भद्रासन करने के फायदे विधि तरीके और सावधानी ये हो सकते हैं?
꧁ Digital Diary ༒Largest Writing Community༒꧂
꧁ Digital Diary ༒Largest Writing Community༒꧂
भद्रासन एक आरामदायक योग आसन है. इसे तितली मुद्रा या अनुग्रह मुद्रा भी कहा जाता है. भद्रासन करने से एकाग्रता और स्फूर्ति बढ़ती है. साथ ही, पाचन शक्ति मज़बूत होती है और शरीर की मांसपेशियां और रीढ़ की हड्डी मज़बूत रहती है
भद्रासन करने से कई फ़ायदे होते हैं. यह एक ध्यानात्मक आसन है. इसे करने से शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से फ़ायदा होता है. भद्रासन को अंग्रेज़ी में 'ग्रेसिऑस पोज़' कहते हैं
भद्रासन कितने समय तक करना चाहिए?
भद्रासन को कितनी देर तक धारण करना चाहिए? 30 सेकंड से 1 मिनट तक के समय से शुरू करें, तथा आराम के अनुसार धीरे-धीरे समय बढ़ाएं
भद्रासन में बैठने की स्थिति क्या कहती है?
वज्रासन में बैठ जाएँ और दोनों हाथ घुटनों पर रखें. वज्रासन में जब बैठते हैं तब घुटने मिले रहते हैं, एड़ियों में अंतर रहता है और दोनों एड़ियों के बीच में बैठते हैं. इसके अलावा पैरों के अंगूठे मिले रहते हैं. भद्रासन करने के लिए दोनों घुटनों में उतना अंतर रखिए जितना संभव होसके
भद्रासन क्या है?
भद्रासन' संस्कृत भाषा का शब्द है। ये दो शब्दों से मिलकर बना है। पहले शब्द 'भद्र' का अर्थ है 'भला मनुष्य' या 'शानदार'। जबकि दूसरे शब्द आसन का अर्थ किसी विशिष्ट स्थिति में खड़े होने, लेटने या बैठने से है।
इस प्रकार भद्रासन का शाब्दिक अर्थ होता है, भले मनुष्य या शानदार तरीके से बैठने वाला आसन। इसलिए इस आसन को अंग्रेजी भाषा में ग्रेसियस पोज या कहा जाता है। इस आसन के अभ्यास से शरीर को कुछ गजब के फायदे होते हैं। ये आसन न सिर्फ आपके शरीर को हील करता है बल्कि नई जिंदगी भी देता है
भद्रासन को करना बहुत आसान है जबकि इसके अभ्यास के ढेरों फायदे हैं।
इसके अलावा, भद्रासन साधारण कठिनाई या बेसिक लेवल वाला विन्यास योग की शैली का आसन है। इसे करने की अवधि 1 से 5 मिनट के बीच होनी चाहिए। इसमें किसी दोहराव की आवश्यकता नहीं होती है।
भद्रासन करने का तरीका
एक योग मैट बिछाएं
वज्रासन में बैठ जाएं
घुटनों को जितना हो सके उतना दूर रखें
पैरों के पंजों को ज़मीन पर रखें
दोनों हाथों की हथेलियों को घुटनों पर रखें
शरीर को सीधा रखें
नाक की नोक पर ध्यान केंद्रित करें
धीमी और गहरी सांस लें
अंतिम स्थिति को 2 मिनट तक बनाए रखें
वज्रासन में बैठ जाएं। घुटनों को जितना संभव हो, दूर-दूर कर लें।
पैरों की उंगलियों का सम्पर्क जमीन से बना रहे।
घुटनों को और अधिक दूर करने का प्रयास करें, लेकिन दूर करते समय अधिक जोर न लगाएं।
हाथों को घुटनों पर रखें, हथेलियां नीचे की ओर रहें।
आंखों को खोल लें और फिर से इस प्रक्रिया को दोहराएं।
इस प्रक्रिया को इसी प्रकार दस मिनट तक दोहराएं।
भद्रासन करने के लिए धीरे-धीरे अभ्यास बढ़ाएं।
असुविधा होने पर इस आसन का अभ्यास न करें।
कभी भी कंधे या घुटनों पर दबाव न डालें।
आसन से पहले वॉर्मअप करें ताकि कोर मसल्स एक्टिव हो जाएं।
किसी भी असुविधा या दर्द महसूस होने पर आसन का अभ्यास बंद कर दें।
पहली बार ये आसन कर रहे हैं तो किसी योग गुरु की देखरेख में करें।
भद्रासन करने के बाद शवासन करें
भद्रासन करने में क्या सावधानी बरती जाए
गर्भवती महिलायें इस आसन को किसी ट्रेनर की मदद से करें।
घुटने दर्द होने पर इस आसन को न करें।
अगर इस आसन को करते समय कमर दर्द होती है तो इस आसन को न करें।
पेट की समस्या में भी इस आसन को नहीं करना चाहिए
हाई ब्लड प्रेशर के मरीज भद्रासन का अभ्यास न करें।
डायरिया की शिकायत होने पर कभी भी ये आसन नहीं करना चाहिए।
घुटनों में समस्या या आर्थराइटिस होने पर भद्रासन नहीं करना चाहिए।
अगर गर्दन में दर्द की समस्या है तो आसन करते समय गर्दन न मोड़ें। सामने देखें।
शुरुआत में भद्रासन को योग ट्रेनर की देखरेख में ही करें।
संतुलन बनने पर आप खुद भी ये आसन कर सकते हैं।
भद्रासन का अभ्यास शुरू करने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह जरूर लें
भद्रासन के फ़ायदे:
ध्यान, सांस नियंत्रण, और मानसिक शांति बढ़ाता है
एकाग्रता और स्फूर्ति बढ़ाता है
पाचन शक्ति मज़बूत करता है
शरीर की मांसपेशियां और रीढ़ की हड्डी मज़बूत करता है
पूरे शरीर में रक्त संचार सुधारने में मदद मिलती है।
किडनी और प्रोस्टेट ग्लैंड को एक्टिवेट करता है।
ब्लैडर और पेट के भीतरी अंग भी सक्रिय करता है।
टेंशन और थकान दूर करता है।
रीढ़ की हड्डी को खिंचाव देता है।
साइटिका के दर्द से राहत देता है
नियमित अभ्यास से असाध्य बीमारियों में भी फायदा पहुंचाए।
भद्रासन करने से शारीरिक स्थिरता मिलती है
यह मानसिक शांति और संतुलन देता है
यह ध्यान में बैठने के लिए एक अच्छा आसन है
इससे एकाग्रता बढ़ती है और दिमाग़ तेज होता है
यह पाचन शक्ति को ठीक रखता है
इससे सिर दर्द, कमर दर्द, आंखों की कमज़ोरी, अनिद्रा, और हिचकी जैसी समस्याओं में आराम मिलता है
यह रीढ़ की हड्डी के लिए फ़ायदेमंद है
इससे शरीर सुंदर और सुडोल बनता है
यह फेफड़ों को मज़बूत बनाता है और सांस पर नियंत्रण रखने में मदद करता है
यह पैरों को मज़बूत बनाता है
यह कमर दर्द से राहत दिलाता है
भद्रासन करने की विधि
कमर सीधी करके योग मैट पर बैठ जाएं।
अपनी टांगों को खोलकर बाहर की तरफ फैलाएं।
सांस बाहर की ओर छोड़ते हुए घुटनों को मोड़ें।
इसके बाद घुटनों को दोनों तरफ नीचे की ओर ले जाएं।
रीढ़ की हड्डी सीधी रहे और कंधे पीछे की तरफ खिंचे रहें।
इस दौरान सैक्रम या पीठ के पीछे की तिकोनी हड्डी भी मजबूत बनी रहे।
कभी भी घुटनों पर जमीन को छूने के लिए दबाव न डालें।
आप पैर की हड्डियों पर घुटनों को नीचे करने के लिए हल्का दबाव दे सकते हैं।
इससे घुटने अपने आप जमीन की तरफ चले जाएंगे।
इस मुद्रा में 1 से 5 मिनट तक बने रहें।
सांस खींचते हुए घुटनों को वापस लेकर आएं।
पैरों को धीरे-धीरे सीधा करें। अब विश्राम करें
भद्रासन करने से पहले ध्यान रखने वाली बातें
भद्रासन का अभ्यास सुबह के वक्त ही किया जाना चाहिए।
अगर शाम को आसन कर रहे हैं तो, भोजन 4 से 6 घंटे पहले करना जरूरी है।
आसन से पहले पेट एकदम खाली हो।
भद्रासन करने की सावधानियां
अगर आपको कोई चोट लगी है, तो भद्रासन न करें
अगर आपको घुटनों में दर्द है, तो भद्रासन न करें
अगर आपको पेट में दर्द, सूजन, या खिंचाव है, तो भद्रासन न करें
अगर आपको कमर दर्द है, तो भद्रासन न करें
अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर है, तो भद्रासन न करें
अगर आपको डायरिया है, तो भद्रासन न करें
अगर आप गर्भवती हैं, तो डॉक्टर की सलाह पर ही भद्रासन करें
भद्रासन करने से पहले, स्नान करें
भद्रासन करने से पहले, ढीले-आरामदायक कपड़े पहनें
भद्रासन, योग विज्ञान का बहुत अच्छा आसन है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन रहता है। भद्रासन न सिर्फ मेटाबॉलिज्म को एक्टिवेट करता है बल्कि आपके दिमाग को स्थिर रखने में भी मदद करता है।
आज की दुनिया में बैलेंस बनाकर रखना ही सबसे जरूरी चीज है। भद्रासन बैलेंस बनाने से जुड़ी इसी खूबी को आपके शरीर में विकसित करने में मदद करता है।
भद्रासन का अभ्यास करने के लिए आपके पैर इतने मजबूत होने चाहिए कि पूरे शरीर का वजन उठा सकें। लेकिन सबसे पहले आपको अपने मन के डर पर जीत हासिल करनी होगी कि कहीं आप अभ्यास करते हुए गिर न पड़ें।
अगर गिर भी जाएं तो गहरी सांस लें और कोशिश के लिए अपनी तारीफ करें और दोबारा अभ्यास करें। शुरुआती दौर में इस आसन को करने के लिए किसी योग्य योग शिक्षक से मार्गदर्शन जरूर लें।
भद्रासन न केवल शारीरिक स्थिरता प्राप्त करने में सहायक होता है, बल्कि मानसिक शांति और संतुलन भी प्रदान करता है। इस आसन का नियमित अभ्यास से मासिक धर्म के समय पेट दर्द से राहत दिलाने में भी कारगर है, जिससे महिलाओं को आराम मिलता है। भद्रासन को अपने दैनिक योग अभ्यास में शामिल करें और स्वस्थ जीवनशैली की ओर कदम बढ़ाएं।
भद्रासन को तितली मुद्रा या अनुग्रह मुद्रा भी कहा जाता है. यह ध्यान के लिए एक बेहतरीन आसन है. भद्रासन करने के कई फ़ायदे हैं. जैसे कि: जोड़ों में लचीलापन बढ़ता है, जांघ और कमर में खिंचाव आता है, रीढ़ की हड्डी को आराम मिलता है, मूत्रजननांगी स्वास्थ्य में सुधार होता है, एकाग्रता बढ़ती है
अन्य: व्यवहार में, गर्भवती महिलाओं को इस मुद्रा से बचना चाहिए , क्योंकि इस मुद्रा में आने और बाहर निकलने से पेट के क्षेत्र में असुविधा हो सकती है। वरिष्ठ नागरिकों या गंभीर गठिया से पीड़ित किसी भी व्यक्ति को जोड़ों और मांसपेशियों में अतिरिक्त दबाव के कारण इस मुद्रा के अभ्यास से बचना चाहिए।
We are accepting Guest Posting on our website for all categories.
Taniya
@DigitalDiaryWefru