रमती राजन्ती॥ ॥ॐ जय जय जगदानन्दी..॥ देवी बाजत ताल मृदंगा सुरमण्डल रमती। तोड़ीतान तोड़... Read More

卐 श्री नर्मदा आरती 卐

ॐ जय जगदानन्दी,
मैया जय आनन्द कन्दी ।
ब्रह्मा हरिहर शंकर रेवा शिव ,
हरि शंकर रुद्री पालन्ती॥
॥ॐ जय जय जगदानन्दी..॥
देवी नारद शारद तुम वरदायक,
अभिनव पदचण्डी।
सुर नर मुनि जन सेवत,
सुर नर मुनि शारद पदवन्ती॥
॥ॐ जय जय जगदानन्दी..॥
देवी धूमक वाहन,
राजत वीणा वादयन्ती।
झूमकत झूमकत झूमकत
झननना झननना रमती राजन्ती॥
॥ॐ जय जय जगदानन्दी..॥
देवी बाजत ताल मृदंगा
सुरमण्डल रमती।
तोड़ीतान तोड़ीतान तोड़ीतान
तुरड़ड़ तुरड़ड़ तुरड़ड़ रमती सुरवन्ती॥
॥ॐ जय जय जगदानन्दी..॥
देवी सकल भुवन पर आप विराजत,
निशदिन आनन्दी।
गावत गंगा शंकर,सेवत रेवा शंकर ,
तुम भव मेटन्ती॥
॥ॐ जय जय जगदानन्दी..॥
मैया जी को कंचन थाल विराजत,
अगर कपूर बाती।
अमर कंठ विराजत,
घाटन घाट कोटी रतन जोती॥
॥ॐ जय जय जगदानन्दी..॥
मैया जी की आरती निशदिन
पढ़ि पढ़ि जो गावें।
भजत शिवानन्द स्वामी
मन वांछित फल पावें॥
॥ॐ जय जय जगदानन्दी..॥
॥ इति श्री नर्मदा आरती ॥

Om Jai Jagdaanandi ,
Maiyaa Jai Aanand Kandi.
Brahma Harihar Reva Shiv,
Hari Shankar Rudri Paalanti.
Om Jai Jai Jagdaanandi …
Devi Naarad Shaarad Tum Var Daayak,
Abhinav Pad Chandi
Sur Nar Muni Jan Sevat,
Sur Nar Muni Shaarad Padavanti
Om Jai Jai Jagdaanandi …
Devi Dhoomak Vaahan,
Raajat Veena Vaadayanti.
Jhoomakat Jhoomakat Jhoomakat
Jhanananaa Jhanananaa Ramati Raajanti.
Om Jai Jai Jagdaanandi …
Devi Baajat Taal Mridanga
Suramandal Ramati.
Toditaan Toditaan Toditaan
Turadada Turdada Turadada Ramati Suravanti.
Om Jai Jai Jagdaanandi …
Devi Sakal Bhuvan Par Aap Viraajat
NIshadin Aanandi.
Gaavat Ganga Shankar,Sevat Reva Shankar
Tun Bhav Metanti.
Om Jai Jai Jagdaanandi …
Maiya Ji Ko Kanchan Thaal Viraajat
Agar Kapoor Baati.
Amar Kanth Viraajat
Ghaatan Ghaat Koti Ratan Joti
Om Jai Jai Jagdaanandi …
Maiya Ji Ki Aarati Nishadi
PAdhi Padhi Jo Gaavein
Bhajat Shivanand Swami
Manavaanchhit Phal Paavein
Om Jai Jai Jagdaanandi …
॥ It's Shri Narmada Aarati ॥


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श्री शारदा आरती


卐 श्री शारदा आरती 卐 भुवन विराजी शारदा, महिमा अपरम्पार। भक्तों के कल्याण को धरो मात अवतार ॥ मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ। मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ। नित गाऊँ मैया नित गाऊँ। मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ। श्रद्धा को दीया प्रीत की बाती असुअन तेल चढ़ाऊँ। श्रद्धा को दीया प्रीत की बाती असुअन तेल चढ़ाऊँ । दरश तोरे पाऊँ मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ। मन की माला आँख के मोती भ... Read More

卐 श्री शारदा आरती 卐

भुवन विराजी शारदा,
महिमा अपरम्पार।
भक्तों के कल्याण को
धरो मात अवतार ॥
मैया शारदा तोरे दरबार
आरती नित गाऊँ।
मैया शारदा तोरे दरबार
आरती नित गाऊँ।
नित गाऊँ मैया नित गाऊँ।
मैया शारदा तोरे दरबार
आरती नित गाऊँ।
श्रद्धा को दीया प्रीत की बाती
असुअन तेल चढ़ाऊँ।
श्रद्धा को दीया प्रीत की बाती
असुअन तेल चढ़ाऊँ ।
दरश तोरे पाऊँ
मैया शारदा तोरे दरबार
आरती नित गाऊँ।
मन की माला आँख के मोती
भाव के फूल चढ़ाऊँ।
मन की माला आँख के मोती
भाव के फूल चढ़ाऊँ ॥
दरश तोरे पाऊँ
मैया शारदा तोरे दरबार
आरती नित गाऊँ।
बल को भोग स्वांस दिन राती
कंधे से विनय सुनाऊँ।
बल को भोग स्वांस दिन राती
कंधे से विनय सुनाऊँ ॥
दरश तोरे पाऊँ
मैया शारदा तोरे दरबार
आरती नित गाऊँ।
तप को हार कर्ण को टीका
ध्यान की ध्वजा चढ़ाऊँ।
तप को हार कर्ण को टीका
ध्यान की ध्वजा चढ़ाऊँ॥
दरश तोरे पाऊँ
मैया शारदा तोरे दरबार
आरती नित गाऊँ।
माँ के भजन साधु सन्तन को
आरती रोज सुनाऊँ।
माँ के भजन साधु सन्तन को
आरती रोज सुनाऊँ ॥
दरश तोरे पाऊँ
मैया शारदा तोरे दरबार
आरती नित गाऊँ।
सुमर-सुमर माँ के जस गावें
चरनन शीश नवाऊँ।
सुमर-सुमर माँ के जस गावें
चरनन शीश नवाऊँ ॥
दरश तोरे पाऊँ
मैया शारदा तोरे दरबार
आरती नित गाऊँ।
मैया शारदा तोरे दरबार
आरती नित गाऊँ।
॥ इति श्री शारदा आरती ॥

 

 

 

 

Bhuvan Viraaji Sharada,
Mahima Aparampaar.
Bhakto Ke Kalyaan Ko
Dharo Maat Avataar.
Maiyaa Sharada Tore Darabaar
Aarati Nit Gaaun.
Maiyaa Sharada Tore Darabaar
Aarati Nit Gaaun.
Nit Gaaun Maiyaa Nit Gaaun
Maiyaa Sharada Tore Darabaar
Aarati Nit Gaaun.
Shraddha Ko Diyaa Preet Ki Baati
Asuan Tel Chadhaaun
Shraddha Ko Diyaa Preet Ki Baati
Asuan Tel Chadhaaun.
Darash Tore Paaun
Maiyaa Sharada Tore Darabaar
Aarati Nit Gaaun.
Man Ki Mala Aankh Ke Moti
Bhaav Ke Phool CHadhaaun.
Man Ki Mala Aankh Ke Moti
Bhaav Ke Phool CHadhaaun.
Darash Tore Paaun
Maiyaa Sharada Tore Darabaar
Aarati Nit Gaaun.
Bal Ko Bhog Swaas Din Raati
Kandhe Se Vinay Sunaaun.
Bal Ko Bhog Swaas Din Raati
Kandhe Se Vinay Sunaaun.
Darash Tore Paaun
Maiyaa Sharada Tore Darabaar
Aarati Nit Gaaun.
Tap Ko Haar Karn Ko Tika
Dhyaan Ki Dhwajaa Chadhaaun.
Tap Ko Haar Karn Ko Tika
Dhyaan Ki Dhwajaa Chadhaaun.
Darash Tore Paaun
Maiyaa Sharada Tore Darabaar
Aarati Nit Gaaun.
Maa Ke bhajan Saadhu Santan Ko
Aarati Roj Saunaaun.
Maa Ke bhajan Saadhu Santan Ko
Aarati Roj Saunaaun.
Darash Tore Paaun
Maiyaa Sharada Tore Darabaar
Aarati Nit Gaaun.
Sumar-Sumar Maa Ke Jas Gaaven
Charanan Sheesh Navaaun.
Sumar-Sumar Maa Ke Jas Gaaven
Charanan Sheesh Navaaun
Darash Tore Paaun
Maiyaa Sharada Tore Darabaar
Aarati Nit Gaaun.
Maiyaa Sharada Tore Darabaar
Aarati Nit Gaaun.
॥ It's Shri Sharada aarati ॥


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आरती श्री गौमता जी की


卐 आरती श्री गौमता जी की 卐 आरती श्री गैय्या मैंय्या की, आरती हरनि विश्वब धैय्या की, अर्थकाम सुद्धर्म प्रदायिनि अविचल अमल मुक्तिपददायिनि, सुर मानव सौभाग्यविधायिनि, प्यारी पूज्य नंद छैय्या, अख़िल विश्वौ प्रतिपालिनी माता, मधुर अमिय दुग्धान्न प्रदाता, रोग शोक संकट परित्राता भवसागर हित दृढ़ नैय्या की, आयु ओज आरोग्यविकाशिनि, दुख दैन्य दारिद्रय विनाशिनि, सुष्मा सौख्य समृद्धि प्रकाशिनि, विमल विवेक बुद्धि... Read More

卐 आरती श्री गौमता जी की 卐

आरती श्री गैय्या मैंय्या की,
आरती हरनि विश्वब धैय्या की,
अर्थकाम सुद्धर्म प्रदायिनि
अविचल अमल मुक्तिपददायिनि,
सुर मानव सौभाग्यविधायिनि,
प्यारी पूज्य नंद छैय्या,
अख़िल विश्वौ प्रतिपालिनी माता,
मधुर अमिय दुग्धान्न प्रदाता,
रोग शोक संकट परित्राता
भवसागर हित दृढ़ नैय्या की,
आयु ओज आरोग्यविकाशिनि,
दुख दैन्य दारिद्रय विनाशिनि,
सुष्मा सौख्य समृद्धि प्रकाशिनि,
विमल विवेक बुद्धि दैय्या की,
सेवक जो चाहे दुखदाई,
सम पय सुधा पियावति माई,
शत्रु मित्र सबको सुखदायी,
स्नेह स्वभाव विश्व जैय्या की,
॥ इति आरती श्री गौमता जी की ॥

 

 

Aarti Shri Gaiya Maiya ki ,
Aarti Harani Vishva Dhaiya Ki,
Arthkam Sudharm Pradaayini,
Avichal Amal Muktipadaayini,
Sur Maanav Saubhagyavidhayini,
Pyari Pujya Nand Chaiya,
Akhil Vishva Pratipaalini Mata,
Madhur Ayam Dugdhaanna Pradaata,
Rog Shok Sankat Paritraata,
Bhavsaagar Hit Dridh Naiya Ki,
Aayu Ooj Aarogyavikashini,
Dukh Dainya Daaridra Vinashini,
Shushma Saukhya Samridhi Prakashini,
Vimal Vivek Buddhi Daiya Ki,
Sewak Jo Chaahe Dukhdai,
Sam Pay Sudhaa Piyaavati Maayi,
Shatru Mitra Sabko Sukhdayi,
Sneh Svabhaav Vishva Jaiya Ki,
॥ It's Shree Gau Mata Aarati॥


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श्रीमद्भागवतमहापुराण की आरती


卐 आरती श्रीमद्भागवतमहापुराण की 卐 आरती अतिपावन पुराण की । धर्म-भक्ति-विज्ञान-खान की ॥ महापुराण भागवत निर्मल । शुक-मुख-विगलित निगम-कल्प-फल ॥ परमानन्द सुधा-रसमय कल । लीला-रति-रस रसनिधान की ॥ ॥ आरती अतिपावन पुरान की… ॥ कलिमथ-मथनि त्रिताप-निवारिणि । जन्म-मृत्यु भव-भयहारिणी ॥ सेवत सतत सकल सुखकारिणि । सुमहौषधि हरि-चरित गान की ॥ ॥ आरती अतिपावन पुरान की… ॥ विषय-विलास-विमोह विनाशिनि । विमल-व... Read More

卐 आरती श्रीमद्भागवतमहापुराण की 卐

आरती अतिपावन पुराण की ।
धर्म-भक्ति-विज्ञान-खान की ॥
महापुराण भागवत निर्मल ।
शुक-मुख-विगलित निगम-कल्प-फल ॥
परमानन्द सुधा-रसमय कल ।
लीला-रति-रस रसनिधान की ॥
॥ आरती अतिपावन पुरान की… ॥
कलिमथ-मथनि त्रिताप-निवारिणि ।
जन्म-मृत्यु भव-भयहारिणी ॥
सेवत सतत सकल सुखकारिणि ।
सुमहौषधि हरि-चरित गान की ॥
॥ आरती अतिपावन पुरान की… ॥
विषय-विलास-विमोह विनाशिनि ।
विमल-विराग-विवेक विकासिनि ॥
भगवत्-तत्त्व-रहस्य-प्रकाशिनि ।
परम ज्योति परमात्मज्ञान की ॥
॥ आरती अतिपावन पुरान की… ॥
परमहंस-मुनि-मन उल्लासिनि ।
रसिक-हृदय-रस-रासविलासिनि ॥
भुक्ति-मुक्ति-रति-प्रेम सुदासिनि ।
कथा अकिंचन प्रिय सुजान की ॥
॥ आरती अतिपावन पुरान की… ॥
॥ इति श्रीमद्भागवतमहापुराण की आरती ॥

 

Aarati Atipaavan Puraan Ki ,
Dharm – Bhakti-Vigyaan-Khaan Ki.
॥ Aarati Ati Paavan Puraan Ki… ॥
Mahapuraan Bhagawat Nirmal,
Shuk-Mukh-Vigalit Nigam-Kalp-Phal.
Paramaanand Sudhaa-Rasamay Kal,
Leelaa-Rati-Ras Ras Nidhaan ki.
॥ Aarati Ati Paavan Puraan Ki… ॥
Kalimath-Mathani Tritaap-Nivaarini,
Janm-Mrityu Bhav-Bhayahaarini.
Sevat Satat Sakal Sukhakaarini,
Sumahaushadhi Hari-Charit Gaan Ki.
॥ Aarati Ati Paavan Puraan Ki… ॥
Vishay-Vilaas-Vimoh Vinaashini,
Vimal-Viraag-Vivek Vikasin.
Bhagawat-Tattva-Rahasy-Prakaashini,
Param Jyoti Paramaatmagyaan Ki.
॥ Aarati Ati Paavan Puraan Ki… ॥
Paramahans-Muni-Man Ulaasini,
Rasik-Hriday-ras Ras-Raasavilaasini.
Bhukti-Mukti-Rati-Prem Sudaasini,
Kathaa Akinchan Priy Sujaan Ki.
॥ Aarati Ati Paavan Puraan Ki… ॥
॥ It's Shree Madbhaagawat Mahapuran Ki Aarati॥


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बाबा गोरखनाथ जी की आरती


卐 बाबा गोरखनाथ जी की आरती 卐 जय गोरख देवा जय गोरख देवा | कर कृपा मम ऊपर नित्य करूँ सेवा | शीश जटा अति सुंदर भाल चन्द्र सोहे | कानन कुंडल झलकत निरखत मन मोहे | गल सेली विच नाग सुशोभित तन भस्मी धारी | आदि पुरुष योगीश्वर संतन हितकारी | नाथ नरंजन आप ही घट घट के वासी | करत कृपा निज जन पर मेटत यम फांसी | रिद्धी सिद्धि चरणों में लोटत माया है दासी | आप अलख अवधूता उतराखंड वासी | अगम अगोचर अकथ अरुपी सबसे हो... Read More

卐 बाबा गोरखनाथ जी की आरती 卐

जय गोरख देवा जय गोरख देवा |
कर कृपा मम ऊपर नित्य करूँ सेवा |
शीश जटा अति सुंदर भाल चन्द्र सोहे |
कानन कुंडल झलकत निरखत मन मोहे |
गल सेली विच नाग सुशोभित तन भस्मी धारी |
आदि पुरुष योगीश्वर संतन हितकारी |
नाथ नरंजन आप ही घट घट के वासी |
करत कृपा निज जन पर मेटत यम फांसी |
रिद्धी सिद्धि चरणों में लोटत माया है दासी |
आप अलख अवधूता उतराखंड वासी |
अगम अगोचर अकथ अरुपी सबसे हो न्यारे |
योगीजन के आप ही सदा हो रखवारे |
ब्रह्मा विष्णु तुम्हारा निशदिन गुण गावे |
नारद शारद सुर मिल चरनन चित लावे |
चारो युग में आप विराजत योगी तन धारी |
सतयुग द्वापर त्रेता कलयुग भय टारी |
गुरु गोरख नाथ की आरती निशदिन जो गावे |
विनवित बाल त्रिलोकी मुक्ति फल पावे |
॥ बाबा गोरखनाथ जी की आरती ॥

 

 

 

Jai Gorakh Deva Jai Gorakh Deva
Kar Kripa Mam Oopar Nitya Karoo Seva
Sheesh Jata Ati Sundar Bhaal Chandr Sohe
Kaanan Kundal Jhalakata Nirakhat Man Mohe
Gal Seli Vich Naag Sushobhiy Tam Bhasmee Dhaari
Aadi Purush Yogishwar Santan Hitakari
Naath Niranjan aap Hi Ghat Ghat Ke Vaasi
Karat Kripa Nij Jan Par Metat Yam Phaansi
Riddhi Siddhi Charano MeLotat Maya hai Dasi
Aap Alakh Avadhoota Utarakhand Vasi
Agam Agochar Akath Aroopi Sabase Ho Nyaare
Yogijan Ke Aap Hi Sada Ho Rakhavaare
Brahma Vishnu Tumhaara NIshadin Gun Gaave
Naarad Sharad Sur Mil Charanan Chit Laave
Chaaro yug Me Aap Virajat Yogi Tan Dhaaari
Satyug Dwaapar Treta Kalayug Bhay Taari
Guru Gorakh Naath Ki Aarti Nishadin Jo Gaave
Vinavit Bal Triloki Mukti Phal Paave
॥ It's Baba Gorakhnath Ji Ki Aarati ॥


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नृसिंह आरती


卐 नृसिंह आरती 卐 नमस्ते नरसिंहाय प्रह्लादाह्लाद-दायिने हिरण्यकशिपोर्वक्षः- शिला-टङ्क-नखालये इतो नृसिंहः परतो नृसिंहो यतो यतो यामि ततो नृसिंहः बहिर्नृसिंहो हृदये नृसिंहो नृसिंहमादिं शरणं प्रपद्ये तव करकमलवरे नखमद्भुत-शृङ्गं दलितहिरण्यकशिपुतनुभृङ्गम् केशव धृतनरहरिरूप जय जगदीश हरे । * नृसिंह आरती की अंतिम तीन पंक्तियाँ श्री दशावतार स्तोत्र से उद्धृत की गईं हैं। ॥ इति श्री नृसिंह आरती ॥   Namast... Read More

卐 नृसिंह आरती 卐

नमस्ते नरसिंहाय
प्रह्लादाह्लाद-दायिने
हिरण्यकशिपोर्वक्षः-
शिला-टङ्क-नखालये
इतो नृसिंहः परतो नृसिंहो
यतो यतो यामि ततो नृसिंहः
बहिर्नृसिंहो हृदये नृसिंहो
नृसिंहमादिं शरणं प्रपद्ये
तव करकमलवरे नखमद्भुत-शृङ्गं
दलितहिरण्यकशिपुतनुभृङ्गम्
केशव धृतनरहरिरूप जय जगदीश हरे ।
* नृसिंह आरती की अंतिम तीन पंक्तियाँ श्री दशावतार स्तोत्र से उद्धृत की गईं हैं।
॥ इति श्री नृसिंह आरती ॥

 

Namaste Narasimhaya
Prahladahlada-dayine
Hiranyakasipor Vakshahsila-
Shila-tanka-nakhalaye
Ito Nrisimhah Parato Nrisimho
Yato Yato Yami Tato Nrisimhah
Bahir Nrisimho Hridaye Nrisimho
Nrisimham Adim Saranam Prapadye
Tava Kara-kamala-vare Nakham Adbhuta-sringam
Dalita-hiranyakasipu-tanu-bhringam
Kesava Dhrita-narahari-rupa Jaya Jagadisa Hare ।
* The last three lines of Narsingha Aarti are quoted from Sri Dasavatara Stotra.
॥ It's Shri Narsingha Aarati ॥


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माँ तारा कवच


।। माँ तारा कवच।। ॐ कारो मे शिर: पातु ब्रह्मारूपा महेश्वरी । ह्रींकार: पातु ललाटे बीजरूपा महेश्वरी ।। स्त्रीन्कार: पातु वदने लज्जारूपा महेश्वरी । हुन्कार: पातु ह्रदये भवानीशक्तिरूपधृक् । फट्कार: पातु सर्वांगे सर्वसिद्धिफलप्रदा । नीला मां पातु देवेशी गंडयुग्मे भयावहा । लम्बोदरी सदा पातु कर्णयुग्मं भयावहा ।। व्याघ्रचर्मावृत्तकटि: पातु देवी शिवप्रिया । पीनोन्नतस्तनी पातु पाशर्वयुग्मे महेश्वरी ।। रक्त... Read More

।। माँ तारा कवच।।

ॐ कारो मे शिर: पातु ब्रह्मारूपा महेश्वरी ।

ह्रींकार: पातु ललाटे बीजरूपा महेश्वरी ।।

स्त्रीन्कार: पातु वदने लज्जारूपा महेश्वरी ।

हुन्कार: पातु ह्रदये भवानीशक्तिरूपधृक् ।

फट्कार: पातु सर्वांगे सर्वसिद्धिफलप्रदा ।

नीला मां पातु देवेशी गंडयुग्मे भयावहा ।

लम्बोदरी सदा पातु कर्णयुग्मं भयावहा ।।

व्याघ्रचर्मावृत्तकटि: पातु देवी शिवप्रिया ।

पीनोन्नतस्तनी पातु पाशर्वयुग्मे महेश्वरी ।।

रक्त  वर्तुलनेत्रा च कटिदेशे सदाऽवतु ।

ललज्जिहव सदा पातु नाभौ मां भुवनेश्वरी ।।

करालास्या सदा पातु लिंगे देवी हरप्रिया ।

पिंगोग्रैकजटा पातु जन्घायां विघ्ननाशिनी ।।

 खड्गहस्ता महादेवी जानुचक्रे महेश्वरी ।

नीलवर्णा सदा पातु जानुनी सर्वदा मम ।।

नागकुंडलधर्त्री च पातु पादयुगे तत: ।

नागहारधरा देवी सर्वांग पातु सर्वदा ।।


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बटुक भैरव कवच


॥ बटुक भैरव कवच॥ ॐ सहस्त्रारे महाचक्रे कर्पूरधवले गुरुः । पातु मां बटुको देवो भैरवः सर्वकर्मसु ॥ पूर्वस्यामसितांगो मां दिशि रक्षतु सर्वदा । आग्नेयां च रुरुः पातु दक्षिणे चण्ड भैरवः ॥ नैॠत्यां क्रोधनः पातु उन्मत्तः पातु पश्चिमे । वायव्यां मां कपाली च नित्यं पायात् सुरेश्वरः ॥ भीषणो भैरवः पातु उत्तरास्यां तु सर्वदा । संहार भैरवः पायादीशान्यां च महेश्वरः ॥ ऊर्ध्वं पातु विधाता च पाताले नन्दक... Read More

॥ बटुक भैरव कवच॥

ॐ सहस्त्रारे महाचक्रे कर्पूरधवले गुरुः ।

पातु मां बटुको देवो भैरवः सर्वकर्मसु ॥

पूर्वस्यामसितांगो मां दिशि रक्षतु सर्वदा ।

आग्नेयां च रुरुः पातु दक्षिणे चण्ड भैरवः ॥

नैॠत्यां क्रोधनः पातु उन्मत्तः पातु पश्चिमे ।

वायव्यां मां कपाली च नित्यं पायात् सुरेश्वरः ॥

भीषणो भैरवः पातु उत्तरास्यां तु सर्वदा ।

संहार भैरवः पायादीशान्यां च महेश्वरः ॥

ऊर्ध्वं पातु विधाता च पाताले नन्दको विभुः ।

सद्योजातस्तु मां पायात् सर्वतो देवसेवितः ॥

रामदेवो वनान्ते च वने घोरस्तथावतु ।

जले तत्पुरुषः पातु स्थले ईशान एव च ॥

डाकिनी पुत्रकः पातु पुत्रान् में सर्वतः प्रभुः ।

हाकिनी पुत्रकः पातु दारास्तु लाकिनी सुतः ॥

पातु शाकिनिका पुत्रः सैन्यं वै कालभैरवः ।

मालिनी पुत्रकः पातु पशूनश्वान् गंजास्तथा ॥

महाकालोऽवतु क्षेत्रं श्रियं मे सर्वतो गिरा ।

वाद्यम् वाद्यप्रियः पातु भैरवो नित्यसम्पदा ॥


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