ओपन सोर्स (Open Source)
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ओपन-सोर्स (Open-Source) का मतलब है कि उस सॉफ्टवेयर का सोर्स कोड (Source Code) सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होता है, जिसे कोई भी देख, संशोधित (Modify) या डिस्ट्रिब्यूट (Distribute) कर सकता है।
फ्री या पेड: ज्यादातर ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर मुफ्त होते हैं (जैसे LibreOffice, Linux), लेकिन कुछ प्रीमियम फीचर्स के साथ भी आते हैं।
सोर्स कोड एक्सेस: डेवलपर्स इसे अपनी जरूरत के हिसाब से बदल सकते हैं।
कम्युनिटी द्वारा सपोर्ट: इसे वॉलंटियर्स और ऑर्गेनाइजेशन्स मिलकर डेवलप करते हैं।
ट्रांसपेरेंसी: कोई भी यूजर चेक कर सकता है कि सॉफ्टवेयर में कोई हैकिंग/स्पाइवेयर टूल तो नहीं छिपा है।
क्या ओपन-सोर्स (Open-Source) आइटम को बेचा जा सकता है? जी हाँ, लेकिन कुछ शर्तों के साथ!
ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर/प्रोडक्ट को बेचना संभव है, लेकिन यह उसके लाइसेंस (जैसे GPL, MIT, Apache आदि) पर निर्भर करता है। आइए विस्तार से समझते हैं:
मूल सोर्स कोड फ्री रहता है: आप ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर को बेच सकते हैं, लेकिन खरीदार को यह अधिकार होगा कि वह उसका सोर्स कोड मुफ्त में प्राप्त कर सके और उसे मॉडिफाई कर सके।
एड-ऑन सर्विसेज: अक्सर डेवलपर्स सपोर्ट, कस्टमाइजेशन, या हार्डवेयर के साथ सॉफ्टवेयर बेचकर पैसे कमाते हैं। उदाहरण:
कोई Linux OS को फ्री में डाउनलोड कर सकता है, लेकिन Red Hat जैसी कंपनियाँ उसके प्रोफेशनल सपोर्ट के लिए चार्ज करती हैं।
WordPress (ओपन-सोर्स) का इस्तेमाल करके वेबसाइट डिज़ाइन करने वाली एजेंसियाँ फीस लेती हैं।
लाइसेंस | क्या बेच सकते हैं? | शर्तें |
---|---|---|
GPL | हाँ | खरीदार को सोर्स कोड देना होगा, और वह भी इसे फिर से बेच/बाँट सकता है। |
MIT | हाँ | सिर्फ क्रेडिट (Credit) देना जरूरी है, बाकी कोई पाबंदी नहीं। |
Apache | हाँ | पेटेंट राइट्स का ध्यान रखना होता है। |
Creative Commons | हाँ/नहीं | यह डिपेंड करता है कि लाइसेंस कौन-सा है (CC-BY, CC-NC आदि)। |
सर्विसेज: इंस्टॉलेशन, ट्रेनिंग, या कस्टम डेवलपमेंट चार्ज करें।
प्रीमियम फीचर्स: फ्री वर्जन के साथ एडवांस्ड फीचर्स को पेड बनाएँ (जैसे GitHub Pro)।
डोनेशन/सब्सक्रिप्शन: यूजर्स से सपोर्ट के लिए पैसे लें (जैसे Blender ऐसा करता है)।
हार्डवेयर के साथ: Raspberry Pi जैसे डिवाइस ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर के साथ बेचे जाते हैं।
लाइसेंस की जाँच करें: कुछ लाइसेंस (जैसे AGPL) आपको सोर्स कोड सार्वजनिक करने को कह सकते हैं।
कॉपीराइट: ओपन-सोर्स का मतलब "कॉपीराइट-फ्री" नहीं है। अगर आप किसी के कोड का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो उसके नियम मानने होंगे।
Red Hat → Linux की एंटरप्राइज सर्विसेज बेचती है।
Canonical → Ubuntu OS का सपोर्ट देकर पैसे कमाती है।
WordPress.com → होस्टिंग और प्रीमियम थीम्स बेचता है (जबकि WordPress.org फ्री है)।
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