Blog by Shivani | Digital Diary
" To Present local Business identity in front of global market"
" To Present local Business identity in front of global market"
हमारे आस-पास दिखाने वाली हर वह वस्तू, जिसका प्रयोग हम अपनी विभिन्न आवश्यकताओ को पूरा करने के लिए करते हैं, संसाधन कहलाते है।
उधाहरण- जब हमे प्यास लगती है तो हम पानी पीकर अपनी प्यास बुझाते हैं। पानी या जल एक संसाधन है जिसका उपयोग प्यास बुझाने के साथ -साथ नहाने, कपड़े धोने, सिंचाई आदि कामों के लिए भी करते हैं। पेड़ -पौधे, वनस्पतियाँ भी एक संसाधन है जो हमारी विभिन्न आवश्यकताओं जैसे -भोजन, आवास,कपड आदि को पूरा करती हैं। इसी तरह भूमि हमें कृषि हेतु उपजाऊ मिट्टी प्रदान करती है, तथा तेल,कोयला और गैस, यातायात और उधोगों में ईंधन के रूप में प्रयोग किए जाते हैं।
जो वस्तुएं हमे प्रकृति से प्राप्त होती हैं तथा जिनके हम किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं कर सकते हैं, प्राकृतिक संसाधन कहलाती है।
Read Full Blog...हमारे जीवन मे paryavaran का क्या महत्व है
हम जानते है की paryavaran शब्द दो शब्द को मिलाकर बना है परी तथा आवरण परी का अर्थ होत है " घेरा जो भी हमारे आस-पास दिखाई देता है जैैैसे हवा, धूूप, पानी, नदी, पशु- पक्षी आदी।
यह सभी हमारे जीवन से जुड़े हुए हैं यह हमारे जीवन मे बहुत महत्व रखते है,, यह हम से नहीं हम इनसे है,,
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