सूर्य नमस्कार के 12 आसन के फायदे ?
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सूर्य नमस्कार 12 योगासनों का एक समूह है. इसे रोज़ाना करने से कई फ़ायदे होते हैं:
सूर्य नमस्कार करने से शरीर की मांसपेशियां मज़बूत होती हैं और टोन होती हैं.
इससे रीढ़ की हड्डी और जोड़ों का स्वास्थ्य बेहतर होता है.
यह शरीर को लचीला बनाता है और पॉश्चर सुधारता है.
सूर्य नमस्कार से शरीर में खून का संचार बेहतर होता है.
यह हार्ट की कार्यप्रणाली में सुधार करता है.
इससे मेटाबॉलिज़्म बेहतर होता है और वज़न कम होता है.
यह तनाव कम करता है और मन को शांति मिलती है.
सूर्य नमस्कार से पाचन क्रिया बेहतर होती है.
यह अनिद्रा से लड़ने में मदद करता है.
इससे ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है.
सूर्य नमस्कार से त्वचा का रंग सुधरता है.
यह कंधों की गतिशीलता बढ़ाता है.
यह शरीर को डिटॉक्स करता है और इम्यूनिटी बढ़ाता है.सूर्य नमस्कार के फायदे
तनाव दूर करता है रोजमर्रा की चिंता के कारण हमारी सेहत पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ...
श्वांस प्रणाली के लिए फायदेमंद ...
बॉडी डिटॉक्स करता है ...
पाचन के लिए फायदेमंद ...
ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है ...
दिल के लिए फायदेमंद
सूर्य नमस्कार के बारह आसन पूरे शरीर की मांसपेशियों और जोड़ों पर काम करते हैं। यह अभ्यास मांसपेशियों को खींचता है, मजबूत करता है और उन्हें टोन करता है, लचीलापन और रीढ़ की हड्डी के स्वास्थ्य को बढ़ाता है
1 दिन में कितनी बार सूर्य नमस्कार करना चाहिए-
1 दिन में आपको लगभग 2 बार सूर्य नमस्कार करना चाहिए। क्योंकि इसमें 12 योगा के सेट हैं जिसे 2 बारी पूरा-पूरा करने का मतलब है 24 बार एक्सरसाइज करना।
सूर्य नमस्कार के तुरंत बाद क्या करें?
सूर्य नमस्कार पूरा हो जाने के बाद रिलैक्स करे जब आपका सूर्य नमस्कार का आखरी राउंड भी पूरा हो जाए तो आप को लेट जाना है और अपने शरीर को रिलैक्स कर लेना है। योग निद्रा में लेटें ताकि की गई स्ट्रेच का आपके शरीर को अधिक लाभ मिल सके। अपने शरीर और मस्तिष्क को पूर्ण विश्राम देने के लिए आप शवासन में भी लेट सकते हैं।
सूर्य नमस्कार सुबह कितने बजे करना चाहिए?
सूर्य नमस्कार करने का सबसे अच्छा समय है सूर्योदय का वक्त यानी कि सुबह 4:45 से लेकर 6 बजे तक। क्योंकि सूर्य के संपर्क में आने से हमारे शरीर के सारे चक्र एक्टिव हो जाते हैं और तभी पूरे शरीर को सूर्य नमस्कार करने का फायदा मिल पाता है। तो, अगर आपको भी सूर्यनमस्कार करना है तो आपको सुबह इस समय पर उठना होगा।
सबसे श्रेष्ठ आसन किसका है?
सूर्य नमस्कार योगासनों में सर्वश्रेष्ठ प्रक्रिया है।
क्या हमें खाली पेट सूर्य नमस्कार करना चाहिए?
सूर्य नमस्कार खाली पेट करना सबसे अच्छा होता है । रात की नींद के बाद, शरीर उपवास की स्थिति में होता है, इसलिए सुबह का समय आसन करने के लिए सबसे सही समय होता है। भोजन को पचाने में ऊर्जा लगती है, और खाने के तुरंत बाद योग का अभ्यास करने से आप सुस्त महसूस कर सकते हैं
सूर्य नमस्कार का पहला मंत्र क्या है?
ॐ श्रीसवितृसूर्यनारायणाय नमः। आदित्यस्य नमस्कारान् ये कुर्वन्ति दिने दिने। आयुः प्रज्ञा बलं वीर्यं तेजस्तेषां च जायते ॥
ओम सूर्याय नमः बोलने से क्या होता है?
सूर्याय नमः का अर्थ है क्रियाओं के प्रेरक को हमारा प्रणाम. इस मंत्र का अर्थ ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस प्रकार है- आप इस मंत्र का जाप कभी भी कर सकते हैं. छोटा सा दिखने वाला ये सूर्य देव की प्रार्थना करने जितना ही शक्तिशाली माना गया है, इसे सूर्य नाम मंत्र कहते हैं.
सूर्य नमस्कार के जनक कौन थे?
सूर्य नमस्कार की उत्पत्ति अस्पष्ट है; भारतीय परंपरा 17वीं शताब्दी के संत समर्थ रामदास को सूर्य नमस्कार अभ्यास से जोड़ती है, बिना यह परिभाषित किए कि इसमें क्या-क्या गतिविधियां शामिल थीं
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