वज्रासन के नुकसान?
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वज्रासन का अभ्यास करने से कई फ़ायदे होते हैं, लेकिन कुछ लोगों को यह नुकसानदायक भी हो सकता है.
वज्रासन करने से पहले इन बातों का ध्यान रखें:
अगर आपको घुटने या पैरों में दर्द हो, तो वज्रासन न करें.
अगर आपको रीढ़ की हड्डी में दर्द हो, तो वज्रासन न करें.
अगर आपको हर्निया या आंतों के अल्सर हैं, तो वज्रासन न करें.
अगर आपको हाइपोटेंशन या लो ब्लड प्रेशर है, तो वज्रासन न करें.
अगर आप किसी बीमारी से पीड़ित हैं, तो वज्रासन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें.
अगर आपको ऑस्टियोपोरोसिस है, तो वज्रासन न करें.
अगर आपको हाल ही में घुटने की सर्जरी हुई है, तो वज्रासन न करें.
वज्रासन करते समय पीछे की तरफ़ ज़्यादा झुके नहीं.
वज्रासन करते समय शरीर को सीधा रखें.
वज्रासन करने से जुड़ी कुछ और बातें:
वज्रासन पाचन तंत्र के लिए फ़ायदेमंद होता है.
वज्रासन से मांसपेशियां मज़बूत होती हैं.
वज्रासन से शरीर में लचक आती है.
वज्रासन में कितनी देर तक बैठना चाहिए?
विशेषज्ञों के अनुसार, खाने के बाद वज्रासन में कम से कम 10-15 मिनट तक बैठना चाहिए। अगर आपके पास समय हो, तो 20-30 मिनट तक वज्रासन में बैठना अत्यधिक लाभकारी हो सकता है।
वज्रासन किसे नहीं करना चाहिए?
पैरों के जोड़ों में दर्द, घुटनों में दर्द, गठियाबाय के मरीजों को चद्मासन, वज्रासन, सुप्त वज्रासन आदि नहीं करने चाहिए। पेट के रोग से पीड़ित हैं तो भुजंगासन, हलासन, पश्चिमोतासन जैसे योगासन नहीं करने चाहिए।
वज्रासन में कौन-कौन सी सावधानी रखनी चाहिए?
आपको सीधी, बेहतर मुद्रा बनाए रखने में मदद करता है
इस मुद्रा को करने के लिए आपको अपनी पीठ सीधी बनाए रखनी होगी। नियमित अभ्यास आपको वज्रयान मुद्रा में न होने पर भी अपनी पीठ सीधी रखने में सक्षम बनाता है। इस तरह, आप अपनी मुद्रा में काफी सुधार कर सकते हैं और बिना झुके या झुके बैठ या खड़े हो सकते हैं।
वज्रासन कब नहीं करना चाहिए?
किन्हें वज्रासन नहीं करना चाहिएअगर आपको घुटना या हड्डी संबंधी कोई समस्या है, तो आपको वज्रासन बिलकुल नहीं करना चाहिए। अगर आपको वज्रासन में बैठने में ज्यादा तकलीफ हो रही हो, नस खींच रही हो, रीढ़ की हड्डी में अक्सर दर्द रहता हो, तो आपको वज्रासन से बचना चाहिए।
वज्रासन रोज करने से क्या होता है?
इस आसन को करने से आपकी मांसपेशियां मजबूत होती हैं. यह पेट, पीठ को मजबूत करता है. क्योंकि इसे करने से पैर पर बल पड़ता है जिससे मांसपेशियों में खिंचाव होता है और फैट बर्न होता है. वहीं, यह योगासन करने से घुटनों, जोड़ों की जकड़न दूर होती है.
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