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Blog by Digital.blog.mehak | Digital Diary

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हमारे प्यारे अध्यापक


अध्यापक (शिक्षक) वह व्यक्ति होता है जो छात्रों को ज्ञान, कौशल और मूल्य सिखाता है; वे सिर्फ किताबी ज्ञान ही नहीं देते, बल्कि चरित्र निर्माण करते हैं, सही-गलत का भेद बताते हैं और जीवन के सच्चे मार्गदर्शक होते हैं, जो समाज को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए उन्हें समाज का हीरो और राष्ट्र का निर्माता भी कहा जाता है।  अध्यापक का अर्थ और भूमिका 1. ज्ञान प्रदाता: अध्यापक छात्रों... Read More

अध्यापक (शिक्षक) वह व्यक्ति होता है जो छात्रों को ज्ञान, कौशल और मूल्य सिखाता है; वे सिर्फ किताबी ज्ञान ही नहीं देते, बल्कि चरित्र निर्माण करते हैं, सही-गलत का भेद बताते हैं और जीवन के सच्चे मार्गदर्शक होते हैं, जो समाज को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए उन्हें समाज का हीरो और राष्ट्र का निर्माता भी कहा जाता है। 

अध्यापक का अर्थ और भूमिका

1. ज्ञान प्रदाता: अध्यापक छात्रों को शिक्षा के माध्यम से ज्ञान और योग्यता प्राप्त करने में मदद करते हैं।

2. पथ प्रदर्शक: वे छात्रों को सही दिशा दिखाते हैं और जीवन में सही-गलत का चुनाव करना सिखाते हैं।

3. चरित्र निर्माता: वे अनुशासन, ईमानदारी, और करुणा जैसे मानवीय गुणों का विकास करते हैं।

4. प्रेरक: अध्यापक छात्रों को सपने देखने और उन्हें पूरा करने के लिए प्रेरित करते हैं, और उनकी क्षमता को बढ़ाते हैं।

5. मार्गदर्शक और मित्र: जरूरत पड़ने पर वे एक दोस्त की तरह भी सहायता करते हैं और जीवन की संपूर्णता की ओर बढ़ने में मदद करते हैं। 

अध्यापक का महत्व

1. समाज का निर्माण: एक शिक्षक ही समाज को विकसित करता है और भविष्य के नागरिकों का निर्माण करता है।

2. "गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः": भारतीय संस्कृति में शिक्षक का स्थान ईश्वर से भी ऊंचा माना गया है, क्योंकि वे हमें ज्ञान देकर जीवन को सार्थक बनाते हैं।

'3. शिक्षक चेतना के चिराग़': वे स्वयं जलकर दूसरों के जीवन को प्रकाशमान करते हैं, जैसे आग का दीपक। 

एक अच्छे अध्यापक के गुण

1. प्रेरणादायक: वे छात्रों को सोचने पर मजबूर करते हैं, न कि सिर्फ रटने पर।

2. व्यावहारिक ज्ञान: वे कक्षा के ज्ञान को वास्तविक दुनिया से जोड़ते हैं और व्यावहारिक शिक्षा देते हैं।

3. समस्याओं का समाधान: वे छात्रों की समस्याओं को समझते हैं और उनका समाधान करने में मदद करते हैं, जैसे फीस या स्कॉलरशिप में मदद करना। 

4. संक्षेप में, अध्यापक सिर्फ एक शिक्षक नहीं, बल्कि एक मार्गदर्शक, एक दोस्त और समाज के भविष्य को आकार देने वाला एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, जो जीवनभर अपना प्रभाव छोड़ता है। 


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TAJ MAHAL


The Taj Mahal, an ivory-white marble mausoleum in Agra, India, is a UNESCO World Heritage Site and a global symbol of love, commissioned by Mughal Emperor Shah Jahan for his wife Mumtaz Mahal. Known as the pinnacle of Mughal architecture, it blends Persian, Islamic, and Indian styles, featuring stunning symmetry, intricate calligraphy, and precious stones, attracting millions as a testament to ete... Read More

The Taj Mahal, an ivory-white marble mausoleum in Agra, India, is a UNESCO World Heritage Site and a global symbol of love, commissioned by Mughal Emperor Shah Jahan for his wife Mumtaz Mahal. Known as the pinnacle of Mughal architecture, it blends Persian, Islamic, and Indian styles, featuring stunning symmetry, intricate calligraphy, and precious stones, attracting millions as a testament to eternal love and India's rich history. 

Builder: Emperor Shah Jahan.

For Whom: His beloved wife, Mumtaz Mahal.

Location: Agra, India, on the banks of the Yamuna River.

Architecture: A masterpiece of Indo-Islamic architecture, noted for its balance of solids and voids, arches, and domes.

Materials: Ivory-white marble inlaid with semi-precious stones.

Status: A UNESCO World Heritage Site and one of the Seven Wonders of the World.

Symbolism: A universal symbol of eternal love and devotion.

Significance .

The Taj Mahal is more than a tomb; it's a vast complex with gardens, a mosque, and a guest house, showcasing exquisite craftsmanship and architectural brilliance. Its creation took about 22 years and involved 20,000 workers, making it a timeless monument that reflects India's rich cultural heritage. 


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पर्यावरण


पर्यावरण (Environment) हमारे चारों ओर का वह परिवेश है जिसमें सजीव (पेड़-पौधे, जीव-जंतु, मनुष्य) और निर्जीव (हवा, पानी, मिट्टी, सूर्य का प्रकाश) घटक शामिल हैं, जो जीवन के अस्तित्व, विकास और संतुलन के लिए आवश्यक हैं; यह हमें भोजन, आश्रय और प्राकृतिक संसाधन देता है, लेकिन प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों से खतरे में है, जिसे बचाने के लिए पेड़ लगाना, प्लास्टिक कम करना और संसाधनों की बचत करना... Read More

पर्यावरण (Environment) हमारे चारों ओर का वह परिवेश है जिसमें सजीव (पेड़-पौधे, जीव-जंतु, मनुष्य) और निर्जीव (हवा, पानी, मिट्टी, सूर्य का प्रकाश) घटक शामिल हैं, जो जीवन के अस्तित्व, विकास और संतुलन के लिए आवश्यक हैं; यह हमें भोजन, आश्रय और प्राकृतिक संसाधन देता है, लेकिन प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों से खतरे में है, जिसे बचाने के लिए पेड़ लगाना, प्लास्टिक कम करना और संसाधनों की बचत करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है.                       

पर्यावरण क्या है।

1. परि" (चारों ओर) + "आवरण" (घेरा) = चारों ओर से घेरा हुआ. 

2. यह सभी भौतिक, रासायनिक और जैविक कारकों का योग है जो किसी जीव को प्रभावित करते हैं. 

3. इसमें जैविक घटक (सभी जीव) और अजैविक घटक (वायु, जल, भूमि, प्रकाश) शामिल हैं. 

पर्यावरण का महत्व।

1. जीवन का आधार:  हवा, पानी और भोजन का स्रोत है, Vedantu. 

2. पारिस्थितिकी संतुलन:  प्राकृतिक संतुलन बनाए रखता है और वन्यजीवों के लिए घर प्रदान करता है. 

3. संसाधन:  घर बनाने और उपयोगी चीजें बनाने के लिए संसाधन देता है. 

4. स्वास्थ्य:  स्वच्छ पर्यावरण शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है. 

पर्यावरण की चनौतियां । 

1. प्रदूषण:  वायु, जल और भूमि प्रदूषण, जो प्लास्टिक के उपयोग और गलत अपशिष्ट प्रबंधन से बढ़ता है 

2. जलवायु परिवर्तन (Global Warming): पर्यावरण के लिए एक बड़ा खतरा है. 

3. जैव विविधता का ह्रास:  प्राकृतिक आवासों का नुकसान.

पर्यावरण को बचाने के तरीके (हमारी जिम्मेदारी 

1. पेड़-पौधे लगाओ और हरियाली बढ़ाओ।

2. पानी और बिजली की बचत करें।

3. प्लास्टिक का उपयोग कम करें और कचरा इधर-उधर ना फेक।

4. सार्वजनिक परिवहन, साइकिल या इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करें.।

5. रसायन - मुक्तगीचे बनाएँ (शाकनाशियों और कीटनाशकों से बचें). 

संक्षेप में, पर्यावरण हमारे जीवन का आधार है और इसके संरक्षण के लिए हर व्यक्ति को जागरूक होकर कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ ग्रह सुनिश्चित हो सके. 


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महात्मा गांधी जी ??


महात्मा गांधी (मोहनदास करमचंद गांधी) भारत के राष्ट्रपिता थे, जिन्होंने सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों पर आधारित सत्याग्रह आंदोलन के माध्यम से भारत को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता दिलाने में अहम भूमिका निभाई; वे एक वकील, नेता और समाज सुधारक थे जिन्होंने सादगी, सेवाभाव और नैतिक मूल्यों का प्रचार किया, और उनके अहिंसक संघर्षों ने दुनिया भर में सामाजिक न्याय और शांति के लिए प्रेरणा का काम किया, और उनके जन्... Read More

महात्मा गांधी (मोहनदास करमचंद गांधी) भारत के राष्ट्रपिता थे, जिन्होंने सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों पर आधारित सत्याग्रह आंदोलन के माध्यम से भारत को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता दिलाने में अहम भूमिका निभाई; वे एक वकील, नेता और समाज सुधारक थे जिन्होंने सादगी, सेवाभाव और नैतिक मूल्यों का प्रचार किया, और उनके अहिंसक संघर्षों ने दुनिया भर में सामाजिक न्याय और शांति के लिए प्रेरणा का काम किया, और उनके जन्मदिन (2 अक्टूबर) को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है.                                                                                                                                                 नाम और जन्म: मोहनदास करमचंद गांधी, जन्म 2 अक्टूबर, 1869, पोरबंदर, गुजरात में हुआ था.

'महात्मा' की उपाधि: रवींद्रनाथ टैगोर ने उन्हें 'महात्मा' (महान आत्मा) कहकर पुकारा था, जो बाद में उनकी पहचान बन गई.

शिक्षा और दक्षिण अफ्रीका: उन्होंने लंदन से वकालत की पढ़ाई की और दक्षिण अफ्रीका में नस्लीय भेदभाव के खिलाफ आंदोलन किया, जहां उन्होंने सत्याग्रह के सिद्धांतों को विकसित किया.

स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका:   भारत लौटकर उन्होंने असहयोग आंदोलन, नमक सत्याग्रह (दांडी मार्च), और भारत छोड़ो आंदोलन जैसे कई अहिंसक आंदोलनों का नेतृत्व किया, जिससे ब्रिटिश शासन कमजोर हुआ.

अहिंसा और सत्याग्रह:     उनका मानना था कि सत्य और अहिंसा बड़े से बड़े बदलाव लाने के सबसे शक्तिशाली हथियार हैं, और इसी राह पर चलकर उन्होंने भारत को आजादी दिलाई.

समाज सुधारक:   गांधीजी ने केवल राजनीतिक स्वतंत्रता ही नहीं, बल्कि समाज में व्याप्त छुआछूत, ऊंच-नीच जैसी बुराइयों को दूर करने और ग्रामीण विकास के लिए भी काम किया.

मृत्यु और विरासत:   30 जनवरी, 1948 को नाथूराम गोडसे द्वारा उनकी हत्या कर दी गई, लेकिन उनके विचार और आदर्श आज भी विश्व भर में ईमानदारी, नैतिक मूल्यों और शांति के प्रतीक के रूप में प्रासंगिक हैं.

अंतर्राष्ट्रीय दिवस:   उनके सम्मान और अहिंसा के संदेश को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2 अक्टूबर को 'अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस' के रूप में मनाया जाता है 


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भोजन तथा स्वास्थ्य


सभी सजीव वस्तुएं कार्य करती है। उन्हें कार्य करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता पड़तीहै। यह ऊर्जा उन्हें भोजन से ही प्राप्त होती है। इस प्रकार भजन सजीवों के लिए महत्वपूर्ण है। भोजन से प्राप्त ऊर्जा से मांसपेशियां मजबूत होती है और शरीर सुचारू रूप से कार्य करने में सक्षम है।                                     ... Read More

सभी सजीव वस्तुएं कार्य करती है। उन्हें कार्य करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता पड़तीहै। यह ऊर्जा उन्हें भोजन से ही प्राप्त होती है। इस प्रकार भजन सजीवों के लिए महत्वपूर्ण है। भोजन से प्राप्त ऊर्जा से मांसपेशियां मजबूत होती है और शरीर सुचारू रूप से कार्य करने में सक्षम है।                                                                 उचित प्रकार के खाद्य पदार्थ खाना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इसी प्रकार अनुचित प्रकार के खाद्य पदार्थ हमारे शरीर पर बुरा प्रभाव डालते हैं। उचित प्रकार के खाद्य पदार्थों को खाना तथा उन्हें उचित प्रकार से खाना, दोनों ही महत्वपूर्ण है।                                                                               हम अपने भोजन पौधों तथा जीवो दोनों से प्राप्त करते हैं। हम सब्जी, फल, अनाज दाल,चाय ,कॉफी आदि खाद्य पदार्थ पौधों से प्राप्त करते हैं। अंडे ,दूध और मांस हम जीवों से प्राप्त करते हैं। हम दूध का प्रयोग अनेक दुग्ध उत्पादों, जैसे - घी ,मक्खन, पनीर आदि बनाने में करते हैं।                                        


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पौधों की देखभाल


पौधे हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं पौधों के बिना पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं है सभी जंतु भोजन के लिए पौधों पर निर्भर रहते हैं शाकाहारी जंतु अपने भोजन के लिए प्रत्यक्ष रूप से पौधों पर नेटवर्क रहते हैं आप सोचेंगे कि मांसाहारी जंतु तो दूसरे जंतु को अपने भोजन के रूप में खाते हैं फिर मैं भला किसी प्रकार पौधों पर निर्भर रहेंगे परंतु में जंतु उनको मांसाहारी जंतु अपना शिकार बनाते हैं पौधों से... Read More

पौधे हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं पौधों के बिना पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं है सभी जंतु भोजन के लिए पौधों पर निर्भर रहते हैं शाकाहारी जंतु अपने भोजन के लिए प्रत्यक्ष रूप से पौधों पर नेटवर्क रहते हैं आप सोचेंगे कि मांसाहारी जंतु तो दूसरे जंतु को अपने भोजन के रूप में खाते हैं फिर मैं भला किसी प्रकार पौधों पर निर्भर रहेंगे परंतु में जंतु उनको मांसाहारी जंतु अपना शिकार बनाते हैं पौधों से भोजन प्राप्त करके ही जीवित रहते हैं यदि यह पौधेना हो त मांसाहारी जंतुओं को भी भोजन प्राप्त नहीं होगा। पौधे जहां एक और हमें भोजन उपलब्ध करते हैं तो वहीं दूसरी ओर ये वातावरण की वायु को भी स्वच्छ रखते हैं । आप जान गई हैं कि पौधे हमारे लिए कितने महत्वपूर्ण है यह हमारा कर्तव्य है कि हम इन अमूल्य पौधों की भाले भांति देखभाल करें।                                                              ‌ पौधों की वृद्धि में सहायक अवयव।                                                                                      पौधों के विकास के लिए अवयव अति आवश्यक है-जल , मिट्टी एवं सूर्य का प्रकाश इन्हीं के द्वारा पौधे अपने भोजन का निर्माण करते हैं 


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A P J Abdul Kalam


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