जंतु ऊतक
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जंतु ऊतक- तो हम अपनी छाती की गति को महसूस कर सकते हैं। शरीर के लिए अंग कैसे गति करते हैं? इसके लिए हमारे पास कुछ विशेष कोशिकाएं होती है जिन्हें हम पेशीय कोशिकाएं कहते हैं। इन कोशिकाओं का फैलना और सिकुड़ना अंगों को गति प्रदान करता है।
रक्त अपने साथ विभिन्न पदार्थों को शरीर में एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाता है। उदाहरण के लिए यह भोजन और ऑक्सीजन को सभी कोशिकाओं तक पहुँचाता है। यह शरीर के सभी भागों में अपशिष्ट पदार्थों को एकत्र कर यकृत तथा वृक्क तक उत्सर्जन के लिए पहुँचाता हैं।
1. एपिथीलियम ऊतक- जंतु के शरीर को ढकने या बाह्य रक्षा प्रदान करने वाले ऊतक एपीथिलियम में ऊतक है। एपिथीलियम में शरीर के अंदर स्थित बहुत से भागो और गोपिकाओं को ढकते हैं। यह भिन्न-भिन्न प्रकार के शारीरिक तंत्र को एक दूसरे से अलग करने के लिए अवरोधों का निर्माण करते हैं। त्वचा, मुँह, अहारनली, रक्त वाहिनी नली का अस्तर,फेफड़ों की कुपिका, आदि सभी एपीथिलियम में उत्तक से बने होते हैं।
2. संयोजी ऊतक- रक्त एक प्रकार का संयोजी ऊतक है इसे संयोजी ऊतक क्यों कहते हैं? इस अध्याय की भूमिका में इस सम्बद्ध में एक संकेत दिया गया है। आइए अब हम इस तरह के ऊतक के बारे में विस्तृत जानकारी लें। संयोजी ऊतक की कोशिकाएँ आपस में काम जुडी होती है और अंतरकोशिकीय आधात्री (Matrix) में धँसी होती है। यह आधात्री जैली की तरह तरल, सघन या कठोर हो सकती है। आधात्री की प्रकर्ति, विशिष्ट संयोजी ऊतक के कार्य के अनुसार बदलती रहती है।
3. पेशीय ऊतक - पेशीय ऊतक लंबी कोशिकाओं का बना होता है जिसे पेशीय रेशा (Muscle Fiber) भी कहा जाता हैं। यदि हमारे शरीर में गति के लिए हैं। पेशीयों में एक विशेष प्रकार की प्रोटीन होती है। जिसे सिकुड़ने वाला प्रोटीन कहते हैं। जिसके संकुचन एवं प्रसार के कारण गति होती हैं।
कुछ पेशीयों की हम इच्छानुसार करा सकते हैं। हाथ और पैर में विघमान पेशीयों को हम अपनी इच्छानुसार आवश्यकता पड़ने पर गति करा सकते है। इस तरह की पेशीयों को इच्छिक पेशी (Voluntary Muscle) कहा जाता है।
4. तंत्रिका ऊतक - सभी कोशिकाओं में उत्तेजना के अनुकूल प्रतिक्रिया करने की क्षमता होती है, यद्यपि तंत्रिका ऊतक की कोशिकाएँ बहुत शीघ्र उत्तेजित होती है और इस उत्तेजना को बहुत ही शीघ्र पूरे शरीर में एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाती है। मस्तिष्क मेरुरज्जु तथा तंत्रिकाएँ सभी तंत्रिका ऊतकों की बनी होती है। तंत्रिका ऊतक की कोशिकाओं को तंत्रिका कोशिका या न्यूरोन कहा जाता है। न्यूरोन में कोशिकाएँ केंद्रक तथा कोशिका द्रव्य (साइटोप्लाज्म) होते हैं। इससे लंबे पतले बालों जैसी शाखाएं निकली होती है।
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