इंश्योरेंस कंपनियों के खिलाफ करना चाहते हैं शिकायत तो यह है तरीका
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बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने पॉलिसीधरकों के लिए इंश्योरेंस कंपनियों के खिलाफ शिकायत करने के लिए एक सुविधा दी हुई है। इसके तहत पॉलिसीधारक किसी भी बीमा कंपनी के खिलाफ इरडा के पास अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।
जानिए कैसे दर्ज करा सकते हैं अपनी शिकायत:
बीमा कंपनी में शिकायत आपको सबसे पहले उस बीमा कंपनी के शिकायत निवारण अधिकारी (GRO) से संपर्क करना चाहिए. आप उनसे लिखित शिकायत देकर अपनी समस्या व्यक्त कर सकते हैं. वह अधिकारी एक निश्चित समय-सीमा में आपकी शिकायत दूर करने की कोशिश करेगा.
अगर आपको वहां से 15 दिन में कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलता तो आप सीधे इरडा से संपर्क कर सकते हैं.
इन चार तरीकों से कर सकते हैं इरडा को शिकायत-
शिकायत के लिए इरडा के कंज्यूमर रिड्रैसल डिपार्टमेंट के ग्रीव्येंस रिड्रैसल सेल के टोल फ्री नंबर 155255 या 1800 4254 732 पर कॉल कर सकते हैं।
मेल पर शिकायत करने के लिए जरूरी दस्तावेजों के साथ [email protected] पर मेल कर सकते हैं।
इरडा के ऑनलाइन पोर्टल इंटिग्रेटिड ग्रीव्येंस मैनेजमेंट के माध्यम से भी शिकायत दर्ज की जा सकती है। इसके लिए अपनी शिकायत को igms.irda.gov.in पर दर्ज कर मॉनिटर कर सकते हैं।
इरडा को शिकायत लिखकर भी भेज सकते हैं-
इसके लिए कंप्लेंट रजिस्ट्रेशन फॉर्म को डाउनलोड कर प्रिंट निकाल लें। इसके बाद इस फॉर्म के साथ जरूरी दस्तावेज लगाकर पोस्ट या कोरियर कर सकते हैं।
इस लेटर को नीचे दिये गए पते पर भेज सकते हैं-
जनरल मैनेजर
बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा)
कंज्यूमर अफेयर डिपार्टमेंट- ग्रेव्येंस रिड्रैसल सेल
*अगर आप चाहें तो शिकायत डाक से इरडा को भेज सकते हैं. पता है :
Sy.No.115/1, फाइनेंशियल डिस्ट्रिक्ट, नानकरामगुडा,
गच्छीबाउली, हैदराबाद-500032
प्रोसेसिंग-
ऊपर बताए गये किसी भी माध्यम से की गई शिकायत को इंश्योरेंस कंपनी को फॉर्वड कर दिया जाता है। ताकि कंपनी निर्धारित समय में कंज्यूमर को जवाब दे। अगर आप कंपनी की ओर से मिले जवाब से संतुष्ट नहीं है तो आपकी शिकायत को लोकपाल के पास भेज दिया जाता है।
किन बातों का रखें ध्यान-
अगर यहां शिकायत करने के बाद कुछ नहीं होता है तो आप बीमा लोकपास के पास इसकी शिकायत कर सकते हैं.
क्या है बीमा लोकपाल
बीमा लोकपाल बीमाधारक और बीमा कंपनी के बीच कोर्डिनेशन करता है और कागजों के आधार पर क्लेम का एक अमाउंट तय भी कर सकता है. अगर बीमाधारक क्लेम की राशि से सहमत है तो आदेश पास कर दिया जाता है और कंपनी को 15 दिनों में उसका पालन करना होता है. फिर लोकपाल फैसला सुनाता है, जिसे बीमा कंपनी को मानना ही होता है.
इसके अलावा आप कंज्यूमर कमीशन में कंपनी के खिलाफ अपनी अपील डाल सकते हैं. इसके लिए ऑनलाइन भी शिकायत करने की सुविधा है. हालांकि, बाद में आपको कंज्यूमर कोर्ट में मौजूद होना होगा और फिर आपकी न्याय दिलवाने की पूरी कोशिश की जाएगी. हालांकि, इसमें क्लेम करने वाले लोगों को इंश्योरेंस कंपनी की सभी शर्तों को पूरा करना होता है, इसके बाद भी क्लेम रिजेक्ट होता है तो आपको जरूर न्याय मिलता है.
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