भुजंगासन के कुछ नुकसान ?
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भुजंगासन (कोबरा पोज़) के कुछ नुकसान ये हो सकते हैं:
अगर आपको पीठ में चोट है, डिस्क हर्निया है, या हर्निया है, तो आपको भुजंगासन नहीं करना चाहिए.
गर्भवती महिलाओं को भुजंगासन नहीं करना चाहिए.
अगर आपको पेट में कोई रोग है, तो आपको भुजंगासन नहीं करना चाहिए.
अगर आपको अंडकोष वृद्धि है, मेरूदंड से जुड़ी कोई समस्या है, या आपको अल्सर है, तो आपको भुजंगासन नहीं करना चाहिए.
अगर आप सर्जरी से उबर रहे हैं, तो आपको भुजंगासन नहीं करना चाहिए.
अगर आप योग में नए हैं और आपका कोर कमज़ोर है, तो आपको भुजंगासन नहीं करना चाहिए.
अगर आपकी उम्र ज़्यादा है, तो आपको भुजंगासन नहीं करना चाहिए.
अगर आपको गर्दन या कमर में दर्द है, तो आपको भुजंगासन नहीं करना चाहिए.
भुजंगासन करते समय इन बातों का ध्यान रखें:
इस आसन को करते समय सामान्य बल लगाएं.
गर्दन को रीढ़ की हड्डी की रेखा में रखें.
अपना पूरा ध्यान योग मुद्रा पर केंद्रित रखें.
इस आसन को करते समय अकस्मात् पीछे की तरफ बहुत अधिक न झुकें। इससे आपकी छाती या पीठ की माँस-पेशियों में खिंचाव आ सकता है तथा बाँहों और कंधों की पेशियों में भी बल पड़ सकता है जिससे दर्द पैदा होने की संभावना बढ़ती है। हर्निया के रोगी को यह आसन नहीं करना चाहिए। गर्भवती स्त्रियों को यह आसन नहीं करना चाहिए।
आसन करने से जुड़ी कुछ सावधानियां:
योगासन करने से पहले शौच-क्रिया और स्नान कर लेना चाहिए.
योगासन करने के बाद एक घंटे बाद स्नान करना चाहिए.
योगासन समतल ज़मीन पर आसन बिछाकर करना चाहिए.
मौसम के हिसाब से ढीले वस्त्र पहनने चाहिए.
योगासन खुले और हवादार कमरे में करना चाहिए.
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