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सूर्य नमस्कार योग ?

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Yoga

सूर्य नमस्कार, योग के प्राथमिक अभ्यासों में से एक है. यह 12 शक्तिशाली योग आसनों का एक क्रम है.सूर्य नमस्कार के अभ्यास से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और शरीर निरोग और स्वस्थ बनता है. यह आज भी योग साधकों के बीच बेहद लोकप्रिय है। सूर्य नमस्कार का अभ्यास ब्रह्मांड की ऊर्जा - विशेष रूप से सूर्य - को योगी के शरीर में प्रवाहित करने के लिए किया जाता है। इसके अनुरूप, सूर्य नमस्कार का अभ्यास सुबह-सुबह करना आदर्श है।सूर्य नमस्कार" नाम प्राचीन भारतीय संस्कृत भाषा से लिया गया है, जिसमें इस योग क्रम को "सूर्य नमस्कार" नाम दिया गया है, जिसका शाब्दिक अर्थ है "सूर्य को नमस्कार" या "सूर्य का स्वागत करना"।

सूर्य नमस्कार करने के कई फ़ायदे हैं: 

1. यह शरीर को सही आकार देने और मन को शांत रखने में मदद करता है.

2. यह एक बेहतरीन कार्डियोवैस्कुलर व्यायाम है.

3. यह शरीर और मन पर सकारात्मक प्रभाव डालता है.

4. यह शारीरिक और मानसिक मज़बूती बढ़ाता है.

5. यह मस्तिष्क की सक्रियता और एकाग्रता बढ़ाता है.

6. यह रीढ़ में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है.शरीर की फ़ालतू चर्बी कम होती है.

7. हाथ-पैरों का दर्द दूर होता है और उनमें मज़बूती आती है.

8. गर्दन, फेफड़े, और पसलियों की मांसपेशियां मज़बूत होती हैं.

9.त्वचा रोग दूर होते हैं या उनकी संभावना कम हो जाती है.

10. शरीर में खून का संचार बेहतर होता है.

सूर्य नमस्कार करने का तरीका 

सूर्य नमस्कार का अभ्यास सुबह खाली पेट करना चाहिए. 

सूर्य नमस्कार के प्रत्येक चरण में दो सेट होते हैं. 

सूर्य नमस्कार करने से मानसिक और आध्यात्मिक बल भी मिलता है

सूर्य नमस्कार के एक चरण के दूसरे क्रम में योग आसनों का वह ही क्रम दोहराना होता है, लेकिन दाहिने पैर के स्थान पर बाएँ पैर का प्रयोग करना होता है. 

सूर्य नमस्कार के आसनों में प्रणाम आसन, हस्तउत्तानासन, हस्तपाद आसन, अश्व संचालन आसन, दंडासन, अष्टांग नमस्कार, भुजंग आसन, पर्वत आसन वगैरह शामिल हैं. 

सूर्य नमस्कार का अभ्यास सुबह-सुबह करना चाहिए.

पूर्व की ओर मुंह करके खड़े हो जाएं.

पैर एक-दूसरे के करीब रखें और घुटने सीधे रखें.

धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें.

भुजाओं को मोड़कर हथेलियों को छाती के स्तर पर लाएं.

सूर्य नमस्कार का शाब्दिक अर्थ है, सूर्य को नमस्कार करना या अर्पण करना. 

सूर्य नमस्कार में 12 चरण होते हैं, जिन्हें 10 अलग-अलग आसनों के रूप में पहचाना जा सकता है. 

सूर्य नमस्कार में बारह मंत्र बोले जाते हैं, जिनमें सूर्य के अलग-अलग नाम लिए जाते हैं. 

सूर्य नमस्कार स्त्री, पुरुष, बाल, युवा, और वृद्धों के लिए भी उपयोगी बताया गया है. 

सूर्य नमस्कार वेट लॉस करने का भी एक प्रभावी तरीका है. 

अगर आपको रक्तचाप की समस्या है या हाल ही में चोट लगी है, तो सूर्य नमस्कार करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें. गर्भवती महिलाओं को कुछ आसनों में बदलाव की ज़रूरत हो सकती है. 

सूर्य नमस्कार 12 चरणों में किया जाने वाला आसन है जिसमें प्रणामासन, हस्त उत्तानासन, हस्तपादासन, अश्व संचलानासन, अधो मुख श्वानासन, पर्वतासन, अष्टांग नमस्कार , भुजंगासन, अधो मुख श्वानासन/ पर्वतासन, अश्व संचलानासन, हस्तपादासन शामिल हैं




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