ये रहे गोखरू के फायदे
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विभिन्न रोगों के उपचार के लिए गोक्षुरा का उपयोग किया जाता है। गोक्षुरा के स्वास्थ्य लाभ आगे बताये गए है।
1) हाजमा बढ़ाये
गोखरू का काढ़ा हजम शक्ति को मजबूत बनाता है। कमजोर हजम शक्ति वाले लोगों को गोखरू का सेवन करना चाहिए। इससे खाना पचने में आसानी होती है। ३० से ४० मिली गोखरू काढ़ा में ५ ग्राम पीपल का चूर्ण पियें। इससे पाचन-शक्ति बेहतर होती है।
2) मूत्र विकारों में लाभ
पेशाब करने के दौरान दर्द, पेशाब में जलन व विभिन्न प्रकार के मूत्र रोगों में गोखरू एक शक्तिशाली उपाय है। इसे गाय के दूध में मिलाकर पियें इससे दर्द और जलन दोनों में आराम मिलेगा और उचित पेशाब को भी उत्तेजित करने में मदद करेगा यह हल्का मूत्रवर्धक है जिससे डिसुरिया का भी इलाज होता है इसमें एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते है जो मूत्र संक्रमण को रोकते है।
3) पथरी या अश्मरी में
पथरी की समस्या से बहुत से लोग परेशान है गोखरू का सेवन पथरी को प्राकृतिक रूप से बाहर कर देता है ५ ग्राम गोखरू चूर्ण लें इसमें १ चम्मच शहद मिला लें और दिन में ३ बार इसका सेवन करें इसके ऊपर बकरी का दूध पी लें इससे अश्मरी टूटकर निकल जाती है।
4) यौन स्वास्थ्य और सहनशक्ति में बढ़ावा
यह पुरुषों के स्वास्थ्य में भी सुधार करने में सहायक है। यह एक तरह का प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट है जो टेस्टोस्टेरोन और ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन का उत्पादन बढ़ाता और उसमें सुधार करता है। स्तंभन दोष और शीघ्रपतन का भी इलाज करता है।
इस चूर्ण में शक्तिशाली शुक्राणुजन्य गुण पाए जाते है। यह गुण शुक्राणु उत्पादन को बढ़ाने में सहायक होते है। जो एस्थेनोज़ोस्पर्मिया (यानी शुक्राणु की गतिशीलता), हाइपोस्पर्मिया (वीर्य की कम मात्रा), टेराटोस्पर्मिया (यानी असामान्य शुक्राणु आकार) ओलिगोस्पर्मिया (यानी कम शुक्राणुओं की संख्या) का इलाज करने के लिए बहुत लाभकारी है।
5) चर्मरोग में
यह एक तरह का प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट और क्लींजर है। जो उम्र बढ़ने के विभिन्न लक्षणों जैसे : झुर्रियों, काले घेरे, धब्बों, महीन रेखाओं आदि का इलाज करता है। मुंहासों, फुंसियों को भी कम करता है। कई लोगों को त्वचा से संबंधित रोग हो जाते है जिसका कारण है अत्यधिक प्रदूषण।
इससे बचने के लिए गोखरू का फल बहुत मदद करता है इसके फल को पानी में मिलाकर पीस लें और चेहरे पर लगाएं या जहाँ भी खुजली और दाद हो रहे हो उस पर लगाएं आपको आराम मिलेगा। इसका दूसरा तरीका है २ चम्मच गोक्षुरा पाउडर, १ चम्मच शहद, २-३ चम्मच गुलाब जल मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें। इसे चेहरे पर लगाएं और १५ मिनट बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें।
6) सिरदर्द में
आज के समय में तनाव इतना बढ़ गया है जिसकी वजह से सिरदर्द होना सामान्य है। कई लोग सिरदर्द से परेशान है। इसके लिए १० से २० मिली गोखरू काढ़ा सुबह-शाम पियें। पित्त के बढ़ जाने से सिरदर्द होने पर इसमें आराम मिलेगा।
7) दस्त रोकने में
यदि आपको दस्त लग गए है और ठीक नहीं हो रहे तो गोखरू का सेवन करें। ५०० मिग्रा गोक्षुरफल चूर्ण को मट्ठे के साथ खाना है। इसे दिन में २ बार खाएं इससे अतिसार और आमातिसार ठीक हो जाता है।
8) पीसीओएस का इलाज
पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम) एक आम समस्या हो गई है। इस समस्या के पीछे हार्मोंस का असंतुलन है। जिसके कारण वजन का बढ़ना, पीरियड्स, बालों का झड़ना, मुंहासे आदि हो जाते हैं। पीसीओएस की वजह से गर्भधारण में बहुत कठिनाई आती है।
गोखरू एक सक्रिय मूत्रवर्धक है। जिसका सेवन करने से सिस्ट से अतिरिक्त पानी बाहर हो जाता है। इससे उसका आकार भी कम हो जाता है। गोखरू महिला प्रजनन अंगों को बढ़ावा देता है, रक्त में हार्मोनल स्तर बनाए रखता है और अंडों की परिपक्वता को रोम में बढ़ाता है इतना फायदेमंद है गोखरू।
9) दमा में राहत
बहुत से लोगों में दमा की बिमारी हो रही है इसमें गोखरू का सेवन करना फायदेमंद होता है। गोखुर के फल चूर्ण को २ ग्राम की मात्रा में लें। इसे २-३ सूखे अंजीर के साथ इसका दिन में ३ बार सेवन करें। नियमित रूप से सेवन करने पर दमा में राहत मिलेगी। गोक्षुर तथा अश्वगंधा बराबर मात्रा में लें। इसमें २ चम्मच शहद मिला लें। इसे २५० मिली दूध के साथ दिन में २ बार आपको सेवन करना है। इससे कमजोरी और सांस से जुड़ी समस्या में आराम होगा।
10) कार्डियक फंक्शनिंग को बढ़ावा
यह एंटीऑक्सीडेंट की प्रकृति से भरपूर होता है जिससे की हृदय रोगों का इलाज करने में फॉर्मूलेशन बहुत प्रभावी है। गोक्षुरा हृदय की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। रक्त वाहिकाओं में लिपिड के गठन को रोकता है। गोक्षुरा में बायोएक्टिव घटक मौजूद होते है।
जो गैर-एस्ट्रिफ़ाइड फैटी एसिड (एनईएफए) का स्तर भी कम करता है। जिसके कारण कई तरह की बीमारी स्ट्रोक, दिल के दौरे, रक्त के थक्के इस तरह के जोखिम कम हो जाते है। रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी बनाकर रखता है।
11) दर्द से दे मुक्ति
गोक्षुरा में एंटी इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुण होते है। जिससे की यह दर्द और सूजन से राहत देने का कार्य करता है। इस कारण रूमेटोइड गठिया और ऑस्टियोआर्थराइटिस के दर्द को कम करने के लिए इसका व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है।
12) चिंता और अवसाद के लिए
गोक्षुरा में मौजूद सैपोनिन के कारण सीरम कोर्टिसोल का स्तर कम हो जाता है। जिससे की यह चिंता और अवसाद के इलाज में काम आने वाली औषधि है। गोखरू एक प्रभावी चिंताजनक और अवसादरोधी दवा के रूप में उपयोग की जाती है। यह सभी आयु वर्ग पर अपना प्रभाव दिखाती है। चिंता और अवसाद से ग्रसित लोगों को इसका सेवन करना चाहिए।
13) मस्तिष्क के कामकाज को बढ़ावा
गोक्षुरा चूर्ण मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को बढ़ाने का एक प्राकृतिक उपाय है। इसमें शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट होते है जो किसी व्यक्ति मानसिक विकास जैसे : सतर्कता में सुधार, ध्यान, स्मृति क्षमता, शांति, एकाग्रता को बढ़ाने में सहायक है। गोक्षुरा चूर्ण का नियमित सेवन समस्या-समाधान, तर्क, याददाश्त और अन्य संज्ञानात्मक क्षमताओं में सुधार करता है। मानसिक स्थितियों के उपचार में यह बहुत फायदेमंद है। अपने मस्तिष्क की क्षमता को बढ़ाने के लिए गोक्षुरा का जरूर सेवन करें।
14) लो स्पर्म काउन्ट में
जिन पुरुषों को लो स्पर्म काउन्ट की समस्या है उन्हें गोखरू किसी ना किसी रूप में लेना चाहिए। तो जो पुरुष पिता बनने का सुख नहीं ले पा रहे है उनके लिए गोखरू बहुत लाभदायक होता है। २० ग्राम गोखरू के फलों को २५० मिली दूध में उबाल लें। इसे सुबह-शाम पियें इससे स्पर्म या वीर्य से संबंधी समस्याएं कम होती है और उसमें आराम भी मिलता है। स्पर्म का काउन्ट और क्वालिटी बढ़ाने के लिए १० ग्राम गोखरू और १० ग्राम शतावर को २५० मिली दूध में मिलाकर पिएं। आपकी शारीरिक शक्ति भी बढ़ जाएगी और कमजोरी खत्म हो जाएगी।
15) गर्भाशय शूल या यूटेरस के दर्द में
जिन महिलाओं को गर्भाशय में दर्द होता है या किसी वजह से दर्द हो रहा है तो गोखरू का नियमित रूप से सेवन बहुत लाभदायक होता है। इसके लिए ५ ग्राम काली किशमिश, ५ ग्राम गोखरू फल, २ ग्राम मुलेठी इन सभी को मिलाकर पीस लें और सुबह-शाम इसका सेवन करें। इससे गर्भाशय के दर्द से मुक्ति मिलेगी।
16) आमवात या रूमाटाइड के दर्द में आराम
उम्र का असर तो शरीर पर होता ही है जिसका सबसे ज्यादा असर जोड़ो में होता है। जोड़ो के दर्द से मुक्ति पाने के लिए गोखरू फल में बराबर की मात्रा में सोंठ चतुर्थांश का काढ़ा बनाकर सेवन करने से जोड़ो के दर्द, कमर दर्द में आराम होता है रोज सुबह- शाम इसका सेवन करें।
17) कामेच्छा को बढ़ाने में
गोक्षुरा कामोद्दीपक प्रकृति का होता है। जो मानसिक तनाव और चिंता कम करता है। जिससे की मन शांत रहता है। यह कामेच्छा बढ़ाने वाले हार्मोन को उत्तेजित करता है। यह महिला और पुरुष दोनों में ही कामेच्छा को बढ़ाता है और महिला व पुरुष दोनों की ही प्रजनन क्षमता में सुधार करता है। पुरुषों के लिए भी यह बहुत फायदेमंद है यह पौरूषशक्ति और सहनशक्ति को बढ़ाता है।
18) शरीर सौष्ठव के लिए
गोक्षुरा मांसपेशियों की ताकत को बढ़ाता है और शरीर की संरचना में सुधार करता है। अगर आप बॉडी बिल्डर है तो यह शरीर की ताकत को बढ़ाने और वजन बढ़ाने में मदद करता है। जो लोग अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाना चाहते है उन्हें इसका सेवन करना शुरू कर देना चाहिए क्योंकि कुछ लोग स्टेरॉयड का विकल्प चुनते हैं। जिसका लम्बे समय तक सेवन करने से यह नुकसानदायक हो सकता है। गोक्षुरा एक प्राकृतिक जड़ी बूटी है जो बिना नुकसान लाभ पहुँचाती है।
19) कान-नाक से खून बहना
यदि कान-नाक से खून बह रहा हो तो गोखरू का इस तरह से सेवन करना चाहिए। १० ग्राम गोखुर लें उसे २५० मिली दूध में उबाल लें। इसे पिएं रक्तपित्त में लाभ होगा।
20) बुखार में
मौसम बदलने की वजह से बुखार आना सामान्य है। ऐसे में गोखरू का सेवन फायदेमंद होता है। १५ ग्राम गोखरू पञ्चाङ्ग लें। इसे २५० मिली पानी में उबाल लें और इसका काढ़ा तैयार कर लें। इस काढ़े का दिन में ४ बार सेवन करें इससे बुखार उतर जाएगा।
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Suveta Notiyal
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