गहरे ध्यान में होते हैं कुछ चमत्कारिक अनुभव जो आपको चौंका सकते हैं जानिये क्या हैं ये और ऐसा अनुभव क्यों होता है
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गहरे ध्यान में होते हैं कुछ चमत्कारिक अनुभव जो आपको चौंका सकते हैं, जानिये क्या हैं ये और ऐसा अनुभव क्यों होता है
ध्यान में बैठने वाले लोग केवल ध्यान से मिलाने वाले लाभों के बारे में सोचकर ध्यान करते हैं लेकिन जैसे-जैसे वो गहरे ध्यान में उतरते जाते हैं , उनके अनुभव का विस्तार होता जाता है। ये अनुभव उनकी उम्मीदों से कहीं अलग होते हैं। तो, चलिए जानते हैं क्या हैं ये…
जब लगातार अभ्यास से वह गहरे ध्यान में उतरने में सक्षम हो जाता है, तो उसके अनुभव भी बढ़ने लगते हैं
1 ध्यान में अलग-अलग रंगों का दिखाई देना
2 ध्यान में विचित्र दृश्य दिखना
3 ध्यान में शरीर हिलने और हवा में तैरने का अनुभव
4 ध्यान में अलग-अलग आवाजें सुनाई देना
कई लोग जब ध्यान करना शुरु करते हैं, तो ध्यान में अनुभव के तौर पर एकाग्रता, शांति और भावनाओं की स्थिरता से ज्यादा कुछ मिलने की उम्मीद नहीं होती लेकिन ध्यान के अनुभव इस सबसे कहीं ऊपर, अनोखे और चमत्कारिक होते हैं। शुर-शुरु में जब कोई ध्यान करना शुरु करता है, तो उसे केवल आंखों के आगे अंधेरा दिखता है लेकिन जब लगातार अभ्यास से वह गहरे ध्यान में उतरने में सक्षम हो जाता है, तो उसके अनुभव भी बढ़ने लगते हैं और फायदे भी। क्या हैं ध्यान से मिलने वाले चमत्कारिक अनुभव, आईये जानते हैं.
ध्यान में अलग-अलग रंगों का दिखाई देना
जैसा कि मैंने बताया कि शुरु में लोगों को आज्ञा चक्र के बीच यानि भौंहों के बीच केवल अंधेरा नजर आता है लेकिन बाद में गहराई में जाने के बाद उन्हें
अलग-अलग रंग दिखाई देने लगते हैं, जैसे कि लाल रंग, पीला, नीला, सफेद इत्यादि। अध्यात्म में इन सभी रंगों को एक संकेत के रूप में देखा जाता है और सबके दिखने के रंगों के अनुसार अलग-अलग अर्थ होते हैं।
ध्यान में विचित्र दृश्य दिखना
कुछ लोगों को ध्यान में कई दृश्य भी दिखाई देते हैं। कुछ को भंवर दिखाई देता है, कुछ को अंतरिक्ष, कुछ को कोई आध्यात्मिक हस्ती, तो कुछ को नवजात शिशु। अक्सर लोग ध्यान में ये दृश्य देखकर चौंक जाते हैं अथवा घबरा जाते हैं क्योंकि वे इसके लिए तैयार नहीं होते। वो ध्यान में भी ये सोच-सोचकर परेशान हो जाते हैं कि उन्हें ये सब क्यों दिखाई दे रहा है। हालांकि इन सबको भी एक संकेत के रूप में माना जाता है लेकिन सलाह यही दी जाती है कि आप इसपर फोकस ना करें बल्कि ध्यान के लक्ष्य पर फोकस करें। अगर इन दृश्यों के बारे में सोचते रहेंगे, तो ध्यान में आगे नहीं बढ़ पायेंगे।
इस सलाह से जुड़ी एक कहानी है। एक बार एक बौद्ध भिक्षु ध्यान कर रहा था कि उसने ध्यान में भगवान बुद्ध को देखा। उसे लगा ध्यान में गौतम बुद्ध दिख गये, जिनके करीब पहुंचना सभी बौद्धों का लक्ष्य होता है, तो उसका ध्यान सार्थक हो गया। उसने यह बात जाकर अपने गुरु को बताई। उसके गुरु ने उससे कहा कि 'अगर तुम्हें ध्यान में अगली बार गौतम बुद्ध दिखें तो तुम उनपर ध्यान दिए बिना आगे अपने ध्यान के लक्ष्य पर फोकस करना'। वह भिक्षु ने उसका कारण जानना चाहा, तो उसके गुरु ने कहा कि ये सारे दृश्य तुम्हें ध्यान के लक्ष्य से भटकाते हैं क्योंकि तुम इनमें अर्थ ढूंढने लगते हो। इसलिए, अगर ध्यान के अगले चरण पर जाना है, तो तुम्हें ध्यान में कुछ भी दिखे, उसे नजरंदाज कर आगे बढ़ो।
ध्यान में शरीर हिलने और हवा में तैरने का अनुभव
ऐसा चमत्कारिक अनुभव बहुत ही गहरे ध्यान में होता है जहां आप अपने शरीर का अस्तित्व भूल जाते हैं और केवल अपनी आत्मा को अपना अस्तित्व समझते हैं। ऐसे में आपको बहुत हल्का महसूस होता है क्योंकि आपका शरीर आपके लिए नगण्य है और आपको ऐसा आभास होता है कि आपका शरीर जमीन से थोड़ा ऊपर हवा में तैर रहा है। ये अनुभव भी थोड़ा डरावना होता है लेकिन इसमें डरने वाली कोई बात नहीं होती। शरीर में जरूरत से ज्यादा ऊर्जा ग्रहण होने से शरीर में कंपन भी पैदा होने लगती है।
ध्यान में अलग-अलग आवाजें सुनाई देना
बहुत लोगों को ध्यान में अलग-अलग आवाजें भी सुनाई देती है। कुछ लोगों को ऊँ की आवाज सुनाई देती है जबकि कुछ को घंटी और झिंगुर ककी आवाज सुनाई देती है। इन अलग-अलग आवाजों का सुनाई देने का भी अलग-अलग अर्थ है।
ये कुछ अनुभव हैं जो बहुत ही चमत्कारिक हैं जो केवल गहरे ध्यान में ही सुनाई देती है। ध्यान में चाहे आपका अनुभव कैसा भी हो, आपको डरना नहीं है और ना ही उसपर विचार करना है बल्कि ध्यान के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते रहना है।
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