आप जानकर हैरान हो जाएंगे ब्राह्मी के फायदे और नुकसान
꧁ Digital Diary ༒Largest Writing Community༒꧂
꧁ Digital Diary ༒Largest Writing Community༒꧂
ब्राह्मी, भारत की प्राचीन जड़ी बूटी है। इसे तंत्रिका तंत्र और दिमाग तेज करने वाले औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। आयुर्वेदिक उपचार में ब्राह्मी को मेध्यरसायन का नाम दिया गया है एवं इसका अर्थ है नसों के लिए शक्तिवर्द्धक के रूप में कार्य करने वाली तथा पुनर्जीवित करने वाले तत्व से युक्त।
ब्राह्मी ने तनाव को कम करने वाले तत्व के रूप में बहुत लोकप्रियता हासिल की है। पिछले 3000 वर्षों से भारतीय पारंपरिक औषधियों में ब्राह्मी का इस्तेमाल किया जा रहा है। भारत के प्राचीन ग्रंथों चरक संहिता और सुश्रुत संहिता में भी इस जड़ी बूटी का उल्लेख किया गया है। सुश्रुत संहिता में ब्राह्मी घृत और ब्राह्मी को ऊर्जा प्रदान करने वाली बताया गया है।
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि ब्राह्मी शब्द ब्राह्माण या हिंदू देवता ब्रह्मा से लिया गया है। इसलिए ब्राह्मी का मतलब है ब्रह्मा की शक्ति। ब्राह्मी तंत्रिका तंत्र को शक्ति देती है। ब्राह्मी का पौधा रसीला होता है। ये जमीन पर फैला होता है और इसमें अत्यधिक पानी को संग्रहित करने की क्षमता होती है। ब्राह्मी के फूल सफेद, गुलाबी और नीले रंग के होते हैं।
ब्राह्मी का सेवन दिन में 3 बार कर सकते हैं। सुबह, दोपहर और रात को खाने के बाद ब्राह्मी का सेवन किया जा सकता है।
ब्राह्मी का तेल त्वचा पर लगाया जाता है। सिर पर भी इसके तेल से मसाज की जाती है जो दिमाग के तेज बनाने में भी मदद करता है।
ब्राह्मी का पेस्ट बनाकर उसे त्वचा पर लगाया जा सकता है। इससे त्वचा स्वस्थ रहेगी।
ब्राह्मी टैबलेट के रूप में भी खाई जाती है।
ब्राह्मी का पाउडर कई स्वास्थ लाभ प्रदान करता है।
किसी भी हर्बल पूरक का लंबे समय तक इस्तेमाल आमतौर पर अच्छा नहीं होता है, और यही ब्राह्मी पर भी लागू होता है। नियमित रूप से 12 हफ्तों से अधिक इसका इस्तेमाल करना ठीक नहीं माना जाता है, इसलिए जब आपको इसकी ज़रूरत हो तभी यह इस्तेमाल किया जाना चाहिए जैसे किसी लक्षण या बीमारी को कम करने के लिए।
इसके अलावा आपको डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए यदि इसका सेवन करने से आप दमा, मूत्र मार्ग में संक्रमण, कम हृदय गति या हाइपरग्लेसिमिया से ग्रस्त होते हैं। यदि दिल की दर (bradycardia) मंदी है तो इसके उपयोग से बचें।
जिन लोगों का पेट संवेदनशील है या जिन्हें अल्सर है, उन्हें शायद इसका सेवन अच्छी तरह से बर्दाश्त ना हो। उन्हें यह घी के साथ ही लेनी चाहिए।
ब्राह्मी का उपयोग तनाव से राहत दिलाये -
तनाव और चिंता से राहत देने के लिए, ब्राह्मी पौधे की पत्तियों (केवल एक समय में 2-3) को चबाया जा सकता है। ब्राह्मी में कुछ सक्रिय तत्व होते हैं, जो हमारे शरीर के हार्मोनल संतुलन पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं, जिसके फलस्वरूप तनाव और चिंता, पारंपरिक दवा के दुष्प्रभावों आदि से बचा जा सकता है। ब्राह्मी कोर्टिसोल के स्तर को कम करके तनाव और चिंता को खत्म करने में मदद करती है। कोर्टिसोल को तनाव हार्मोन के रूप में जाना जाता है। ब्राह्मी तनाव से जुड़े हार्मोन को विनियमित करके तनाव के प्रभावों को कम करती है।
ब्राह्मी बेनिफिट्स पाचन तंत्र को बनाये स्वस्थ -
ब्राह्मी एक शामक और सुखदायक जड़ी बूटी है, साथ ही इसमें सूजन विरोधी गुण भी हैं, ब्राह्मी अल्सर जैसे जठरांत्र विकारों से राहत प्रदान करने में मदद दिला सकती है।
ब्राह्मी करती है मधुमेह के खतरे को कम -
कुछ शोध अध्ययन में, ब्राह्मी को बढ़े हुए रक्त शर्करा के स्तर के साथ जोड़ा गया है इसलिए ब्राह्मी हाइपोग्लाइसीमिया (आम तौर पर असामान्य रूप से कम रक्त शर्करा) में सुधार करने के लिए सक्षम होती है और आपको एक सामान्य, स्वस्थ जीवन जीने में मदद करती है।
ब्राह्मी का उपयोग करें त्वचा और बालों के लिए -
यदि आप घाव भरने में तेजी लाने चाहते हैं और उसी समय त्वचा शुद्ध करना चाहते हैं, तो प्रभावित क्षेत्र पर ब्राह्मी का रस या तेल लगाएं। यह त्वचा पर निशान को कम करते हैं और त्वचा को चिकनी और स्वस्थ बनाते हैं।
रूखे बालों का इलाज करने और बालों के झड़ने को रोकने के लिए ब्रह्मी का तेल बहुत अच्छा है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट घटक न केवल आपके बालों के रूखेपन को ठीक करते हैं बल्कि यह आपके बालों को स्वस्थ बनाने में भी मदद करती है। ब्राह्मी बालों की समस्याओं के इलाज के लिए काफी फायदेमंद है।
मिर्गी के इलाज में फायदेमंद है ब्राह्मी -
ग्लूटामेट और डोपामाइ के स्तर में हुए परिवर्तन के कारण मिर्गी का रोग होता है। इन न्यूरोट्रांसमीटरों को विनियमित करके, ब्राह्मी मिर्गी के कारण हुई सूजन को कम करने में मदद कर सकती है। ब्राह्मी की पत्तियां हज़ारों सालों से मिर्गी के इलाज के रूप में इस्तेमाल की जा रही है। यह मिरगी के दौरे को रोकती है, साथ ही मानसिक रोग के अन्य रूपों और नसों के दर्द सहित द्विध्रुवी विकारो को रोकने में मदद करती है। यह कहा जाता है कि ब्राह्मी स्मृति की कमी में सुधार करने के साथ मिर्गी के इलाज में भी उपयोग की जा सकती है।
ब्राह्मी के लाभ इम्यून सिस्टम को दे बढ़ावा -
ब्राह्मी का नियमित रूप से उपयोग आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद कर सकता है। इसमें मौजूद विभिन्न एंटीऑक्सीडेंट और पोषक तत्व हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को अनेक बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं। ब्राह्मी का किसी भी रूप जैसे चाय या सम्पूर्ण पत्ते आदि में सेवन किया जाए। तो यह प्रतिरक्षा प्रणाली को काफी हद तक बढ़ाने में मदद करती है। इसके एंटीऑक्सीडेंट यौगिक वायरस या जीवाणु संक्रमण के खिलाफ हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया का समय बढ़ाने के लिए होते हैं।
ब्राह्मी के पत्तों से सूजन का घरेलू उपचार -
ब्राह्मी प्रोस्टाग्लैंडिन के उत्पादन को कम करके सूजन और दर्द से राहत देती है। जब ब्राह्मी पौधे की पत्तियों को शरीर के प्रभावित हिस्से पर मला जाता है, तब इसमें मौज़ूद यौगिक सूजन को कम और जलन को दूर करते हैं, साथ ही शरीर के अंदर हो रही उत्तेजना को खत्म करते हैं। यह गठिया और अन्य सूजन-संबंधी रोगो से पीड़ित लोगों के लिए आदर्श हैं। कुछ रिसर्च का कहना है कि दर्द को कम करने में ब्राह्मी मोर्फ़िन की तरह प्रभावी हो सकती है लेकिन इसके कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होते हैं। इसका उपयोग पीठ दर्द, मांसपेशियों में दर्द और यहां तक कि सिरदर्द से छुटकारा पाने के लिए भी किया जा सकता है। ब्राह्मी के तेल से प्रभावित क्षेत्र में मसाज करने से भी राहत मिल सकती है।
We are accepting Guest Posting on our website for all categories.
Suveta Notiyal
@DigitalDiaryWefru