पढ़ाई में फोकस स्ट्रेस होगा दूर! रोजना बस 10 मिनट करे ये योगा दिमाग बनेगा कंप्यूटर से भी तेज

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पढ़ाई में फोकस, स्ट्रेस होगा दूर! रोजना बस 10 मिनट करे ये योगा, दिमाग बनेगा कंप्यूटर से भी तेज

  अनुलोम विलोम योग याददाश्त बढ़ाने, मानसिक शांति और बरसात में बीमारियों से बचाव के लिए बेहद लाभकारी है. रोजना 10 मिनट करने से इसका प्रभाव देखको मिलेगा.

गुमलाः 

आज के इस आधुनिक युग व भाग दौड़ भरी जिंदगी में अपनी सेहत को फिट बनाए रखना बहुत बड़ी चुनौती है. बढ़ती उम्र के साथ अपने आप को फिट और एक्टिव रहने के लिए योग सबसे सरल व सुगम उपाय हो सकता है. यदि याददाश्त ठीक नहीं रहे, आपका दिमाग तेज काम नहीं करें तो लोग आपसे आगे निकल जाएंगे. पढ़ने वाले बच्चों के लिए ये तो रामवाण है. अनुलोम विलोम योग करने से आपकी याददाश्त बढ़ने लगेगी और आपका दिमाग तेज होगा. यकीनन परीक्षा में आपके अच्छे मार्क्स भी आएंगे. बस ये योग करने से आपको कुछ ही महीनों में फर्क दिखने लगेगा

योग शरीर और मन दोनों के लिए बेहद फायदेमंद

पतंजलि योग समिति भारत स्वाभिमान के गुमला जिला प्रभारी और मुख्य योग प्रशिक्षक रूपेश कुमार सोनी ने लोकल 18 को बताया कि आज की युवा पीढ़ी और विशेष कर बच्चे जो कल का भविष्य कहलाते हैं, उनका आजकल पढ़ाई में मन नहीं लगता है या तो कम लगता है ,आजकल के बच्चे सोशल मीडिया, मोबाइल का ज्यादातर इस्तेमाल के कारण काफी डिस्टर्ब होने लगे हैं. यहां तक की स्कूल में शिक्षक जो पढ़ाते वो याद भी नहीं कर पाते हैं. जिनके कारण उनके नंबर अच्छे नहीं आ रहे हैं. रिजल्ट खराब हो रहा है. कैसे बच्चों का पढ़ाई पर मन ज्यादा लगे और जो पढ़े वो उन्हें याद रहे उसके लिए आवश्यकता है, केवल एक योग करने की. जिसका नाम है अनुलोम विलोम

जानिए क्या है प्रक्रिया

सबसे पहले पद्मासन या वज्रासन में बैठ जाएंगे. दाहिने हाथ की अंगूठे से दाहिनी नासिका(नाक) बंद करेंगे. बाईं नासिका से धीरे-धीरे श्वास लेंगे. फिर अनामिका से बाईं नासिका बंद करेंगे. दाहिने से सांस छोड़ेंगे. फिर उसी से सांस लेंगे फिर बाईं नासिका से सांस छोड़ेंगे. फिर सांस लेंगे यह एक आवृत्ति होगी. इसको बार-बार दोहराते हुए कम से कम 5 मिनट प्रतिदिन अभ्यास करना है. अभ्यास शुरू करने के 15 से 20 दिनों में याददाश्त की स्थिति पहले से बेहतर आपको महसूस होने लगेगी. जिसे हम अपने दिनचर्या में प्रतिदिन ब्रश, शौच जाते हैं उसी तरह इसे भी अपने जीवन में स्वीकार कर लेना है. सुबह शौच क्रिया से निवृत होने के बाद प्रतिदिन 5 मिनट का अनुलोम विलोम का अभ्यास करें. उसके कुछ देर बाद नाश्ता करने के बाद स्कूल वगैरह या काम वगैरह में जाएं.

यहां भी होगा फायदा

शरीर के नस नाड़ियों की समस्याओं को भी समाप्त करने में कारगर है. पैर के अंगूठे से लेकर माथे तक किसी भी नस में यदि कोई समस्या है या कहीं कोई अवरोध आ गया है. या कोई नस सिकुड़ने लगा है. शरीर के किसी अंग में झुनझुनी हो रही है, पक्षाघात की समस्या हो रही है, किसी नस में अवरोध आने के कारण आपका कोई अंग सुन्न हो गया है, काम करना बंद कर दिया है, चक्कर, माथे में दर्द, छोटी बड़ी कोई भी समस्या हो यहां तक की कोई हड्डी बढ़ गया हो, नस को दबाने का कार्य कर रहा हो, जिससे आपका रक्त का संचरण अच्छे से नहीं हो पा रहा हो. इन सभी समस्याओं को समाप्त कर देगा यह एक छोटा सा अभ्यास अनुलोम विलोम.

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