Blog by doctor gyanendra singh physician | Digital Diary
" To Present local Business identity in front of global market"
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भारत दुनिया में Diabetes /शुगर /मधुमेह रोग के सबसे ज़्यादा मरीजों वाला देश है।
2022 के आँकड़ों के अनुसार, भारत में 21.2 करोड़ (212 मिलियन) वयस्क डायबिटीज से पीड़ित हैं, जो वैश्विक मरीजों का ~25% है
शीर्ष 5 देश:
देश | डायबिटीज मरीज (करोड़ में) |
---|---|
भारत | 21.2 |
चीन | 14.8 |
अमेरिका | 4.2 |
पाकिस्तान | 3.6 |
इंडोनेशिया | 2.5 |
मुख्य कारण:
खानपान में बदलाव:
अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड (चिप्स, केक, फ्राइड फूड) और एडवांस्ड ग्लाइकेशन एंड प्रोडक्ट्स (AGEs) वाले आहार का बढ़ता सेवन। ये शरीर में सूजन और इंसुलिन रेसिस्टेंस बढ़ाते हैं 69।
पारंपरिक आहार (उबली/भाप वाली चीज़ें) की जगह तला-भुना खाना।
जीवनशैली की समस्याएँ:
शहरीकरण के कारण शारीरिक गतिविधि कम होना।
मोटापा: भारतीयों में "थिन-फैट इंडियन" ट्रेंड, यानी दुबले दिखने पर भी पेट की चर्बी ज़्यादा होना
तनाव, नींद की कमी, और अनियमित दिनचर्या।
आनुवांशिक कमज़ोरी:
भारतीयों में इंसुलिन रेसिस्टेंस की प्रवृत्ति ज्यादा, यहाँ तक कि सामान्य BMI वालों में भी
हेल्थकेयर सुविधाओं की कमी:
2022 में ~14 करोड़ भारतीयों को डायबिटीज का इलाज नहीं मिला
ग्रामीण इलाकों में जागरूकता और टेस्टिंग की कमी।
Diabetes ek metabolic disorder hai jisme body glucose (blood sugar) ko control nahi kar pati. Kyuki:
इंसुलिन (pancreas se banne wala hormone) कम बनता है, ya
Cells इंसुलिन को सही respond nahi karte (इंसुलिन रेसिस्टेंस)। Result? Blood mein glucose jam hota rahta hai → High Blood Sugar (Hyperglycemia).
✅ 1. Type 1 Diabetes (5-10% Cases):
Autoimmune Attack: Body apne hi pancreas ki beta cells ko destroy kar deti hai (jo insulin banati hain).
Trigger: Genetic + Viral infection/environmental factors.
Age: Mostly bachchon/young adults mein hota hai.
✅ 2. Type 2 Diabetes (90% Cases):
कारण | कैसे होता है? |
---|---|
इंसुलिन रेसिस्टेंस | Cells इंसुलिन की "key" ko ignore karte hain → Glucose cell mein enter nahi kar pata. |
पैंक्रियास थक जाता है | Years of overwork se insulin-producing cells damage हो जाती hain. |
मोटापा (Obesity) | Fat cells (खासकर पेट की चर्बी) hormones release karte hain jo insulin ko block karte hain. |
जेनेटिक्स | Ma-Baap ko diabetes ho → 40% chance apko bhi ho sakta hai. |
Sedentary Lifestyle | Din bhar sitting, zero exercise → muscles glucose use nahi kar pate. |
Unhealthy Diet | Roz का ज्यादा चावल, maida, sugar, processed snacks खाना. |
✅ 3. Gestational Diabetes (Pregnancy में):
Placenta se banne wale hormones insulin ko block karte hain.
Delivery ke baad thik ho jata hai, lekin future mein Type 2 ka risk rehta hai.
अंग | नुकसान |
---|---|
आँखें | Retinopathy → धुंधला दिखना, blindness तक। |
किडनी | Nephrons damage → Dialysis chalu करना पड़ सकता है। |
नसें (Nerves) | Neuropathy: पैरों में जलन/सुन्नपन → घाव न भरना → amputation। |
दिल | Cholesterol बढ़ना → Heart attack risk 2X। |
खून की नसें | High BP, stroke का खतरा। |
टेस्ट्स जो हर महीने कराएँ:
Fasting Sugar: 70-100 mg/dL (सुबह खाली पेट)
Postprandial (PP): 140 mg/dL se kam (खाने के 2 घंटे बाद)
HbA1c: हर 3 महीने में (आपका 3 महीने का sugar report card) → <7% लक्ष्य रखें।
इसके मुख्य कारण हैं:
✅ 1. इंसुलिन की कमी / गड़बड़ी
टाइप 1: Body की immune system गलती से पैंक्रियास की इंसुलिन बनाने वाली cells को खत्म कर देती है।
टाइप 2: Cells इंसुलिन को सही से respond नहीं करते (Insulin Resistance) या पैंक्रियास कम इंसुलिन बनाता है।
? 2. Lifestyle Factors (जीवनशैली):
मोटापा: खासकर पेट की चर्बी बढ़ना।
फिजिकल एक्टिविटी कम होना।
ज्यादा मीठा या प्रोसेस्ड फूड खाना।
तनाव और नींद कम लेना।
? 3. Genetic कारण:
अगर family में माँ-बाप, भाई-बहन को diabetes है, तो risk बढ़ जाता है।
बार-बार पेशाब आना (Frequent Urination)
हमेशा प्यास लगना और भूख बढ़ जाना
बिना वजह थकान या वजन कम होना
आँखें धुंधली होना या घाव देरी से भरना
मधुमेह के लक्षण धीरे-धीरे दिखाई देते हैं, और कई बार लोग इन्हें नजरअंदाज कर देते हैं। यहाँ विस्तार से उदाहरणों के साथ समझाया गया है कि कैसे डायबिटीज के संकेत शरीर में प्रकट होते हैं:
उदाहरण: रात में 3-4 बार यूरिन के लिए उठना या दिन में बहुत बार टॉयलेट जाना।
कारण: खून में शुगर अधिक होने पर किडनी उसे छानकर पेशाब के जरिए बाहर निकालती है, जिससे बार-बार यूरिन आता है।
उदाहरण: बार-बार पानी पीने के बाद भी गला सूखना या ठंडे पानी की बोतल हमेशा साथ रखना।
कारण: बार-बार पेशाब जाने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिससे तेज प्यास लगती है।
उदाहरण: 2-3 महीने में 4-5 किलो वजन कम हो जाना, जबकि खानपान सामान्य है।
कारण: इंसुलिन की कमी से शरीर ग्लूकोज को एनर्जी में नहीं बदल पाता और फैट व मांसपेशियों को तोड़ने लगता है।
उदाहरण: सुबह उठकर भी आलस लगना, थोड़ा चलने पर ही सांस फूलना।
कारण: कोशिकाओं को ऊर्जा नहीं मिल पाती, क्योंकि ग्लूकोज का उपयोग नहीं हो पाता।
उदाहरण: अचानक आँखों से साफ न दिखना या पढ़ते समय अक्षर धुंधले लगना।
कारण: हाई ब्लड शुगर से आँखों के लेंस में सूजन आ जाती है, जिससे फोकस करने में दिक्कत होती है।
उदाहरण: चोट लगने पर खून बंद होने में समय लगना या छोटा कट भी इन्फेक्शन कर लेना।
कारण: शुगर बढ़ने से रक्त वाहिकाएँ और नसें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, जिससे हीलिंग प्रक्रिया धीमी हो जाती है।
उदाहरण: पैरों में सुई चुभने जैसा महसूस होना या रात को पैरों में जलन होना।
कारण: लंबे समय तक हाई शुगर से नर्व डैमेज (डायबिटिक न्यूरोपैथी) हो जाती है।
उदाहरण:
महिलाओं में बार-बार यूरिन इन्फेक्शन (UTI) होना।
त्वचा पर खुजली या फंगल इन्फेक्शन (खासकर जननांगों के आसपास)।
कारण: शुगर बढ़ने से बैक्टीरिया और फंगस तेजी से पनपते हैं।
उदाहरण: गर्दन, बगल या जोड़ों की त्वचा का रंग गहरा हो जाना और मोटा होना।
कारण: इंसुलिन रेजिस्टेंस का संकेत (Type 2 डायबिटीज में आम)।
उदाहरण: सांसों से फल जैसी गंध आना (कीटोन्स बनने के कारण)।
कारण: शरीर एनर्जी के लिए फैट तोड़ता है, जिससे कीटोन्स बनते हैं (यह डायबिटिक कीटोएसिडोसिस का संकेत हो सकता है, जो खतरनाक है)।
तुरंत ब्लड टेस्ट कराएँ: Fasting/Postprandial (PP) Blood Sugar, HbA1c।
डॉक्टर से सलाह लें: यदि आपको ऊपर दिए गए 2-3 लक्षण भी दिखें, तो देर न करें।
जीवनशैली बदलें: शुगर, मैदा और तला हुआ कम खाएँ, रोज 30 मिनट टहलें, वजन नियंत्रित रखें।
⚠️ अगर आपको बहुत अधिक प्यास, उल्टी, सांस लेने में तकलीफ या बेहोशी जैसे लक्षण हों, तो यह डायबिटिक इमरजेंसी हो सकती है-तुरंत हमसे संपर्क करें
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