भुजंगासन योग?

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Yoga

भुजंगासन को कोबरा पोज़ भी कहा जाता है. यह एक प्राचीन योग मुद्रा है. यह सूर्य नमस्कार का हिस्सा है. भुजंगासन करने से कई फ़ायदे होते हैं, जैसे कि तनाव कम होना, पीठ दर्द में आराम मिलना, और रीढ़ की हड्डी मज़बूत होना. 

भुजंगासन करने का तरीका

ज़मीन पर पेट के बल लेट जाएं.

दोनों पैरों के बीच थोड़ी दूरी रखें.

हाथों को छाती के पास ले जाएं और हथेलियों को ज़मीन पर टिका लें.

गहरी सांस लें और नाभि को ऊपर उठाएं.

गर्दन को सीधा रखें और आसमान की तरफ़ देखें.

श्वास छोड़ते हुए कोहनियों को मोड़ें और फिर से शुरुआती मुद्रा में आ जाएं.

भुजंगासन के फ़ायदे

पीठ की मांसपेशियां मज़बूत होती हैं.

रीढ़ की हड्डी सीधी होती है.

मानसिक स्थिति में सुधार होता है.

पीठ दर्द कम होता है.

डिप्रेशन, चिंता, और तनाव जैसे लक्षण कम होते हैं.

आत्म-सम्मान बढ़ता है.

इस आसन में शरीर की आकृति फन उठाए हुए भुजंग अर्थात सर्प जैसी बनती है इसीलिए इसको भुजंगासन या सर्पासन (संस्कृत: भुजंगसन) कहा जाता है। भुजंगासन सुर्य नमस्कार के 12 आसनों में 7 वे नंबर आनेवाला एक आसन हैं, भुजंगासन में ' भुजंग ' का अर्थ होता हैं, साप और' आसन ' का अर्थ होता हैं, योग मुद्रा।

भुजंगासन करने से क्या लाभ होता है?

भुजंगासन रीढ़ की हड्डी को फैलाता है, जिससे लचीलापन बढ़ता है और पीठ की अकड़न कम होती है। इससे रीढ़ की हड्डी स्वस्थ और अधिक गतिशील बनती है और लंबे समय तक बैठने या खराब मुद्रा से होने वाली परेशानी कम होती है।

भुजंगासन कितने मिनट करना चाहिए?

शरीर को इस स्थिति में करीब 15 से 30 सेकेंड तक रखें और सांस की गति सामान्य बनाए रखें। ऐसा महसूस करें कि आपका पेट फर्श की तरफ दब रहा है। लगातार अभ्यास के बाद आप इस आसन को 2 मिनट तक भी कर सकते हैं।

भुजंगासन कब नहीं करना चाहिए?

पीठ में चोट या फेंकचर हो तो यह आसन नहीं करना चाहिए।

सूर्य नमस्कार की कौन सी स्थिति में भुजंगासन आता है?

सूर्य नमस्कार के 12 आसनों में से एक भुजंगासन है। इस आसन को सर्पासन या कोबरा आसन के नाम से भी जाना जाता है। यह आसन कमर दर्द को दूर करने में सहायक होता है, जो कई लोगों की आम समस्या भी होती है। साथ ही, यह आसन तनाव को कम करने भी मदद करता है

क्या भुजंगासन से हाइट बढ़ती है?

भुजंगासन रीढ़ की हड्डी को खींचता है और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता है। यह आसन रीढ़ को लंबा करके, ऊपरी शरीर में ग्रोथ प्लेट्स को बढ़ाने के साथ शरीर के लचीलेपन और मुद्रा में सुधार करता है, जो बच्चों के हाइट बढ़ाने के लिए बहुत जरूरी है।

क्या भुजंगासन पेट की चर्बी कम करता है

भुजंगासन के अभ्यास से पेट की मांसपेशियों में खिंचाव पैदा होता है। इससे बढ़े हुए पेट को कम करने में सहायता मिल सकती है। वहीं, संपूर्ण शारीरिक वजन को नियंत्रित करने से संबंधित इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ योगा के एक शोध में भी इसे शारीरिक वजन को सुधारने वाले योगासनों की लिस्ट में शामिल किया गया है।

भुजंगासन करने में कितना समय लगता है?

भुजंगासन के चरणों का अभ्यास हर दिन सुबह या शाम के समय किया जा सकता है। 10-15 मिनट का भुजंगासन आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है। चूँकि योग में स्ट्रेचिंग शामिल है, इसलिए बेहतर परिणामों के लिए इसे खाली पेट करना सबसे अच्छा है।

 




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