मैं और हॉकी
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बहुत से लोगों का ऐसा विचार है कि खेलकूद से समय नष्ट होता है और स्वास्थ्य के लिए व्यायाम कर लिया जाए यही काफी है पर यह ठीक नहीं है खेल कोशिश स्वास्थ्य तो बनता ही है साथ-साथ मनुष्य कुछ ऐसे गुण विशेषता है जिनका जीवन में विशेष महत्व होता है और जो व्यायाम से नहीं प्राप्त हो सकते जैसे घमंड ना करना हारने में सांस ना छोड़ना दूसरे से चोट लग जाए तो उसे सहन कर लेना विशेष दिए के लिए नियम पूर्वक कार्य करना लोग सफलता न पाने पर साहस छोड़ बैठे हैं और दोबारा प्रयास नहीं करते परंतु खिलाड़ी ऐसा नहीं करता हर के बाद भी वह प्रयास करता है की हरी बड़ी जीत लेता है
दंड संकल्प द्वारा अपने देश की सेवा का मेरा स्वप्न उन दिन पूरा हुआ जिस दिन में हेलसिंग की फिनलैंड के मैदान में अपनी हॉकी टीम को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक में जीता सका उसे दिन के जन गण मन का मधुर वादन आज कई वर्षों के पश्चात भी मेरे कानों में गूंज रहा है
यूं तो खेल मेरे सारे कुटुंब को प्रिया है परंतु यह कहना है कि मेरे पिता स्वर्गीय राय बहादुर रघुनाथ सिंह खेल में विशेष रूचि रखते थे मेरे पास बहुत सी तस्वीरों के साथ एक तस्वीर दी साल की उम्र की है जिसमें में होगी और बोल लिए बैठा हूं
मेरे खेल का प्रारंभ बाराबंकी में हुआ मेरे बड़ों का कहना है की कमाई का काफी पैसा मेरे घर के मोटर खाने का फाटक बनाने में खर्च हुआ क्योंकि वह हर महीने मेरी होगी की गेंद से टूटा था कुछ ऐसी ही कहानी लखनऊ के कार्य कुछ कॉलेज में छात्रावास की दीवारें भी कहती है मुझे यह आज तक ठीक से याद है कि जब मैं बाराबंकी से लखनऊ पढ़ने आया तो मेरे सामान में सबसे अधिक हॉकी स्टिक की महत्ता थी अपने कॉलेज की टीम में खेलने का मुझे इस साल सौभाग्य प्राप्त हुआ
सन 1936 में में दिल्ली के एक टूर्नामेंट में खेलने गया जिसमें देश किए सुप्रसिद्ध खिलाड़ी मोह हुसैन फुल बैंक खेल रहे थे उसे दिन खेल पर मुझे एक सुंदर उपहार मिला मेरा साहस और प्रयास बढ़ता गया मेरी सदैव इच्छा होती रही कि किस प्रकार खेलों की जिससे इस खेल के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच जाओ सन 1936 से 40 में मुझको अपने प्रदेश की ओर से खेलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ
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Vanshika
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