Blog by Anvi Rosaa | Digital Diary

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आईएएस


आईएएस भारत सरकार की सबसे प्रतिष्ठ सेवा में से एक है। और आईएएस की फुल फॉर्म भारतीय प्रशासनिक सेवा है। हर वर्ष यूपीएससी परीक्षा आयोजित की जाती है। जिसके माध्यम से उम्मीदवारों का चयन भारत सरकार के तहत समूह Aऔर समूह B भी सेवाओं के लिए किया जाता है। आईएएस के लिए हमें क्या पढ़ना है। आईएएस अधिकारी बनने के लिए किसी विशिष्ट विषय की आवश्यकता नहीं होती। लेकिन इतिहास ,भूगोल ,राजनीतिक विज्ञान, अर्थशास्त्र, साम... Read More

आईएएस भारत सरकार की सबसे प्रतिष्ठ सेवा में से एक है। और आईएएस की फुल फॉर्म भारतीय प्रशासनिक सेवा है। हर वर्ष यूपीएससी परीक्षा आयोजित की जाती है। जिसके माध्यम से उम्मीदवारों का चयन भारत सरकार के तहत समूह Aऔर समूह B भी सेवाओं के लिए किया जाता है।

आईएएस के लिए हमें क्या पढ़ना है।

आईएएस अधिकारी बनने के लिए किसी विशिष्ट विषय की आवश्यकता नहीं होती। लेकिन इतिहास ,भूगोल ,राजनीतिक विज्ञान, अर्थशास्त्र, सामाजिक शास्त्र ,और लोक प्रशासन जैसे विषयों की सामान्य समझ सहायक होती है

आईएएस परीक्षा की जानकारी

इससे पहले की कोई उम्मीदवार आईएएस की तैयारी की यात्रा पर निकल पड़े यह सलाह दी जाती है कि वह प्रासंगिक महत्वपूर्ण परीक्षा जानकारी देखें

इस परीक्षा के लिए आयु सीमा क्या है

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 21 से 32 वर्ष की आयु के उम्मीदवार बैठ सकते हैं


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बाबा हरभजन सिंह Post by Anvi Rosaa


भारतीय सेना में एक से बढ़कर एक जवान रहे हैं। लेकिन उनमें से एक थे बाबा हरभजन सिंह जिन्होंने मर कर भी देश की सेवा करी  बाबा हरभजन सिंह का जन्म पंजाब के गुजरांवाला में 30 अगस्त 1946 को हुआ था हरभजन सिंह पंजाब रेजिमेंट के सैनिक थे । बाबा हरभजन सिंह 1946 मे 24 वी पंजाब रेजिमेंट के जवान के तौर पर भर्ती हुए थे। जल्द ही इनकी तैनाती सिक्किम में हो गई। और वे केवल दो ही साल तक अपनी शारीरिक तौर पर देश क... Read More

भारतीय सेना में एक से बढ़कर एक जवान रहे हैं। लेकिन उनमें से एक थे बाबा हरभजन सिंह जिन्होंने मर कर भी देश की सेवा करी 

बाबा हरभजन सिंह का जन्म पंजाब के गुजरांवाला में 30 अगस्त 1946 को हुआ था हरभजन सिंह पंजाब रेजिमेंट के सैनिक थे । बाबा हरभजन सिंह 1946 मे 24 वी पंजाब रेजिमेंट के जवान के तौर पर भर्ती हुए थे। जल्द ही इनकी तैनाती सिक्किम में हो गई। और वे केवल दो ही साल तक अपनी शारीरिक तौर पर देश को सेवाएं दे सके। बाबा हरभजन सिंह ने अपनी मौत के 48 साल बाद तक सरहद पर रहकर देश की रक्षा की। फिलहाल ये जवान रिटायर हो चुके हैं। भारत और चीन की सीमा की कठोर ऊंचाई पर भारतीय सेना हमें सा बेफीकरी से तैनात रहती है। चीन की चतुराई के बावजूद सैनिक सरहद की सुरक्षा को लेकर हमेशा अस्वस्थ रहते हैं। लाख मुश्किलें पर कोई भारतीय सेना का बाल भी बांका नहीं कर सकता क्योंकि यहां सैकड़ों सैनिकों के साथ एक ऐसा सैनिक भी तैनात है। जो दिखाई नहीं देता हम बात कर रहे हैं बाबा हरभजन सिंह की इनकी तैनाती (Nathu- La) में हुई। वही एक हादसे में उनकी मृत्यु हो गई। ऐसा कहा जाता है। कि ये हादसा तब हुआ जब यह घोड़े के काफिले को (Tukula से Dongchui ) ले जा रहे थे। तभी वे वहां से फिसल कर एक नाले में जा गिरे। पानी के तेज बहाव की वजह से ये वहां से 2 किलोमीटर दूर जा पहुंचे। इनके शरीर को बहुत तलाशा गया। उस दिन काफी बर्फबारी भी हुई। फिर भी शरीर का कुछ पता नहीं चला। सेना को लगा कि हरभजन सिंह ड्यूटी से बचने के लिए भाग गए हैं। लेकिन कुछ समय बाद वह रात को अपने किसी साथी के सपने में आए। उन्होंने अपने साथी को बताया कि उनका शरीर कहां पड़ा है। सुबह होते ही जब सैनिकों ने तलाशा तो उनका शरीर व गन वहीं पर मिली। सेना से हरभजन सिंह को भगोड़ा माने की गलती हुई । इसीलिए उन्होंने अपनी इस भूल को सुधारा और उनका अंतिम संस्कार सम्मान के साथ किया। कुछ समय बीतने के बाद वे अपने साथी के सपने में फिर से आए। और उन्होंने उनसे कहा कि उनका शरीर गया है आत्मा नहीं अब भी में on (ड्यूटी) रहूंगा। शुरू शुरू में उनकी बात को वेहम मानकर किसी ने ध्यान नहीं दिया। लेकिन बाद में कुछ सैनिकों के साथ कुछ ऐसा होने लगा जो अजीब था। अगर किसी से कोई गलती होती या होने वाली होती है। तू बाबा सपने में आकर पहले ही उसे सावधान कर देते हैं। और वहां के सैनिकों का ऐसा मानना था। की सिक्किम की भयंकर ठंड में भी किसी सैनिक को झप्पी भी नहीं लग सकती थी। अगर गलती से लग जाती तो उसे बाबा का थप्पड़ पड़ता ।


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मेरे विचार आर्मी के लिए :- Post by Anvi Rosaa


आर्मी यह शब्द सुनते ही हम सब भारतीय‌ो के अन्दर एक अजीब सा आत्मविश्वास जग उठता है।आर्मी का नाम सुनते ही शरीर में जैसे जोश सा आ जाता है।आर्मी का नाम सुनते ही सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है।आर्मी का नाम सुनते ही मानों देश के प्रति मर मिट ने का मन करता है।आर्मी का शब्द सुनते ही देश के प्रति प्रेम जागरूक हो जाता है आर्मी का क्या अर्थ है सेना को अंग्रेजी में आर्मी कहते हैं।आर्मी शब्द की उत्पत्ति लैट... Read More

आर्मी यह शब्द सुनते ही हम सब भारतीय‌ो के अन्दर एक अजीब सा आत्मविश्वास जग उठता है।आर्मी का नाम सुनते ही शरीर में जैसे जोश सा आ जाता है।आर्मी का नाम सुनते ही सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है।आर्मी का नाम सुनते ही मानों देश के प्रति मर मिट ने का मन करता है।आर्मी का शब्द सुनते ही देश के प्रति प्रेम जागरूक हो जाता है

आर्मी का क्या अर्थ है

सेना को अंग्रेजी में आर्मी कहते हैं।आर्मी शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के(Armata) शब्द से हुई है। जिसका अर्थ (आर्म्ड फोर्स) होता है। यह ऐसी फौज होती है। जो देश की सेवा करती है। आर्मी एक आर्गनाइज्ड फोर्स होती है।जो जमीन पर रहकर देश की रक्षा के लिए दुश्मनों से लडती है। आर्मी की फुल फॉर्म= ( Alert Regular mobility Young)

आर्मी में जाने के लिए कितने मार्क्स होने चाहिए।

आपका सिलेक्शन रिटेन टेस्ट के द्वारा होता है। आपको एक सवाल का जवाब देने पर 4 अंक प्राप्त होते हैं। एग्जाम को किलयर करने के लिए आपको कम से कम 40 प्रतिशत मार्क्स लाना जरूरी है।

आर्मी में दौड कितनी होती है।

यदि कोई उम्मीदवार 5 मिनट 30 सेकेंड तक दौड़ पास करता है। तो उसके लिए उन्हें 60 अंक दिए जाते है। यदि समूह 2 में 5 मिनट 30 सेकेंड से 5 मिनट 45 सेकेंड तक कोई उम्मीदवार दौड पूरी करता है। तो उस उम्मीदवार को 48 अंक दिए जाते है

आर्मी में भर्ती कैसे हो

आर्मी में भर्ती होने के लिए सबसे पहले उम्मीदवार को मापदंड के अनुसार अधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होता है। आवेदन करने के बाद उम्मीदवार को दस्तावेज करने होते हैं।


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