कार्य तथा ऊर्जा
꧁ Digital Diary ༒Largest Writing Community༒꧂
कार्य (Work) किसी बल द्वारा किसी वस्तु को विस्थापित करने की क्रिया है, जबकि ऊर्जा (Energy) कार्य करने की क्षमता है; दोनों का SI मात्रक जूल (Joule) है और ये एक-दूसरे में परिवर्तित हो सकते हैं, जहाँ ऊर्जा के बिना कार्य संभव नहीं और कार्य के लिए ऊर्जा का स्थानांतरण आवश्यक है, जो गतिज और स्थितिज ऊर्जा के रूप में होती है।
परिभाषा: जब किसी वस्तु पर बल लगाया जाता है और वह बल की दिशा में विस्थापित होती है, तो कार्य होता है।
सूत्र: कार्य (W) = बल (F) × विस्थापन (s) (यदि बल और विस्थापन एक ही दिशा में हों)।
मात्रक: जूल (Joule)।
उदाहरण: एक गुटके को धकेलना जिससे वह खिसके, या किसी ट्रॉली को खींचना।
ऊर्जा (Energy)
परिभाषा: कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा कहते हैं।
मात्रक: जूल (Joule)।
प्रकार: मुख्य रूप से गतिज ऊर्जा (गति के कारण) और स्थितिज ऊर्जा (स्थिति के कारण)।
उदाहरण: चलती हुई गाड़ी में गतिज ऊर्जा, या ऊँचाई पर रखी वस्तु में स्थितिज ऊर्जा।
कार्य करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है, और कार्य करने पर ऊर्जा स्थानांतरित होती है।
किसी वस्तु की ऊर्जा में परिवर्तन ही उस पर किए गए कार्य के बराबर होता है।
बल द्वारा ऊर्जा का स्थानांतरण ही कार्य कहलाता है।
कार्य करने की दर (प्रति इकाई समय में किया गया कार्य या ऊर्जा स्थानांतरण की दर) को शक्ति कहते हैं।
संक्षेप में, कार्य करने के लिए ऊर्जा चाहिए और ऊर्जा ही कार्य करने की क्षमता है; एक जूल कार्य करने के लिए एक जूल ऊर्जा की आवश्यकता होती है, और शक्ति बताती है कि यह कार्य कितनी तेज़ी
We are accepting Guest Posting on our website for all categories.
Digital.blog.mehak
@DigitalDiaryWefru