स्वस्थ रहने के लिए जरूर करें नादब्रह्म ध्यान शारीरिक और मानसिक सेहत रहेगी बेहतर

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स्वस्थ रहने के लिए जरूर करें नादब्रह्म ध्यान, शारीरिक और मानसिक सेहत रहेगी बेहतर

मन को शांत करने, तनाव को दूर करने और एकाग्रता बढ़ाने के लिए आप नादब्रह्म ध्यान का अभ्यास कर सकते हैं, आइए जानते हैं इसके फायदे और करने का तरीका- 

आजकल की खराब और बिजी लाइफस्टाइल के कारण लोग अपनी सेहत पर खास ध्यान नहीं दे पा रहे हैं, जिसका असर शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। कम उम्र में ही लोग बड़ी-बड़ी बीमारियों को मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे हैं, जिसकी वजह से करियर और परिवार दोनों को संभाल पाना मुश्किल हो रहा है। इसलिए, जरूरी है कि आप अपने मेंटल हेल्थ को बेहतर रखने के लिए कुछ ऐसे मेडिटेशन करें, जो आपके मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रखने और तनाव को कम करने में मदद कर सके। आप नादब्रह्म ध्यान का अभ्यास कर सकते हैं। यह प्राचीन तिब्बती प्रथाओं सेजुड़ा और ओशो द्वारा लोकप्रिय, एक ऐसी तकनीक है जो शरीर और मन को संतुलन में लाने के लिए गुनगुनाहट और हाथ की हरकतों की मदद लेती है।

नादब्रह्म ध्यान करने का तरीका 

1 - गुनगुनाहट

सबसे पहले आराम की स्थिति में बैठ जाएं और अपनी आंखों को बंद कर लें। इसके बाद धीरे-धीरे ध्यान की शुरुआत गुनगुनाहट से करें। गुनगुनाहट इतनी तेज होनी चाहिए कि दूसरों को सुनाई दे और आपके पूरे शरीर में कंपन पैदा हो।

2 - हथेली की गोलाकार हरकत

इस ध्यान की मुद्रा को साढ़े सात मिनट के दो चरणों में बांटे।

पहला भाग- अपने हाथों को ऊपर उठाएं और अपनी हथेलियों को अपने नाभि क्षेत्र के करीब ऊपर की ओर रखें। हथेली को जितना हो सके उतनी धीमी गति से बाहर की ओर गोलाकार गति में घुमाएं। यह महसूस करने की कोशिश करें कि आप ब्रह्मांड को एनर्जी दे रहे हैं।

दूसरा भाग- 7 ½ मिनट के बाद, हथेली को नीचे की ओर मोड़ें और उन्हें उल्टी दिशा में घुमाना शुरू करें। हथेलियों को नाभि क्षेत्र की ओर एक साथ आने दें। इस दौरान महसूस करें कि आप एनर्जी को अपने अंदर ले रहे हैं।

 3- मेडिटेशन

लगभग 15 मिनट तक बिल्कुल शांत और स्थिर बैठें रहे। लेकिन, खुद को एक्टिव रखने की कोशिश करें, नहीं तो आप सो भी सकते हैं, जिससे आपकी ये पूरी प्रक्रिया गलत हो सकती है।

नादब्रह्म ध्यान करने के फायदे

 

इस ध्यान को करने के दौरान होने वाली गुनगुनाहट का अभ्यास शरीर के अंदर कंपन पैदा करता है, जो मन को शांत करता है और शरीर को आराम देता है, जिससे विश्राम और शांति की भावना बढ़ती है।

 

इस अभ्यास के दौरान ध्वनि और हाथ की हरकतों का संयोजन तनाव को कम करने और मानसिक स्पष्टता को बढ़ावा देने में मदद करता है।

 

गुनगुनाहट और सिंक्रनाइज के कारण ये ध्यान की मुद्रा आपके मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के साथ एकाग्रता को बढ़ाने में मदद करता है।

 

मन को शांत करके, नादब्रह्म ध्यान नकारात्मक भावनाओं को कम करने और छोड़ने में मदद कर सकता है, जिससे मूड बेहतर होता है।

 

यह ध्यान आपकी नींद की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करता है, जिससे अच्छी नींद आती है और आप अच्छा महसूस करते हैं।

 

यह अभ्यास मन की शांति को बढ़ावा देता है, जिससे आप अपने विचारों और भावनाओं को गहराई से समझ सकते हैं।

 

तनाव को कम करने और विश्राम को बढ़ावा देने के साथ ये अभ्यास आपके इम्यून सिस्टम पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

 

दिमाग को शांत रखने और एकाग्रता बढ़ाने के लिए आप नियमित रूप से इस नादब्रह्म ध्यान का अभ्यास कर सकते हैं।




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